भारतीय व्यंजनों का ज़ायका अलग ही होता है। भोजन को स्वादिष्ट बनाने का क्रेडिट पूरी तरह से मसालों को जाता है। स्वादिष्ट खाना हर किसी को अच्छा लगता है पर आपने कभी सोचा है कि आपके खाने में use होने वाले मसाले कहां से आते हैं, नहीं ना? इसीलिए आज के इस लेख में हम भारतीय खाने में साधारण तौर पर use होने वाले एक खास मसाला लॉन्ग की बात करने वाले हैं। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि विश्व का सबसे बड़ा लोंग उत्पादक देश कौन सा है? तो चलिए आर्टिकल शुरू करते हैं:- Show मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक देशआपको यह जानकर हैरानी भी होगी और गर्व भी होगा कि मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है। पूरे विश्व में 75 % मसालों का उत्पादन अकेला भारत देश करता है। भारतीय मसाले देश विदेश में अपने खुशबू और रंग के लिए मशहूर है। दूसरे नंबर पर मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन है और तीसरे नंबर पर बांग्लादेश सबसे ज्यादा मसालों का उत्पादन करता है। आइए जानते हैं कि कुछ प्रमुख मसालों का सबसे अधिक उत्पादन किस देश से होता है:-
अभी हमने ऊपर कुछ मशहूर मसालों के सबसे बड़े उत्पादक देश के बारे में जाना है। इतने सारे मसालों में से, आज हम केवल एक खास मसाले अर्थात लॉन्ग(Clove) के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं। चलिए आगे बढ़ते हैं:- विश्व का सबसे बड़ा लॉन्ग उत्पादक देशविश्व का सबसे बड़ा लॉन्ग उत्पादक देश इंडोनेशिया है। इंडोनेशिया दुनिया भर में 80% लोंग का उत्पादन करता है। लॉन्ग उत्पादन में इंडोनेशिया के बाद मेडागास्कर, जंजीबार, भारत और फिर श्रीलंका आते हैं। यदि हम भारत की बात करें तो भारत में लॉन्ग का सबसे अधिक उत्पादन कर्नाटक राज्य में होता है। लोंगलॉन्ग एक मसाला है जिस के मिश्रण को अन्य मसालों के साथ मिक्स किया जाता है। भारतीय रसोई में तो लॉन्ग महत्वपूर्ण मसालों में से एक है। यह खाने मे खुशबू को बढ़ाता है। इसे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस का वनस्पतिक नाम Syzygium Aromaticum है। इसे इंग्लिश में clove कहते हैं। लॉन्ग में सोडियम, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। लॉन्ग के फायदे
लोंग के नुकसान
लोंग की खेतीलोंग की खेती रेत वाले इलाकों में नहीं हो सकती। लोंग की खेती के लिए रेतीले इलाके अनुकूल नहीं होते। इसकी सफलता पूर्वक खेती केरल की लाल मिट्टी मे हो सकती है। पश्चिमी घाट के पर्वत वाले इलाके भी लोंग की खेती के लिए अनुकूल होते हैं। लोंग की खेती के लिए अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 20 डिग्री होना चाहिए। यदि लोंग की खेती से कमाई की बात करें तो लॉन्ग लगभग ₹875 प्रति किलो बिकता है। Also read:
निष्कर्षदोस्तों, आज के इस लेख मे हमने जाना कि विश्व का सबसे बड़ा लोंग उत्पादक देश है। यदि आपको information अच्छी लगी है तो आप इसे अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में है तो आप हमें comment section में लिखकर जरूर बताएं।
सबसे बड़ा लौंग उत्पादक देश विश्व का कौन सा है?उत्पादक देश
जंजीबार में समस्त उत्पादन का 90 प्रतिशत लौंग पैदा होता है, जिसका बहुत सा भाग बंबई से होकर बाहर भेजा जाता है। सुमात्रा, जमैका, ब्राजील, पेबा एवं वेस्ट इंडीज़ में भी पर्याप्त लौंग उपजता है।
लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?विस्व का सबसे बड़ा लौंग उत्पादक देश जंजीबार है। विश्व का सबसे बड़ा जूट उत्पादक देश कौन सा है? भारत। और भारत में सबसे ज्यादा जूट उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल को माना जाता है।
लौंग कहाँ पाया जाता है?देश के सभी हिस्सों में लौंग की खेती होती है, लेकिन इसकी खेती तटीय रेतीले इलाकों में नहीं हो सकती. तो वहीं इसकी सफलतापूर्वक खेती केरल की लाल मिटटी और पश्चिमी घाट के पर्वत वाले इलाके में हो सकती है.
लौंग कितने प्रकार के होते हैं?लौंग दो प्रकार के होते हैं। एक काले रंग की एवं दूसरी नीले रंग की। आमतौर पर घरों में मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाला लौंग काले रंग का होता है। नीले रंग का लौंग अधिक तैलीय होता है अत: इनसे मशीन द्वारा तेल निकाला जाता है जिनका उपयोग चिकित्सा में किया जाता है।
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