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यह एक वायरस जनित रोग है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा, थूक, छींकना, म्यूकस, फुंसियों से निकलने वाले द्रव, कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने से फैलता है। बच्चों में संक्रमण फैलने का समय फुंसी या रैश आने के दो दिन पहले से ही शुरू हो जाता है। ये संक्रमण फुंसियों के सूखकर झड़ने तक रहता है। पढ़ें ये खास खबर- Facebook पर बनाएं अच्छे दोस्त, बढ़ेगी Fan Following चिकन पॉक्स के लक्षण -शरीर पर खुजली के साथ लाल दाग या फुंसियां हो जाती हैं। पढ़ें ये खास खबर- मध्य प्रदेश में बच्चों का 'जेल ब्रेक', दो बाल संप्रेषण गृह से भागे 13 अपचारी, सुराग जुटाने में पुलिस नाकाम चिकन पॉक्स में उपचार के उपाय -चिकन पॉक्स होने पर मरीज को कभी भी एस्प्रिन नहीं देना चाहिए। -चिकन पॉक्स होने पर शरीर पर काफी तेज इचिंग होती है। ऐसे में खुजली या दाग मिटाने के लिए हरे मटर को पानी में उबाल लें। इस पानी को शरीर पर लगाएं। इससे इचिंग कम होगी। साथ ही, फुंसियों के दाग नहीं होंगे। -सेब के छिलके को कुनकुने पानी में मिला लें। इस पानी से नहाएं, तो खुजली में आराम मिलेगा। -चिकन पॉक्स में होने वाली फुंसियों में खुजली होती है और हल्का पेन भी। इससे बचने के लिए शरीर पर विटामिन-ई युक्त ऑयल का यूज करें। दिन में दो बार इसे रूई की सहायता से शरीर पर लगाएं। -नीम औषधिय पेड़ है। ऐसी बीमारियों के संक्रमण को कम करने या मिटाने के लिए यह सबसे ज्यादा उपयोगी है। ऐसे में नीम की ताजा पत्तियों को हल्के हाथ से साफ पानी में धो लें। इसके बाद पानी गर्म करने रखें उसमें ये पत्तियां उबाल लें। इस पानी से नहाने से भी चिकन पॉक्स से होने वाली समस्याओं में आराम मिलता है। -इस दौरान नींबू शिकंजी का सेवन फायदेमंद रहता है। -चिकन पॉक्स के दौरान ज्यादा तीखा या तेज मसालेदार खाने से दूरी बना लेना चाहिए। -चिकन पॉक्स में आठवें दिन से झड़ना शुरू होती है। इस दौरान शरीर पर हल्के हाथों से शहद की मालिश करने से खुजली में आराम मिलता है, साथ ही निशान भी नहीं पड़ते। -चिकन पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। इसका संक्रमण ज्यादा न फैले इसके लिए सबसे अच्छा घरेलू नुस्खा नीम है। मरीज के बिस्तर के पास ताजा नीम की पत्तियों को रखना चाहिए। ऐसा करने से संक्रमण के विषाणु तेजी से नष्ट होते हैं, साथ ही रोग भी नहीं बढ़ता। -अगर घर में बाथ टब हो तो उसमें ठंडा पानी भर लें। इस पानी में अदरक को कूट कर डाल दें। आधे घंटे तक पानी को ऐसे ही रहने दें। फिर इस पानी में बैठ जाएं। अदरक का यह पानी शरीर को राहत देता है। दिसंबर का महिना, यह केवल न्यू ईयर या क्रिसमस मनाने के लिए नहीं होता, कई एयरबोर्न बीमारियाँ हैं जो वर्ष के इस समय से लेकर वसंत ऋतु की शुरुआत तक सक्रिय होती हैं- चिकन पॉक्स (Chicken Pox in Hindi) उनमे से एक है जो दुनिया में सबसे खतरनाक संक्रामक बीमारियों में से एक है। चिकन पॉक्स एक संक्रामक रोग है या ये कहें की यह एक वायरल संक्रमण है जो हर्पीस वेरीसेला-ज़ोस्टर वायरस (Herpes vericella- zoster virus)के कारण होता है। चिकन पॉक्स(Chicken Pox in Hindi) छूने, खाँसने और छींकने से फ़ैलता है। यह संक्रामक बीमारी 15 साल या उससे कम आयु वाले बच्चों को अधिक प्रभावित करती है। इस लेख के माध्यम से चिकन पॉक्स के लक्षणों, कारणों और इलाज (Chicken Pox treatment in Hindi) के बारे में और जानकारी लेते हैं। चिकन पॉक्स (Chicken Pox in Hindi) मुख्यतः वैरिसेला नामक वायरस से फैलता है, और सामान्यतः बच्चों को व्यस्कों की तुलना में अधिक प्रभावित करता है। चिकन पॉक्स को छोटी माता या चेचक के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर चिकन पॉक्स दिसम्बर माह से फरवरी माह तक (December to spring) सबसे ज्यादा फैलता है और
कई बार यह संक्रमण सालभर रहता है। चिकन पॉक्स के मुख्य लक्षणों (Symptoms of Chicken Pox in Hindi) में मुख्यतः छोटे छोटे, द्रव से भरे फफोले के साथ खुजली होना सम्मलित हैं । चिकन पॉक्स के कारण- Causes of Chicken Pox in Hindiचिकन पॉक्स फ़ैलने का मुख्य कारण (Symptoms of Chicken Pox in Hindi) वैरिसेला-ज़ोस्टर वायरस होता है, परन्तु यह एक संक्रामक रोग है जो संक्रमण से फ़ैलता है। चिकन पॉक्स (Chicken Pox in Hindi) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खाँसने ,छींकने हाथ मिलाने, थूकने, फोड़े-फुंसी से निकले द्रव, कपड़े इत्यादि के सम्पर्क में आने से फ़ैलता है। यद्धपि चिकन पॉक्स व्यस्कों की अपेक्षा बच्चों को अधिक होता है फिर भी यह व्यस्कों में हो सकता है यदि-
अगर आपको बचपन में चिकन पॉक्स हो चुका है तो भविष्य में इसके होने की सम्भावना न के बराबर होती है या 99 % आपको यह रोग दुबारा नहीं होगा क्यूँकि इसके एक बार हो जाने के बाद हमारे शरीर में इस रोग के लिये प्रतिरोधक शक्ति उत्पन्न हो जाती है। चिकन पॉक्स के लक्षण – Symptoms of Chicken Pox in Hindiसामान्यतः चिकन पॉक्स संक्रमण वायरस के संपर्क में आने के 10 से 21 दिन तक होता है और 5-10 दिन तक रहता है। छोटे, द्रव से भरे फफोले के साथ खुजली होना इसका मुख्य लक्षण है, इसके अतिरिक्त इसके लक्षण बच्चों और व्यस्कों में अलग अलग होते हैं। चिकन पॉक्स के सामान्य लक्षण- Symptoms of Chicken pox in Hindi इस प्रकार हैं-
इसके बारे में भी विस्तार से पढ़ें: chikungunya in hindi चिकन पॉक्स के लक्षण बच्चों में :Chicken Pox Rashesज्यादातर बच्चों को चिकनपॉक्स 10 साल की उम्र से पहले होता है, बच्चों में चिकन पॉक्स के लक्षण इस प्रकार हैं –
चिकन पॉक्स के लक्षण व्यस्कों में:व्यस्कों में चिकन पॉक्स के लक्षण, बच्चों में चिकन पॉक्स के लक्षणों के समान ही होते हैं किन्तु व्यस्कों में यह लक्षण कई बार अधिक घातक हो सकते हैं। इसके मुख्य लक्षणों में सम्मिलित हैं-
गर्भावस्था के दौरान चिकन पॉक्स- Chicken Pox in Pregnancyयदि किसी गर्भवती महिला को चिकन पॉक्स होता है तो वह और उसका बच्चा दोनों को ही गम्भीर जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। कुछ समस्याएं इस प्रकार हैं-
चिकन पॉक्स का इलाज एवं निवारण – Chicken Pox Treatment in Hindiस्वस्थ बच्चों में चिकन पॉक्स के लिए चिकित्सा इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। यह बीमारी ठीक होने के लिए अपना समय लेती ही है। यद्धपि भिन्न भिन्न लक्षणों को कम करने के लिए के लिए आप दवा ले सकते हैं। इसके लक्षणों के आधार पर कुछ दवाये इस प्रकार हैं – Treatment of Chicken Pox in Hindi
चिकन पॉक्स से होने वाली समस्याएंसामान्यतः चिकन पॉक्स गंभीर बीमारी नहीं होती किन्तु कुछ गलतियों के कारण यह किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण भी बन सकती है चिकन पॉक्स से उत्पन्न कुछ प्रमुख समस्याएं इस प्रकार हैं-
इसके बारे में भी विस्तार से पढ़ें:Home Remedies for Fever इसके अतिरिक्त टीकाकरण या वेक्सीनेशन चिकन पॉक्स (Chicken pox in Hindi) का प्रभावशाली उपाय है चिकन पॉक्स का वेक्सीनेशन 2 डोज में होता है इस वैक्सीन के 2 डोज से ही आप 98 %तक सुरक्षित हो जाते हैं। चिकन पॉक्स बचपन की तुलना में बड़े होने के बाद ज्यादा खतरनाक होता है। चिकन पॉक्स में अगर रोगी को तेज़ बुखार आता है तो घरेलू उपाय अपनाने की जगह डॉक्टर को दिखाना चाहिये। चिकन पॉक्स में खुजली कैसे कम करें?1- जिस किसी को भी चिकनपॉक्स हुआ हो, उसे हाथों में मोजे पहनकर सोना चाहिए जिससे कि रात में अनजाने में खुजली करते समय दानों में खरोंच न लगे। ... . 2- चिकनपॉक्स की खुजली से छुटकारा पाने के लिए नीम एक अच्छा विकल्प होता है। ... . 3- स्नान करने के लिए, एक बाल्टी पानी में कुछ नीम के पत्ते डालें और फिर अपने ऊपर पानी डालें।. चिकन पॉक्स होने पर क्या खुजली होती है?छोटी माता (चिकन पॉक्स) के संक्रमण से पूरे शरीर में फुंसियों जैसी चक्तियाँ विकसित हो जाती हैं जो दिखने में खसरे की बीमारी की तरह भी लगती है। इस बीमारी में पूरे शरीर में खुजली करने का बहुत मन करता है। चिकन पॉक्स का संक्रमण महामारी की तरह फैलता है।
क्या चिकन पॉक्स में नहाना चाहिए?चिकन पॉक्स होने पर शुरुआती 7 दिनों तक फोड़ों के फूटने और इंफेक्शन फैलने का खतरा अधिक होता है इसीलिए, पहले 5 या 7 दिनों तक न नहाने की सलाह दी जाती है।
चिकन पॉक्स के निशान को कैसे रोकें?नींबू- चिकनपॉक्स के दौरान शरीर पर निकले दानों के दाग को हटाने के लिए नींबू बहुत असरकारक है। रोज नींबू को दागों पर रगडे़ं और इसके बाद चेहरा धो लें। धीरे-धीरे ये दाग के निशान साफ होते चले जाएंगे। शहद- शहद से भी चिकनपॉक्स के बाद होने वाले दागों को हटाया जाता है।
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