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जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जाता है वह स्वर कहलाता है क्योंकि स्वर सीधा कंठ से होकर बिना कोई स्वर तंत्री से टकराए हुए मुंह के बाहर निकल जाता है इसे ही स्वतंत्र रूप से उच्चारण उच्चारण करना कहते हैं इसलिए जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जाता है वह स्वर ही होता है धन्यवाद Romanized Version जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से होता है उसे क्या कहते हैं?जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जाता है, उन्हें स्वर कहते हैं।
स्वतंत्र रूप से उच्चारित वर्ण क्या होते हैं?स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण, स्वर कहलाते हैं। हिन्दी भाषा में मूल रूप से ग्यारह स्वर होते हैं। ग्यारह स्वर के वर्ण: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ आदि। हिन्दी भाषा में ऋ को आधा स्वर माना जाता है, अतः इसे स्वर में शामिल किया गया है।
जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी सहायता तथा रुकावट के स्वतंत्र रूप से होता है वह क्या कहलाते हैं?जिन ध्वनियों के उच्चारण में श्वान्स वायु बिना किसी रुकावट के मुख से निकलती है, उसे स्वर वर्ण कहते हैं। दूसरे शब्दों में स्वर उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध तथा बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता है।
जिन व्यंजनों का उच्चारण स्वतन्त्र रूप से होता हो और जो व्यंजनों के उच्चारण में सहायक हो वे क्या कहलाते है?यह अनुनासिक कहलाता है।
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