हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

CBSE Class 10 Hindi Chapter 8 Kar Chale Hum Fida Summary, Explanation , Question Answers (NCERT SOLUTIONS) from Sparsh Bhag 2

Kar Chale Hum Fida Class 10 CBSE Class 10 Hindi Lesson summary with a detailed explanation of  ‘Kar Chale Hum Fida‘ by Bihari along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with a summary and all the exercises, Questions Answers (Solutions) given at the back of the lesson.

कर चले हम फ़िदा कक्षा 10 हिंदी पाठ 8

(कविता)

  • See Video Explanation of Hindi Chapter 8 Kar Chale Hum Fida
  • कर चले हम फ़िदा पाठ प्रवेश
  • कर चले हम फ़िदा पाठ की व्याख्या
  • कर चले हम फ़िदा पाठ सार
  • कर चले हम फ़िदा Question Answers (Solutions)

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

कवि परिचय

कवि – कैफ़ी आज़मी
जन्म – 1919 (उत्तर प्रदेश )
मृत्यु – 2002

Kar Chale Hum Fida Class 10 Video Explanation

Kar Chale Hum Fida Introduction (पाठ प्रवेश)

जिंदगी सभी प्राणियों को प्रिय होती है। इसे कोई ऐसे ही बेमतलब गवाना नहीं चाहेगा। ऐसा रोगी जो ठीक नहीं हो सकता वो भी जीवन जीने की इच्छा करता है। जीवन की रक्षा करना अपनी सुरक्षा करना और उस जीवन को बनाये रखने के लिए प्रकृति ने सिर्फ साधन ही उपलब्ध नहीं करवाएं है बल्कि सभी जीव जंतुओं को उसे बनाने और बचाये रखने की भावना भी दी है। इसीलिए तो शांति प्रिय जीव भी अपनी जान बचाने के लिए हमला करने के लिए तैयार रहते हैं।

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

लेकिन सैनिक का जीवन बिलकुल इसके विपरीत होता है। क्योंकि सैनिक उस समय सीना तान कर खड़ा हो जाता है जब उसके जीवन पर नहीं बल्कि दूसरों के जीवन और आज़ादी पर संकट आता है। जबकि ऐसी स्थिति में उसे पता होता है कि दूसरों की आज़ादी और जिंदगी भले ही बची रह सकती है परन्तु उसकी जान जाने की सम्भावना सबसे अधिक होती है।

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

प्रस्तुत पाठ जो युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म   ‘हकीकत’ के लिए लिखा गया था, ऐसे ही सैनिकों के दिल की बात बयान करता है जिन्हें अपने किये पर नाज है। इसी के साथ उन्हें देशवासियों से कुछ आशाएँ भी हैं। जिनसे उन्हें आशाएँ हैं वो देशवासी हम और आप हैं तो इसलिए इस पाठ के जरिये हम जानेगे की हम किस हद तक उनकी आशयों पर खरे उतरे हैं।

  Top

Kar Chale Hum Fida Summay  (पाठ सार)

Kar Chale hum Fida Summary – प्रस्तुत कविता में देश के सैनिकों की भावनाओं का वर्णन है। सैनिक कभी भी देश के मानसम्मान को बचाने  से पीछे नहीं हटेगा। फिर चाहे उसे अपनी जान से ही हाथ क्यों ना गवाना पड़े। भारत – चीन युद्ध के दौरान सैनिकों को गोलियाँ लगने के कारण उनकी साँसें रुकने वाली थी ,ठण्ड के कारण उनकी नाड़ियों में खून जम रहा था परन्तु उन्होंने किसी चीज़ की परवाह न करते हुए दुश्मनों का बहदुरी से मुकाबला किया और दुश्मनों को आगे नहीं बढ़ने दिया। सैनिक गर्व से कहते है कि हमें अपने सर भी कटवाने पड़े तो हम ख़ुशी ख़ुशी कटवा देंगे पर हमारे गौरव के प्रतिक हिमालय को नहीं झुकने देंगे अर्थात हिमालय पर दुश्मनों के कदम नहीं पड़ने देंगे। लेकिन देश के लिए प्राण न्योछावर करने की ख़ुशी कभी कभी किसी किसी को ही मिल पाती है अर्थात सैनिक देश पर मर मिटने का एक भी मौका नई खोना चाहते। जिस तरह से दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जाता है उसी तरह सैनिकों ने भी अपने प्राणों का बलिदान दे कर धरती को खून से लाल कर दिया है सैनिक कहते हैं कि हम तो देश के लिए बलिदान दे रहे हैं परन्तु हमारे बाद भी ये सिलसिला चलते रहना चाहिए। जब भी जरुरत हो तो इसी तरह देश की रक्षा के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए। सैनिक अपने देश की धरती को सीता के आँचल की तरह मानते हैं और कहते हैं कि अगर कोई हाथ आँचल को छूने के लिए आगे बड़े तो उसे तोड़ दो।अपने वतन की रक्षा के लिए तुम ही राम हो और तुम ही लक्ष्मण हो अब इस देश की रक्षा का दायित्व तुम पर है।

  Top

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

कर चले हम फ़िदा पाठ की व्याख्या (Explanation)

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

शब्दार्थ

फ़िदा – न्योंछावर
हवाले – सौंपना
बाँकपन – वीरता का भाव

प्रसंग -: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि कैफ़ी आज़मी हैं। इन पंक्तियों में कवि एक वीर सैनिक का अपने देशवासियों को दिए आखरी सन्देश का वर्णन कर रहा है।

कवि कहते हैं कि सैनिक अपने आखिरी सन्देश में कह रहें है कि वो अपने प्राणों को देश हित के लिए न्योछावर कर रहें है ,अब यह देश हम जाते जाते आप देशवासियों को सौंप रहें हैं। सैनिक उस दृश्य का वर्णन कर रहें है जब दुश्मनों ने देश पर हमला किया था। सैनिक कहते है कि जब हमारी साँसे हमारा साथ नहीं दे रही थी और हमारी नाड़ियों में खून जमता जा रहा ,फिर भी हमने अपने बढ़ते क़दमों को जारी रखा अर्थात दुश्मनों को पीछे धकेलते गए। सैनिक गर्व से कहते है कि हमें अपने सर भी कटवाने पड़े तो हम ख़ुशी ख़ुशी कटवा देंगे पर हमारे गौरव के प्रतिक हिमालय को नहीं झुकने देंगे अर्थात हिमालय पर दुश्मनों के कदम नहीं पड़ने देंगे। हम मरते दम तक वीरता के साथ दुश्मनों का मुकाबला करते रहे अब इस देश की रक्षा का भार आप देशवासियों को सौंप रहे हैं।

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुलहन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

शब्दार्थ

रुत  – मौसम
हुस्न – सुन्दरता
रुस्वा – बदनाम
खूँ – खून

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि कैफ़ी आज़मी हैं। इन पंक्तियों में कवि सैनिक के बलिदान का भावनात्मक रूप से वर्णन कर रहा।

>व्याख्या सैनिक कहते हैं कि हमारे पूरे जीवन में हमें जिन्दा रहने के कई अवसर मिलते हैं लेकिन देश के लिए प्राण न्योछावर करने की ख़ुशी कभी कभी किसी किसी को ही मिल पाती है अर्थात सैनिक देश पर मर मिटने का एक भी मौका नई खोना चाहते। सैनिक देश के नौजवानों को प्रेरित करते हुए कहते हैं कि सुंदरता और प्रेम का त्याग करना सीखो क्योंकि वो सुंदरता और प्रेम ही क्या ,जवानी ही क्या जो देश के लिए अपना खून न बहा सके। सैनिक देश की धरती को दुल्हन की तरह मानते है और कहते है कि जिस तरह दुल्हन को स्वयंवर में हासिल करने के लिए राजा किसी भी मुश्किल को पार कर जाते थे उसी तरह तुम भी अपनी इस दुल्हन को दुश्मनों से बचा कर रखना। क्योंकि अब हम देश की रक्षा का दायित्व आप देशवासियों पर छोड़ कर जा रहे हैं।

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
फतह का जश्न इस जश्न के बाद है
जिंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

शब्दार्थ

कुर्बानियाँ – बलिदान
वीरान – सुनसान
काफ़िलें  – यात्रिओं के समूह
फतह – जीत
जश्न – ख़ुशी

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि कैफ़ी आज़मी हैं। इन पंक्तियों में सैनिक देशवासियों को देश के लिए बलिदान करने के लिए तैयार रहने को कहते हैं।

व्याख्या सैनिक कहते हैं कि हम तो देश के लिए बलिदान दे रहे हैं परन्तु हमारे बाद भी ये सिलसिला चलते रहना चाहिए। जब भी जरुरत हो तो इसी तरह देश की रक्षा के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए। जीत की ख़ुशी तो देश पर प्राण न्योछावर करने की ख़ुशी के बाद दोगुनी  हो जाती है। उस स्थिति में ऐसा लगता है मनो जिंदगी मौत से गले मिल रही हो। अब ये देश आप देशवासियों को सौंप रहे हैं अब आप अपने सर पर मौत की चुनरी बांध लो अर्थात अब आप देश की रक्षा के लिए तैयार हो जाओ।

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

खींच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाए न रावन कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

शब्दार्थ

जमीं – जमीन
लक़ीर – रेखा

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि कैफ़ी आज़मी हैं। इन पंक्तियों में सैनिक देशवासियों को प्रेरित कर रहे हैं।

सैनिक कहते हैं कि अपने खून से लक्ष्मण रेखा के समान एक रेखा तुम भी खींच लो और ये तय कर लो कि उस रेखा को पार करके कोई रावण रूपी दुश्मन इस पार ना आ पाय। सैनिक अपने देश की धरती को सीता के आँचल की तरह मानते हैं और कहते हैं कि अगर कोई हाथ आँचल को छूने के लिए आगे बड़े तो उसे तोड़ दो। अपने वतन की रक्षा के लिए तुम ही राम हो और तुम ही लक्ष्मण हो ।अब इस देश की रक्षा का दायित्व तुम पर है।

  Top

हाथ उठने लगे का क्या अर्थ है? - haath uthane lage ka kya arth hai?

Important Videos Links

  • Class 10 History Lesson Video Explanation
  • Class 10 Civics Lesson Video Explanation
  • Class 10 Economics Lesson Video Explanation
  • Class 10 Geography Lesson Video Explanation
  • Class 10 SST Sample Question Papers

Kar Chale hum fida Class 10 Question Answers (NCERT Solutions)

(क )निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1 -: क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है ?

उत्तर -: यह  गीत सन  1962 के भारत – चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। चीन ने तिब्बत की ओर से युद्ध किया और  भारतीय वीरों ने इसका बहदुरी से सामना  किया।

प्रश्न 2 -: ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया ’,इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतिक है ?

उत्तर -: हिमालय भारत के मानसम्मान का प्रतिक है। देश के वीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दे कर भी देश के मान सम्मान की रक्षा की।

प्रश्न 3 -: इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है ?

उत्तर -: जिस तरह से दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जाता है उसी तरह सैनिकों ने भी अपने प्राणों का बलिदान देकर धरती को खून से लाल कर दिया है इसीलिए धरती को दुल्हन कहा गया है।

प्रश्न 4 -: गीत में ऐसे क्या ख़ास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह रह जाते हैं ?

उत्तर -: गीत में भावनात्मकता ,संगीतात्मकता ,लयबद्धता , सच्चाई आदि गुण  होते हैं जिसके कारण वे जीवन भर याद रह जाते हैं। ‘कर चले हम फ़िदा ‘ गीत में देशभक्ति और बलिदान की भावना स्पष्ट दिखाई देती है जिससे ये गीत हर हिंदुस्तानी के दिमाग  में छप गया है।

प्रश्न 5 -: कवि ने ‘साथियों’ सम्बोधन का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?  

उत्तर -: कवि ने ‘साथियों’ शब्द का प्रयोग सैनिक, साथियों और देशवासियों के लिए प्रयोग किया है।

प्रश्न 6 -: कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है ?

उत्तर -: इस कविता में काफ़िले शब्द सैनिकों के समूह के लिए प्रयोग किया गया है ,सैनिक कहते हैं की यदि वे शहीद हो जाएँ तो सैनिकों के अनेक समूह तैयार होने चाहिए ताकि दुश्मन देश में ना घुस सके।

प्रश्न 7 -: इस गीत में ‘ सर पर कफ़न बाँधना ‘ किस ओर संकेत करता है?

उत्तर -: ‘ सर पर कफ़न बाँधना ‘ का अर्थ है ‘ मौत के लिए तैयार होना। सैनिक अपने अंतिम पलों में देशवासियों को सर पर कफ़न बाँधने के लिए कहता है क्योंकि उसने देश की रक्षा में अपने प्राण त्याग दिए है और अब देश की रक्षा का भार देशवासियों पर है।

प्रश्न 8 -: इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर -: प्रस्तुत कविता में देश के सैनिकों की भावनाओं का वर्णन है। सैनिक कभी भी देश के मानसम्मान को बचाने से पीछे नहीं हटेगा। फिर चाहे उसे अपनी जान से ही हाथ क्यों ना गवाना पड़े। सैनिक चाहता है की उसके बलिदान के बाद देश की रक्षा के लिए सैनिकों की कमी नहीं होनी चाहिए। दुश्मन कभी भी उसके द्वारा खींची गई खून की लक्ष्मण रेखा पार ना कर पाए इस उम्मीद से वो देश की रक्षा का भार देशवासियों पर छोड़ कर जा रहा है। सैनिक कहता है कि देश पर जान न्योछावर करने के मौके बहुत कम आते हैं। ये क्रम टूटना नहीं चाहिए।

(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए –

(1) साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया

उत्तर – इन पंक्तियों में कवि ने भारतीय जवानों के साहस का वर्णन किया है। कवि कहता है कि भारत – चीन युद्ध के दौरान सैनिकों को गोलियाँ लगने के कारण उनकी साँसें रुकने वाली थी ,ठण्ड के कारण उनकी नाड़ियों में खून जम रहा था परन्तु उन्होंने किसी चीज़ की परवाह न करते हुए दुश्मनों का बहदुरी से मुकाबला किया और दुश्मनों को आगे नहीं बढ़ने दिया।

(2) खींच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाए न रावन कोई

उत्तर – इन पंक्तियों में सैनिक भारत की धरती को सीता की तरह मानता है और अपने साथियों से कहता है की अपने खून से लक्ष्मण रेखा खींच लो ताकि कोई दुश्मन रूपी रावण भारत के आँचल को छू  भी न सके।

(3) छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो

उत्तर – इन पंक्तियों में सैनिक देशवासियों से कहता है कि वो तो अपना कर्तव्य निभाता हुआ देश के लिए शहीद हो रहा है परन्तु उसके  बाद सीता अर्थात भारत की भूमि की रक्षा करने वाले राम और लक्ष्मण दोनों हम ही हैं ।

  Top

 
CBSE Class 10 Hindi Lessons

Chapter 1 Saakhi Chapter 2 Meera ke Pad Chapter 3 Dohe
Chapter 4 Manushyata Chapter 5 Parvat Pravesh Mein Pavas Chapter 6 Madhur Madhur Mere Deepak Jal
Chapter 7 TOP Chapter 8 Kar Chale Hum Fida Chapter 9 Atamtran
Chapter 10 Bade Bhai Sahab Chapter 11 Diary ka Ek Panna Chapter 12 Tantara Vamiro Katha
Chapter 13 Teesri Kasam ka Shilpkaar Chapter 14 Girgit Chapter 15 Ab Kaha Dusre Ke Dukh Se Dukhi Hone Wale
Chapter 16 Pathjhad ki Patiya Chapter 17 Kartoos

तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे का आशय क्या है?

यदि कोई हाथ हम पर उठने लगे तो उस हाथ को फौरन तोड़ देना चाहिए। यहाँ पर मातृभूमि की तुलना सीता से की गई है जिसका दामन छूने का कोई साहस न कर सके। सैनिक यह भी प्रेरणा देता है कि हमीं में राम भी हैं और लक्ष्मण भी। अर्थात हम हर तरह से अपनी मातृभूमि की रक्षा करने में सक्षम हैं।

सैनिक ने भारत माता को दुल्हन क्यों कहा है?

प्रश्न 3. इस गीत में धरती को दुलहन क्यों कहा गया है? गीत में धरती को दुल्हन इसलिए कहा गया है, क्योंकि सन् 1962 के युद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदानों से, उनके रक्त से धरती लाल हो गई थी, मानो धरती ने किसी दुलहन की भाँति लाल पोशाक पहन ली हो अर्थात भारतीय सैनिकों के रक्त से पूरी युद्धभूमि लाल हो गई थी।

धरती की तुलना दुल्हन से क्यों की गई है?

प्रश्न 3. इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है? इस गीत में धरती को 'दुलहन' की संज्ञा दिया गया है। जिस प्रकार दूल्हा अपनी दुलहन को पाने के लिए कुछ भी कर सकता है उसी प्रकार भारतीय सैनिक भी धरती रूपी दुलहन को पाने के लिए तथा उसके मान-सम्मान की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने को उत्सुक थे।

कर चले हम फ़िदा में हम से क्या आशय है?

इस गीत में कवि ने खुद को भारत माता के सैनिक के रूप में अंकित किया है। कवि कहते हैं कि युद्धभूमि में सैनिक शहीद होते हुए अपने दूसरे साथियों से कहते हैं कि हमने अपने जान और तन को देश सेवा में समर्पित कर दिया, हम जा रहे हैं, अब देश की रक्षा करने का भार तुम्हारे हाथों में है