In this article, we are providing information about Sangya in Hindi – Meaning of Noun in Hindi | Sangya in Hindi Grammar Language. What is Noun in Hindi | Sangya Ke Bhed. Show किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, व्यापार तथा भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसेहिमालय, गंगा, कोलकाता, वेद, आकाश, सुख, दुःख, खेती आदि। संज्ञा एक विकारी शब्द है। संज्ञा के भेद ( Sangya Ke Bhed ) संज्ञा का वर्गीकरण जीवन्तता, गणना, व्युत्पत्ति, एवं अर्थ के आधार पर किया गया है। लेकिन जीवन्तता, गणना, व्युत्पत्ति का आधार मानकर किया गया वर्गीकरण विशेष महत्त्वपूर्ण नहीं है। अर्थ के आधार पर किया गया वर्गीकरण ही परम्परागत है। अधिकांशतः विद्वानों ने संज्ञा के पाँच भेद माने हैं : संज्ञा के प्रकार ( Sangya ke Prakar ) (i) व्यक्तिवाचक संज्ञा ( Vyakti Vachak sangya ) (ii) जातिवाचक संज्ञा (iii) द्रव्यवाचक संज्ञा (iv) समूहवाचक संज्ञा (v) भाववाचक संज्ञा Hindi Grammar Sangya examples (i) व्यक्तिवाचक संज्ञा : किसी विशेष व्यक्ति या स्थान का नाम बोध कराने वाली संज्ञा को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- शीला, राकेश, कानपुर, इलाहाबाद, भारत, यमुना आदि। व्यक्तिवाचक संज्ञा के अन्तर्गत निम्नलिखित नामों का समावेश होता है : व्यक्तियों के नाम रमेश, शीला, ज्ञानप्रकाश, बिहारी, कालिदास। दिशाओं के नाम पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण। नदियों के नाम यमुना, महानन्दा, गंगा, सिन्धु, गोमती आदि। गाँवों के नाम कल्याणपुर, रामपुर, लालगंज आदि। देशों के नाम भारत, रूस, चीन, जापान आदि। वस्तुओं के नाम रामायण (ग्रंथ), महाभारत (ग्रंथ), टाइटन (घड़ी), फिलिप्स (रेडियो), ओनीडा (टेलीविजन) आदि। समुद्रों के नाम प्रशान्त महासागर, भूमध्य सागर, हिन्द महासागर, आदि। इसी प्रकार त्योहारों एवं उत्सवों के नाम, पुस्तकों एवं समाचार पत्रों के नाम, चौराहों तथा सड़कों के नाम, पर्वतों के नाम, राज्यों के नाम, ग्रह तथा नक्षत्रों के नाम, भाषाओं के नाम, वस्तुओं आदि के नाम भी व्यक्तिवाचक संज्ञा में समाविष्ट होते हैं। (ii) जातिवाचक संज्ञा : जिस संज्ञा से एक ही प्रकार की वस्तुओं या प्राणी की पूरी जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- घोड़ा, गाय, बाघ, स्त्री, लड़का, पुस्तक, सड़क, विद्यालय आदि। जातिवाचक संज्ञा के अन्तर्गत आगत शब्दों को अधोलिखित कोटियों में बाँटा जा सकता है- जानवरों के नाम बैल, ऊँट, भैंस, सॉप, कोयल आदि । स्थानों के नाम मैदान, पाठशाला, औषधालय आदि । वस्तुओं के नाम घड़ी, आलमारी, पंखा, किताब, आदि। सम्बन्धियों के नाम चाचा, मामा, मौसी, भाई आदि। व्यवसायों एवं पदों के नाम लोहार, कुम्हार, मोची, अध्यापक, मंत्री आदि। प्राकृतिक तत्त्वों के नाम वर्षा, गर्मी, भूकम्प, तूफान आदि। (iii) द्रव्यवाचक संज्ञा : द्रव्यवाचक संज्ञा से धातु या किसी द्रव्य का बोध होता है, जिसे तौला या नापा जा सकता है तथा जिससे अन्य वस्तुओं का निर्माण होता है। जैसे- सोना, चाँदी, ताँबा, लोहा, पीतल, दूध, पानी, तेजाब, तेल, पारा, घी आदि। (iv) समूहवाचक संज्ञा : समूहवाचक संज्ञा को समुदायवाचक संज्ञा भी कहते हैं। वस्तुतः जिस संज्ञा से पदार्थ या प्राणियों के समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- सेना, सभा, कक्षा, मेला, दल, गुच्छा, कुञ्ज, भीड़ आदि। (v) भाववाचक संज्ञा : भाववाचक संज्ञा वह संज्ञा है, जिससे किसी वस्तु या प्राणी के स्वभाव, गुण, धर्म, व्यापार एवं दशा का बोध होता है। जैसे- वीरता, चतुराई, मिठास, बुढ़ापा, बचपन, चाल, खेल, दौड़ आदि। भाववाचक संज्ञा का निर्माण भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण तद्धित और कृदन्त प्रत्ययों को विभिन्न शब्द भेदों में लगाकर किया जाता है। उदाहरणार्थ जातिवाचक संज्ञा से । जातिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा पशु पशुता स्त्री स्त्रीत्व मनुष्य मनुष्यता विद्वान् विद्वता पंडित पांडित्य/पंडिताई शत्रु शत्रुता लड़का लड़कपन बूढ़ा बुढ़ापा दास दासत्व बंधु बंधुत्व ग्राम ग्रामीण शहर शहरी देहात देहाती मित्र मित्रता भ्राता भ्रातृत्व साधु साधुता देह दैहिक माता मातृत्व जाति जातीयता घर घरेलू समाज सामाजिकता मुर्ख मूर्खता विशेषण से : विशेषण भाववाचक संज्ञा विशेषण भाववाचक संज्ञा सुन्दर सुन्दरता कठोर कठोरता कुरूप कुरूपता मधुर मधुरता गर्म गर्मी उष्ण उष्णता ठंढ़ा ठंढ़क छोटा छोटापन सर्द सर्दी लम्बा लम्बाई चौड़ा चौड़ाई ऊँचा ऊंचाई काला कालापन मीठा मिठास लाल लाली चतुर चतुराई नीला नीलापन बड़ा बड़प्पन कड़वा कड़वाहट पवित्र पवित्रता मैला मैल शीतल शीतलता गंदा गंदगी मलिन मलिनता लघु लघुता गुरु गुरुता खुरदरा खुदरापन लचीला लचीलापन धूर्त धूर्तता ठोस ठोसपन ईमानदार ईमानदारी दक्ष दक्षता कर्मठ कर्मठता पटु पटुता निपुण निपुणता भिन्न भिन्नता शिष्ट शिष्टता एक एकता वीर वीरता नीच नीचता उच्च उच्चता क्लिष्ट क्लिष्टता कायर कायरता सभ्य सभ्यता नपुंसक नपुंसकता शांत शांति उज्जवल उज्जवलता नम्र नम्रता क्षुद्र क्षुद्रता लोभी लोभ लालची लालच क्रोधी क्रोध डरावना डर भयावह भय आश्चर्य जनक आश्चर्य संक्षिप्त संक्षिप्तता दीर्घ दीर्घता क्रिया से- क्रिया भाववाचक संज्ञा क्रिया भाववाचक संज्ञा चढ़ना चढ़ाव विकसित होना विकास पढ़ना पढ़ाई विचारना विचार लड़ना लड़ाई निकलना निकास उठना उठाव सजाना सजावट बहना वहाव लिखना लिखावट खींचना खिचाव दौड़ना दौड़ लूटना लूट सिसकना सिसकी घुलना घोल झाड़ना झाड़ बोलना बोल फूँकना फूंक कूदना कूद घबराना घबराहट झुकना झुकाव बनाना बनावट तनना तनाव मिलना मिलावट विशेष -जातिवाचक संज्ञाएँ गणनीय होती हैं। ये एकवचन में होती हैं और बहुवचन में भी। जबकि व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ केवल एकवचन में होती हैं। -समूहवाचक संज्ञाएँ एकवचन में हो सकती हैं और बहुवचन में भी। -द्रव्यवाचक संज्ञा का भी सामान्यतः बहुवचन नहीं होता है। इन्हें एकवचन में ही माना जाता है। -धर्म, गुण, भाव आदि का अनुभव न तो हमें स्पर्श से होता है और न दृष्टि से। इन्हें केवल अनुभव किया जा सकता है। अतः भाववाचक संज्ञाओं की न तो गणना हो सकती है और न ही इन्हें स्पर्श किया जा सकता है। -व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में भी प्रयोग हो सकता है। जैसेशेक्सपियर यूरोप के कालिदास थे। कालिदास यद्यपि व्यक्तिवाचक संज्ञा है लेकिन यहाँ जातिवाचक के रूप में प्रयुक्त है। -जातिवाचक संज्ञा का व्यक्तिवाचक के रूप में भी प्रयोग होता है। जैसे- देवी ने अपने गले में मुण्डमाल धारण कर ली। यहाँ देवी जातिवाचक संज्ञा है लेकिन मुण्ड की माला धारण करने से व्यक्तिवाचक (काली) हो गयी है। -भाववाचक संज्ञा का जातिवाचक में भी प्रयोग हो सकता है। जैसे- ओलम्पिक खेलों में कई प्रकार की दौड़े कराई जाती हैं। यहाँ ‘दौड़’ के प्रकारों का जिक्र हुआ है। दौड़ यहाँ सभी प्रकार की दौड़ से तात्पर्य होने के कारण जातिवाचक है। # Types of Noun in Hindi # Types of Nouns in Hindi with examples # Sanghya in Hindi वाच्य और वाच्य के भेद- Vachya in Hindi | Vachya ke bhed Upsarg (prefix) in Hindi | उपसर्ग Hindi Muhavare with Meanings and Sentences | हिंदी मुहावरे और अर्थ ध्यान दें– प्रिय दर्शकों Sangya in Hindi Grammar ( Article ) आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे। किसी विशेष वस्तु के नाम का बोध कराने वाले संज्ञा को क्या कहते है?जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति , वस्तु या स्थान के नाम का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
किसी व्यक्ति स्थान या वस्तु के नाम का बोध कराने वाले शब्द क्या कहलाते है *?किसी व्यक्ति वस्तु या स्थान की पूरी जाति का बोध करने वाला शब्द को संज्ञा कहलाता है।
जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष व्यक्ति वस्तु स्थान का बोध है उसे क्या कहते है?जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध होता है उसे क्या कहते है?विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के रूप गुण, संख्या, मात्रा, परिमाण, आदि के विशेषता बताते हैं। वे संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाती है, वे विशेष्य कहलाते हैं।
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