हॉकी का खेल कैसे शुरू होता है? - hokee ka khel kaise shuroo hota hai?

हॉकी का खेल कैसे शुरू होता है? - hokee ka khel kaise shuroo hota hai?

हॉकी खेल और उसके नियम Hockey Game Rules and Information In Hindi – हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना गया है| इस खेल की शुरुआत कहा से हुई, इसके बारे मे विभिन्न मत है| कुछ विद्वानों का मत है कि यह खेल फारस मे खेला जाता था| इसके पश्चात् यूनान मे खेला जाने लगा| एक मत के अनुसार यह खेल 500 वर्ष पूर्व फ्रासं मे खेला जाता था| एक अन्य मत के अनुसार यह खेल 700 वर्ष पुराना है और आयरलैंड मे हार्लिंग नाम से खेला जाता था| आधुनिक हॉकी का सबसे पहला खेल इंग्लैंड मे खेला गया था|  वहां सन् 1840 मे सर्वप्रथम हॉकी क्लब की स्थापना की गई थी|

भारत मे यह खेल अंग्रेज़ो द्वारा ही लाया गया था| और सर्वप्रथम हॉकी का मैच सन् 1905 मे कलकत्ता मे खेला गया था| सन् 1926 मे पहली भारतीय हॉकी टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर गई, जहा उसने 21 मैच खेले लेकिन यह एक आश्चर्य ही था कि 21 मे 18 मैच जीते, 1 मैच मे पराजय मिली और 2 मैच ड्रा रहे| मेजर ध्यानचंद इसी टीम मे सम्मिलित थे|

हॉकी का खेल

यह दो टीमों के मध्य खेला जाता है, जिसमे पुरुष व महिला दोनों ही वर्ग भाग ले सकते है| प्रत्येक टीम मे ग्यारह खिलाड़ी होते है तथा उनमे ही एक कप्तान होता है| खेल कि अवधि 70 मिनट की होती है, जिसमे 35-35 मिनट की पारियां खेली जाती है| मध्यांतर में 5 मिनट का समय विश्राम के लिए होता है| प्रत्येक टीम में एक-एक गोलकीपर होता है, जिसका कार्य विपक्षी टीम द्वारा गोल करने की कोशिश को नाकाम करना होता है| समय पूरा होने पर जो टीम सबसे अधिक गोल कर चुकी होती है, यह विजयी कहलाती है| 

हॉकी स्टिक हॉकी खेलने की स्टिक लकड़ी की बनी होती है, जो एक ओर से चपटी तथा दूसरी ओर से गोल होती है| यह स्टिक नीचे से मुड़ी होती है| इसका वजन 652 ग्राम से 794 ग्राम तक होता है और लंबाई 36-37 इंच होती है| सबसे अच्छी हॉकी के लिए यहाँ क्लिक करें
गेंद हॉकी खेलने के लिए जिस गेंद का प्रयोग किया जाता है, यह प्रायः ऊपर से देखने में सफ़ेद रंग की होती है, जिसके अंदर ठोस कार्क भरा होता है| ऊपर से यह चमड़े से सिली हुई होती है| इसका भार 51/2 औंस से 53/4 औँस के मध्य होता है और परिधि 813/16 से 91/4 इंच के मध्य होती है|

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हॉकी का खेल कैसे शुरू होता है? - hokee ka khel kaise shuroo hota hai?

अन्य खेल सामग्री        दोनों टीमोँ के गोलकीपर अपनी सुरक्षा के लिए दोनों हाथो में ग्लब्स पहनते है तथा टाँगो में चौडें पैड,     जिससे हाथो-पैरों में चोट न लगे| अपने चहरे की सुरक्षा के लिए मास्क भी प्रयोग में लाते है| इसके अलावा निर्धारित पोशाक-नेकर व टी-शर्ट, जुराबे व जूते पहनना प्रत्येक खिलाड़ी के लिए अनिवार्य होता है|
खेल का मैदान वर्तमान में हॉकी मैदान 100 गज लंबा व 60 गज चौड़ा होता है| मैदान के दोनों सिरो पर चौड़ाई के मध्य में दो-दो खंभे होते है, जिनकी परस्पर दूरी 4 गज होती है| ये गोल के खंभे होते है| मैदान के बीचोबीच एक मध्य रेखा होती है| मध्य रेखा और गोल पोस्ट के बीच 25 गज की एक-एक रेखा और होती है| दोनों तरफ के गोल के खंभो में 16-16 गज की दूरी पर गोल रेखा होती है, जिसे ‘डी‘ कहा जाता है| दोनों गोल पोस्टों के पीछे मजबूत जाल बांधा जाता है| गोल होते समय गेंद इसी जाल में आकार रुक जाती है|
गोल जब एक खिलाड़ी हॉकी की सहायता से गेंद को हिट करते हुए उसे गोल पोस्टों के बीच से जाल में पहुचा दे, तो इसे गोल माना जाता है|

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फ्री हिट मैदान के जिस भाग पर कोई फाउल होता है, तो उसी स्थान से फ्री हिट ली जाती है| फ्री हिट के समय गेंद का स्थिर रहना जरूरी होता है| आक्रामक खिलाड़ी फ्री हिट लगाने के पश्चात् तब तक गेंद को हिट नहीं कर सकता, जब तक कोई दूसरा खिलाड़ी गेंद को हिट न कर ले|
पुश इन खेलते समय कई बार गेंद साइड लाइन से बाहर निकाल जाती है| उसे उसी स्थान से हिट करके वापस खेल में लाया जाता है| जिस पक्ष के खिलाड़ी से गेंद साइड लाइन से बाहर गई थी, उसके विरोधी पक्ष का कोई खिलाड़ी गेंद को हिट करता है| पुश इन के समय कोई भी खिलाड़ी 3 गज के घेरे में नहीं होना चाहिए|
लांग कॉर्नर यदि कोई खिलाड़ी 25 गज की रेखा के भीतर गोल रेखा के बाहर गेंद फेंक देता है, तो आक्रामक खिलाड़ी को दंडस्वरुप कॉर्नर मिलता है| कॉर्नर में गेंद को साइड रेखा तथा गोल को मिलाने वाले कॉर्नर पर रखकर हिट किया जाता है|
पेनल्टी कॉर्नर यदि 25 गज के अंदर खिलाड़ी जान-बूझकर नियम का उल्लंघन करता है, तो विपक्षी दल को पेनल्टी कॉर्नर दिया जा सकता है|
पेनल्टी स्ट्रोक रक्षक टीम कोई खिलाड़ी जब अध्द्रवृत् (डी) के अंदर जान-बूझकर किसी नियम का उल्लंघन करता है, तो आक्रामक टीम को एक पेनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है| यह स्ट्रोक आक्रामक टीम के खिलाड़ी द्वारा गोल रेखा के सामने से 7 गज की दूरी से किया जाता है| इसे रक्षक टीम का केवल गोलकीपर ही रोकने की कोशिश करता है| बाकी दोनों टीमों के खिलाड़ी नजदीक की सीमा-रेखा से 25 गज की दूरी पर रहते है|

महत्वपूर्ण नियम

 1 हॉकी का चपटा भाग ही खेल के लिए प्रयोग किया जाता है|
 2  गेंद को हाथ से रोकना फाउल माना जाता है|
 3  गोल रक्षक पैड, निक्कर, दस्ताने व मास्क का प्रयोग कर सकता है|
 4  हॉकी स्टिक के बिना गेंद को लुढ़काना,फेकना,हवा में उछालना निषेध होता है|
 5  यदि गेंद एम्पायर से टकरा जाए,तो खेल में किसी प्रकार भी बाधा नहीं आती|
 6 यदि गेंद गोलकीपर के पैड या किसी खिलाड़ी के कपड़े में अटक जाती है, तो उस स्थान से बुल्ली कराकर खेल पुनः शुरू किया जाता है| बुल्ली गोल रेखा से 5 गज अंदर नहीं हो सकती|
 7 किसी खिलाड़ी के द्वारा खतरनाक खेलने की दिशा में रेफरी ऐसे खिलाड़ी को दंडस्वरुप चेतावनी देता है अथवा कुछ समय या पूरे समय के लिए खेल से निष्कासित कर सकता है|

हॉकी का खेल कैसे शुरू होता है? - hokee ka khel kaise shuroo hota hai?

                             हॉकी के राष्ट्रीय पुरुस्कार  विजेता
     नाम अर्जुन पद्मश्री द्रोणाचार्य पद्मभूषण
मेजर ध्यानचंद _ _ _ 1956
बलबीर सिंह _ 1957 _ _
मेजर कुंवर दिग्विजय सिंह _ 1958 _ _
पृथ्वीपाल सिंह 1961 _ _ _
अन्न ल्युम्सदेन 1961 _ _ _
पृथिपाल सिंह 1961 1967 _ _
चरनजीत सिंह 1963 1964 _ _
शंकर लक्ष्मण 1964 1967 _ _
लेरो बरटो 1965 _ _ _
उधम सिंह 1965 _ _ _
ई ब्रिट्टो   1965 _ _ _
गुरुबख्श सिंह   1966 _ _ _
सुनीता पुरी   1966 _ _ _
किशनलाल   1966 _ _ _
गुरुबख्श सिंह   1966­ ­_ _ _
हरबिन्दर सिंह   1967 _ _ _
मोहिन्दर लाल   1967 _ _ _
बलबीर सिंह   1968 _ _ _
  अजीत पाल सिंह   1970 _ _ _
पी. कृष्णमूर्ति   1971 _ _ _
  माइकेल किन्दो   1972 _ _ _
एम.पी. गणेश   1973 _ _ _
  ओ मैस्कैरेनहास   1973 _ _ _
ऐ कौर   1974 _ _ _
अशोक कुमार   1974 _ _ _
बी.पी. गोविंदा   1975 _ _ _
आर. सैनी   1975 _ _ _
हरचरण सिंह   1977 _ _ _
  आर.वी. मुंडफन   1979 _ _ _
  वसुदेवन भास्करन   1979 _ _ _
मो. साहिद   1980 _ _ _
इलिजा नेल्सन   1980 _ _ _
वर्षा सोनी   1981 _ _ _
  जफर इकबाल   1983 _ _ _
  राजबीर कौर   1984 _ _ _
  सोमैया मैनी   1985 _ _ _
  पाण्डा मुथन्ना   1985 _ _ _
  प्रेम माया सोनिर   1985 _ _ _
  एम.एम. सोमैया   1985 _ _ _
  एम.एम. कार वालिह्वो   1986 _ _ _
  जोकीम मार्टिन   1986 _ _ _
  एम.पी. सिंह   1988 _ _ _
  परगट सिंह   1989 _ _ _
  जगबीर सिंह   1990 _ _ _
  मरविन फर्नांडीज़   1992 _ _ _
  जेड़े फेलिक्स सेबेस्टेन   1994 _ _ _
  धनराज पिल्लै   1995 2001 _ 2001
  मुकेश कुमार   1995 _ _ _
  ए.बी. सुब्बैया   1996 _ _ _
  आशीष कुमार बल्लाल   1996 _ _ _
  हरमीक सिंह   1997 _ _ _
  राजिन्दर सिंह   1997 _ _ _
  सुरेन्द्र सिंह सोढ़ी   1997 _ _ _
  प्रीतम रानी सिवाच   1998 _ _ _
  बलदेव सिंह   1998 _ _ _
  वी.एस. टिल्लन   1998 _ _ _
  एस. ओमाना कुमारी   1998 _ _ _
  मो. रिवाज   1998 _ _ _
  रमनदीप सिंह   1998 _ _ _
  वी.जी. फिलिप्स   1998 _ _ _
  महराज कृष्ण कौशिक   1999 _ _ _
  बलबीर सिंह कुल्लर   1999 _ _ _
  बालकिशन सिंह   2000 _ _ _
  जलालुद्दीन रिजवी   2000 _ _ _
  बलजीत सिंह सैनी   2000 _ _ _
  रिंगोलेमा चानु   2000 _ _ _
  के.आर.एस. भोला   2000 _ _ _
  मधु यादव   2000 _ _ _
  दिलीप कुमार तिर्की   2001 _ _ _
  सीता गुंसाई   2001 _ _ _
  दिलीप टिर्की   2002 _ _ _
  गगन अजीत सिंह   2002 _ _ _
  ममता खरब   2002 _ _ _
  देवेश चौहान   2003 _ _ _
  सूरज लता देवी   2003 _ _ _
  दीपक ठाकुर   2004 _ _ _
  हेलेन मेरी   2004 _ _ _
  त्रिरेन   2005 _ _ _
  ज्योति सुनीता कुल्लु   2006 _ _ _
  प्रभजोत सिंह   2008 _ _ _
  सुरेन्द्र कौर   2009 _ _ _
  इग्नेश टिर्की   2009 _ _ _
  जसजीत कौर   2010 _ _ _
  राजपाल सिंह   2011 _ _ _
  सरदार सिंह   2012 _ _ _
  सबा अंजुम करीम   2013 _ _ _
  जेशरा बिन्द्रम   2015 _ _ _
               
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हॉकी खेल कैसे शुरू होता है?

क्रिकेट सहित अन्य खेलों की तरह, हॉकी की शुरुआत भी टॉस के साथ होती है। टॉस जीतने वाली टीम के पास पहले दो क्वार्टर में गोल करने या सेंटर पास के साथ मैच शुरू करने का एक विकल्प होता है। एक टीम दूसरे टीम के गोलपोस्ट में हिट करने के लिए घुमावदार स्टिक का इस्तेमाल करती है।

हॉकी खेल में कितने नियम होते हैं?

हॉकी खेल के नियम (1) खेल के दौरान कोई भी टीम तीन से अथिक खिलाड़ी नहीं बदल सकती है। (2) एक बार बदला गया खिलाड़ी फिर से मैच में भाग नहीं ले सकता है। (3) यदि हॉकी की बॉल गोल-कीपर के क्षेत्र में हो, तो वह इसे किक मार सकता है या अपने शरीर के किसी भी भाग से बॉल को रोक सकता है।

हॉकी की शुरुआत कैसे और कहाँ हुई थी?

दुनिया के सबसे पुराने खेलों में से एक, हॉकी की शुरुआत संभवत: 1527 में स्कॉटलैंड से हुई थी, तब इसे अंग्रेज़ी में होकी (Hokie) के नाम से जाना जाता था। कुछ रिकॉर्ड्स बताते हैं कि इसी तरह का खेल उस समय मिस्र में भी खेला जाता था। मौजूदा समय की हॉकी की शुरुआत 18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश द्वारा हुई थी

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