Season name in Hindi: भारत में मौसम कितने प्रकार के होते हैं, यदि आपके मन में भी यह प्रश्न है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको छह ऋतु के नाम और उनकी जानकारी देंगे। इसके अलावा यहाँ पर सीजन नाम इन हिंदी और अंग्रेजी (Seasons name in English and Hindi) में भी दिए गए है। छह ऋतु के नाम संस्कृत में (6 Ritu ke naam sanskrit mein) भी बताये गए है। आइये इसे विस्तार से जानते हैं। Show
हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रही है, इसके साथ ही यह अपने अक्ष पर थोड़ी सी झुकी हुई है। जिसकी वजह से दिन रात का समय कम ज्यादा होता रहता है और मौसम का परिवर्तन होता है। मौसम के परिवर्तन को हम ऋतु के नाम (Ritu name in hindi) से जानते है। यहाँ पर सीजन के नाम इंग्लिश में और हिंदी में दिए गए है आइये 6 season name in hindi को निम्न तरीके से जानते हैं। (यह भी पढ़ें – सभी रंगों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में – Colors Name in Hindi)
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छह ऋतु के नाम संस्कृत में – 6 Ritu ke naam sanskrit meinयदि आप सभी ऋतुओं के नाम संस्कृत में जानना चाहते है तो यह पर सीजन के नाम हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में दिए गए है। (यह भी पढ़ें – फलों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में – Fruits Name In Hindi and English)
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भारत की 6 ऋतुएं और उनके अनुसार भोजन की पूर्ण जानकारी (bharat ki 6 rituye or unke anusar bhojan) भारत वर्ष पुरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान के लिए प्रसिद्ध है! विश्व में मानचित्र में भारत की भौगोलिक स्तिथि बड़ी ही प्रमुख है! जहाँ एक तरफ भारत के उत्तर में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला हिमालय पर्वत है तो वहीं दूसरी तरफ भारत के दक्षिण में विशाल हिन्द महासागर है! पुरे विश्व में हिन्द महासागर अकेला ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर है! हिंद महासागर का नाम हिन्दुस्तान के नाम पर पड़ा है! शिव धनुष को सीता के स्वयंवर तक कौन उठा कर लाया था जहां एक तरफ भारत के पश्चिम में राजस्थान का गर्म और मरुस्थलीय इलाका है तो दूसरी तरफ भारत वर्ष के पूर्व में मेघालय जैसा राज्य है जहाँ सबसे अधिक वर्षा होती है! भारत वर्ष न तो विषुवत रेखा से बहुत ज्यादा दूर स्तिथ है और न ही विषुवत रेखा भारत से हो कर गुजरती है! भारत की इसी भौगोलिक स्तिथि के कारण भारत में प्रत्येक वर्ष 6 ऋतुएं आती हैं! मुख्य रूप से भारत में 3 ऋतुएं हैं
ये हैं भारत की 6 ऋतुओं के नाममहृषि शुश्रुत द्वारा 12 महीनो को 6 ऋतुओ में बांटा गया है! प्रत्येक ऋतु 2-2 महीनो के लिए आती है! ये ऋतुएं निम्न प्रकार से हैं!
1) वसंत ऋतु (Spring Season)शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु के मध्य जो समय आता हैं उसे वसंत ऋतु कहा जाता है! वसंत ऋतु में ना तो अधिक सर्दी पड़ती है और न ही गर्मी! ऋतू राज वसंत : क्यों है वसंत ऋतु, ऋतुओ का राजावसंत ऋतु में ना ही सूर्य की तेज तपन होती है और न ही सर्दी की शीत हवा! वसंत ऋतु हर वर्ग के जीव के लिए सबसे अच्छी ऋतु है! यह ऋतु बूढ़े, बच्चे, जवान सभी के लिए लाभदायक ऋतु है! इस ऋतु में हमारे शरीर में रक्तसंचार बढ़ जाता है जिसके फलस्वरूप शरीर में नई ऊर्जा और स्फूर्ति आ जाती है! इस ऋतु में सरसों की पीली फसल तैयार हो जाती है और धरती पिले रंग से ढक जाती है! इन्ही सभी कारणों के कारण वसंत ऋतु को ऋतुओ का राजा कहा जाता है! वसंत ऋतू में होने वाली बिमारियाँवसंत ऋतु के शुरू होते ही सर्दी-खांसी, सुस्ती आना, गले में खराश, गले में सूजन आना आदि बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है अतः वसंत ऋतु के शुरू होते ही हमें अपने खान-पान पर और जीवन शैली पर विशेष ध्यान देना चाहिए! वसंत ऋतु में क्या न करें
वसंत ऋतु में क्या करना होगा आपके लिए लाभदायक
2) ग्रीष्म कालग्रीष्म काल सूर्य के तेज तपन, लू और चुभती-जलती गर्मी के लिए जाना जाता है! गर्मी के समय भारत में विद्यालयों की भी छूट्टियाँ कर दी जाती है! यदि गर्मी के समय शरीर का सही से ख्याल न रखा जाए तो यह जानलेवा तक साबित हो सकता है! गर्मी में शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है इसलिए दिन में प्रयाप्त मात्रा में पानी पीना बहुत ही जरुरी हो जाता है! गर्मी में इन बातों का रखे ख़ास ख्याल
Note:- फ्रिज के पानी का सेवन नहीं करना चाहिए इससे गले से जुडी बिमारियाँ हो सकती है! गर्मी की ऋतु में क्या करने से बचना चाहिए!
3)वर्षा ऋतुगर्मी के दिनों में हमारी पाचक अग्नि मंद पड़ जाती है परन्तु वर्षा के दिनों में यह और भी मंद हो जाती है जिसके कारण पेट से जुड़े रोग होने की संभावना रहती है इसलिए हमें वर्षा ऋतू में अपने भोजन पर ख़ास ध्यान देना चाहिए! वर्षा ऋतू में अपने खाने में इन चीज़ो का रखे ख़ास ख्याल
वर्षा ऋतू में इन चीज़ो से बच कर रहें
4) शरद ऋतू (Winter Season)आयुर्वेद के अनुसार शरद ऋतू को रोग की माता कहा जाता है! इस ऋतू में पित्त दोष बढ़ जाता है जिसके कारण उल्टी, दस्त, पेचिस जैसी घातक बीमारियाँ होने की आशंका बढ़ जाती है! शरद ऋतू में इन चीज़ो का सेवन रहेगा फायदेमंद
5) हेमंत ऋतूहेमंत ऋतू ६ ऋतुओ में से एक ऋतु है यह तेज सर्दी के ठीक पहले आती है! इस ऋतु में प्रायः सेहत अच्छी रहती है और हमारी पाचन शक्ति भी हेमंत ऋतु में बढ़ जाती है! यह ऋतु काफी सुन्दर होती है इस ऋतु में न ही तेज ठिठुराने वाले सर्दी होती है और न ही तेज गर्मी ये मौसम घूमने के लिए बहुत ही बढ़िया ऋतु है! 6) शीत ऋतू
चार प्रमुख ऋतु कौन कौन से हैं?भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने भारत की जलवायु को निम्नलिखित चार ऋतुओं में बाँटा है– शीत, ग्रीष्म, वर्षा और शरद ऋतु ।
वर्षा ऋतु का दूसरा नाम क्या है?भारत में कुल कितनी ऋतु होती हैं?. एक ऋतु में कितने मास होते हैं?एक ॠतु = २ मास। ऋतु साैर और चान्द्र दाे प्रकार के हाेते हैं। धार्मिक कार्य में चान्द्र ऋतुएँ ली जाती हैं।
मौसम के नाम कितने होते हैं?मौसम कितने प्रकार के होते हैं. बसंत ऋतु (चैत्र-बैशाख या मार्च-अप्रैल). ग्रीष्म ऋतु (ज्येष्ठ-आषाढ़ या मर्इ-जून). वर्षा ऋतु (श्रावण-भाद्रपद या जुलार्इ-अगस्त). शरद ऋतु (आश्विन- कार्तिक या सितम्बर-अक्टूबर). हेंमत ऋतु (अगहन-पौष या नवम्बर-दिसम्बर). शिशिर ऋतु (माघ-फाल्गुन या जनवरी-फरवरी). |