इसे सुनेंरोकेंसंविधान के दर्शन का अभिप्राय उन आदशों से है, जिनसे भारतीय संविधान अभिप्रेरित हुआ और उन नीतियों से है जिन पर हमारा संविधान और शासन प्रणाली आधारित है। संविधान सभा दृढ़तापूर्वक, सत्यनिष्ठा से भारतको एक सम्पूर्ण प्रभुसत्ता-संपन्न गणराज्य घोषित करती है और उसके भावी प्रशासन के लिए एक संविधान की संरचना करने का वचन देती है। संविधान का क्या मतलब होता
है? इसे सुनेंरोकेंsamvidhan meaning in hindi;संविधान उन नियमों के समूह या संग्रह को कहा जाता है, जिनके अनुसार किसी देश की सरकार का संगठन होता है। ये देश का सर्वोच्च कानून होता है। सरल शब्दों मे संविधान किसी राज्य की शासन प्रणाली को विवेचित करने वाला कानून होता है। यह राज्य का सबसे महत्वपूर्ण अभिलेख होता है। संविधान के तीन प्रमुख कार्य कौन कौन से हैं? Answer: इसे सुनेंरोकेंसंविधान द्वारा मूल रूप से सात मूल अधिकार प्रदान किए गए थे- समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म, संस्कृति एवं शिक्षा की स्वतंत्रता का अधिकार, संपत्ति का अधिकार तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार। संविधान निर्माण के प्रमुख दो
उद्देश्य क्या हो सकते हैं? इसे सुनेंरोकेंभारतीय संविधान द्वारा देशवासियों को न्याय प्रदान करने का प्रयास किया गया है। सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय का मुख्य लक्ष्य व्यक्तिगत हित और सामाजिक हित के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। हमारे संविधान निर्माताओं के समक्ष भारत एक “कल्याणकारी राज्य” welfare state की स्थापना का उद्देश्य था। इसे सुनेंरोकेंसंविधान का दर्शन (The Philosophy of the Constitution) प्रस्तावना (Preamble) संविधान के दर्शन से अभिप्राय उन आदर्शो से है जिससे भारतीय संविधान अभिप्रेरित हुआ और उन नीतियों से
है जिन पर हमारा संविधान और शासन प्रणाली आधारित है. भारतीय संविधान भारतीयों की इच्छा अनुसार ही होगा यह कथन किसका है? इसे सुनेंरोकें1922 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खुलकर अपनी बात रखते हुए कहा था कि भारतीय संविधान भारतीयों की इच्छानुसार ही होगा। संविधान सभा के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?इसे सुनेंरोकेंविकल्प 4 सही नहीं है अर्थात् भारतीय राज्यों के प्रतिनिधियों के मामले में चयन का तरीका भारत के गवर्नर-जनरल द्वारा निर्धारित किया जाना था। नवंबर 1946 में कैबिनेट मिशन योजना द्वारा बनाई गई योजना के तहत संविधान सभा का गठन किया गया था। संविधान सभा की कुल क्षमता 389 होती थी। संविधान क्या है और क्यों है? इसे सुनेंरोकें(क ) सरकार के गठन और उसकी शक्तियों के बारे में संविधान एक लिखित दस्तावेज है। (ख) संविधान सिर्फ लोकतांत्रिक देशों में होता है और उसकी जरूरत ऐसे ही देशों में होती है। (ग) संविधान एक क़ानूनी दस्तावेज है और आदर्शों तथा मूल्यों से इसका कोई सरोकार नहीं। (घ) संविधान एक नागरिक को नई पहचान देता है। भारतीय संविधान के दर्शन के मुख्य तत्व कौन से हैं? इसे सुनेंरोकेंहम भारत के लोग भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोक तंत्रात्मक धर्म निरपेक्ष Page 2 [79] समाजवादी गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समानता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा … भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएं भारत का संविधान अनेक दृष्टियों से एक अनुपम संविधान है । भारतीय संविधान में अनेक ऐसे विशिष्ट लक्षण है, जो इसे विश्व के अन्य संविधानों से पृथक पहचान प्रदान करते है । लिखित और विशाल संविधान
संसदीय प्रभुता तथा न्यायिक सर्वोच्चता में समन्वय
संसदीय शासन प्रणाली
नम्यता और अनम्यता का समन्वय
विश्व के प्रमुख संविधानों का प्रभाव
संघीय शासन प्रणाली
धर्मनिरपेक्ष राज्य
समाजवादी राज्य
वस्यक मताधिकार
स्वतंत्र न्यायपालिका
नागरिकता
राज्य के नीति निर्देशक तत्व
लोकप्रिय प्रभुसत्ता
लोकतंत्रात्मक गणराज्य
संविधान का दर्शन
"सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सबों में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26-11-1949 ई0 हो एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।’’ महत्व
स्वतंत्रता और प्रभुता सम्पन्न
लोकतांत्रिक गणराज्य
न्याय
स्वतंत्रता संविधान की उद्देशिका में स्वतंत्रता का तात्पर्य केवल नियंत्रण या आधिपत्य का अभाव ही नहीं है। इसमें "विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता के अधिकार की सकारात्मक संकल्पना है। इस सकारात्मक अर्थबोध में स्वतंत्रता का अर्थ है, किसी व्यक्ति की अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करने की स्वतंत्रता। मतदान में भाग लेना, प्रतिनिधियों को चुनना, निर्वाचन में खड़ा होना, सार्वजनिक पद पर नियुक्ति का अधिकार, सरकारी नीतियों की आलोचना करना आदि राजनीतिक स्वतंत्रताएं है। समानता राजनीतिक विज्ञान के सन्दर्भ में 'समानता' का अर्थ यह नही है कि सभी पुरूष तथा स्त्रियां सभी परिस्थितियों में समान है। उनके बीच शारीरिक, मानसिक और आर्थिक अंतर तो होंगे ही । समानता से अभिप्राय है कि अपने व्यक्तित्व के समुचित विकास के लिए प्रत्येक मनुष्य को समान अवसर उपलब्ध होने चाहिए। समान योग्यता और समान श्रम के लिए वेतन भी समान होना चाहिए । इसके लिए अतरिक्त किसी एक व्यक्ति या एक वर्ग को अन्य व्यक्तियों या वर्गो के शोषण करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। संविधान की नजर में सभी नागरिक समान होंगे और उन्हे देश की विधियों का समान रूप से संरक्षण प्राप्त होगा। संविधान की प्रस्तावना में सभी नागरिकों को स्थान और अवसर की समता भी प्रदान की गई है। सार्वजनिक स्थानों में प्रवेश तथा लोक नियोजन के पिषय में धर्म, मूलवंश , जाति, स्त्री-पुरूष या जन्म स्थान के आधार पर एक व्यक्ति और दूसरे व्यक्ति के बीच कोई विभेद नहीं होगा । बंधुत्व
समाजवाद
पंथ निरपेक्ष राज्य
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यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।
भारतीय संविधान के अनुसार भारत में प्रभुसत्ता कहाँ निहित है?✔ (b) संविधान में
✎... भारतीय संविधान के अनुसार भारत की संप्रभुता संविधान में निहित है। भारत एक संप्रभु देश है। भारत का जो संविधान है, वो दुनिया के किसी भी संप्रभु देश का सबसे बड़ा लिखित संविधान हैष इस संविधान में 395 अनुच्छेद हैं जो 24 भागों में विभाजित हैं और जिसमें 12 अनुसूचियां हैं।
संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत संप्रभुता संपन्न राज्य है क्योंकि?(1) 623 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह अभिनिर्णित किया था कि शब्द 'प्रभुत्व-संपन्न' का मतलब है कि राज्य के पास संविधान द्वारा दिए गए प्रतिबंधों के भीतर सब कुछ करने की स्वतंत्रता है। यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कहा गया कि कोई भी राष्ट्र का अपना संविधान तब तक नहीं हो सकता है जब तक कि वह संप्रभु न हो।
संविधान पर हस्ताक्षर करने वाली प्रथम महिला कौन थी?सरोजिनी नायडू
सरोजिनी नायडू का जन्म हैदराबाद में 13 फरवरी 1879 को हुआ था।
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