सबसे पहले तो हम आते है गोल नाभि पर तो गोल नाभि वाले लोग बड़े ही भावुक किस्म के लोग होते है और इन्हें अपने स्वास्थ्य का हमेशा ही ध्यान रखना चाहिए। कई बार ये बीमार भी हो जाते है लेकिन इनका प्यार हमेशा पवित्र और सच्चा होता है। गहरी नाभि गहरी नाभि वाली महिलाएं शुभ-मस्तिष्क को दर्शाती हैं, क्योंकि वे अमीर और भाग्यशाली होती हैं। ऐसी महिलाओं को जीवन भर आनंद मिलता है, साथ ही साथ इनके परिवार में धन की कमी भी नहीं होती है। लंबी और वक्रा नाभि जिन महिलाओं की नाभि लंबी और वक्री होती है उनके अंदर बहुत कॉन्फिडेंस होता है ऐसी स्त्रियां आमतौर पर आत्मनिर्भर बनना पसंद करती है। ये अपने जीवन में परफेक्शन पसंद करती हैं। ऐसी स्त्री काफी बोल्ड और मनमौजी होती है। इन्हें लोगों से दोस्ती और जान-पहचान बढ़ाना अच्छा लगता है। उथली हुई नाभि बतया जाता हैं जिन महिलाओ की नाभि उथली हुई होती हैं वे बहुत ही निडर और बेखौफ हुआ करती हैं |कड़ी नाभि वाली महिलाये अपना हर कम बहुत ही बेखौफ हो करती हैं और जब तक वह अपना काम पुरे ढंग से ना करले तब तक तक वे सेटिस्फाईड नहीं होती हैं | केंद्र से हटी हुई नाभि जिन महिलाओं की नाभि केंद्र से थोड़ी हटी हुई है, तो वह महिला बहुत बातूनी होती है। खेल के क्षेत्र में बहुत ऊंचाई तक पहुंचती है और साथ ही काफी मूडी होती हैं। समतल नाभि जिन महिलाओं की नाभि समतल होती है वो काफी चालू स्वाभाव की होती हैं। ये इतनी चिड़चिड़ी होती हैं कि ये कैसी भी बात का गलत मतलब निकल कर सामने वाले से बदला ले लेती हैं। इसीलिए इनका लोगों से व्यवहार ज्यादा दिन तक नहीं चल पाता। बाहर की ओर मुंह किए नाभि मान्यता के अनुसार बाहर की ओर झांकती हुई नाभि वाली महिलाएं को भाग्य का धनी कहा जा सकती है। ये हमेशा सकारात्मक सोच रखती हैं और हर चीज को लेकर उत्साहित रहती हैं। वहीं माना जाता है कि जिन महिलाओं की नाभि के बीच का हिस्सा भीतर की ओर होता है, वे महिलाएं आसानी से गर्भवती हो जाती हैं। साथ ही ये स्वभाव से सरल होती हैं। नाभि के बारें में जरूर जानें ये बातें 1. नाभि एक निशान है दरअसल, पैदा होने के बाद जब माँ की नाल से जुड़ी बच्चे की गर्भनाल को डॉक्टर्स द्वारा बाँधकर अलग किया जाता है तो बच्चे के पेट पर एक निशान बन जाता है जिसे हम नाभि बोलते हैं। 2. नाभि हमारे शरीर का सबसे गंदा भाग होता है। इसमें लगभग 1458 तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। 3. दुनिया के 4% लोगो की नाभि बाहर निकली हुई है बाकी 96% की नाभि अंदर घुसी हुई है। बाहर निकली हुई नाभि तब होती है जब डॉक्टर्स गर्भनाल को ठीक से बाँध नही पाते। 4. बाहर निकली हुई नाभि को ऑपरेशन से अंदर की तरफ कर सकते है इस तरह के ऑपरेशन को ‘Umbilicoplasty’ कहते हैं। 5. नाभि केवल दूध पिलाने वाले यानि स्तनधारी जानवरों में ही पाई जाती है। अंडे देने वाले जानवरों में नाभि नही होती। नॉटिंघम (ब्रिटेन), 30 दिसंबर (द कन्वरसेशन) क्या नवजात छिपकलियों की नाभि होती है, और क्या नन्हें सरीसृपों में गर्भनाल होती है? – गेल, उम्र 12, ब्रिस्टल, यूके। कितना दिलचस्प सवाल है! बेली बटन या टमी बटन को तकनीकी रूप से नाभि के रूप में जाना जाता है। इंसानों की नाभि होती है क्योंकि हमारे जन्म से पहले, हम गर्भनाल के माध्यम से अपनी माताओं से जुड़े होते हैं। यह एक ट्यूब है जो अजन्मे बच्चे को पोषण देती है, जिसे भ्रूण के रूप में जाना जाता है, और कचरे को हटाती है। यह माँ के एक अंग प्लेसेंटा से जुड़ी होती है जो भ्रूण के पेट तक भोजन और ऑक्सीजन का स्रोत प्रदान करता है। एक बार जब बच्चा पैदा हो जाता है, तो वह अपने मुंह से दूध जैसा पोषण प्राप्त कर सकता है, और गर्भनाल की जरूरत नहीं रह जाती। गर्भनाल सिकुड़ते हुए सूख जाती है और कुछ हफ्तों के बाद गिर जाती है। तो, बेली बटन मूल रूप से एक निशान है जहां से गर्भनाल बच्चे के पेट से जुड़ी होती है। मनुष्य जानवरों के उस समूह का हिस्सा हैं जिन्हें स्तनधारी कहा जाता है, और अन्य स्तनपायी बच्चे उसी तरह अपनी माँ के अंदर विकसित होते हैं, जो गर्भनाल के माध्यम से प्लेसेंटा से पोषण प्राप्त करते हैं। मनुष्यों में बेली बटन काफी बड़े होते हैं, इसलिए वे बहुत स्पष्ट होते हैं। वे डॉल्फ़िन, वनमानुष और व्हेल जैसे बड़े स्तनधारियों में भी दिखाई देते हैं। बिल्लियों, कुत्तों और चूहों जैसे छोटे स्तनधारियों में भी ये होते हैं, लेकिन निशान बड़े नहीं होते और वे अकसर बालों या फर से ढके होते हैं। हालांकि, अन्य जानवरों के बच्चे अलग-अलग तरीकों से विकसित होते हैं। भ्रूण कैसे विकसित होते हैं, इसके आधार पर जानवरों को वास्तव में तीन समूहों में विभाजित किया गया है। पहला प्रकार वह है जिसके बारे में हम पहले ही बात कर चुके हैं – जब भ्रूण मां के अंदर विकसित होता है और उसे प्लेसेंटा से भोजन तथा ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। दूसरे प्रकार के जानवर वे हैं जो अंडे देते हैं। सरीसृप, पक्षी, उभयचर और कुछ स्तनधारियों सहित इन जानवरों के पास अपने बच्चों को भोजन प्रदान करने के लिए प्लेसेंटा नहीं होता। तो, क्या उनके पास भी बेली बटन है? जानवर जो अंडे देते हैं जानवर जो गर्भ के बजाय अंडे में विकसित होते हैं, उन्हें भी भोजन की आवश्यकता होती है। लेकिन, यह भोजन मां से प्राप्त करने के बजाय अंडे में एक विशेष क्षेत्र में मौजूद होता है जिसे योक सैक के रूप में जाना जाता है। यह पीले रंग का हिस्सा है जिसे आप तले हुए अंडे के बीच में देखते हैं। चिंता न करें, आप जो अंडे खाते हैं उनमें बच्चे नहीं होते – वे अनिषेचित होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें कभी भी बच्चे विकसित नहीं होंगे। निषेचित अंडे में भ्रूण अपने मुंह से पौष्टिक जर्दी को पीने में सक्षम नहीं होते, ठीक उसी तरह जैसे मानव भ्रूण पैदा होने तक कुछ नहीं पी सकते। इसके बजाय, अंडे के अंदर के भ्रूण जर्दी थैली से एक छोटी फीडिंग ट्यूब से जुड़े होते हैं जिसे जर्दी का डंठल कहा जाता है जो भ्रूण के पेट तक जाता है। जर्दी का डंठल गर्भनाल के समान होता है, और बच्चे के निकलने के बाद यह भी सूख जाता है क्योंकि इसकी आवश्यकता नहीं रहती। तो, हाँ, जो जानवर अंडे से पैदा होते हैं उनके भी नाभि निशान होते हैं, लेकिन यह आमतौर पर इतना छोटा होता है कि आपको इसे देखने में कठिनाई होती है। लेकिन छिपकली या सांप जैसे सरीसृपों के बारे में क्या? उनके पास स्तनधारियों की तरह प्लेसेंटा नहीं होता, लेकिन वे अकसर अंडे नहीं देते। वे जानवरों के तीसरे समूह में हैं। ओवोविविपेरस जानवर इन जानवरों में, अंडे के अंदर भ्रूण विकसित होता है, लेकिन अंडा मां के अंदर रहता है। इन जानवरों को ओवोविविपेरस जानवर कहा जाता है। कभी-कभी माँ बच्चों के जन्म से ठीक पहले अंडे देती है, ऑस्ट्रेलियाई स्तनपायी डक-बिल्ड प्लैटिपस की तरह। अकसर, अंडे में भ्रूण विकसित होने की प्रक्रिया माँ के अंदर होती है। इसी तरह कुछ शार्क और रे मछलियों में होता है। सांप या छिपकली जैसे सरीसृप अकसर ओवोविविपेरस होते हैं। हालांकि वे जीवित पैदा होते हैं, लेकिन वे गर्भनाल के माध्यम से अपनी मां से जुड़े नहीं होते। इसके बजाय, उन्होंने जर्दी थैली के माध्यम से, जर्दी के डंठल के माध्यम से पोषण प्राप्त किया होता है। तो, हाँ – सभी जानवरों की नाभि होती है। यहां तक कि डायनासोर के भी बेली बटन होता है! हाल ही में, ट्राईसेराटॉप्स के एक रिश्तेदार का एक जीवाश्म बेली बटन के निशान के साथ पाया गया था, जो आधुनिक समय के घड़ियाल पर पाए जाने वाले निशान के समान था। हालांकि, जो जानवर गर्भनाल के माध्यम से मां से जुड़े होते हैं, आम तौर पर उनमें उन जानवरों की तुलना में बहुत बड़ा बेली बटन होता है जो अंडे के डंठल के माध्यम से अंडे की जर्दी से जुड़े होते हैं। (द कन्वरसेशन) नेत्रपाल नरेश नरेश यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है. |