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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन द्वारा प्रायोजित पांच देशों के समूह के एक आभासी शिखर सम्मेलन में कहा कि कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में दिखाई दे रहे हैं और ब्रिक्स देशों के बीच आपसी सहयोग वैश्विक पोस्ट-कोविड रिकवरी में उपयोगी योगदान दे सकता है। प्रधान मंत्री के अनुसार, ब्रिक्स सदस्य राष्ट्र विश्व अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। डाउनलोड करें मई 2022 के महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तर की PDF, Download Free PDF in Hindi हिन्दू रिव्यू मई 2022, डाउनलोड करें मंथली करेंट अफेयर PDF (Download Hindu Monthly Current Affair PDF in Hindi) प्रमुख बिंदु :
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Here ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आपसी सहमति के आधार पर नए देशों को शामिल करने पर सहमति बनी थी. जिसके बाद अर्जेटीना और ईरान ने पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदन किया है. वहीं सम्मेलन से पहले सऊदी अरब भी ब्रिक्स में शामिल होने की ईच्छा जताई थी.मई में ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों के बीच वर्चुअल बैठक आयोजित की गई थी Image Credit source: @DrSJaishankar वैश्विक साझीदारी (Global Partnership) के मंच पर बीते दशक में पांच देशों के संगठन ब्रिक्स (BRICS) ने अपनी छाप छोड़ी है. जिसके तहत ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका के पहले अक्षरों से जाने वाले ब्रिक्स देशों के संगठन को वैश्विक पहचान मिली है. जिसे देखते हुए अन्य देश भी इसमें शामिल होने के लिए आगे आ रहे हैं. जिसके बाद ब्रिक्स का कुनबा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. असल में ईरान और अर्जेंटीना ने पांच देशों के संगठन ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन किया है. ब्रिक्स के हालिया शिखर सम्मेलन के कुछ दिन बाद यह जनकारी रूस के सरकारी मीडिया ने दी. असल में बीते दिनों हुई ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयाेजन किया गया था. जिसमें पूर्ण परामर्श और आम सहमति से नये देशों को ब्रिक्स में शामिल करने पर चर्चा हुई थी. पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदनरूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के हवाले से सरकारी समाचार एजेंसी तास ने कहा कि अर्जेंटीना और ईरान ने ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में शामिल होने के लिए आवेदन किया है. इसमें बताया गया कि ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतीबजादेह ने सोमवार को कहा कि तेहरान ने ब्रिक्स की सदस्यता के लिए आवेदन किया है. जिसके तहत राजनयिक ने आशा व्यक्त की कि ईरान ब्रिक्स के संचालन में योगदान करने और संगठन को लाभ पहुंचाने में सक्षम होगा. वहींतास की खबर में कहा गया कि अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने पिछले हफ्ते ब्रिक्स प्लसके सम्मेलन में कहा था कि उनका देश इस संघ का पूर्ण सदस्य बनना चाहता है. सऊदी अरब भी ब्रिक्स में शामिल होना चाहता हैतास कीखबर के मुताबिक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले सऊदी अरब ने भी समूह में शामिल होने में रुचि व्यक्त की थी. असल में ब्रिक्स ब्लॉक के विस्तार का मुद्दा चीन द्वारा आयोजित 23 जून के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में उठाया गया था, इस वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता चीन के पास थी. शिखर सम्मेलन के अंत में जारी घोषणा में कहा गया है कि नेता पूर्ण परामर्श और आम सहमति के आधार पर पांच देशों के समूह में नए देशों को शामिल करने की संभावना पर चर्चा करना जारी रखेंगे. वहींईरान और अर्जेंटीना के ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन करने के बारे में मंगलवार को यहां एक प्रेस वार्ता में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि कई देशों ने उभरते बाजारों के पांच सदस्यीय ब्लॉक में शामिल होने के लिए अपनी रुचि व्यक्त की है. वर्तमान में ब्रिक्स में कितने देश हैं?इस संगठन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. ब्रिक्स के सदस्य अपने क्षेत्रीय मसलों पर अपने अहम प्रभाव के लिए जाने जाते हैं. ब्रिक्स को दुनिया की अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में जाना जाता है. ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता हर साल इसके सदस्य राष्ट्रों की ओर से की जाती है.
ब्रिक्स देशों के समूह में कितने देश हैं?परिचय: ब्रिक्स दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं, जैसे- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिये एक संक्षिप्त शब्द है। 2001 में ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओ'नील ने ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन की चार उभरती अर्थव्यवस्थाओं का वर्णन करने के लिये BRIC शब्द गढ़ा।
ब्रिक्स में शामिल होने वाला अंतिम देश कौन सा है?ब्रिक्स का अर्थ भविष्य की पाँच प्रमुख राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाएं है: ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। मूल रूप से पहले चार को 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने से पहले "BRIC" के रूप में समूहीकृत किया गया था। इसलिए, दक्षिण अफ्रीका शामिल होने वाला अंतिम देश था।
ब्रिक्स का पहला सम्मेलन कहाँ हुआ था?कब हुई ब्रिक्स की शुरुआत वर्ष 2006 में न्यूयॉर्क में ब्रिक राष्ट्र के विदेश मंत्रियों का एक अधिवेशन हुआ था और इसी अधिवेशन के दौरान भारत, ब्राजील, रूस और चीन देश ने मिलकर ब्रिक की स्थापना करने पर चर्चा की थी. जिसके तीन साल बाद यानी साल 2009 में इन देशों ने रूस में अपना प्रथम सम्मेलन किया था.
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