चार प्रमुख ऋतु कौन कौन सा है? - chaar pramukh rtu kaun kaun sa hai?

Season name in Hindi: भारत में मौसम कितने प्रकार के होते हैं, यदि आपके मन में भी यह प्रश्न है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको छह ऋतु के नाम और उनकी जानकारी देंगे। इसके अलावा यहाँ पर सीजन नाम इन हिंदी और अंग्रेजी (Seasons name in English and Hindi) में भी दिए गए है। छह ऋतु के नाम संस्कृत में (6 Ritu ke naam sanskrit mein) भी बताये गए है। आइये इसे विस्तार से जानते हैं।

हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रही है, इसके साथ ही यह अपने अक्ष पर थोड़ी सी झुकी हुई है। जिसकी वजह से दिन रात का समय कम ज्यादा होता रहता है और मौसम का परिवर्तन होता है। मौसम के परिवर्तन को हम ऋतु के नाम (Ritu name in hindi) से जानते है।

यहाँ पर सीजन के नाम इंग्लिश में और हिंदी में दिए गए है आइये 6 season name in hindi को निम्न तरीके से जानते हैं।

(यह भी पढ़ें – सभी रंगों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में – Colors Name in Hindi)

छह ऋतु के नाम Seasons Name उच्चारण
बसंत ऋतु Spring Season स्प्रिंग सीजन
ग्रीष्मकाल ऋतु Summer Season समर सीजन
वर्षा ऋतु Rainy Season रेनीसीजन
शरद ऋतु Autumn Season ऑटम सीजन
हेमंत ऋतु Pre-winter Season प्री-विंटर सीजन
शिशिर ऋतु Winter Season विंटर सीजन

(यह भी पढ़ें – महीनों के नाम हिंदी में – Months Name in Hindi)

  • गर्मियों के मौसम को हिंदी में ग्रीष्मकाल ऋतु कहा जाता है। इसे अंग्रेजी में समर सीजन (summer season in hindi) के नाम से जाना जाता है।
  • ठंड या सर्दी के मौसम को हिंदी में शिशिर ऋतु के नाम से जाता है। ठंड के सीजन को अंग्रेजी में विंटर सीजन (winter season in hindi) कहा जाता है।
  • बरसात के मौसम को हिंदी में वर्षा ऋतु कहा जाता है। बारिश के सीजन को इंग्लिश में रेनीसीजन (rainy season in hindi) कहा जाता है।

छह ऋतु के नाम संस्कृत में – 6 Ritu ke naam sanskrit mein

यदि आप सभी ऋतुओं के नाम संस्कृत में जानना चाहते है तो यह पर सीजन के नाम हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में दिए गए है।

(यह भी पढ़ें – फलों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में – Fruits Name In Hindi and English)

No. ऋतु के नाम संस्कृत नाम अंग्रेजी नाम
1. वसंत (Spring) वसंत: मार्च से अप्रैल
2. ग्रीष्म (Summer) ग्रीष्म: मई से जून
3. वर्षा (Rainy) वर्षा जुलाई से सितंबर
4. शरद (Autumn) शरद् अक्टूबर से नवंबर
5. हेमंत (Pre-Winter) हेमंत: दिसंबर से 15 जनवरी
6. शिशिर (Winter) शिशिर: 16 जनवरी से फरवरी

Source link – hi.wikipedia.org

इसे भी पढ़ें –

  • सब्जियों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में – Vegetables Names with Pictures PDF
  • 100+ फूलों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में – Flowers with name in Hindi
  • सभी जानवरों के नाम हिंदी इंग्लिश में [PDF] – Janvaro ke Naam Hindi aur English mein
  • सभी रंगों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में – Colors Name in Hindi
  • परिवार के सदस्यों और रिश्तों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में

आपको यह जानकारी कैसी लगी, नीचें कमेंट करके हमें जरूर बताएं। इस प्रकार की और अधिक जानकारी के लिए हमारे Facebook के पेज को Like और हमें Twitter पर फॉलो कर सकते हैं।

मैं एक ब्लॉगर हूँ और इस वेबसाइट पर सामान्य ज्ञान के लिए आर्टिकल लिखता हूँ। अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो यह वेबसाइट आपकी मदद कर सकती है। Facebook | Instagram

चार प्रमुख ऋतु कौन कौन सा है? - chaar pramukh rtu kaun kaun sa hai?

भारत की 6 ऋतुएं और उनके अनुसार भोजन की पूर्ण जानकारी (bharat ki 6 rituye or unke anusar bhojan)

भारत वर्ष पुरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान के लिए प्रसिद्ध है! विश्व में मानचित्र में भारत की भौगोलिक स्तिथि बड़ी ही प्रमुख है!

जहाँ एक तरफ भारत के उत्तर में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला हिमालय पर्वत है तो वहीं दूसरी तरफ भारत के दक्षिण में विशाल हिन्द महासागर है!

पुरे विश्व में हिन्द महासागर अकेला ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर है! हिंद महासागर का नाम हिन्दुस्तान के नाम पर पड़ा है!

शिव धनुष को सीता के स्वयंवर तक कौन उठा कर लाया था

जहां एक तरफ भारत के पश्चिम में राजस्थान का गर्म और मरुस्थलीय इलाका है तो दूसरी तरफ भारत वर्ष के पूर्व में मेघालय जैसा राज्य है जहाँ सबसे अधिक वर्षा होती है!

भारत वर्ष न तो विषुवत रेखा से बहुत ज्यादा दूर स्तिथ है और न ही विषुवत रेखा भारत से हो कर गुजरती है! भारत की इसी भौगोलिक स्तिथि के कारण भारत में प्रत्येक वर्ष 6 ऋतुएं आती हैं!

मुख्य रूप से भारत में 3 ऋतुएं हैं

  • शीत ऋतु
  • ग्रीष्म ऋतु
  • वर्षा ऋतु

ये हैं भारत की 6 ऋतुओं के नाम

महृषि शुश्रुत द्वारा 12 महीनो को 6 ऋतुओ में बांटा गया है! प्रत्येक ऋतु 2-2 महीनो के लिए आती है! ये ऋतुएं निम्न प्रकार से हैं!

ऋतू का नाम Name of Season Months हिन्दू धर्म के अनुसार समय
वसंत ऋतु Spring Season March – April चैत्र से वैशाख
ग्रीष्म ऋतु Summer Season May – June ज्येष्ठ से आषाढ
वर्षा ऋतु Rainy Season July – September श्रावन से भाद्रपद
शरद ऋतु Autumn Season October – November आश्विन से कार्तिक
हेमंत ऋतु Hemant Season December – January मार्गशीर्ष से पौष
शीत ऋतु Winter Season January – February माघ से फाल्गुन
Table showing seasons in India

1) वसंत ऋतु (Spring Season)

शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु के मध्य जो समय आता हैं उसे वसंत ऋतु कहा जाता है! वसंत ऋतु में ना तो अधिक सर्दी पड़ती है और न ही गर्मी!

ऋतू राज वसंत : क्यों है वसंत ऋतु, ऋतुओ का राजा

वसंत ऋतु में ना ही सूर्य की तेज तपन होती है और न ही सर्दी की शीत हवा!

वसंत ऋतु हर वर्ग के जीव के लिए सबसे अच्छी ऋतु है! यह ऋतु बूढ़े, बच्चे, जवान सभी के लिए लाभदायक ऋतु है!

इस ऋतु में हमारे शरीर में रक्तसंचार बढ़ जाता है जिसके फलस्वरूप शरीर में नई ऊर्जा और स्फूर्ति आ जाती है!

इस ऋतु में सरसों की पीली फसल तैयार हो जाती है और धरती पिले रंग से ढक जाती है!

इन्ही सभी कारणों के कारण वसंत ऋतु को ऋतुओ का राजा कहा जाता है!

वसंत ऋतू में होने वाली बिमारियाँ

वसंत ऋतु के शुरू होते ही सर्दी-खांसी, सुस्ती आना, गले में खराश, गले में सूजन आना आदि बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है अतः वसंत ऋतु के शुरू होते ही हमें अपने खान-पान पर और जीवन शैली पर विशेष ध्यान देना चाहिए!

वसंत ऋतु में क्या न करें

  • वसंत ऋतु में खट्टे, मीठे और अधिक चिकनाई वाले खाद्य पदार्थो का सेवन कम कर देना चाहिए!
  • वसंत ऋतु में देर रात तक जागना और सुबह देरी से उठना भी स्वस्थ्य के लिए हानिकारक होता है! वसंत ऋतु के दौरान हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा होती है!

वसंत ऋतु में क्या करना होगा आपके लिए लाभदायक

  • हलके गर्म पानी से स्नान करना
  • देर रात तक नहीं जागना और सुबह जल्दी उठ जाना
  • प्रतिदिन योगासन और व्यायाम करना
  • तेलमालिश करना
  • धूप का सेवन करना

2) ग्रीष्म काल

ग्रीष्म काल सूर्य के तेज तपन, लू और चुभती-जलती गर्मी के लिए जाना जाता है! गर्मी के समय भारत में विद्यालयों की भी छूट्टियाँ कर दी जाती है!

यदि गर्मी के समय शरीर का सही से ख्याल न रखा जाए तो यह जानलेवा तक साबित हो सकता है! गर्मी में शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है इसलिए दिन में प्रयाप्त मात्रा में पानी पीना बहुत ही जरुरी हो जाता है!

गर्मी में इन बातों का रखे ख़ास ख्याल

  • गर्मी में जलीय अंश की कमी हो जाती है इसलिए इस कमी को पूरा करने के लिए घर में बना सत्तू, निम्बू की शिकंजी, ठंडाई, जैसे आहार जरूर लें!
  • गर्मी के दिनों में मौसमी फल जैसे की तरबूज, खरबूजा, फूट, मोसम्मी का जूस, आम आदि फल जरूर खाने चाहिए!
  • सुबह उठ कर खली पेट 1 से ले कर 1+1/2 लीटर पानी पिने से ब्लड प्रेशर, डायबिटीस, दमा, टीबी जैसी भयंकर बिमारियों का खात्मा होता है!
  • मिट्टी के मटके का पानी पीना चाहिए या फिर ताम्बे के पात्र में रखा हुआ पानी पीना चाहिए!

Note:- फ्रिज के पानी का सेवन नहीं करना चाहिए इससे गले से जुडी बिमारियाँ हो सकती है!

गर्मी की ऋतु में क्या करने से बचना चाहिए!

  • धूप के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए!
  • जब भी घर से निकले तो सर को किसी हल्के कपडे से ढक कर निकले!
  • आँखों को सूर्य की तेज किरणों से बचाना चाहिए!
  • तीखे, खट्टे, कसैले और कड़वे खाद्य पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए!
  • खाली पेट काम पर न जाए!

3)वर्षा ऋतु

चार प्रमुख ऋतु कौन कौन सा है? - chaar pramukh rtu kaun kaun sa hai?

गर्मी के दिनों में हमारी पाचक अग्नि मंद पड़ जाती है परन्तु वर्षा के दिनों में यह और भी मंद हो जाती है जिसके कारण पेट से जुड़े रोग होने की संभावना रहती है इसलिए हमें वर्षा ऋतू में अपने भोजन पर ख़ास ध्यान देना चाहिए!

वर्षा ऋतू में अपने खाने में इन चीज़ो का रखे ख़ास ख्याल

  • खाने में बासी खाने के प्रयोग से बचे
  • भोजन बनाते समय उसमे थोड़ा सा शहद का प्रयोग करें इससे खुलकर भूक लगती है और यह थकान और वायुजनित रोगो से भी बचाव करता है!
  • वर्षा ऋतू में पेट से जुड़े रोग होने की सम्भवना बढ़ जाती है इसलिए खाने में निम्बू और अदरक का प्रयोग अवश्य करें
  • वर्षा ऋतू में आम और जामुन के फलो का आनंद जरूर लें ये हमारे शरीर के लीये बहुत लाभदायक है

चार प्रमुख ऋतु कौन कौन सा है? - chaar pramukh rtu kaun kaun sa hai?

वर्षा ऋतू में इन चीज़ो से बच कर रहें

  • वर्षा ऋतू के दौरान डेंगू, मलेरिआ और हैज़ा जैसी बीमारिया होती है इसलिए सोते समय मछरदानी का प्रयोग करें
  • वर्षा ऋतू में पानी को अच्छी तरह से उबाल के पिए या फिर फ़िल्टर किया हुआ पानी ही पिए
  • वर्षा ऋतू में बारिश में भीगने से बचें और गीले होने से भी बचें इस ऋतू में चर्म रोग होने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए शरीर को सूखा रखें

4) शरद ऋतू (Winter Season)

आयुर्वेद के अनुसार शरद ऋतू को रोग की माता कहा जाता है! इस ऋतू में पित्त दोष बढ़ जाता है जिसके कारण उल्टी, दस्त, पेचिस जैसी घातक बीमारियाँ होने की आशंका बढ़ जाती है!

शरद ऋतू में इन चीज़ो का सेवन रहेगा फायदेमंद

  • शरद ऋतू में घी दूध का सेवन करना उचित माना गया है!
  • शरद ऋतू में आप गेहूं, जौ, ज्वार, धान आदि अनाजो का प्रयोग खाने में करें
  • सब्जियों में लोकि,तोरी, चौलाई, आलू, गाजर, गोभी, परवल आदि का प्रयोग करें
  • फलो में अंगूर, केले, नारियल, पपीता, अनार, गन्ना आदि का प्रयोग कर सकते हैं!

5) हेमंत ऋतू

हेमंत ऋतू ६ ऋतुओ में से एक ऋतु है यह तेज सर्दी के ठीक पहले आती है! इस ऋतु में प्रायः सेहत अच्छी रहती है और हमारी पाचन शक्ति भी हेमंत ऋतु में बढ़ जाती है!

यह ऋतु काफी सुन्दर होती है इस ऋतु में न ही तेज ठिठुराने वाले सर्दी होती है और न ही तेज गर्मी ये मौसम घूमने के लिए बहुत ही बढ़िया ऋतु है!

6) शीत ऋतू

  • शिशिर ऋतू में ही मनुष्य को प्राकृतिक रूप से बल की प्राप्ति होती हैं! शीत ऋतू में शरीर को बलवान बनाने के लिए शक्तिवर्धक और पौष्टिक भोजन का होना अति आवश्यक हैं
  • इस ऋतू में घी, दूध, तेल, गन्ना, आंवला आदि का प्रयोग सेहत के लाभदायक होता हैं
  • शिशिर ऋतू में आंवलें का मुरब्बा, गुड़, खजूर, तिल, केले आदि का सेवन करना चाहिए
  • शीत ऋतू में कसरत करना और योगाभ्यास करना बड़ा ही लाभदायक होता हैं और हो सके तो इस ऋतू में तेल की मालिश भी करनी चाहिए!
  • शीत ऋतू में सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर लेना चाहिए!

चार प्रमुख ऋतु कौन कौन से हैं?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने भारत की जलवायु को निम्नलिखित चार ऋतुओं में बाँटा है– शीत, ग्रीष्म, वर्षा और शरद ऋतु

वर्षा ऋतु का दूसरा नाम क्या है?

भारत में कुल कितनी ऋतु होती हैं?.

एक ऋतु में कितने मास होते हैं?

एक ॠतु = २ मासऋतु साैर और चान्द्र दाे प्रकार के हाेते हैं। धार्मिक कार्य में चान्द्र ऋतुएँ ली जाती हैं

मौसम के नाम कितने होते हैं?

मौसम कितने प्रकार के होते हैं.
बसंत ऋतु (चैत्र-बैशाख या मार्च-अप्रैल).
ग्रीष्म ऋतु (ज्येष्ठ-आषाढ़ या मर्इ-जून).
वर्षा ऋतु (श्रावण-भाद्रपद या जुलार्इ-अगस्त).
शरद ऋतु (आश्विन- कार्तिक या सितम्बर-अक्टूबर).
हेंमत ऋतु (अगहन-पौष या नवम्बर-दिसम्बर).
शिशिर ऋतु (माघ-फाल्गुन या जनवरी-फरवरी).