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गाय को सहलाने से क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंगाय को सहलाने से वह प्रसन्न होती है तो इससे हमारे कई ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। गाय को प्रतिदिन सहलाने मात्र से असाध्य बीमारियां भी दूर हो जाती है। ऐसा प्रयोग कम से कम 12 माह तक करना आवश्यक है। कहीं जाते समय रास्ते में गाय मिल जाएं तो उसे अपने दाहिनी ओर निकालना चाहिए। गाय को गुड़ खिलाने से क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंउत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए यदि आप रोटी में घी और गुड़ लगाकर गाय को खिलाना चाहिए. कहा जाता है कि गाय को रोजाना रोटी खिलाने वाले व्यक्ति की मौजूदा पीढ़ियों के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियां भी पुण्य प्राप्त करती हैं और दुख-दर्द से बचती हैं. हिंदू लोग गाय को माता क्यों कहते हैं? इसे सुनेंरोकें1/5मां शब्द की उत्पत्ति गौवंश से हुई सभी जानवरों में मात्र गाय ही ऐसा जानवर है जो मां शब्द का उच्चारण करता है, इसलिए माना जाता है कि मां शब्द की उत्पत्ति भी गौवंश से हुई है। गाय हम सब को मां की तरह अपने दूध से पालती-पोषती है। आयुर्वेद के अनुसार भी मां के दूध के बाद बच्चे के लिए सबसे फायदेमंद गाय का ही दूध होता है। गाय की पूंछ में किसका वास होता है? इसे सुनेंरोकेंवेदों के अनुसार गाय की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है, जो बुरी नजर उतारने में सर्वोत्तम मानी गई है। किसी भी जातक की बुरी नजर उतारने के लिए गाय की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है। एक गाय को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी-देवताओं को भोग लग जाता है। रविवार को गाय को गुड़ खिलाने से क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंगाय हिंदुओं के लिए पूजनीय है. मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है. रविवार के दिन सुबह के समय गाय को रोटी खिलाने से सूर्य नारायण प्रसन्न होते हैं. इस उपाय को आप सातों दिन कर सकते हैं, लेकिन समय नहीं होने के चलते आप इसे सिर्फ रविवार के दिन भी कर सकते हैं. बुधवार को गाय को क्या खिलाना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों में बुधवार को गाय की सेवा करना परमपुण्यदायी माना गया है। गाय का संबंध बुध ग्रह से होता है, इसलिए इस दिन गाय को हरा चारा या फिर पालक खिलाना चाहिए। कहते हैं गाय को हरा चारा खिलान से सभी देवता भी आपसे प्रसन्न होते हैं और आपको सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है। हिंदू लोग गाय को क्या कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंहिन्दू, गाय को ‘माता’ (गौमाता) कहते हैं। इसके बछड़े बड़े होकर गाड़ी खींचते हैं एवं खेतों की जुताई करते हैं। भारत में वैदिक काल से ही गाय का महत्व रहा है। गाय को क्या मानते हैं? इसे सुनेंरोकेंगाय को शुद्ध प्राणी मानने का एक कारण यह भी है कि उसके द्वारा दिया गया दूध दुनिया की किसी भी अन्य वस्तु से कई गुणा ज्यादा शुद्ध होती है. गाय का दूध पीने से मन को शांति मिलती है. दूध से बने हुए घी का इस्तेमाल हवन में आहुति देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. शांति और धैर्य, यह दोनों गाय की निशानी है. गाय के किस अंग में है कौन से देवता का वास?इसे सुनेंरोकेंगाय के सींगों में भगवान शिव जी का वास माना जाता है। गाय के उदर में भगवान शिव जी के बड़े बेटे कार्तिकेय, मस्तक में ब्रह्मा, ललाट में रुद्र, सीगों के आगे वाले भाग में भगवान इन्द्र, कानों में अश्विनीकुमार, आंखों में सूर्य और चंद्र, दांतों में गरुड़, जिह्वा में सरस्वती निवास करती है। गाय को कब नहलाना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंसुबह और शाम नहलाना जरूरी है. गर्मियों में पशुओं का दूध घट जाता है इसलिए इनके खान-पान का विशेष ध्यान दें. हरा चारा और मिनिरल मिक्चर दें इससे पशु का दूध उत्पादन नहीं घटेगा. इस मौसम पशुओं को गलाघोटू बीमारी का टीका लगवा लें. गाय की पूंछ मारने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंपुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है कि गाय की पूंछ छूने मात्र से मुक्ति का मार्ग खुल जाता है। जिस घर में गाय को निवास कराया जाता है। उस घर में 33 कोटि देवता प्रसन्न रहते हैं। वहां किसी भी प्रकार का वास्तुदोष बगैर किसी उपाय को करें स्वतः ही दूर हो जाता है। रात को गाय को रोटी देने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंमान्यताओं के मुताबिक गाय में 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं. जिसका सीधा मतलब ये है कि आप गाय को रोटी खिलाकर 33 करोड़ देवी-देवताओं को भी भोजन करा रहे हैं. गाय को रोटी खिलाने से घर-परिवार के कई दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का प्रसार होता है. गौ माता को क्या खिलाना चाहिए?इसे सुनेंरोकें* जिस घर में गौ पालन किया जाता है, वहां का वास्तुदोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है। * यदि पितृ दोष के कारण आपका संघर्षमयी जीवन हो तो गौ माता को प्रतिदिन रोटी, गुड़, हरा चारा आदि खिलाएं। अगर प्रतिदिन ना खिला सके तो सिर्फ हर अमावस्या के दिन खिलाने से भी पितृ दोष समाप्त होता है। गाय खरीदने का शुभ दिन कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंनक्षत्र – गाय को खरीदने और बेचने के लिए शुभ नक्षत्र हैं। हस्त, अश्वनी, पुष्य, अभिजीत, रेवती, विशाखा, पुनर्वसु, ज्येष्ठा, शतभिषा और धनिष्ठा इस नक्षत्र में गाय को खरीदना और बेचना शुभ माना जाता है। गर्मी में पशुओं का दूध कैसे बढ़ाएं? इसे सुनेंरोकें1- सबसे पहले दलिये, मैथी व गुड़ एतयादी को पका ले, बाद मे उसमे पका केला ,पपीता , तेल ,नमक ,सोडा , चुना को डाल दे. ठण्डा होने पर दो भाग करके उसमे 50 ग्राम खटा दहि मिलाकर सुबह शाम प्रतिदिन खिलाये. 2 – इसे गाय को बच्चा देने से 10 दिन पहले शूरू करना और बच्चा देने के बाद तक जबतक दूध निकाल रहे है ,देना है . गाय के हाथ चाटने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंजिस व्यक्ति का भाग्य साथ नहीं देता हो, वह अपने हाथ में गुड़ रखकर गाय को खिलाए। गाय की जीभ से हथेली चाटने पर भाग्य जाग जाता है। गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं। गौ माता के पंचगव्य के बिना पूजा पाठ हवन सफल नहीं होते। गाय कितने दिन में ब्याती है?इसे सुनेंरोकेंयदि गर्भाधान सही हुआ है तो आप उसके ब्याने का समय निकाल सटे हैं क्योकि गाय का औसत गर्भकाल 280-290 दिन एवं भैंस 305 – 318 दिन। एकादशी के दिन गाय को क्या खिलाना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंएकादशी का उपाय गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होने के कारण अगर आप इनकी सेवा करते हैं तो आपको सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। आमलकी एकादशी के दिन आप गाय को एक दर्जन केला खिलाएं और ध्यान रखें कि आप जब गाय को केला खिला रहे हों तो अपने पैरों में चप्पल आदि ना पहनें। नंगे पांव ही गाय को आप केला खिलाएं। अमावस्या के दिन गाय को क्या खिलाना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंखीर पूरी खिलाने के स्थान पर अगर गाय का पूजन किया जाए तो यह सबसे उत्तम होगा क्योंकि गाय में सभी देवताओं का वास होता है। खीर पूरी के स्थान पर पितर पक्ष को खुश करने के लिए हरा चारा और गुड भी खिलाया जा सकता है। गाय को एकादशी के दिन क्या खिलाना चाहिए?शास्त्रों में कहा गया है कि गौ माता में भी नारायण का वास होता है। इसलिए एकादशी पर गाय की सेवा अवश्य करनी चाहिए। गाय को इस दिन गुड़ और रोटी भी खिलानी चाहिए।
गाय पूजन ग्यारस कब की है?इस वर्ष देवोत्थान एकादशी 4 नवंबर यानी शुक्रवार को मनाई जाएगी. एकादशी की तिथि तीन नवंबर यानी गुरुवार रात आठ बजकर 51 मिनट पर लग जाएगी और चार नवंबर शुक्रवार को शाम सात बजकर दो मिनट तक रहेगी. सूर्योदय व्यापिनी तिथि की वजह से हरि प्रबोधिनी एकादशी का व्रत 4 नवंबर को ही होगा. जबकि इसका पारण 5 नवंबर 2022 को किया जाएगा.
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