आर्मी में प्रमोशन कैसे होता है - aarmee mein pramoshan kaise hota hai

भारतीय सेना हमारे देश की रक्षा के लिए सदेव तैयार रहती है, जिस प्रकार किसी कंपनी में अलग-अलग रैंक के अधिकारी, कर्मचारी कार्य करते है, उसी प्रकार भारतीय सेना में पद के अनुसार सभी सैन्यकर्मियों की एक अलग पहचान होती है एवं सभी सैन्यकर्मियों की पोशाक और बैज अलग-अलग होते है, जिसे देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है, कि कौन-सा अधिकारी किस पद पर आसीन है तथा उसकी रैंक क्या है ? आपको इस पेज पर इंडियन आर्मी में पद एवं रैंक का विवरण दे रहे हैं, जिससे आप आसानी से सैन्य अधिकारियों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे |

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आर्मी में प्रमोशन कैसे होता है - aarmee mein pramoshan kaise hota hai

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इंडियन आर्मी में रैंक  (Indian Army Rank)

इंडियन आर्मी में कुल 19 रैंक्स होती हैं, प्रत्येक अधिकारी को उसके पद के अनुरूप एक बैज प्राप्त होता है, जो पद की गरिमा और अधिकारों को दर्शाता है ।

क्रम संख्यारैंक1.फील्ड मार्शल2.जनरल3.लेफ्टिनेंट जनरल4.मेजर जेनरल5.ब्रिगेडियर6.कर्नल7.लेफ्टिनेंट कर्नल8.मेजर9.कैप्टन10.लेफ्टिनेंट11.सूबेदार मेजर12.सूबेदार13.नायब सूबेदार14.हवलदार15.नायक16.लांस नायक17.सिपाही

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इंडियन आर्मी पद (Designation in Indian Army)

1.फील्ड मार्शल

फील्ड मार्शल रैंक सेना मे सर्वोच्च पद होता था| जिस को वर्तमान मे सेना ने समाप्त कर दिया है |

2.जनरल

वर्तमान मे जनरल भारत की सेना का सर्वोच्च रैंक है |

3.लेफ्टिनेंट जनरल

यहाँ भारतीय मे दूसरा सर्वोच्च पद होता  है |

4.मेजर जनरल

भारतीय सेना मे मेजर जनरल का पद भारतीय जल सेना के रियर एड्मिरल और भारतीय वायु सेना के एयर वाइस मार्शल की रैंक के बराबर होता है |

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5.ब्रिगेडियर

ब्रिगड़िएर भारतीय सेना का एक उच्च रैंक होती है |

6.कर्नल

भारतीय सेना मे कर्नल रैंक ब्रिगेडियर से नीचे और लेफ्टिनेंट कर्नल से उच्च रैंक होती है |

7.लेफ्टिनेंट कर्नल

भारतीय सेना मे लेफ्टिनेंट कर्नल के रैंक का पद चिन्ह में  अशोक चिन्ह और एक  5 सितारा के बीच अशोक चिन्ह बना होता है |

8.मेजर

मेजर एक कमीशन अधिकारी होता है , जिस को मैनेजमेंट और लीडरशिप का ट्रेनिंग प्राप्त होती है,  वह हर मिशन का एक खास हिस्सा होता है |

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9.कैप्टन

कैप्टन भी मेजर की भांति कमीशन अधिकारी होता है, जिस की रैंक मेजर से नीचे होती है |

10.लेफ्टिनेंट

कमीशन सेवा में 13 वर्ष रहनें के पश्चात समय सीमा के आधार पर यह पद प्राप्त होता है |

11.सूबेदार मेजर

सबेदार मेजर का पद  जूनियर  कमीशंड  अफसर  मे सब से उच्च होता है, इन के पदचिन्ह मे अशोक चिन्ह के साथ 2 लाल पट्टी के बीच एक पीली पट्टी होती है |

12.सूबेदार

हर बटालियन मे कई सूबेदार होते है, सूबेदार भी एक जूनियर कमीशंड  ऑफिसर होता है |

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13.नायब सूबेदार

यह पद प्रमोशन के आधार पर प्राप्त होता है |

14.हवलदार

नाइब सूबेदार के नीचे का रैंक हवलदार, नायक, लांस नायक और सिपाही होते है |

15.नायक

नायक की बैज पर दो पट्टी होती हैं ।

16.लांस नायक

नायक या लांस दफादार के वर्दी पर दो धारियों वाली पट्टी का निशान होता है, इनकी सेवानिवृति की आयु 49 वर्ष या 24 वर्ष की सेवा (जो भी पहले हो जाय) के बाद निर्धारित है |

17.सिपाही

सिपाही के वर्दी पर कोई निशान नहीं होता है| सिपाही की सेवानिवृति की आयु 42 वर्ष या 19 वर्ष की सेवा (जो भी पहले हो जाय) के बाद निर्धारित है |

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यहाँ आपको हमनें इंडियन आर्मी में पद और रैंक के बारें में बताया, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहें है |

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दोस्तों आज हम आप को आर्मी में रैंकिंग(Ranking in Indian Army) के बारे में बताने जा रहे हैं | आर्मी में रैंकिंग का मतलब हुआ पदों का श्रेणीवार विवरण | सिपाही से सूबेदार तक और कैप्टेन से लेकर जनरल तक जो पद बने हैं आज हम उन्ही के बारे में बात करने जा रहे हैं | इस पोस्ट के बाद आप को काफी कुछ समझ में आ जायेगा जैसे कि आर्मी में भर्ती कैसे हों ? सेना में अधिकारी कैसे बने | आर्मी में कमीशंड अधिकारी क्या होता है | जूनियर कमीशंड अधिकारी क्या होता है या फिर आर्मी में JCO क्या होता है | इस पोस्ट को पढने के बाद आप खुद समझ जायेंगे कि आर्मी कैसे ज्वाइन करे या सेना में कैसे भर्ती होते हैं | अलग अलग पदों या रैंक के लिए अलग अलग एग्जाम और अलग अलग शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता होती है | सेना में सिपाही बनने की प्रक्रिया सेना में अधिकारी बनने की प्रक्रिया से बिलकुल अलग है | तो चलिए शुरुआत करते हैं और सेना में भर्ती से जुड़े तथ्यों को समझने का प्रयास करते हैं- आर्मी में रैंकिंग की जानकारी हिंदी में

आर्मी में पदों की रैंकिंग- Indian Army Ranks in Hindi

दोस्तों आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले हमें आर्मी में पदों की रैंकिंग के बारे में पता होना चाहिए | किसी भी निजी या सरकारी महकमे में अलग अलग ज़िम्मेवारियों का निर्वहन करने के लिए अलग अलग पद बनाये जाते हैं | हर पद के कुछ दायित्व होते हैं और कुछ अधिकार भी | पदों की संरचना से ही किसी भी महकमे का कार्य कुशलता पूर्वक सम्पादित होता है |

Indian Army Ranks in Hindi

ये है आर्मी में पदों की रैंकिंग Indian Army Ranks Insignia

 

भारतीय थल सेना में कमीशंड अधिकारी- Ranking in Army

भारतीय सेना में यह केटेगरी अधिकारी की होती है जिसे पाने के लिए आपको NDA या CDS एग्जाम और फिर SSB का इंटरव्यू क्लियर करना पड़ता है | लेफ्टिनेंट से लेकर जनरल तक जाने का यही रास्ता है

रैंकफील्ड मार्शल (कमीशंड )

पहचानः क्रॉस बैटन पर राष्ट्रीय चिह्न और खिलते कमल की माला में कृपाण

फील्ड मार्शल भारतीय थलसेना की सर्वोच्च रैंक हैं। यह रैंक युद्ध और विशेष अवसरों पर ही प्रदान की गई है। भारत के करीब सात दशक के इतिहास में सिर्फ दो ही सैन्य अधिकारियों को इस पद तक पदोन्नत किया गया है। एक हैं फील्ड मार्शल सैम मानेकशा और दूसरे हैं फील्ड मार्शल केएम करियप्पा।

रैंकजनरल (कमीशंड)

पहचानः पांचकिनारे वाले सितारे पर राष्ट्रीय चिह्न, वह भी दोनों तरफ क्रॉस बैटन और कृपाण के ऊपर।

फील्ड मार्शल की मानद रैंक के बाद, यह किसी भी सैन्य अधिकारी की सर्वोच्च रैंक होती है। सिर्फ चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) ही यह रैंक हासिल कर सकता है।

मौजूदा पदाधिकारीजनरल दलबीर सिंह, सीओएएस

सेवानिवृत्तिसीओएएस पद पर तीन साल या 62 वर्ष उम्र, जो भी पहले हो

रैंकलेफ्टिनेंट जनरल (कमीशंड)

पहचानः क्रॉस बैटन और कृपाण पर राष्ट्रीय चिह्न

लेफ्टिनेंट जनरल को (कमीशंड सेवा में 36 साल तक रहने के बाद) चुना जाता है और वह वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ या आर्मी कमांडर्स का पद भी संभाल सकते हैं।

सेवानिवृत्ति– 60 वर्ष की उम्र होने पर

रैंकमेजर जनरल (कमीशंड)

पहचानः क्रॉस बैटन और कृपाण पर पांच किनारों वाला सितारा

मेजर जनरल पद पर प्रमोशन चयन के जरिए (कमीशंड सेवा में 32 साल तक रहने के बाद) होता है।

सेवानिवृत्ति– 58 वर्ष की उम्र होने पर

रैंकब्रिगेडियर (कमीशंड)

पहचानः तीन पांचकिनारों वाले सितारों के त्रिकोणीय संरचना पर राष्ट्रीय चिह्न।

ब्रिगेडियर के पद पर प्रमोशन चयन के जरिए (कमीशंड सेवा में 25 साल रहने के बाद) होता है।

सेवानिवृत्ति– 56 वर्ष की उम्र होने पर

रैंककर्नल (कमीशंड)

पहचानः दो पांचकिनारों वाले सितारों पर राष्ट्रीय चिह्न।

कर्नल के पद पर प्रमोशन चयन के जरिए (कमीशंड सेवा में 15 साल रहने के बाद) होता है। समयमान के हिसाब से 26 साल की कमीशंड सेवा के बाद भी प्रमोशन मिलता है। हालांकि, समयमान से कर्नल पद तक पहुंचे अफसरों के पास लेफ्टिनेंट कर्नल का पोर्टफोलियो ही रहता है।

सेवानिवृत्ति – 54 वर्ष की उम्र होने पर

रैंकलेफ्टिनेंट कर्नल (कमीशंड)

पहचानः पांच किनारों वाले सितारे पर राष्ट्रीय चिह्न।

कमीशंड सेवा में 13 साल रहने के बाद समय सीमा के आधार पर प्रमोशन मिलता है।

रैंकमेजर (कमीशंड)

पहचानः राष्ट्रीय चिह्न

समय सीमा के हिसाब से 6 साल की कमीशंड सेवा पूरी करने पर प्रमोशन मिलता है और यह पद मिलता है।

रैंककैप्टन(कमीशंड)

पहचानः तीन पांचकिनारों वाले सितारे

दो साल की कमीशंड सेवा पूरी होने पर समय सीमा के आधार पर यह प्रमोशन मिलता है।

रैंकलेफ्टिनेंट(कमीशंड)

पहचानदो पांच किनारों वाले सितारे

भारतीय थलसेना में एक अधिकारी के नाते कमीशन होने पर यह रैंक मिलता है।

भारतीय थलसेना में जूनियर कमीशंड अधिकारी

रैंकसुबेदार मेजर (इंफेन्ट्री या पैदल सेना) या रिसालदार मेजर (कैवलरी और आर्मर्ड रेजिमेंट्स या अश्वरोही और बख्तरबंद रेजिमेंट्स(जूनियर कमीशंड या JCO)

पहचानः स्ट्राइप के साथ सुनहरा राष्ट्रीय चिह्न।

चयन के आधार पर प्रमोशन से इस रैंक तक  पंहुचा जाता है 

सेवानिवृत्ति– 34 साल की सेवा या 54 वर्ष उम्र, जो भी पहले हो।

रैंकसुबेदार (इंफेन्ट्री या पैदल सेना) या रिसालदार (कैवलरी और आर्मर्ड रेजिमेंट्स या अश्वरोही और बख्तरबंद रेजिमेंट्स)  (जूनियर कमीशंड या JCO)

पहचानः स्ट्राइप के साथ दो सुनहरे सितारे

इस रैंक पर चयन के जरिए प्रमोशन होता है।

सेवानिवृत्ति– 30 साल की सेवा या 52 वर्ष की उम्र में से जो भी पहले हो जाए

रैंकनायब सुबेदार (पैदल सेना) या नायब रिसालदार (अश्वरोही और बख्तरबंद रेजिमेंट्स)  (जूनियर कमीशंड या JCO)

पहचानः स्ट्राइप के साथ एक सुनहरा सितारा

इस रैंक पर प्रमोशन चयन के आधार पर होता है , कुछ स्थिति में सीधे भर्ती भी होती है | 

सेवानिवृत्ति– 28 साल की सेवा या 52 वर्ष की उम्र, जो भी पहले आ जाए

भारतीय सेना के गैर–कमीशंड अधिकारी

रैंकहवलदार (पैदल सेना) या दफादार (अश्वरोही और बख्तरबंद रेजिमेंट्स)

हवालदार रैंक की पहचान होती है तीन रैंक शेवरॉन और इस रैंक पर चयन के आधार पर प्रमोशन होता है 

हवालदार रैंक की सेवानिवृत्ति– 26 साल की सेवा या 49 वर्ष की उम्र, जो भी पहले हो जाए

रैंकनायक (पैदल सेना) या लांस दफादार (अश्वरोही और बख्तरबंद रेजिमेंट्स)

पहचानः दो रैंक शेवरॉन

प्रमोशन चुनाव के आधार पर

सेवानिवृत्ति– 24 साल की सेवा या 49 वर्ष की उम्र, जो भी पहले हो जाए

रैंकलांस नायक (पैदल सेना) या प्रभारी लांस दफादार (अश्वरोही और बख्तरबंद रेजिमेंट्स)

इस रैंक की पहचान  होती है एक रैंक शेवरॉन और प्रमोशन चुनाव के आधार पर होता है 

सेवानिवृत्ति– 22 साल की सेवा या 48 वर्ष की उम्र, जो भी पहले आ जाए

सैनिक 

ये रैंक  सिपाही की होती है और इनकी पहचान  होती है प्लेन शोल्डर बैच जिसमे कुछ नहीं होता |किसी भी सिपाही  की पहचान उनके कॉर्प्स से होती है, जिसमें वह सेवा देते हैं। उदाहरण के लिए सिग्नल्स के सिपाही को सिग्नलमैन, पैदल सेना के सिपाही को राइफल मैन और बख्तरबंद कॉर्प्स के सिपाही को गनर कहा जाता है। 

तो हमने देखा कि भारतीय सेना में सारी रैंक तीन श्रेणी में विभाजित की जा रही है | पहले कमीशंड अधिकारी , फिर जूनियर कमीशंड और फिर नान कमीशंड |

दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि अब आप भारतीय सेना में रैंक किस प्रकार होती है समझ गए होंगे | अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई हो तो प्लीज इसे लाइक और शेयर ज़रूर करे | Indian Army Ranks in Hindi

आर्मी में सबसे छोटी पोस्ट कौन सी होती है?

लांस नायक – सिपाहियों की प्रोन्नति होने पर वह सबसे पहले लांस नायक पद पर होते है। लांस नायक के बैज पर 1 रैंक की पट्टी होती है।

सेना में सबसे बड़ा पद कौन सा होता है?

Contents show.
1.1.1 1. फील्ड मार्शल (Field Marshal).
1.1.2 2. जनरल (General).
1.1.3 3. लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General).
1.1.4 4. मेजर जनरल (Major general).
1.1.5 5. ब्रिगेडियर (Brigadier).
1.1.6 6. कर्नल (Colonel).
1.1.7 7. लेफ्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel).
1.1.8 8. मेजर (Major).

1 फौजी कैसे बने?

फौजी के लिए योग्यता.
उम्मीदवार भारत देश का नागरिक हो..
आवेदक किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10th या 12th पास होना चाहिए..
उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 17.5 वर्ष तथा अधिकतम उम्र 21 वर्ष हो..
आवेदक अविवाहित होना चाहिए..
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो..
अभ्यर्थी की ऊंचाई 170 cm होनी चाहिए..
और छाती (chest) 77 cm होनी चाहिए..

लेफ्टिनेंट का क्या काम होता है?

एक लेफ्टिनेंट भारतीय सेना (Lieutenant in Indian Army) में सबसे कम रैंक वाला या कहे तो शुरुआती रैंकिंग वाला अधिकारी होता है। एक लेफ्टिनेंट 40 से 60 अधीनस्थ या सैनिकों की एक इकाई का प्रभारी होता है जो सीधे उसे रिपोर्ट करते हैं।