जर्मेनिया व मारीआन का संबंध किससे है इसका क्या महत्व है? - jarmeniya va maareeaan ka sambandh kisase hai isaka kya mahatv hai?

इसे सुनेंरोकेंजिस तरह से मारिआन तथा जर्मेनिया को चित्रित किया गया उसका व्यापक महत्व था। मारिआन की प्रतिमा को स्वतंत्रता एकता और न्याय का प्रतीक माना गया। इससे जनता में इन उद्दात राजनीतिक भावनाओं का संचार हुआ। इसी प्रकार जर्मेनिया का चित्र स्वतंत्रता, शक्ति, बहादुरी, शांति तथा एक नए युग के सूत्रपात का प्रतीक था।

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मारयान और जर्मनी कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंमारीआन फ्रांसीसी गणराज्य का प्रतिनिधित्व करती है , जबकि जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक है । जर्मेनिया को बलूत वृक्ष के पत्तों का मुकुट पहने दिखाया गया, क्योंकि जर्मन में बलूत को वीरता का प्रतीक माना जाता है।

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जर्मेनिया कौन थी उसे किस प्रकार चित्रित किया गया था?

इसे सुनेंरोकेंजर्मेनिया (Germania) एक पेंटिंग है जो 1848 के क्रांतियों के दौरान मार्च 1848 के अन्त में बनाई गई थी। वास्तव में यह जर्मनी राष्ट्र की महिला रूपक थी (जैसे मारीआन फ्रान्स की महिला रूपक)।

फ्रांस के क्रांतिकारियों ने फ्रांस के लोगों में एकता और संगठन की भावना बनाए रखने की दिशा में क्या कदम उठाए?

इसे सुनेंरोकेंफ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने क्या कदम उठाए? पितृभूमि और नागरिक जैसे विचारों ने एक संयुक्त समुदाय के विचार पर बल दिया, जिसे एक संविधान के अंतर्गत समान अधिकार प्राप्त थे। एक नया फ्रांसीसी झंडा चुना गया, जिसने पहले के राष्ट्रध्वज की जगह ले ली।

वियना कांग्रेस के अनुसार जर्मनी को कितने राज्यों का महासंघ बनाया गया?

इसे सुनेंरोकेंउसे 22 राज्यों का शक्तिशाली संघ बनाया गया। जर्मनी के संबंध में कांग्रेस के निर्णय काफी महत्वपूर्ण थे।

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2 फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने क्या कदम उठाए?`?

इसे सुनेंरोकेंमारीआन- इसने जन राष्ट्रीय के विचारों को रेखांकित किया। उसके चिह्न भी स्वतंत्रता और गणतंत्र के थे-लाल टोपी, तिरंगा और कलगी। मारीआन की प्रतिमाएँ चौकों पर लगाई गई ताकि जनता को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे और लोगों मरियान की छवि डाक टिकटों पर अंकित की गई।

इसे सुनेंरोकेंकिस तरह उन्हें चित्रित किया गया उनका क्या महत्व था? फ्रांस और जर्मनी के कलाकारों द्वारा स्वतंत्रता, न्याय तथा विचारों को प्रकट करने के लिए नारी रूपक का प्रयोग किया गया। फ्रांस में इसी नारी रूपक को मारीआन नाम दिया गया और जर्मनी में जर्मेनिया नाम दिया गया। मारीआन- इसने जन राष्ट्रीय के विचारों को रेखांकित किया।

जर्मेनिया से आप क्या समझते है?

इसे सुनेंरोकेंजर्मेनिया (Germania) एक पेंटिंग है जो 1848 के क्रांतियों के दौरान मार्च 1848 के अन्त में बनाई गई थी। वास्तव में यह जर्मनी राष्ट्र की महिला रूपक थी (जैसे मारीआन फ्रान्स की महिला रूपक)।

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जर्मेनिया की तलवार पर क्या लिखा था?

इसे सुनेंरोकेंजर्मेनिया – यह जर्मन राष्ट्र की नारी रूपक थी। चाक्षुष अभिव्यक्तियों में वह बलूत वृक्ष के पत्तों को मुकुट पहनती है। क्योंकि जर्मनी में बलूत वीरता का प्रतीक है। उसने हाथ में जो तलवार पकड़ी हुई थी उस पर यह लिखा हुआ है “जर्मन तलवार जर्मन राइन की रक्षा करती है।

मरियां और जर्मन कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंमारीआन- इसने जन राष्ट्रीय के विचारों को रेखांकित किया। उसके चिह्न भी स्वतंत्रता और गणतंत्र के थे-लाल टोपी, तिरंगा और कलगी। मारीआन की प्रतिमाएँ चौकों पर लगाई गई ताकि जनता को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे और लोगों मरियान की छवि डाक टिकटों पर अंकित की गई। जर्मेनिया- जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक बन गई।

2 फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने क्या कदम?

इसे सुनेंरोकेंफ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियो ने कई कदम उठाए। उन्होंने इसके लिए रोमांटिसिज्म का सहारा लिया। रोमांटिसिज्म एक सांस्कृतिक आंदोलन था जो एक खास तरह की राष्ट्रवादी भावना का विकास करना चाहता था। रोमांटिक कलाकार सामान्यतया तर्क और विज्ञान को बढ़ावा देने के खिलाफ होते थे।

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4 जर्मनी में राष्ट्रवाद का प्रतीक कौन थी?`?

इसे सुनेंरोकेंइसी प्रकार जर्मनी में, जर्मन राष्ट्र के प्रतीक के रूप में जर्मेनिया को रूपक माना गया। उसे बलूत वृक्ष के पत्तों के मुकुट से सजाया गया क्योंकि जर्मनी में बलूत को वीरता का प्रतीक माना जाता है।

जर्मनी की रूपक का क्या नाम है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: जर्मेनिया- जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक बन गई। चाक्षुष अभिव्यक्तियों में जर्मेनिया बलूत वृक्ष के पत्तों को पहनती है क्योंकि जर्मन बलूच वीरता का प्रतीक है।

फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने सामूहिक अपनेपन का भाव विकसित करने के लिए कौन से नए झंडे को अपनाया था?

इसे सुनेंरोकें(ख) क्रांतिकारियों ने एक नया तिरंगा फ्रांसीसी झंडा चुना। इस झंडे ने पुराने राष्ट्रीय झंडे की जगह ली। (ग) इस्टेट जेनरल का चुनाव सक्रिय नागरिकों के एक समूह द्वारा किया जाने लगा। इस्टेट जेनरल का नाम बदल कर नेशनल :एसेंबली कर दिया गया।

राष्ट्रवाद के पिता कौन है?

इसे सुनेंरोकेंबाल गंगाधर तिलक का निधन अपने राष्ट्रवादी आंदोलनों की वजह से बाल गंगाधर तिलक को भारतीय राष्ट्रवाद के पिता के रूप में जाना जाता है.

मारीआन और जर्मेनिया कौन थी उनके चित्र करने का क्या उद्देश्य था?

Solution : फ्रांस में राष्ट्र के प्रतीक के रूप में लोकप्रिय ईसाई नाम मारीआन दिया गया। उसे लाल टोपी, तिरंगा और कलगी के साथ दिखाया गया और उसकी प्रतिमाएँ सार्वजनिक चौराहों पर लगाई गई ताकि लोगों को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे। इसी प्रकार जर्मनी में, जर्मन राष्ट्र के प्रतीक के रूप में जर्मेनिया को रूपक माना गया।

जर्मेनिया का क्या महत्व था?

जर्मेनिया- जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक बन गई। चाक्षुष अभिव्यक्तियों में जर्मेनिया बलूत वृक्ष के पत्तों को पहनती है क्योंकि जर्मन बलूच वीरता का प्रतीक है। इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं में यूनान का स्वतंत्रता संग्राम एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस घटना के द्वारा पूरे यूरोप के मिश्रित वर्ग में राष्ट्रीय भावना प्रवाहित हुई।

3 मारीआन और जर्मेनिया कौन थे जिस तरह उन्हें चित्रित किया गया?

Solution : मारीआन और जेर्मेनिया दो नारियों के चित्र हैं। उन्हें राष्ट्रों के रूप में चित्रित किया गया है। <br> फ़्रांसिसी कलाकारों ने फ़्रांसिसी क्रांति के दौरान स्वतंत्रता, न्याय, और गणतंत्र जैसे विचारों को व्यक्त करने के लिए नारी रूपकों का प्रयोग किया फ्रांसिस कलाकरों ने नारी रूपकों का आविष्कार वीं सदी में किया था।

फ्रांस में मारीआन की प्रतिमा का क्या महत्व है?

मारिआन की प्रतिमा को स्वतंत्रता एकता और न्याय का प्रतीक माना गया। इससे जनता में इन उद्दात राजनीतिक भावनाओं का संचार हुआ। इसी प्रकार जर्मेनिया का चित्र स्वतंत्रता, शक्ति, बहादुरी, शांति तथा एक नए युग के सूत्रपात का प्रतीक था।