आंग-सान-सू-की के नेतृत्व में लोकतंत्र की पुन: बहाली के लिए वर्षों तक आंदोलन हुए | फलस्वरूप, लगभग 30 वर्षों बाद 1990 में वहाँ निर्वाचन हुआ और आंग-सान-सू-की के नेतृत्व वाली नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी नामक राजनीतिक दल को बहुमत प्राप्त हुआ | Show संघर्ष या द्वन्द्व (Conflict) से तात्पर्य दो या अधिक समूहों के बीच मतभेद, प्रतिरोध, विरोध आदि से है। एक ही समूह के अन्दर भी द्वन्द्व हो सकता है। इस स्थिति में अन्तःसमूह द्वन्द्व (intragroup conflict) कहते हैं। संघर्ष अपने स्वप्नों को प्राप्त करने का भी हो सकता है। यह संघर्ष परिस्थितियों से होता है। जिसमे व्यक्ति/जीव स्वयं को तपाता है। NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 5 - जन-संघर्ष और आंदोलन (Jan Sangharsh aur Aandolan) Loktantrik Rajnitiनेपाल और बोलीविया में जन-संघर्ष • इस प्रतिरोध ने जल्दी ही अनियतकालीन 'बंद' का रूप ले लिया और इसमें माओवादी बागी तथा अन्य संगठन भी साथ हो लिए। • उन्होंने संसद को बहाल करने, एक सर्वदलीय सरकार को शक्ति और एक नई विधानसभा बनाने की मांग की। • 24 अप्रैल 2006 को, अल्टीमेटम के अंतिम दिन, राजा को तीनों मांगों को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया। • गिरिजा प्रसाद कोइराला अंतरिम सरकार के नए प्रधानमंत्री बने, जैसा कि एस.पी.ए. ने चुना था। • माओवादियों और एसपीए ने एक नई संविधान सभा बनाने पर सहमति व्यक्त की। • इस जन संघर्ष को लोकतंत्र के लिए नेपाल के दूसरे आंदोलन के रूप में जाना जाता है। • 2008 में राजतंत्र को खत्म किया और नेपाल संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। 2015 में यहाँ एक नये संविधान को अपनाया गया। बोलीविया का जल-युद्ध • पानी की आपूर्ति को नियंत्रित करने के बाद, कंपनी ने कीमत में चार गुना वृद्धि की। • इसके कारण स्वतः स्फ्रूर्त जन-संघर्ष भड़क उठा| • MNC के साथ अनुबंध रद्द कर दिया गया था और पुरानी दरों पर नगरपालिका को पानी की आपूर्ति बहाल कर दी गई थी। • इसे बोलीविया के जल युद्ध के रूप में जाना जाता है। लामबंदी और संगठन नेपाल के संघर्ष में कौन शामिल हुआ? • स्वदेशी लोगों, शिक्षकों, वकीलों और मानवाधिकार समूहों के संगठन ने भी आंदोलन को समर्थन दिया| बोलीविया में संघर्ष में कौन शामिल हुआ? → इस संगठन में इंजीनियर और पर्यावरणवादी समेत स्थानीय कामकाजी लोग शामिल थे। इस संगठन को सिंचाई पर निर्भर किसानों के एक संघ, कारखाना-मजदूरों के संगठन के परिसंघ, कोचबंबा विश्वविद्यालय के छात्रों तथा शहर में बढ़ती बेघर-बार बच्चों की आबादी का समर्थन मिला। • इस आंदोलन को 'सोशलिस्ट पार्टी' ने भी समर्थन दिया। सन् 2006 में बोलिविया में सोशलिस्ट पार्टी को सत्ता हासिल हुई। राजनीतिक दलों और दबाव समूहों के बीच अंतर • राजनीतिक दलों के उदाहरण भाजपा, कांग्रेस, राकांपा आदि हैं। दबाव समूह/हित समूह और आंदोलन • दबाव समूह वे संगठन हैं जो सरकारी नीतियों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। • ये संगठन तब बनते हैं जब एक सामान्य उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सामान्य व्यवसाय, रुचि, आकांक्षाओं या विचारों वाले लोग एक साथ आते हैं। • एक हित समूह की तरह, एक आंदोलन भी चुनावी प्रतिस्पर्धा में सीधे भाग लेने के बजाय राजनीति को प्रभावित करने का प्रयास करता है। • उदाहरण हैं नर्मदा बचाओ आंदोलन, सूचना का अधिकार आंदोलन, शराब विरोधी आंदोलन, महिलाओं का आंदोलन, पर्यावरण आंदोलन। • हित समूहों के विपरीत, आंदोलनों में एक ढीला संगठन है। • उनका निर्णय लेना अधिक अनौपचारिक और लचीला है। • वे सहज सामूहिक भागीदारी पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। वर्ग विशेष के हित समूह • वे समाज के किसी विशेष वर्ग या समूह के हितों को बढ़ावा देना चाहते हैं जैसे कि श्रमिक, कर्मचारी, व्यवसायी, उद्योगपति आदि। • उदाहरण के तौर पर ट्रेड यूनियन, व्यापारिक संघ हैं। • उनकी मुख्य चिंता उनके सदस्यों की बेहतरी और भलाई है, न कि सामान्य रूप से समाज की भलाई। जन सामान्य के हित समूह • इन्हें लोक कल्याणकारी समूह भी कहा जाता है क्योंकि ये किसी ख़ास हित के बजाय सामूहिक हित को बढ़ावा देते हैं। • इनका लक्ष्य अपने सदस्यों की नहीं बल्कि किन्हीं और की मदद करना होता है। आंदोलन समूह • ऐसे आंदोलनों के नियंत्रण अथवा दिशा-निर्देश के लिए कोई एक संगठन नहीं होता। पर्यावरण आंदोलन के अंतर्गत अनेक संगठन तथा खास-खास मुद्दे पर आधारित आंदोलन शामिल हैं। NAPM क्या है? भारत में दबाव समूह और आंदोलन राजनीति को कैसे प्रभावित करते हैं? • दबाव-समूह और आंदोलन अपने लक्ष्य तथा गतिविधियों के लिए जनता का समर्थन और सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए सूचना अभियान चलाना, बैठक आयोजित करना अथवा अर्जी दायर संघर्ष से आप क्या समझते हैं?संघर्ष या द्वन्द्व (Conflict) से तात्पर्य दो या अधिक समूहों के बीच मतभेद, प्रतिरोध, विरोध आदि से है। एक ही समूह के अन्दर भी द्वन्द्व हो सकता है। इस स्थिति में अन्तःसमूह द्वन्द्व (intragroup conflict) कहते हैं। संघर्ष अपने स्वप्नों को प्राप्त करने का भी हो सकता है।
संघर्ष कितने प्रकार के होते हैं?संघर्ष के प्रकार. वैयक्तिक संघर्ष वैयक्तिक संघर्ष उसे कहते हैं जब संघर्षशील व्यक्तियों में व्यक्तिगत रूप से घृणा होती है तथा वे अपने स्वयं के हितों के लिए अन्य को शारीरिक हानि पहुंचाने तक भी तैयार हो जाते हैं। ... . प्रजातीय संघर्ष ... . वर्ग संघर्ष ... . जातीय संघर्ष ... . राजनैतिक संघर्ष ... . अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष. संघर्ष का महत्व क्या है?मजूमदार ने संघर्ष के महत्व को स्पष्ट करते हुए यह उल्लेख किया कि संघर्ष अंतःसमूह के मनोबल को बढ़ाता है एक संघर्ष संकटों को दूर करने के लिए अहिंसात्मक साधनों की खोज की ओर प्ररेति कर सकता है। इस प्रकार स्पष्ट होता है कि संघर्ष समाज मे सकारात्मक भूमिका का निर्वाह करता है।
संघर्ष क्या है वह क्यों होता है?गिलिन एण्ड गिलिन: संघर्ष सामाजिक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अथवा समूह अपने उद्देश्य की प्राप्ति अपने विरोधी को हिंसा अथवा हिंसा के भय द्वारा प्रत्यक्ष चुनौती देकर करते हैं। संघर्ष प्रतिकूलता के पश्चात प्रारम्भ होता है। स्वार्थपरता बढ़ने से व्यक्ति दूसरे को हानि पहुंचाने लगता है।
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