कौन सा जानवर विलुप्त होने की कगार पर है? - kaun sa jaanavar vilupt hone kee kagaar par hai?

दुनिया में तेजी से विलुप्त हो रही है इन खूबसूरत जानवरों की प्रजाति

डिजिटल डेस्क। कहने को तो इस धरती पर इंसानों के साथ-साथ लाखों करोंड़ो जीव-जानवर रहते हैं, लेकिन बात सिर्फ हमेशा इंसानों के बारे में ही की जाती है और आज हाल ऐसा है कि हजारों जानवर पूरी तरह विलुप्त होने की कगार पर हैं। कई प्रजातियां ऐसी हैं जो इस धरती पर अपनी आखिरी सांस ले रहें हैं। इसके बाद भी शायद किसी को भी इन विलुप्त हो रहे जानवरों की परवाह नहीं है, लेकिन इससे हटके एक ऐसा इंसान भी है, जो इन विलुप्त हो रहे जानवरों की दुर्लभ तस्वीरें लेने के लिए सालों से जंगलों की खाक छान रहा है। इन्होंने अंटार्टिका के दुर्लभ पोलर बियर से लेकर मेडागास्‍कर के अनोखे कछुए तक सभी को अपने कैमरे से जिंदा किया है। कई साल की मेहनत से ये तस्‍वीरें हासिल हुई हैं। इनके द्वारा ली गई अनोखी तस्‍वीरो में इन विलुप्‍त जानवरों को देखकर शायद आपका भी दिल भर आए।

1/8 सइगा हिरन

सइगा हिरन प्रजाति का यह  Saiga antelope, ये जानवर बेहद ही मासूम और सीधा-साधा सा-क्यूट जानवर है। मंगोलिया और आसपास के कुछ देशों में पाए जाने वाला ये जानवर जबरदस्त संकट में होने के कारण विलुप्त होने की कगार पर है।

2/8ध्रुवीय भालू

अंटार्टिका के बर्फ से धके बेहद ही मुश्किल महौल में रहने वाले ध्रुवीय भालू देखने में भले ही काफी खतरनाक लगते हों, लेकिन हकीकत तो ये है कि वे खुद बड़े ही खतरे में हैं और ज्यादातर लोग उन्हें बचाने के लिए कुछ कर भी नहीं रहे।

3/8फिलीपाइन ईगल

तेजी से लुप्त होते पक्षियों की श्रेणी में आती है फिलीपाइन ईगल। यह चील प्रजाति की ही है, पर दूसरी चीलों से अधिक बड़ी और ताकतवर होती है। यह मुख्य तौर से फिलीपींस में पाईजाती है। ये खाने में बड़े-बड़े सापों को खाती है। इसे 4 जुलाई 1995 को फिलीपींस की नेशनल बर्ड घोषित किया गया था, लेकिन अब यह तेजी से विलुप्त होने की श्रेणी में आ रही है।

4/8लंबी नाक वाला बंदर

इसे Proboscis Monkey भी कहा जाता है। इंडोनेशिया के जंगलों में पाए जाने वाला ये बंदर इंसानों का असली पूर्वज लगता है। इसके बाद भी इसे बचाने के बारे में कोई नहीं सोचता, जिसके कारण अब ये बंदर दुनिया में खत्म होने की कगार पर हैं।

5/8स्नब-नोज्ड बंदर

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रजाति के मुश्किल से 330 बंदर रह गए हैं जो मओ नदी के आसपास के छोटे से क्षेत्र में सिमटे हुए हैं। जिन जंगलों में ये बंदर रहते हैं वहां बहुत सारे पेड़ों को काटा जा रहा है और वहां नई नई सड़कें और बांध बना रही चीनी कंपनियों से भी उन्हें खतरा है। कई अन्य वन्य प्रजातियों की तरह ही इन बंदरों की भविष्य भी अंधकारमय नजर आ रहा है।

6/8जुगनू

जुगनू जो रात के समय लाइट की तरह टिम-टिमाती हुई नजर आती हैं। जो अब दुनिया से तेजी के साथ गायब हो रही हैं।

7/8 पेइड टरमर्रिन

ओल्ड वर्ल्ड मंकी प्रजाति का यह बंदर इंसानों की तरह दिखने की वजह से खासा चर्चित है, लेकिन ब्राजील के अमेजन रेन-फोरेस्ट में पाया जाने वाला यह बंदर अब बहुत ही दुर्लभ हो चुका है। इसकी वजह है इनकी घटती संख्या।

8/8ट्री पेंगोंलीन

यह खूबसूरत जीव यूं तो अफ्रीका में पाया जाता है, लेकिन अब वहां भी आसानी से नहीं दिखाई देता यह जीव, क्योंकि ये भी विलुप्त होने की कगार पर हैं।

स्कोप कैम्पस में आईसेक्ट पीएमकेके भोपाल द्वारा कौशल दीक्षांत समारोह और रक्तदान शिविर का आयोजन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी जी के जन्मदिवस के अवसर पर स्कोप कैंपस स्थित आईसेक्ट प्रधानमंत्री कौशल केंद्र भोपाल में कौशल दीक्षांत समारोह एवं रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति प्रोफ़ेसर के.जी. सुरेश जी ने किया। समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती पूजन से किया गया। कार्यक्रम में स्कोप ग्रुप से डॉ डी.एस. राघव, डॉ. मोनिका सिंह, डॉ. सतेन्द्र खरे, आरएनटीयू भोपाल के उपसचिव अनिल तिवारी, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से डॉ. आर.के. पाण्डेय बतौर अतिथि मंचासीन रहे। आईसेक्ट के राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधक अभिषेक गुप्ता ने पी.एम.के.के की विशेषताओ एवं आगामी कार्यक्रम से अवगत कराया। कार्यक्रम के दौरान 100 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस दौरान आईसेक्ट मुख्यालय के कॉर्पोरेट एचआर टीम द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन डा. तरुण राजपूत, तत्पर ब्लड बैंक एवं सहयोगी के सौजन्य से हुआ। कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित रक्तदान शिविर में भी प्रतिभागियों का उत्साह दिखा। शिविर के आयोजन में आईसेक्ट की ओर से कॉर्पोरेट एचआर सुमित मल्होत्रा और अभिषेक यादव का विशेष सहयोग रहा। दीक्षांत समारोह के अंत में पी.एम.के.के भोपाल के केंद्र प्रमुख विकास पाण्डेय के द्वारा समारोह के सफल आयोजन में योगदान हेतु सभी लोगो का आभार व्यक्त किया गया।

कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट, जिसे हम CLAT के नाम से भी जानते हैं , यह एक राष्ट्रीय स्तर की कानून प्रवेश परीक्षा है जिसे  कक्षा 12वीं  पास करने के बाद  के बाद छात्र दे सकते हैं  । यह यूजी और पीजी लॉ प्रोग्राम में प्रवेश के लिए एनएलयू के कंसोर्टियम द्वारा हर साल आयोजित किया जाता है।

आइए अब कुछ बिंदुओं के माध्यम से जानते हैं कि CLAT एग्जाम की तैयारी कैसे करें?

  1. अपनी तैयारी  जल्दी शुरू करें: तैयारी जितनी जल्दी शुरू करेंगे,  पाठ्यक्रम को समझने और उसे समय पर पूरा करने में उतनी ही मदद मिलेगी, और रिवीजन के लिए भी समय मिलेगा। आप दसवीं के बाद से ही इसकी तैयारी शुरू कर सकते हैं। 
  2. पुराने वर्षों के तथा सैंपल प्रश्नों को सॉल्व करें: प्रत्येक अनुभाग में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकारों को समझने के लिए विषयों को गहराई से जानें और CLAT के पिछले वर्ष के प्रश्नों  तथा सैंपल प्रश्नों का अभ्यास करें।
  3. CLAT सिलेबस और परीक्षा पैटर्न का पूरा ज्ञान रखें: किन विषयों का अध्ययन करना है, इसका स्पष्ट समझ  होना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए CLAT सिलेबस  और CLAT परीक्षा पैटर्न को समझना महत्वपूर्ण हो जाता है।
  4. मॉक टेस्ट: मॉक टेस्ट पेपर हल करना बहुत ही ज़रूरी है । मॉक टेस्ट पेपर को हल करने से आपको टाइम मैनेजमेंट करने में मदद मिलेगी  जिससे परीक्षा के दौरान आप सही समय में सारे प्रश्न हल कर पाएंगे।
  5. सेक्शन-वाइज CLAT की तैयारी करें: CLAT परीक्षा में 5 सेक्शन होते हैं, जीनके  नाम हैं- सामान्य ज्ञान सहित अंग्रेजी भाषा, कानूनी तर्क, तार्किक तर्क, मात्रात्मक तकनीक और करंट अफेयर्स।  प्रत्येक सेक्शन की बेहतर रणनीति बनाएं और सभी सेक्शन पर बराबर समय दें ताकि सभी पर आपकी पकड़  मजबूत हो ।  

और अंत में सबसे ज़रूरी बात 
अपनी योजना और रूटीन को छोटे- छोटे टुकड़ों में बातें और अपने तैयारी सच्चाई के साथ करें। अपने रूटीन को ज़्यादा कठिन न रखें क्यूंकि उससे आप उसे कभी पूरा नहीं कर पाएंगे और आपकी चिंता बढ़ जाएगी। इसलिए, अपनी तैयारी के साथ जितना हो सके उतना वास्तविक और सच्चा बनने का प्रयास करें। 

इस वर्ष क्लैट अधिसूचना के लिए, नीचे देखें।
 CLAT 2023 Notification
 

बिज़नेसमैन ओपेश सिंह की प्रसिद्द पुस्तक 'Setting Up Business In Africa' का पार्ट-2 हुआ लॉन्च

डिजिटल डेस्क, मुंबई। 13 जुलाई, 2022 को बिज़नेसमैन और लेखक ओपेश सिंह द्वारा लिखी गयी प्रसिद्द पुस्तक 'Setting Up Business In Africa' के पार्ट-2 का विमोचन हुआ। ये पुस्तक उन लोगों के लिए बहुत लाभदायक है जो विदेशों में खुदका बिज़नेस करना चाहते है। ओपेश सिंह एक बिज़नेसमैन, लेखक, निवेशक और एक वैश्विक व्यापार सलाहकार/कोच हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अपने 15 वर्षों के अनुभव के साथ और इतने सारे देशों का दौरा करने के बाद, उन्हें अफ्रीकी महाद्वीप में व्यापार के बहुत सारे अवसर मिलते हैं। 

इस पुस्तक का पार्ट 2 लॉन्च करने के पीछे का कारण बताते हुए ओपेश सिंह ने बताया कि "जिस समय वहमैं वैश्विक बाजार में व्यापार में विस्तार कर रहा था, मुझे बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, मैंने देखा कि काउन्सलिंग और तकनीक के क्षेत्र में कमी थी और यह शायद कई प्रमुख कारणों में से एक था, जिसके कारण इंडियन एंटरप्राइज प्रवासी दुनिया भर के बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा सके। इस पुस्तक के साथ आप फिर से देशों के बारे में और वहां उपलब्ध व्यावसायिक अवसरों के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगे।" 

13 देशों में व्यवसाय चलाने और बहुत से देशों का दौरा करने के बाद श्री ओपेश सिंह कई व्यवसाय के अवसर खोजें जो विभिन्न देशों में चलाए जा सकते हैं। उनके व्यावहारिक अनुभव से, आपको देशों का पूर्ण गहन ज्ञान प्राप्त होगा।

    बिज़नेस के लिए कंसल्टेंसी क्यों ज़रूरी हैं?
कंसल्टेंसी किसी भी व्यक्ति या बिज़नेस ग्रुप को समाधान या मार्गदर्शन प्रदान करने में सहायता करती है। बिज़नेस स्ट्रैटेजी से लेकर बिज़नेस को कैसे ग्रो करे, सभी पहलुओं का समाधान आपको यहाँ मिलता हैं। इसलिए कोई भी व्यवसाय शुरू करने या उसे बढ़िया तरीके से चलाने के लिए कंसल्टेंसी ज़रूरी होती हैं।

ओपेश सिंह की मदद से पहुँचाये अपने बिज़नेस को बुलंदियों पर 
Opesh Consultancy Pvt Ltd. एक बिज़नेस कंसल्टेंसी कंपनी है जो लोगों को अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद करती हैं। ओपेश ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक श्री ओपेश सिंह अपने 15 साल के अनुभव के साथ लोगों को खुदका व्यवसाय विस्तार करने में मार्गदर्शन देते है। यह कंपनी ग्राहकों को जटिल व्यावसायिक विषयों को समझने और वर्तमान आर्थिक परिवेश में लागू कर के बड़ा मुनाफा कमाने में मदद करती है। 

कंपनी भारत और विदेशों में अपने 15 वर्षों के व्यावसायिक अनुभव के साथ उपस्थिति दर्ज कराने में मदद कर रही हैं। पिछले दो वर्षों में भी कोविड के दौरान इन्होने विदेशी व्यापार विस्तार और बेहतर बाजार खोज के लिए 50 से अधिक कंपनियों की मदद की है।

कंपनी के संस्थापक ओपेश सिंह overseas businesses को पढ़ाने के लिए सबसे प्रसिद्ध हैं। इन्होने 8 बेस्टसेलिंग किताबें और 10 बिजनेस प्रोग्राम लिखे हैं। इनकी प्रमुख किताबों में “Do Export and Become Rich, Setting up Business in Africa, Win sales game, Let’s Become a Ruling CEO, Earn 1000USD A Day जैसे नाम शामिल है। ओपेश कंसल्टेंसी को यहाँ तक पहुंचाने में सुश्री मेघा नाथ का भी बहुत बड़ा हाथ है। मेघा नाथ निवेशक, कारोबारी महिला, बिजनेस कोच और "बिजनेस इन अफ्रीका" किताब की लेखिका हैं।   

ओपेश कंसल्टेंसी की ऑफिशल वेबसाइट पर आपको बिज़नेस ट्रेनिंग के सीक्रेट टिप्स मिल जायेंगे, जिससे आपका बिज़नेस एक नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकता हैं। यूट्यूब पर यह भावी आंत्रेप्रेन्योर्स को अपनी वीडियोज के ज़रिये फ्री एक्सपर्ट ट्रेनिंग प्रोवाइड कराते हैं।  

श्री ओपेश सिंह और सुश्री मेघा नाथ ओपेश स्टोर प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक हैं और वे अपने विश्वव्यापी स्टार्टअप "ओपेश स्टोर" के माध्यम से लोगों को निर्यात करने में मदद करते हैं। देश विदेश में बहुत से लोग ओपेश स्टोर की विश्वव्यापी उपस्थिति और इसकी अंतरराष्ट्रीय टीम के समर्थन से निर्यात करना शुरू कर चुके हैं।
इनकी मदद से बहुत सी कंपनियों को अपनी विश्वव्यापी टीम द्वारा बेहतर बाजार अनुसंधान, व्यवसाय योजना, व्यवसाय रणनीति, विदेशी विस्तार और कार्यान्वयन प्राप्त होता है। 

आज के समय में जब हर कोई सिर्फ पैसे कमाने के पीछे भागता है वहीं ओपेश सिंह और मेघा नाथ समाज के प्रति अपने फ़र्ज़ को निभाते हैं। वह एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते समाजसेवा से पीछे नहीं हटें हैं। यह दोनों "ओपेश सिंह फाउंडेशन" के संस्थापक हैं। इस फॉउंडेशन के ज़रिये वे बच्चों को उनकी बेहतर शिक्षा और भारत और साथ ही अफ्रीका में अन्य वित्तीय सहायता के लिए मदद करते हैं।

कौन से जानवर विलुप्त होने की कगार पर हैं?

ऐसे ही सुमात्रा में पाए जाने वाले गैंडे, काले गैंडे, अमूर तेंदुए, जंगली हाथी और बोर्नियो के ऑरंगुटैन कुछ ऐसी प्रजातियों में शामिल हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे विलुप्तप्राय हैं या उनकी संख्या 100 से भी कम रह गई है.

भारत में कितने जानवर विलुप्त हो चुके हैं?

भारत में कुल कितने जीव और कितने खतरे में उसके अनुसार,पक्षियों की 15 प्रजातियां, स्तन धारियों की 12 प्रजातियां खतरे में हैं. वहीं सरीसृप और उभयचर की 18 प्रजातियां गंभीर रूप से लुप्त प्राय सूची में शामिल हो गई हैं.

निम्नलिखित में से कौन एक विलुप्त प्रजाति है?

सही उत्तर है इंद्रोक।

कौन से पक्षी विलुप्त हो चुके हैं?

विलुप्त पक्षियों में डोडो पक्षी सबसे प्रमुख है। यह पक्षी मॉरीशस का एक स्थानीय पक्षी था। यह पक्षी उड़ नहीं पाते थे और बहुत बड़े आकार के होते थे। डोडो कबूतर का नज़दीकी रिश्तेदार माना जाता था।