हाईलाइट
Show डिजिटल डेस्क। नजर लगना एक बहुत बड़ा दोष माना जाता है। कई बार देखा गया है की नज़र के कारण अच्छा भला व्यवसाय अचानक रुक जाता है, पति-पत्नी मैं झगड़ा हो जाता है, बच्चे या बड़े दोनों बीमार पड़ जाते है या बनता काम बिगड़ जाता है। नज़र अनजाने में या जानते हुए लग जाती है। कहते है कि बेटे को माँ की भी नज़र लग जाती है, पर इसका कारण क्या है? हम सभी में बहुत सी सोई हुई शक्तियां हैं जो किसी विशेष परिस्थति में जागती हैं। अक्सर किसी विशेष समय में नज़र या बद्दुआ लग जाती है, ये एक नकारात्मक उर्जा है जो आँखों के ज़रिये बाहर आती है। यदि आप भी किसी ऐसी ही परेशानी का सामना कर रहे है, तो आप घर बैठे ही उपचार कर सकते है, इन बहुत ही करामाती और सरल उपायों के माध्यम से... उपाय कई प्रकार के होते हैं और ये उपाय ठीक से किए जाते हैं तो व्यक्ति के घर की दशा बदल सकती है।
यहां दिए गए उपाय से कई प्रकार कष्ट समाप्त हो जाते हैं। और ग्रह दोष भी शांत होते हैं। यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह भी उतर जाती है। आपको कार्यों में सफलता मिलने लगती है और परिश्रम का सही फल प्राप्त होने लगता है। इन उपायों के साथ ही माता-पिता, इष्टदेवी-देवताओं,कुलदेवता,और पितरों का भी पूजन-अर्चन करते रहना चाहिए। बार बार नजर क्यों लगती है?नजर लगने को नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है. किसी की सोच, स्वभाव और सम्पर्क का अगर हम पर नकारात्मक असर पड़ता है तो उसे जर लगना कहते हैं. नजर लगने की वजह से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ठहर जाती है और व्यक्ति की प्रगति में रुकावट आने लगती है.
नजर से बचने के लिए क्या पहनना चाहिए?घर या व्यवसाय के प्रवेश द्वार पर मयूर का चित्र लगाने से नजर नहीं लगती। नजर से बचने के लिए काला धागा पहनाने या काला टीका या काजल लगाने की परंपरा रही है। स्पष्ट है कि काला रंग नजर लगाने वाले की एकाग्रता को भंग कर देता है। तिलक लगाने और मंगल-सूत्र पहनने के पीछे यही भावना है।
बार बार नजर लगने पर क्या करें?लहसुन, राई, नमक, प्याज़ के छिलके एवं सूखी लाल मिर्च। इन सबको नजर लगे बच्चे से सात बार उतारकर अंगारों पर डाल दें। जलने पर बदबू न आए तो समझें नजर लगी है। इस उपाय से नजर उतर भी जाएगी।
नजर लगने के लक्षण क्या होते हैं?What are the symptoms of Nazar- नजर लगते ही अचानक से बेचैनी-सी होने लगती है। लगता है जैसे सब कुछ गलत हो रहा है। कभी-कभी तो शादीशुदा जोड़ों में अविश्वास की दीवार खड़ी होने लगती है। शारीरिक परेशानी अलग से होती है और पेट में दर्द, चलते-चलते गिर जाना।
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