डब्ल्यूबीसी कम होने का क्या कारण है? - dablyoobeesee kam hone ka kya kaaran hai?

डब्ल्यूबीसी कम होने का क्या कारण है? - dablyoobeesee kam hone ka kya kaaran hai?

कोरोना वायरस महामारी के दौरान ज्यादातर लोगों को ध्यान अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने पर रहा है। इसी इम्यून सिस्टम का एक जरूरी हिस्सा है व्हाइट ब्लड सेल्स (white blood cells)। कई बार जब हम बीमार होते हैं तो डॉक्टर हमें ब्लड टेस्ट करवाते हैं और हमें मालूम पड़ता है कि हमारे खून में  व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) की कमी है। हालांकि, आम लोगों के लिए इसकी कमी को समझना थोड़ा मुश्किल है। आम भाषा में आप इतना समझिए कि व्हाइट ब्लड सेल्स आपको बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं और संक्रमणों से लड़ते हैं। जैसे कि मान लीजिए आपको कोई मौसमी इंफेक्शन हो जाए तो ये व्हाइट ब्लड सेल्स संक्रमण पैदा करने वाले वायरस और बैक्टीरिया पर हमला कर देती हैं और उनसे लड़ती है। पर जब शरीर में इनकी कमी हो जाती है तो, इसे ल्यूकोपेनिया (leukopenia) कहा जाता है।  ल्यूकोपेनिया होने पर हमारे शरीर में इसके कई लक्षण नजर आते हैं। तो, इन्हीं सब बारे में हमने डॉ. सुनील जैन (Dr.Sunil Jain), आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के प्रमुख, जसलोक अस्पताल और अनुसंधान केंद्र से बात की। 

डब्ल्यूबीसी कम होने का क्या कारण है? - dablyoobeesee kam hone ka kya kaaran hai?

image credit: Today's RDH and Biomarking

डॉ. सुनील जैन (Dr.Sunil Jain) कहते हैं कि व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) की कम संख्या असल में खून में व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या में कमी है।    व्हाइट ब्लड सेल्स संख्या में कम होती हैं, लेकिन वे लाल रक्त कोशिकाओं की तुलना में अपेक्षाकृत बड़ी होती हैं। अगर आप बैक्टीरियल इंफेक्शन से बीमारी हैं तो आपके पास हाई  व्हाइट ब्लड सेल्स  की संख्या हो सकती है। इसलिए,  डॉक्टर ये देखने के लिए कि शरीर संक्रमण से कैसे लड़ रहा है, वे रेड ब्लड सेल्स की गिनती के लिए टेस्ट करवाते हैं। 

व्हाइट ब्लड सेल्स कहां बनते हैं? 

डब्ल्यूबीसी को लेकर  डॉ. सुनील जैन ये भी कहते हैं व्हाइट ब्लड सेल्स हमारे बोन मैरो में बनते हैं। दअसल, शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी इम्यूनोसप्रेशन को इंगित करती है, जिसका अर्थ है कि आप गंभीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं जो जल्दी ठीत नहीं होते हैं या जिनका इलाज करना कठिन होता है। कोविड 19 जैसे वायरस के संक्रमण में भी डब्ल्यूबीसी की संख्या कम होती है। 

व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) शरीर में कितना है आमतौर पर डॉक्टर द्वारा नियमित परीक्षण के दौरान या किसी अंतर्निहित बीमारी, विकार या स्थिति के निदान और उपचार के दौरान चेक किया जाता है। एक सामान्य WBC गिनती लगभग 4,500 से 10,000 WBC प्रति माइक्रोलीटर ब्लड होती है। तो, लो WBC काउंट (low WBC Count) का मतलब आम तौर पर प्रति माइक्रोलीटर रक्त में 3,500 WBC से कम होती है। लेकिन यह संख्या चिकित्सा प्रयोगशाला, उपयोग किए गए विशेष परीक्षण और व्यक्तिगत चिकित्सा पद्धति के आधार पर भिन्न होती है। कुछ लोगों में स्वाभाविक रूप से थोड़ी कम व्हाइट ब्लड सेल्स काउंट हो सकती है। इसके अलाव ये उम्र और लिंग के अनुसार भिन्न होती हैं।

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लो व्हाइट ब्लड सेल्स होने पर क्या होता है?

  • -व्हाइट ब्लड सेल्स कम होते हैं तो, अक्सर बोन मैरो से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 
  • -ऑटोइम्यून बीमारियां हो सकती हैं।
  • -खून में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। 
  • -गंभीर इंफेक्शन हो सकता है।
  • -आप कमजोर हो सकते हैं और बार-बार बीमार पड़ सकते हैं।  

लो व्हाइट ब्लड सेल्स का कारण-low white blood cells causes

  • - कुछ विशेष दवाओं के कारण जैसे कि एंटीसाइकोटिक दवाएं, इम्यूनोस्प्रेसिव ड्रग्स और कुछ एंटीसेप्टिक
  • - कीमोथेरेपी और कैंसर उपचार के दौरान
  • -इन्फ्लूएंजा की वजह से
  • - एचआईवी जैसे इम्यून सिस्टम को कमजोर करने वाले रोगों के कारण।
  • -आयरन और जिंक की कमी के कारण
  • एनीमिया के कारण

 

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image credit: Muscular Dystrophy News

व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) की कमी के लक्षण- low white blood cells symptoms

व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) की कमी के कारण शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं। ये स्थितियां गंभीर और हल्की हो सकती है और इसके लक्षण इस पर निर्भर करते हैं। 

1. थकान

2. बार-बार होने वाले संक्रमण जिनका इलाज मुश्किल होता है

3. सांस लेने में समस्या

4. कमजोरी और सिर दर्द

5. लिंफ नोट में सूजन

6. तेज बुखार

7. बार-बार निमोनिया होना

8. स्किन इंफेक्शन

इसके अलावा कुछ मामलों में यूरिन इंफेक्शन भी हो जाता है, जिससे पेशाब करने में दर्द हो सकता है या आपको बार-बार पेशाब आ सकती है। कुछ लोगों में मुंह के छाले हो जाते हैं। साइनस संक्रमण और बंद नाक की समस्या भी महसूस होती है।  लो व्हाइट ब्लड सेल्स की कमी समय के साथ गंभीर हो सकती है और जानलेवा भी। इसलिए इस स्थिति से बचना बेहद जरूरी है। 

व्हाइट ब्लड सेल्स की कमी से बचाव के उपाय-Prevention Tips

1. डाइट को बेहतर बनाएं

डाइट को बेहतर बनाना बेहद जरूरी है। क्योंकि विटामिन और पोषक तत्वों की कमी से आपके शरीर में खून की कमी हो सकती है। इसलिए आपको अपनी डाइट में आपके ये बदलाव जरूर करना चाहिए। जैसे कि

a. आयरन से भरपूर फूड्स लें

आयरन युक्त आहार खाने से आपके शरीर में आरबीसी का उत्पादन बढ़ सकता है। साथ ही ये WBC काउंट को भी बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अपने खाने में रेड मीट, केल पत्तेदार, हरी सब्जियां, जैसे पालक और सरसों का साग आदि शामिल करें। साथ ही ड्राई फ्रूट्स और अंडे खाना भी शरीर में आयरम की कमी को दूर कर सकता है।

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b. फोलिक एसिड से भरपूर फूड्स लें

फोलिक एसिड बढ़ाने के लिए विटामिन बी से भरपूर फूड्सको  शामिल करना जरूरी है। इसके लिए हरी सब्जियां, फलियां, मसूर की दाल, मटर, मछली, दूध और पनीर का सेवन करें। इससे शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद मिलती है।  इसके अलावा आपको विटामिन ए और कॉपर से भरपूर फूड्स का भी सेवन करना चाहिए। पर कोशिश करें कि संतुलित आहार लें। 

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2. स्ट्रेस ना लें और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें

स्ट्रेस का आपके इम्यून सिस्टम पर एक बड़ा प्रभाव पड़ता है। इससे आप जो खाते हैं उससे शरीर को सही से एनर्जी नहीं मिल पाती है और आप तेजी से बीमार पड़ने लगता है जिसका असर व्हाइट ब्लड सेल्स के काउंट पर होता है। साथ ही एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें और योग व एक्सरसाइज करते रहें। 

ध्यान देने वाली बात ये है व्हाइट ब्लड सेल्स कमी या अधिकता दोनों ही आपके लिए फायदेमंद नहीं है। इसलिए अगर आपको इन दोनों में से कोई भी स्थिति का पता चले तो, अपने डॉक्टर से बचाव के लिए सुझाव जरूर मांगे और उन्हें अपनी लाइफस्टाइल में जरूर फॉलो करें।  

Main image credit: Biology Dictionary

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डब्ल्यूबीसी कम होने पर कौन सी बीमारी होती है?

किसी व्यक्ति को व्हाइट ब्लड सेल काउंट कम होने पर ल्युकोपिनीया (leucopenia) नाम की बीमारी हो जाती हैं। इसमें शरीर में बीमारीयों से बचाव की शक्ति कम हो जाती है। इसमें किसी भी बीमारी का प्राणघाती हो जाना संभव है। ऐसा होने पर एड्स, कैंसर और हेपेटाइटिस आदि रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

WBC कम होने पर क्या करें?

हेल्थलाइन के अनुसार, आपको नियमित रूप से खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए। विटामिन सी से भरपूर खट्टे फल आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। विटामिन सी को सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए माना जाता है।

वाइट ब्लड की कमी से क्या होता है?

अगर खून में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाए, तो शरीर कई रोगों का शिकार हो सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी से ल्यूकेमिया या ब्लड कैंसर, हेपेटाइटिस आदि के होने का खतरा बना रहता है।

डब्ल्यूबीसी बढ़ाने के लिए क्या करें?

इसके लिए आपको रोजाना एक कटोरा दही का सेवन करना चाहिए। पालक विटामिन ए, सी, और ई का एक बेहतर स्रोत है जो डब्ल्यूबीसी काउंट को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। आपको अपनी डाइट में पालक शामिल करना चाहिए। आप पालक को सलाद के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।