कमजोर पाचन तंत्र के कारण अक्सर पेट में गैस, एसिडिटी व कब्ज जैसी परेशानियां होने लगती है। खराब पाचन तंत्र की वजह से लोग ज्यादातर पेट की गैस से परेशान रहते हैं। थोड़ी मात्रा में भी बाजार का कुछ खाते ही, पेट की गड़बड़ी शुरू हो जाती है। जैसे दस्त, पेट में जलन, कब्ज, गैस जैसी समस्याएं होना शुरू हो जाती हैं। कई लोगों को तो गैस के कारण सांस की समस्या (Breathing problem in gastric) तक होने लगती है। Show
अगर आपको भी अक्सर पेट में गैस बनने की समस्या रहती है, तो इसे हल्के में लेने की गलती न करें। आपको बार-बार या लगातार गैस बनती है, तो इसका तुरन्त इलाज करें। गैस की समस्या (Gastric problem) से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय करें। हो सके तो गैस का आयुर्वेदिक इलाज प्राप्त करें। क्योंकि गैस की समस्या के लिए आयुर्वेदिक उपाय करने से इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। आइए जानते हैं गैस बनने के लक्षण और गैस बनने के कारण के बारे में। साथ ही पेट की गैस से छुटकारा पाने के उपाय (How to get rid of gastric problem) के बारे में भी जानेंगे। सामग्री तालिका
पेट में गैस बनने के लक्षण (Symptoms of gas in hindi)मुख्यतः पेट में गैस बनने का पहला लक्षण पेट में दर्द का होना होता है। किन्तु इसके अतिरिक्त भी कुछ लक्षण हैं, जिनसे पेट में गैस की पहचान की जा सकती है।
पेट में गैस बनने के कारण (Causes of gas in hindi)गुड और बैड बैक्टिरिया (Good bacteria or bad bacteria)अक्सर कुछ भी खाने के बाद पेट में गैस बनने की समस्या के लिए दो चीजें जिम्मेदार होती हैं। पहली गुड बैक्टीरिया और दूसरी बैड बैक्टीरिया। ये दोनों बैक्टीरिया हमारे पेट में होती हैं। इन दोनों का संतुलन बिगड़ जाने से ही पेट में गैस बनने की समस्या शुरू हो जाती है। कभी-कभी किसी रोग के दुष्प्रभाव के कारण भी यह संतुलन बिगड़ जाता है। जो लोग अधिक मात्रा में प्याज, लहसुन या बीन्स का सेवन करते हैं, कभी-कभी उन्हें भी पेट में गैस बनने लगती है। ऐसे लोगों को इन चीजों का सेवन बहुत कम करना चाहिए। बढ़ती उम्र का पाचन तंत्र पर बहुत असर पड़ता है। इसलिए अधिक उम्र के कारण भी पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है और गैस की समस्या होने लगती है। ऐसे लोगों को दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन बहुत कम करना चाहिए। हां, दही का सेवन जरूर कर सकते हैं। इससे गैस की समस्या में आराम मिलता है। कब्ज (Constipation)जिन लोगों को अक्सर पेट में कब्ज की शिकायत रहती है, ऐसे लोग भी गैस की समस्या से परेशान रहते हैं। क्योंकि Kabj Hone Ke Karan हमारी बॉडी से टॉक्सिन्स पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाते। इसलिए हमें पेट में गैस बनने की समस्या होने लगती है। कब्ज की शिकायत न हो, इसके लिए आपको चाहिए कि खूब पानी पिएं। इसके अलावा जितना हो सके अपने आहार में फाइबरयुक्त चीजों को शामिल करें। बिना चबाये जल्दी-जल्दी भोजन करनाकई बार जल्दी-जल्दी खाने के कारण सही तरीके से लोग भोजन को चबाते नहीं हैं, जिसके कारण Gas Ki Problem हो सकती है। इससे बचने के लिए खाना आराम से और चबाकर खाएं। अक्सर कई लोग भोजन को इतनी जल्दी-जल्दी खाते हैं, जैसे भोजन कहीं भागा जा रहा हो। इस स्थिति में ऐसे लोग बिना भोजन को अच्छे से चबाये, निगल लेते हैं। जिस कारण भोजन को पचने में अधिक देर लगती है या भोजन अच्छी तरह पच ही नहीं पाता। ऐसे में धीरे-धीरे पेट में गैस बनने की शिकायत शुरू हो जाती है। इसलिए आपको चाहिए कि आप जो कुछ भी खायें, अच्छे से चबा-चबाकर खायें। भोजन के समय पानी न पिएं और भोजन के एक घंटे बाद पानी पिएं। गर्मियों में भोजन के एक घंटे बाद गुनगुने पानी का सेवन करना सही होता है।
फास्ट फूड (Fast Food)बच्चों में ज्यादातर Gas Banne Ke Karan होता है बाहर का ज्यादा खाना। विशेषकर फास्ट फूड का सेवन करना। अधिक फास्ट फूड खाने से पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है और खाया-पीया सही से नहीं पचता। जिस कारण पेट भी पूरी तरह साफ नहीं हो पाता और गैस की समस्या होने लगती है। माँसाहार का अधिक सेवन (Non-veg)यदि आप बहुत ज्यादा मांस का सेवन करते हैं, तो इसे खाना बिल्कुल बंद कर दें। क्योंकि बार अधिक मांसाहार के कारण भी गैस की समस्या होने लगती है। मांस को पचने में समय ज्यादा लगता है। विशेषकर मटन को पचने में समय अधिक लगता है। अगर आपको लगता है नॉनवेज नहीं छोड़ पायेंगे, तो आप दोपहर के भोजन में ऐसे ले सकते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में न खायें और खायें तो अच्छे से चबाकर ही खायें। जठरांत्र शोथ (Gastroenteritis)गैस्ट्रोएन्टराइटिस को आम भाषा में स्टमक फ्लू (Stomach flu) भी कहते हैं। यह आंतों में होने वाला आम रोग है। जिनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनमें यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। जिनमें बच्चे व बुजुर्ग शामिल हैं। पाचन तंत्र के संक्रमित हो जाने से या आतों में सूजन के कारण स्टमक फ्लू रोग हो जाता है। गैस्ट्रोएन्टराइटिस रोग की पहचान इन लक्षणों से की जा सकती है जैसे- पेट में दर्द, उल्टी व दस्त, भूख की कमी आदि। ये सारी समस्याएं होने पर पेट में गैस की समस्या भी होने लगती है, जिसके कारण सांस की समस्या भी साथ में होना शुरू हो सकती है। गैस की समस्या को दूर करने के उपाय (Ways to avoid gas problem in hindi)
एक शोधानुसार श्वास नली में वायरस की वजह से संक्रमण होने की अधिक संभावना रहती है, उससे लड़ने में अदरक बहुत प्रभावशाली साबित होती है। गर्म पानी में अदरक डालकर पीना इस समस्या को दूर कर सकता है। या फिर ताजी अदरक खाने से भी फायदा होता है।
तो उपरोक्त हमने आपको बताया गैस की समस्या दूर करने के घरेलू उपाय के बारे में। इसके अलावा आप पेट की गैस का आयुर्वेदिक उपचार भी कर सकते हैं। गैस का आयुर्वेदिक इलाज करने से यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाती है। गैस का आयुर्वेदिक इलाजकहते हैं अधिकतर बीमारियां हमारे शरीर तक पेट से संबंधित रोग के कारण ही पहुंचती हैं। ऐसे में हमें चाहिए कि पेट से संबंधित रोगों का उपचार करने के लिए ऐसा उपचार चुनें, जो बेहद असरदार हो और पूरी तरह सुरक्षित भी हो। जब बात आती है असरदार, फायदेमंद और सुरक्षात्मक इलाज की तो ऐसे में हम आयुर्वेद को कैसे भुला सकते हैं। प्राचीन समय से आयुर्वेद कई प्रकार के रोगों का सटीक इलाज करता आ रहा है। गैस की आयुर्वेदिक दवा खाना आपको बेहतर परिणाम दे सकता है। आपकी समस्या को जड़ से समाप्त कर सकता है। पेट में गैस की आयुर्वेदिक दवाअगर आपको बहुत ज्यादा पेट में गैस बनती है। खाना खाते ही गैस की समस्या शुरू हो जाती है। गैस के कारण सांस की समस्या भी आपको परेशान करती रहती है। इसके अलावा कब्ज व एसिडिटी भी रहती है, तो आप आयुर्वेदिक दवा Suraj’s GasOsur Capsule का सेवन करें। यह दवा एकदम शुद्ध जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार की जाती है। इस दवा का सेवन आप पूर्ण निश्चिंत होकर कर सकते हैं, क्योंकि इसका दवा का सेवन करने से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। कैप्सूल के रूप में यह दवा आती है। जिसका एक-एक कैप्सूल इतना पॉवरफुल और इफेक्टिव है कि पेट की हर समस्या को जड़ से समाप्त कर देता है। क्या एसिडिटी से सांस लेने में परेशानी हो सकती है?एसिडिटी के कारण कई बार रोगी ऐसा महसूस करता है जैसे भोजन उसके गले में आ रहा है या कई बार डकार के साथ खाना मुँह में आ जाता है। रात्रि में सोते समय इस तरह की शिकायत ज्यादा होती है। कई बार एसिड भोजन नली से सांस की नली में भी पहुंच जाता है, जिससे मरीज को दमा या खांसी की तकलीफ भी हो सकती है।
क्या गैस बनने पर सांस लेने में दिक्कत होती है?इसके अलावा पेट में गैस (Stomach Gas) बनने पर भी कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत (Breathing Problem) महसूस हो सकती है.
एसिडिटी से क्या तकलीफ होती है?सीने और गले में लगातार जलन, सूखी खांसी, पेट फूलना, सांसों में बदबू, खट्टी डकार, कभी-कभी उल्टी होना, उल्टी में अम्ल या खट्टे पदार्थ का निकलना जैसी समस्याएं एसिडिटी के कारण होने लगती हैं। 1) लम्बे समय से एसिडिटी है तो..? अगर एसिडिटी लंबे समय से है तो इससे पेट में छाले या सूजन हो सकती है।
सांस लेने में तकलीफ होने का क्या कारण है?इन कारणों से भी हो सकती है ऐसी दिक्कत
एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं का कम स्तर)- जिन लोगों में एनीमिया की दिक्त होती है उनमें भी अक्सर सांस की तकलीफ बनी रहती है। अस्थमा के रोगियों में सांस की समस्या होना सामान्य है। चिंता-तनाव की स्थिति भी इस जोखिम को बढ़ा सकती है। हृदय या फेफड़ों की समस्या।
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