Formulae Handbook for Class 9 Maths and ScienceEducational Loans in India NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2 दुःख का अधिकार is part of
NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2 दुःख का अधिकार. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास मौखिक निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. लिखित प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. (ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. (ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. भाषा-अध्ययन प्रश्न 1. प्रश्न 2. उत्तर- प्रश्न 3. प्रश्न 4. निर्वाह करना- बुढिया का बेटा भगवान डेढ़ बीघा जमीन पर सब्जियाँ उगाता था और उन्हें बेचकर अपना निर्वाह किया करता था। कोई चारा न हो- घर में अनाज का एक भी दाना न होने के कारण बुढ़िया के सामने कोई चारा नहीं रह गया था जिससे वह अपनी भूखी व बीमार बहू को कुछ दे सके। वह खरबूजे बेचने को विवश थी। शोक से द्रवित होना- संवेदनशील व्यक्ति दूसरों को दुखी देखकर प्रसन्न नहीं हो सकता। वह दुखी व्यक्ति के दुख के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए शोक से द्रवित हो जाता है। प्रश्न 5. उत्तर- (क) छन्नी-ककना- पुराने जमाने में गरीब स्त्रियाँ ही छन्नी-ककनी पहनती थीं। अढ़ाई मास- मक्के की यह प्रजाति अढाई मास में तैयार हो जाती है। पास-पड़ोस- व्यक्ति पर उसके पास-पड़ोस का असर अवश्य पड़ता है। दुअन्नी-चवन्नी- कभी दुअन्नी-चवन्नी भी अपनी कीमत रखते थे, पर आज वे चलन में नहीं हैं। मुँह अँधेरे- किसान मुँह अँधेरे खेत में चले जाते हैं। झाड़ना-फेंकना- ओझा का झाड़ना-फेंकना भी भगवान के काम न आया। (ख) फफक-फफककर- मेले में माँ-बाप से बिछड़ा बच्चा फफक-फफककर रो रहा था। प्रश्न 6. योग्यता विस्तार प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. अन्य पाठेतर हल प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. इस सूतक में उसके हाथ से खरबूजे खरीदने और खाने से उनका धर्म भ्रष्ट हो सकता था। प्रश्न 3. बुढ़िया को खरबूजे बेचते देख लोग किन-किन विशेषणों का प्रयोग कर रहे थे? उनका ऐसा कहना कितना उचित था? प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. More Resources for CBSE Class 9
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पुत्र वियोगिनी माता के दुख को जानने के लिए लेखक को किसकी याद आई?बुढ़िया खरबूजे बेचने का साहस करके आई थी, परंतु सिर पर चादर लपेटे, सिर को घुटनों पर टिकाए हुए फफक-फफकर रो रही थी। कल जिसका बेटा चल बसा, आज वह बाजार में सौदा बेचने चली है, हाय रे पत्थर-दिल! उस पुत्र-वियोगिनी के दुःख का अंदाजा लगाने के लिए पिछले साल अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दुःखी माता की बात सोचने लगा।
4 बुढ़िया के दुःख को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला की याद क्यों आई?मानों उसे इस दुख को मनाने का अधिकार ही न था। जबकि संभ्रांत महिला को असीमित समय था। अढ़ाई मास से पलंग पर थी, डॉक्टर सिरहाने बैठा रहता था। लेखक दोनों की तुलना करना चाहता था इसलिए उसे संभ्रांत महिला की याद आई।
दुखी होने के अधिकार से लेखक का क्या तात्पर्य है?► (b) एक धनी परिवार की महिला। 3. दुखी होने के अधिकार से लेखक का क्या तात्पर्य है? (a) दुख मानने की सहूलियत।
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