हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। शास्त्रों के अनुसार हर माह दो एकादशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल कृष्ण पक्ष में। सभी धर्मों के नियम भी अलग-अलग होते हैं। खास कर हिंदू धर्म के अनुसार एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले मनुष्य को दशमी के दिन से ही कुछ अनिवार्य नियमों का पालन करना चाहिए। इन दिनों कुछ चीजों को सेवन निषेध माना गया है। आइए जानें... Show * एकादशी के दिन यथाशक्ति अन्न दान करें, किंतु स्वयं किसी अन्य का दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें। * किसी कारणवश निराहार रहकर व्रत करना संभव न हो तो एक बार भोजन करें। * इस दिन दूध या जल का सेवन कर सकते है। * एकादशी व्रत में शकरकंद, कुट्टू, आलू, साबूदाना, नारियल, काली मिर्च, सेंधा नमक, दूध, बादाम, अदरक, चीनी आदि पदार्थ खाने में शामिल कर सकते हैं। * एकादशी का उपवास रखने वालों को दशमी के दिन मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। * एकादशी के दिन प्रात: लकड़ी का दातुन न करें। * इस दिन वृक्ष से पत्ता तोड़ना वर्जित है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर सेवन करें। नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ साफ कर लें। यदि यह संभव न हो तो पानी से बारह बार कुल्ले कर लें। * एकादशी (ग्यारस) के दिन व्रतधारी व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। * एकादशी पर श्री विष्णु की पूजा में मीठा पान चढ़ाया जाता है, लेकिन इस दिन पान खाना भी वर्जित है। * फलों में केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें। * सूखे मेवे जैसे बादाम, पिस्ता आदि का सेवन किया जा सकता है। * एकादशी तिथि पर जौ, बैंगन और सेमफली नहीं खानी चाहिए। * इस व्रत में सात्विक भोजन करें। * मांस-मदिरा या अन्य कोई भी नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करें। * प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसी दल छोड़कर ग्रहण करना चाहिए। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। शास्त्रों के अनुसार हर माह दो एकादशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल कृष्ण पक्ष में। सभी धर्मों के नियम भी अलग-अलग होते हैं। खास कर हिंदू धर्म के अनुसार एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले मनुष्य को दशमी के दिन से ही कुछ अनिवार्य नियमों का पालन करना चाहिए। इन दिनों कुछ चीजों को सेवन निषेध माना गया है। आइए जानें... * एकादशी के दिन यथाशक्ति अन्न दान करें, किंतु स्वयं किसी अन्य का दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें। * किसी कारणवश निराहार रहकर व्रत करना संभव न हो तो एक बार भोजन करें। * इस दिन दूध या जल का सेवन कर सकते है। * एकादशी व्रत में शकरकंद, कुट्टू, आलू, साबूदाना, नारियल, काली मिर्च, सेंधा नमक, दूध, बादाम, अदरक, चीनी आदि पदार्थ खाने में शामिल कर सकते हैं। * एकादशी का उपवास रखने वालों को दशमी के दिन मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। * एकादशी के दिन प्रात: लकड़ी का दातुन न करें। * इस दिन वृक्ष से पत्ता तोड़ना वर्जित है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर सेवन करें। नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ साफ कर लें। यदि यह संभव न हो तो पानी से बारह बार कुल्ले कर लें। * एकादशी (ग्यारस) के दिन व्रतधारी व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। * एकादशी पर श्री विष्णु की पूजा में मीठा पान चढ़ाया जाता है, लेकिन इस दिन पान खाना भी वर्जित है। * फलों में केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें। * सूखे मेवे जैसे बादाम, पिस्ता आदि का सेवन किया जा सकता है। * एकादशी तिथि पर जौ, बैंगन और सेमफली नहीं खानी चाहिए। * इस व्रत में सात्विक भोजन करें। * मांस-मदिरा या अन्य कोई भी नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करें। * प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसी दल छोड़कर ग्रहण करना चाहिए।
व्रत के कायदे:एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए: इस दिन क्या करें और क्या नहींजीवन मंत्र डेस्क3 वर्ष पहले
शनिवार, 4 अप्रैल को यानी आज कामदा एकादशी का व्रत किया जाएगा। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और दिनभर संयम से रहकर व्रत रखा जाता है। एकादशी व्रत करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। विष्णु पुराण और धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार इस पर्व पर खास तरह की चीजें और अन्न नहीं खाना चाहिए। वहीं आदतों को लेकर संयम रखना चाहिए और दिनभर होने वाले कामकाज में भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। धर्म ग्रंथों के अनुसार एकादशी तिथि पर क्या खाएं, क्या करें और क्या करने से बचें एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं
क्या खाएं और क्या नहीं
एकादशी व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं?* एकादशी व्रत में शकरकंद, कुट्टू, आलू, साबूदाना, नारियल, काली मिर्च, सेंधा नमक, दूध, बादाम, अदरक, चीनी आदि पदार्थ खाने में शामिल कर सकते हैं। * एकादशी का उपवास रखने वालों को दशमी के दिन मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। * एकादशी के दिन प्रात: लकड़ी का दातुन न करें।
एकादशी के दूसरे दिन कितनी बार भोजन करना चाहिए?धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने, दान, स्नान और तप करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं, अनेक प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। एकादशी के दिन पूरे दिन निराहार रहें, शाम के समय कथा सुनने के बाद फलाहार करें और रात में जागरण करें। 5. दूसरे का अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।
एकादशी के दिन क्या क्या नहीं करना चाहिए?आइए जानें क्या वर्जित है ग्यारस/एकादशी के व्रत के दिनों में.... करें इन चीजों का त्याग : - इस व्रत में नमक, तेल, चावल अथवा अन्न वर्जित है।. मांस खाना। मसूर की दाल का त्याग।. चने का शाक। कोदों का शाक।. मधु (शहद) । ... . दूसरी बार भोजन करना। ... . व्रत वाले दिन जुआ नहीं खेलना चाहिए। ... . इस दिन क्रोध, मिथ्या भाषण का त्याग करना चाहिए।. एकादशी का व्रत क्या खाकर खोलना चाहिए?धार्मिक पुराणों के अनुसार एकादशी व्रत के पारण पर चावल का सेवन जरूर करना चाहिए. एकादशी व्रत के दिन चावल खाना मना होता है, लेकिन द्वादशी के दिन आप खा सकते हैं. एकादशी के पारण के दिन सेम की सब्जी खाना उत्तम होता है. एकादशी व्रत के पारण के लिये भोजन पकाने के लिए सिर्फ घी का ही प्रयोग करें.
|