क्या अमावस्या के दिन यात्रा की जा सकती है? - kya amaavasya ke din yaatra kee ja sakatee hai?

अमावस्या को विशेष तिथि माना जाता है। मान्यता है कि अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय अवश्य करना चाहिए। आइए जानते हैं इन...

क्या अमावस्या के दिन यात्रा की जा सकती है? - kya amaavasya ke din yaatra kee ja sakatee hai?

Arpanलाइव हिन्दुस्तान टीम ,meerutSun, 08 Aug 2021 03:36 AM

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अमावस्या को विशेष तिथि माना जाता है। मान्यता है कि अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय अवश्य करना चाहिए। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में। 

इस तिथि पर चंद्रमा दिखाई नहीं देता। इस दिन दान व उपाय करने से पितृ दोष, छाया दोष, मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। अमावस्या तिथि पितरों की तिथि कहलाती है। अमावस्या के दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराएं। इस दिन चींटी, पक्षी, गाय, कुत्ता, कौवा आदि के लिए अन्न-जल की व्यवस्था करें। इस दिन व्यसनों से दूर रहना चाहिए। इसके सेवन से शरीर पर दुष्परिणाम हो सकते हैं। इस दिन चांदी या तांबे के गिलास में ही पानी पीना चाहिए। माथे पर चंदन या केसर का तिलक लगाएं। पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तक, पीले खाद्य पदार्थ दान करें। अमावस्या के दिन पितरों के निमित दान करना चाहिए। घर में सफाई कर चारों कोनों में गंगाजल का छिड़काव करें। अमावस्या के दिन पीपल का पूजन करना अति उत्तम माना जाता है। अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को भोजन कराने से जीवन से अस्थिरता दूर हो जाती है। कालसर्प दोष निवारण के लिए सुबह स्नान के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें। सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें। दीये में थोड़ी-सी केसर भी डाल दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। 

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। 

आषाढ़ माह में आने वाली अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है. आज के दिन पितरों का तर्पण किया जाता है.

क्या अमावस्या के दिन यात्रा की जा सकती है? - kya amaavasya ke din yaatra kee ja sakatee hai?

Aashadh Amavasya 2022: इस बार आषाढ़ अमावस्या दो दिनों तक रहेगी. यह आज यानि 28 जून को शुरू होगी और 29 जून तक रहेगी. हिंदू धर्म में इस अमावस्या का विशेष महत्व है क्योंकि इसे हलहारिणी अमावस्या (Halharini Amavasya 2022) कहते हैं और इस दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन दान-स्नान करने से जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं. हलहारिणी अमावस्या की पूजा का विशेष महत्व है और इस दिन कुछ काम करने की भी मनाही होती है क्योंकि इन्हें करने से आपको जीवन भर परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है.

आषाढ़ अमावस्या तिथि

आषाढ़ अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जून 2022, सुबह 05:53 मिनट से

आषाढ़ अमावस्या तिथि समापन: 29 जून 2022, सुबह 08:23 मिनट तक

  • आषाढ़ अमावस्या यानि हलहारिणी अमावस्या के दिन भूलकर भी घर में लड़ाई-झगड़ा या कलेश नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से पिर्त नाराज होते हैं और जीवनभर परेशानियां आती हैं.
  • अमावस्या के दिन यात्रा नहीं करनी चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन यात्रा करने से कोई खास फल प्राप्त नहीं होता. बल्कि कहा जाता है हलहारिणी अमावस्या के दिन यात्रा करने से नुकसान झेलना पड़ सकता है.
  • इस दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है और इसलिए भूलकर भी नाखून या बाल नहीं काटने चाहिए. साथ ही शेविंग करने से भी बचना चाहिए.
  • अमावस्या के दिन रात के समय भूलकर भी सुनसान जगह या श्मशान घाट से नहीं जाना चाहिए. इससे नकारात्मक शक्तियों सक्रिय हो जाती हैं.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक व धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इनकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह लें.

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हिन्दू पांचांग के अनुसार माह के 30वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है उस दिन आकाश में चंद्रमा दिखाई नहीं देता गहन अंधकार होता हैं इस दिन का तंत्र और ज्योतिष में खास महत्व होता है हिन्दू धर्म में पूर्णिमा, अमावस्या और ग्रहण के रहस्य को उजागर किया गया है। इसके अलावा वर्ष में ऐसे कई महत्वपूर्ण दिन और रात हैं जिनका धरती और मानव मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनमें से ही माह में पड़ने वाले 2 दिन सबसे महत्वपूर्ण हैं- पूर्णिमा, अमावस्या तंत्र शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन किये गए उपाय बहुत ही प्रभावशाली होते है और इसका फल भी अति शीघ्र प्राप्त होता है। पितृ दोष हो या किसी भी ग्रह की अशुभता को दूर करना हो, अमावस्या के दिन सभी के लिए उपाय बताये गए है । आपकी आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक सभी तरह की परेशानियाँ इस दिन थोड़े से प्रयास से ही दूर हो सकती है।

1 हर अमावस्या को घर के कोने कोने को अच्छी तरह से साफ करें, सभी प्रकार का कबाड़ निकाल कर बेच दें। इस दिन सुबह शाम घर के मंदिर और तुलसी पर दिया अवश्य ही जलाएं इससे घर से कलह और दरिद्रता दूर रहती है।

2 अमावस्या पर तुलसी के पत्ते या बिल्व पत्र बिलकुल भी नहीं तोडऩा चाहिए। अमावस्या पर देवी-देवताओं को तुलसी के पत्ते और शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने के लिए उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।

3 धन लाभ के लिए अमावस्या के दिन पीली त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लगातार लहराती रहे, तो आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा। लगातार स्थाई लाभ हेतु यह ध्यान रहे की झंडा वहाँ लगा रहना चाहिए। उसे आप समय समय पर स्वयं बदल भी सकते है।

4 हर अमावस्या को गहरे गड्ढे या कुएं में एक चम्मच दूध डालें इससे कार्यों में बाधाओं का निवारण होता है । इसके अतिरिक्त अमावस्या को आजीवन जौ दूध में धोकर बहाएं, आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा ।

5 अमावस्या के दिन शनि देव पर कड़वा तेल, काले उड़द, काले तिल, लोहा, काला कपड़ा और नीला पुष्प चढ़ाकर शनि का पौराणिक मंत्र "ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसंभुतं नमामि शनैश्चरम।" की एक माला का जाप करने से शनि का प्रकोप शांत होता है , एवं अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है । हर अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे कड़वे तेल का दिया जलाने से भी पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं।

6 प्रत्येक अमावस्या को गाय को पांच फल भी नियमपूर्वक खिलाने चाहिए, इससे भी घर में शुभता एवं हर्ष का वातावरण बना रहता है ।

7 अमावस्या के दिन किसी सरोवर पर गेहूं के आटे की गोलियां ले जाकर मछलियों को डालें। इस उपाय से पितरों के साथ ही देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है, धन सम्बन्धी सभी समस्याओं का निराकरण होता है।

8 अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर पवित्र होकर जो व्यक्ति रोगी है उसके कपड़े से धागा निकालकर रूई के साथ मिलाकर उसकी बत्ती बनाएं। फिर एक मिट्टी का दीपक लेंकर उसमें घी भरकर, रूई और धागे की बत्ती लगाकर यह दीपक हनुमानजी के मंदिर में जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस उपाय से रोगी की तबियत जल्दी ही सुधरने लगती । यह उपाय उसके बाद कम से कम 7 मंगलवार और शनिवार को भी नियमित रूप से करना चाहिए।

9 अमावस्या के दिन एक कागजी नींबू लेंकर शाम के समय उसके चार टुकड़े करके किसी भी चौराहे पर चुपचाप चारों दिशाओं में फेंक दें। इस उपाय से जल्दी ही बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाती है।

10 अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिबिया काले कपडे में बांध कर सिंदूर में रखे, इससे शीघ्र ही आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है ।

11 अमावस्या के दिन क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, माँस, मदिरा का सेवन एवं स्त्री से शारीरिक सम्बन्ध, मैथुन कार्य आदि का निषेध बताया गया है, जीवन में स्थाई सफलता हेतु इस दिन इन सभी कार्यों से दूर रहना चाहिए ।

12 अमावस्या पर पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन करना चाहिए। यदि आपके पितृ देवता प्रसन्न होंगे तभी आपको अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त हो सकती है। पितरों की कृपा के बिना कठिन परिश्रम के बाद भी जीवन में अस्थिरता रहती है, मेहनत के उचित फल प्राप्त नहीं होती है ।

13 हर अमावस के दिन एक ब्राह्मण को भोजन अवश्य ही कराएं। इससे आपके पितर सदैव प्रसन्न रहेंगे, आपके कार्यों में अड़चने नहीं आएँगी, घर में धन की कोई भी कमी नहीं रहेंगी और आपका घर - परिवार को टोने-टोटको के अशुभ प्रभाव से भी बचा रहेगा।

14 पितृ दोष निवारण के लिये यदि कोई व्यक्ति अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल में दूध , गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल मिलाकर सींचते हुए पुष्प, जनेऊ अर्पित करते हुये “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः" मंत्र का जाप करते हुये 7 बार परिक्रमा करे तत्पश्चात् ॐ पितृभ्यः नमः मंत्र का जप करते हुए अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष से उत्पन्न समस्त समस्याओं का निवारण हो जाता है। और अगर सोमवती अमावस्या हो तो पीपल की 108 बार परिक्रमा करने से विशेष लाभ मिलता है ।

15 हर अमावस्या पर पितरों का तर्पण अवश्य ही करना चाहिए । तर्पण करते समय एक पीतल के बर्तन में जल में गंगाजल , कच्चा दूध, तिल, जौ, तुलसी के पत्ते, दूब, शहद और सफेद फूल आदि डाल कर पितरों का तर्पण करना चाहिए। तर्पण, में तिल और कुशा सहित जल हाथ में लेकर दक्षिण दिशा की तरफ मुँह करके तीन बार तपरान्तयामि, तपरान्तयामि, तपरान्तयामि कहकर पितृ तीर्थ यानी अंगूठे की ओर जलांजलि देते हुए जल को धरती में किसी बर्तन में छोड़ने से पितरों को तृप्ति मिलती है। ध्यान रहे तर्पण का जल तर्पण के बाद किसी वृक्ष की जड़ में चड़ा देना चाहिए वह जल इधर उधर बहाना नहीं चाहिए।

16 शास्त्रो के अनुसार प्रत्येक अमावस्या को पित्तर अपने घर पर आते है अतः इस दिन हर व्यक्ति को यथाशक्ति उनके नाम से दान करना चाहिए। इस दिन बबूल के पेड़ पर संध्या के समय पितरों के निमित्त भोजन रखने से भी पित्तर प्रसन्न होते है।

17 पितरों को खीर बहुत पसंद होती है इसलिए प्रत्येक माह की अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को भोजन के साथ खिलाने पर महान पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती है। इस दिन संध्या के समय पितरों के निमित थोड़ी खीर पीपल के नीचे भी रखनी चाहिए ।

18 अमावस्या के दिन काले कुत्ते को कड़वा तेल लगाकर रोटी खिलाएं। इससे ना केवल दुश्मन शांत होते है वरन आकस्मिक विपदाओं से भी रक्षा होती है ।

19 अमावस्या के दिन अपने घर के दरवाजे के ऊपर काले घोड़े की नाल को स्थापित करें। ध्यान रहे कि उसका मुंह ऊपर की ओर खुला रखें। लेकिन दुकान या अपने आफिस के द्वार पर लगाना हो तो उसका खुला मुंह नीचे की ओर रखें। इससे नज़र नहीं लगती है और घर में स्थाई सुख समृद्धि का निवास होता है ।

20 अमावस्या की तिथि को कोई भी नया कार्य, यात्रा, क्रय-विक्रय तथा समस्त शुभ कर्मों को निषेध कहा गया है, इसलिए इस दिन इन कार्यों को नहीं करना चाहिए ।

21 दीपावली की रात्रि में 12 बजे अपने दाहिने हाथ में काली राई लेकर अपने घर की छत पर तीन चक्कर उलटे काटे, फिर दसो दिशाओं में हाथ की राई के दाने "ऊँ हीं ऋणमोचने स्वाहा"॥ मन्त्र का जप करते हुए फेंकते जाय, इस उपाय से धन हानि बंद होती है ,ऋण के उतरने के योग प्रबल होते है। यह बहुत ही अमोघ प्रयोग है इसे किसी भी अमावस्या को किया जा सकता है लेकिन दीवाली की रात में इसे करने से शीघ्र ही फल मिलता है।

22 वैसे तो सभी अमावस्या का महत्व है लेकिन सोमवार एवं शनिवार को पड़ने वाली अमावास्या विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। इसके अतिरिक्त मौनी अमावस्या और सर्वपितृ दोष अमावस्या अति महत्वपूर्ण मानी गयी है।

क्या अमावस्या को यात्रा करनी चाहिए या नहीं?

अमावस्या तिथि के दिन यात्रा करना बहेद अशुभ माना गया है। इस तिथि पर यात्रा करने से केवल मुश्किलें ही आती हैं इसलिए इस तिथि पर यात्रा करना वर्जित माना गया है।

अमावस्या के दिन कौन कौन से कार्य नहीं करना चाहिए?

अमावस्या को किसी के घर भोजन न करें। अमावस्या को सदाचरण और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिएअमावस्या पर क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, मांस-मदिरा का सेवन एवं स्त्री से शारीरिक संबंध निषेध है।

अमावस के दिन हमें क्या करना चाहिए?

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन करें ये खास उपाय-.
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों का नाम लेकर घी का एक दीया पीपल के वृक्ष में जलाकर रख दें।.
अमावस्या के दिन दान का विशेष महत्व है। ... .
अमावस्या के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। ... .
अमावस्या के दिन श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना चाहिए।.

अमावस्या की रात को क्या करना चाहिए?

अमावस्‍या के अन्‍य उपाय अमावस्‍या की तिथि प्रमुख रूप से पितरों को समर्पित होती है। इस दिन पितरों के निमित्‍त दान-पुण्‍य जरूर करें। अमावस्या को पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा पेड़ को जनेऊ व अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्र ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें उसकी सात परिक्रमा करें।