ककव की आँख फागुन की सुनता क्यों नहीं हट रही है? - kakav kee aankh phaagun kee sunata kyon nahin hat rahee hai?

कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?

Solution

फागुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा-भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कहीं हरी तो कही लाल पत्तियाँ हैं, फूलों की मंद-मंद खुश्बू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसीलिए कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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कवी की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?

फागुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा-भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कहीं हरी तो कही लाल पत्तियाँ हैं, फूलों की मंद-मंद खुश्बू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसीलिए कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।

फागुन में कौन लाल हरा दिखता है?

कवि को हरे पत्तों और लाल कोयलों से भरी डालियों के बीच खिले सुगंधित फूलों की शोभा बिखरी है।