शरीफा एक फल होता है जिसे सीताफल भी कहा जाता है और इंग्लिश में इस फल को कस्टर्ड एप्पल कहा जाता है। शरीफा पोषक तत्वों से भरपूर होता है और जब बात प्रेगनेंसी की हो तो इसमें मौजूद पोषक तत्व केवल प्रेग्नेंट महिला के लिए ही नहीं बल्कि भ्रूण के लिए भी फायदेमंद होते हैं। गर्भवती महिला यदि शरीफा का सेवन करती है तो इससे महिला को प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करने के साथ फिट रहने में भी मदद मिलती है। और गर्भवती महिला को एक नहीं बल्कि रोजाना कम से कम दो शरीफा का सेवन करने की सलग दी जाती है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी में शरीफा खाने से कौन कौन से फायदे मिलते हैं। Show
एंटी ऑक्सीडेंट्सशरीफ में एंटी ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो गर्भवती महिला के शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। साथ ही गर्भवती महिला के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। जिससे माँ व् बच्चे दोनों प्रेगनेंसी के दौरान बिमारियों व् संक्रमण से सुरक्षित रहने में मदद मिलती है। कॉपरकस्टर्ड एप्पल में कॉपर मौजूद होता है जो प्रेग्नेंट महिला के लिए बहुत जरुरी पोषक तत्व होता है क्योंकि यह गर्भवती महिला को गर्भपात जैसी परेशानी से सुरक्षित रखने में मदद करता है। फाइबरगर्भावस्था के दौरान पाचन क्रिया धीमी पड़ने के कारण महिला को पेट सम्बन्धी बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन शरीफा का सेवन करने से महिला को इन परेशानियों से निजात पाने में मदद मिल सकती है। क्योंकि शरीफा में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करता है जिससे अपच, कब्ज़ जैसी परेशानियों से महिला को बचे रहने में मदद मिलती है। विटामिन बी 6सीताफल में विटामिन बी 6 मौजूद होता है जो प्रेगनेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से बचने के लिए बहुत जरुरी होता है। ऐसे में मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से बचने के लिए गर्भवती महिला शरीफा का सेवन जरूर करना चाहिए। पोटैशियमप्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रैशर का ऊपर नीचे होना बहुत आम बात होती है लेकिन यह परेशानी यदि बढ़ जाये तो परेशानी खड़ी कर सकती है। ऐसे में शरीफा का सेवन महिला के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि शरीफा में पोटैशियम और मैग्नीशियम मौजूद होता है जो गर्भवती महिला के ब्लड प्रैशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। मैग्नीशियमप्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी महिलाएं तनाव में आ जाती हैं जो यह माँ और बच्चे के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। ऐसे में शरीफा का सेवन करने से महिला को मैग्नीशियम मिलता है जो हदय को स्वस्थ रखने और मांसपशियों को आराम पहुंचाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जिसे प्रेग्नेंट महिला को तनाव जैसी परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है। ऊर्जा मिलती हैशरीफा का सेवन करने से गर्भवती महिला की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने में मदद मिलती है। जिससे गर्भवती महिला को थकान, कमजोरी जैसी परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है। और प्रेगनेंसी के दौरान महिला ऊर्जा से भरपूर रहती है। डिलीवरी के समय मिलता है आरामऐसा माना जाता है की यदि प्रेग्नेंट महिला प्रेगनेंसी में नियमित रूप से शरीफा का सेवन करती है तो ऐसा करने से महिला को डिलीवरी के समय होने वाले दर्द की परेशानी को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही गर्भ में शिशु को भी फिट रखने में मदद मिलती है। बच्चे के लिए है फायदेमंदशरीफा पोषक तत्वों की खान होता है और शरीफा में मौजूद विटामिन्स व् मिनरल्स गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। जो गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास करने में और शिशु को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। कब नहीं खाएं गर्भवती महिला शरीफायदि महिला का वजन ज्यादा हो, महिला को डाइबिटीज़ की समस्या हो, ठंडी चीजे खाने से महिला को एलर्जी हो, तो इन केस में महिला शरीफा का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही शरीफा के बीजों का सेवन भी गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए। तो प्रेगनेंसी के दौरान माँ व् बच्चे को मिलने वाले इन बेहतरीन फायदों के लिए गर्भवती महिला को शरीफा का सेवन जरूर करना चाहिए। गर्भवती महिला रोजाना दो या तीन शरीफा का सेवन कर सकती है। Benefits of eating Custard Apple in Pregnancy In this Article
शरीफा जिसका एक और भारतीय नाम ‘सीताफल’ है और इस फल का यह नाम संस्कृत के शब्द ‘शीत’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘ठंडा’। यह एक ऐसा फल है जो शरीर में ठंडक प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यदि आप सोच रही हैं कि आप गर्भावस्था के दौरान सीताफल खा सकती हैं या नहीं तो इसके इस लेख को पूरा पढ़ें। सीताफल की न्यूट्रिशनल वैल्यूप्रति 100 ग्राम सीताफल में कितना न्यूट्रिशन होता है, वह इस प्रकार है;
गर्भावस्था के दौरान सीताफल खाने के फायदेगर्भावस्था के दौरान सीताफल खाने से आपको निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं, आइए देखते हैं; 1. मॉर्निंग सिकनेस की समस्या को कम करती हैसीताफल में मौजूद विटामिन ‘B6’, गर्भावस्था के दौरान मतली और मॉर्निंग सिकनेस को रोकने में मदद करता है। 2. एनीमिया से बचाव करती हैइस फल में कैलोरी और नेचुरल शुगर की मात्रा अधिक होती है जो शरीर में खून की कमी को दूर करती है और वजन बढ़ाने में भी मदद करती है। यह एनीमिया जैसी समस्याओं को रोकने में सक्षम भी है। 3. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखती हैगर्भावस्था के दौरान अक्सर ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होता है। सीताफल में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है। 4. कब्ज से राहत देती हैसीताफल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो कब्ज का उपचार करने और मल को नर्म करने में मदद करती है जिससे मल त्याग ठीक से होता है। यह फल दस्त की समस्या को भी ठीक करता है। 5. तनाव कम करती हैसीताफल में मैग्नीशियम होता है जो मांसपेशियों को आराम देता है और हृदय प्रणाली को नियंत्रित करता है। इससे तनाव कम होता है और हृदय ठीक रहता है। 6. गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में मदद करती हैइसमें मौजूद पूरा न्यूट्रिशन बच्चे की त्वचा, ब्लड सेल और टेंडन (हड्डियों और मांसपेशियों के जोड़) के विकास में मदद करता है। 7. शरीर में मौजूद टॉक्सिन को नष्ट करती हैसीताफल में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन) को साफ करते हैं। इससे किडनी को ठीक रखने में मदद मिलती है। यह ऑक्सीडेंट इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने में भी मदद करते हैं। 8. गर्भपात की संभावना को रोकती हैगर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए कॉपर भी एक आवश्यक तत्व है। इसे गर्भपात की संभावना को कम करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह कॉपर का भी एक बेहतरीन स्रोत है। सीताफल खाने से एक गर्भवती महिला को वह सभी आवश्यक मिनरल मिलते हैं जो उसे और उसके बच्चे को सुरक्षित रखते हैं। 9. दाँतों की समस्याओं के लिए फायदेमंद हैसीताफल में फाइबर की मौजूदगी दाँतों में चमक बनाए रखती है, मसूड़ों को ठीक रखती है और साथ ही मुंह की दुर्गंध को भी कम करने में मदद करती है। 10. लेबर पेन कम करने में मदद करती हैसीताफल खाने से गंभीर लेबर पेन को भी ठीक होने या कम होने में मदद मिलती है। 11. समय से पहले लेबर पेन को कम करती हैगर्भवती महिलाओं के लिए कॉपर मिनरल की आवश्यक होती है। इसकी 100 मिग्रा की मात्रा गर्भ में पल रहे बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। सीताफल खाने से शरीर में कॉपर की आवश्यकता पूरी होती है। यह गर्भपात की संभावना और समय से पहले प्रसव को कम करने में मदद करती है। गर्भवती महिलाओं को सीताफल कब नहीं खानी चाहिएगर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सीताफल खाने से निम्नलिखित समस्याएं भी हो सकती हैं, आइए जानें;
ध्यान रखने योग्य बातेंगर्भावस्था के दौरान यदि आप सीताफल खाती हैं तो निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें;
सीताफल से बने स्वादिष्ट व्यंजनसीताफल को निम्नलिखित व्यंजनों के रूप में बनाकर इसके स्वाद का आनंद लें, वे व्यंजन कौन से आइए जानते हैं; 1. सीताफल की रबड़ीसामग्री:
टेंपरिंग के लिए:
विधि:
2. सीताफल से बनी हुई स्मूदीसामग्री:
विधि:
सीताफल एक ऐसा स्वास्थ्यवर्धक फल है जिसे आप अपनी गर्भावस्था के दौरान भी खा सकती हैं। अगर आप फल के साथ-साथ इसके बीज नहीं खाती हैं तो आप इसके दुष्प्रभावों की चिंता किए बिना इसके फायदों का आनंद ले सकती हैं। यह भी पढ़ें: गर्भावस्था में शकरकंद का सेवन: फायदे और जोखिम प्रेगनेंसी में सीताफल खा सकते क्या?प्रेगनेंसी में सीताफल खाना चाहिए
इसमें मौजूद पोटेशियम और मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। यह फल एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है जिससे शरीर की सफाई होती है। इससे किडनी ठीक रहती है। इस तरह गर्भवती महिला की इम्यूनिटी मजबूत होती है।
सीताफल बहुत ज्यादा खाने से क्या होता है?सीताफल का अधिक मात्रा में सेवन पेट दर्द, दस्त, गैस, आंतों में जकड़न जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है.
सीताफल को कब खाना चाहिए?सीताफल कब खाना चाहिए? - Quora. सीताफल कब खाना चाहिए? सीता फल ठंड में पाई जाती है ये फल सबसे कम मिलने वाला है यह सिर्फ 1 महीना ही पायी जाती है तो इसको इसी समय खा सकते है ।
सीताफल खाने से क्या लाभ होता है?सीताफल का इस्तेमाल कफ दोष को ठीक करने के लिए, खून की मात्रा को बढ़ाने के लिए, उल्टी, दांतों के दर्द से आराम पाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इसका प्रयोग अन्य रोगों में भी होता है।
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