इंदिरा गाँधी राष्टीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1985 में की गई। भारत में व्याप्त शैक्षिक समस्याओं को देखते हुए इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय का निर्माण किया गया। इसका मुख्यालय दिल्ली (केंद्रशासित प्रदेश) में स्थापित किया गया हैं। इसका उद्देश्य ऐसे छात्रों को शिक्षित करना था जिनका किसी वजह से शिक्षण कार्य छुट गया हो या ऐसे छात्र जो पढ़ना चाहते हो पर उत्त्पन्न परिस्थितियों की वजह से उन्हें पढ़ाई से वंचित रहना पड़ा हों। Show
इंदिरा गाँधी राष्टीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) समय समय पर ऐसे इच्छुक छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया एवं उनकी परीक्षाएं निर्धारित करते रहता है और इन प्रक्रियाओं को वह अपनी वेबसाइड www.ignou.ac.in के माध्यम से छात्रों तक पहुचाता हैं। जिससे इसके उद्देश्यों की प्राप्ति हो सकें। यह भी देखें – भारतीय शिक्षा प्रणाली
इग्नू का उद्देश्य सामान्यतः छात्रों के लिए दुरस्थ शिक्षा की व्यवस्था करना हैं। इसके माध्यम से इग्नू दूर बैठे छात्रों को घर-घर तक पत्राचार एवं डिजिटल माध्यम (रेडियो, दूरदर्शन आदि) से शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था करता हैं। इंदिरा गाँधी राष्टीय मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से दूर-दूर तक शिक्षा पहुचाने की व्यवस्था की जाती हैं। ऐसे बहुत से लोग होते हैं जिनके सामने ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं कि उन्हें शिक्षा का साथ बीच में ही छोड़ना पड़ता हैं। ऐसे छात्र जब समय बीत जाने के बाद दुबारा शिक्षा ग्रहण करने की सोचते हैं एवं उच्च शिक्षा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं तो इग्नू ऐसे छात्रों को शिक्षित कर उन्हें व्यावसायिक कौशल प्रदान करने का कार्य करता हैं। इग्नू के कार्य
इंदिरा गाँधी राष्टीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) की विशेषता
इग्नू एक प्रकार की शैक्षिक संस्था हैं। जो ऐसे लोगों को शिक्षित करती हैं जो किसी वजह से पढ़ाई से विमुख हो चुके हों। उनके लिए यह अवसर उपलब्ध करवाती हैं जिससे उन लोगों को अपनी पढ़ाई शुरू करने के अवसर प्राप्त हो सकें और वह समाज के साथ समायोजन करने एवं समाज के कार्यों में सहयोग प्रदान कर सकें। निष्कर्ष इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। इसके इसका लक्ष्य भारत के ऐसे तपके को शिक्षित करना था जो पढ़ाई से अभी तक वंचित है या वह जो चाहकर भी अपनी परिस्थितियों को देखते हुए पढ़ाई चाह कर भी नही कर सकें। इग्नू की स्थापना करना गौरवपूर्ण और लाभकारी सिद्ध हुआ हैं। आपने आज इग्नू, (IGNOU in hindi) इसके उद्देश्य, इसके कार्यो को विस्तृत रूप से जाना। इस पोस्ट के माध्यम से आपके ज्ञान में वृद्धि हुई हों तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें। ताकि वह भी ज्ञानार्जन कर सकें। अपने बहुमूल्य सुझाव के लिए नीचें दिए गए संदेश बॉक्स से हमकों संदेश भेजें। संबंधित लेख – को-करीकुलर एक्टिविटीज
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का प्रवेश-द्वार इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (संक्षेप में इग्नू -IGNOU) भारतीय संसदीय अधिनियम के द्वारा सितम्बर, 1985 में स्थापित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसका मुख्य कार्यालय नयी दिल्ली (मैदान गढ़ी) में स्थापित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। भारत और अन्य 33 देशों के लगभग 40 लाख विद्यार्थी इसमें अध्ययन करते हैं। यह विश्वविद्यालय भारत में मुक्त और दूरवर्ती अध्ययन का राष्ट्रीय संसाधन केंद्र भी है तथा दूरवर्ती शिक्षा में दुनिया का नायक है।[2] शिक्षण और अनुसंधान के अलावा, विस्तार और प्रशिक्षण इस विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों का मुख्य आधार है। उद्देश्य[संपादित करें]इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना संसदीय अधिनियम के जरिए 1985 में की गई थी जिसे दो जिम्मेदारियां सौंपी गई थी-
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय अधिनियम के उपबंधों के अनुसार, यह विश्वविद्यालय-
प्रबन्धन समिति[संपादित करें]
इग्नू के विभिन्न विद्यापीठ[संपादित करें]
मुख्य प्रभाग[संपादित करें]
मूल्यांकन पद्घति[संपादित करें]इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय मूल्यांकन की द्वि-स्तरीय प्रणाली का प्रयोग करता हैः
सत्रीय कार्य और सत्रांत परीक्षाएँ अनिवार्य हैं। मूल्यांकन के उद्देश्य से दोनों प्रकार के आकलनों के लिए आनुपातिक अंक निर्धारित किए गए हैं। प्रथम प्रयास में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्रदान किए जाते हैं। दूर शिक्षा के क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय अग्रणी है और कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग द्वारा दूर शिक्षा में सर्वोत्तम केंद्र का सम्मान प्राप्त कर चुका है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने देश के अतिरिक्त राष्ट्रीय सीमाओं को लाँघते हुए विकासशील देशों (खाडी देशो, अफ्रिका तथा दक्षिण पूर्वी एशिया आदि) में भी इस क्षेत्र में सहायता प्रदान कर रहा है। अत्याधुनिक दूर शिक्षा प्रणाली ने समाज के दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले वर्गों तक पहुँचने में इसकी सहायता की है। पाठ्यक्रम[संपादित करें]विश्वविद्यालय का शुभारंभ वर्ष 1987 में दो शैक्षिक कार्यक्रमों - प्रबंधन में डिप्लोमा और दूर शिक्षा में डिप्लोमा से हुआ और कुल 4,528 विद्यार्थियों से हुआ। इस समय विश्वविद्यालय में 338 अध्ययन‑कार्यक्रम है जो 3,500 पाठ्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध हैं। विद्यार्थियों की कुल संख्या 30 लाख से अधिक है। अध्ययन‑कार्यक्रम विश्वविद्यालय में इन स्तरों पर विभिन्न कार्यक्रम उपलब्ध हैं:‑ डॉक्टरेट, स्नातकोत्तर, और स्नातक डिग्री कार्यक्रम, स्नातकोत्तर और पूर्वस्नातक डिप्लोमा, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम, शिक्षा पारंपरिक रूप के साथ‑साथ उपभोक्ता संरक्षण, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण, मानवाधिकार, पर्यटन, महिला अधिकारिता एवं बाल विकास, सहभागी वन प्रबंधन, सहभागी योजना, पुनर्वास एवं बहाली, अध्यापन शिक्षा, खाद्य एवं पोषण, चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य शिक्षा, एचआईवी/एड्स, प्रयोगशाला तकनीक और ऑनलाइन शिक्षण जैसे उभरते हुए अंतर‑विषयक क्षेत्रों में भी प्रदान की जाती है। प्रभाग[संपादित करें]इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय के भीतर विभिन्न प्रशासनिक गतिविधियों का ख्याल रखने के लिए निम्नलिखित ग्यारह डिवीजन हैं।
शोध इकाई[संपादित करें]शोध इकाई की स्थापना इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में 6 अक्टूबर 2008 की अधिसूचना के अनुसार की गई थी। इससे पहले, अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों को अकादमिक समन्वय प्रभाग द्वारा देखा गया था। निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ इकाई स्थापित की गई है:
पढ़ाई के स्कूल[संपादित करें]अंतःविषय कार्यक्रमों को विकसित करने की दृष्टि से, विश्वविद्यालय अपने स्कूलों के अध्ययन के माध्यम से संचालित होता है। से प्रत्येक स्कूल का नेतृत्व एक निदेशक करता है जो समन्वय में अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों को व्यवस्थित करने की व्यवस्था करता है स्कूल के संकाय और कर्मचारियों, और विश्वविद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक, प्रशासनिक और सेवा प्रभागों के साथ। विभिन्न स्तरों पर पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत पसंद प्रदान करने पर जोर दिया गया है। वर्तमान में अध्ययन के निम्नलिखित स्कूल संचालन में हैं:
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
मुक्त विश्वविद्यालय का उद्देश्य क्या है?राष्ट्रीय लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए स्कूली क्षेत्र पर सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में साथ सहभागिता करना। भारत और विदेश में संस्थाओं / संगठनों / एजेंसियों को मुक्त और दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में व्यावसायिक /तकनीकी परामर्श प्रदान करना।
मुक्त विश्वविद्यालय की क्या विशेषता है?इन विश्वविद्यालयों में प्रवेश/नामांकन की नीति खुली या शिथिल होती है अर्थात विद्यार्थियों को अधिकांश स्नातक स्तर के प्रोग्रामों में प्रवेश देने के लिये उनके पूर्व शैक्षिक योग्यताओं की ज रूरत का बन्धन नहीं लगाया जाता। (घ) अपनी शैक्षिक योग्यताएं बढ़ाने के इच्छुक व्यक्तियों को लाभ प्रदान कर रही है।
इंदिरा गांधी मुक्त विद्यालय की स्थापना कब हुई?इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (संक्षेप में इग्नू -IGNOU) भारतीय संसदीय अधिनियम के द्वारा सितम्बर, 1985 में स्थापित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसका मुख्य कार्यालय नयी दिल्ली (मैदान गढ़ी) में स्थापित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है।
भारत का पहला मुक्त विश्वविद्यालय कौन सा है?भारत में पहली ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना 1982 में भीम राव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी, हैदराबाद द्वारा की गई, जिसके बाद 1985 में भारत की संसद द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई।
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