ब्लड डोनेट करने से क्या नुकसान होते हैं? - blad donet karane se kya nukasaan hote hain?

Blood Donation Mistakes In Hindi: लोगों में खून की कमी होना इन दिनों बहुत आम है। खानपान में कमी और संतुलित आहार न लेने के चलते बहुत से इन दिनों शरीर में खून की कमी से जूझ रहे हैं। हालांकि, कुछ लोगों में किसी मेडिकल कंडीशन के कारण भी खून की कमी की जरूरत पड़ सकता है। इसके अलावा आपने अक्सर देखा होगा हॉस्पिटल में कई मामलों में मरीज को खून की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी, एक्सिडेंट और कई अन्य मामलों में अक्सर डॉक्टर्स को मरीज को खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। लेकिन बहुत बार यह देखा जाता है कि अस्पताल में पर्याप्त खून मौजूद न होने के कारण परिवार के सदस्यों या ब्लड बैंक से खून लेने की जरूरत पड़ती है।

रक्तदान करना बहुत अच्छी बात होती है। बहुत से लोग अपने परिवार के सदस्यों या फिर ब्लड बैंक में खून जमा करने के लिए रक्तदान करते हैं, जिससे कि जरूरतमंदों को समय पर खून मिल सके। क्योंकि बहुत से लोगों को समय पर खून न मिलने के कारण अपनी जान गवानी पड़ती है। इसलिए हम सभी को रक्तदान करने का प्रयास करना चाहिए, यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। इससे आपके शरीर में नया रक्त बनने की अनुमति मिलती है, और रक्त भी शुद्ध होता है। लेकिन रक्तदान करने से पहले बहुत सी बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। रक्तदान से पहले कुछ गलतियां सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस लेख में हम आपको ऐसी 6 बातों (Mistakes To Avoid While Donating Blood In Hindi) के बारे में बता रहे हैं जिनका आपको रक्तदान से पहले ध्यान रखना चाहिए।

रक्तदान से पहले नहीं करनी चाहिए ये 6 गलतियां (Mistakes To Avoid While Donating Blood In Hindi)

1. ब्लड डोनेशन से पहले शरीर को पर्याप्त आराम नहीं देते हैं

अगर आप रक्तदान का प्लान बना रहे हैं तो आपको एक रात पहले अच्छी और पर्याप्त नींद लेने की जरूरत है। जिससे कि आप   रक्तदान के समय ऊर्जावान रह सकें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो रक्तदान के बाद आप अधिक थकान, चक्कर आना या कमजोरी का अनुभव कर सकते है।

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2. अपनी सेहत का सेहत का ध्यान नहीं रखते हैं

रक्तदान से पहले अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर आप अच्छा और स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं, या सर्दी-जुकाम  जैसी मौसमी समस्या से ग्रसित हैं तो आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे आपकी मौजूदा स्थिति बिगड़ सकती है। साथ ही इससे आपके रक्तदान करने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।

3. पौष्टिक आहार नहीं लेते हैं

रक्तदान से पहले शरीर को पर्याप्त पोषण देना बहुत जरूरी होता है। ऐसा आहार लें जिसमें आयरन, विटामिन सी जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हों। जिससे कि आपको रक्तदान के बाद कमजोरी महसूस न हो। आप रेड मीट, मछली, चिकन, राजमा, दाल, पालक, नट्स और ड्राई फ्रूट्स के साथ ही बीजों का सेवन भी कर सकते हैं।

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4.  पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं

रक्तदान से पहले शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। इससे शरीर में एनर्जी बनी रहती है, और रक्तदान के बाद थकान और कमजोरी महसूस नहीं होती है। इसलिए कोशिश करें कि रक्तदान से पहले और बाद में पर्याप्त पानी के साथ ही तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें।

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5. स्मोकिंग करने और अल्कोहल के सेवन से बचें

रक्तदान से कम से कम 24 घंटे पहले शराब का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। साथ ही कम से कम 2 घंटे पहले स्मोकिंग बंद करने की सलाह दी जाती है। यह आपके रक्त की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।

6. कभी भी खाली पेट न करें रक्तदान

भूलकर भी आपको खाली पेट रक्तदान करने की गलती नहीं करनी चाहिए। इससे रक्तदान के बाद आपको भारी नुकसान हो सकता है। थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है साथ ही चक्कर भी आ सकते हैं। इसलिए रक्तदान से पहले भोजन करना जरूरी है।

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यह भी ध्यान रखें

रक्तदान के बाद शरीर को आराम दें कुछ तरल पदार्थ पिएं और थोड़ी देर के लिए लेट जाएं। फलों का जूस पिएं, इससे रिकवरी में मदद मिलेगी। 18 साल से 65 उम्र के बीच कोई भी रक्तदान कर सकता है। लेकिन स्वस्थ लोग ही रक्तदान कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति 3-4 महीनों में एक बार रक्तदान कर सकता है।

भारत में हर वर्ष लगभग 30-35 प्रतिशत रक्त की कमी का सामना करना पड़ता है। देश को प्रति वर्ष आठ से दस मिलियन यूनिट रक्त की जरूरत होती है, लेकिन मुश्किल से 5.5 मिलियन यूनिट का ही प्रबंध हो पाता है। भारत में रक्तदान की कमी काफी हद तक गलत सोच और मिथकों के कारण है। तो आइये जानते हैं रक्तदान के फायदे, नुकसान और रक्तदान से जुड़े कुछ तथ्यों और मिथकों के बारे में -

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Blood Donation Benefits: रक्त दान को लेकर आज भी लोगों के मन में कई सारी गलत धारणाएं मौजूद हैं. ज्यादातर लोग ऐसा सोचते हैं कि ब्लड डोनेट करने से कमजोरी आ जाती है और फिर कई बीमारियां लग सकती हैं जों कि पूरी तरह से गलत धारणा है. रक्तदान हम सभी की सामुदायिक जिम्मेदारी है. एक रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में जाने वाले सात लोगों में लगभग एक व्यक्ति को खून की जरूरत होती है, कई बार खून की कमी से लोगों की जान तक चली जाती है.

भारत ही नहीं अमेरिका जैसे विकसित देश में भी रक्तदान की एक बड़ी समस्या है. हेल्थ मैटर्स के अनुसार अमेरिकन रेड क्रॉस के मुताबिक यूएस में हर दो सेकंड में किसी न किसी को खून की जरूरत पड़ती है. जनवरी 2022 में, अमेरिकन रेड क्रॉस ने घोषणा की कि वह ओमिक्रॉन उछाल के बीच एक दशक में सबसे खराब रक्त की कमी का सामना किया.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के अनुसार हमारे देश की आबादी का केवल 37 प्रतिशत लोग ही रक्तदान करने योग्य है लेकिन उनमें से भी 10 प्रतिशत से कम लोग हर साल ब्लड डोनेट करते हैं. ब्लड प्रकृति द्वारा हमे दिया गया सबसे मूल्यवान उपहार है. हम इसके माध्यम से लोगों की कई तरह से मदद कर सकते हैं. काफी कम लोग यह बात जानते हैं कि रक्तदान करने से हमारे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता बल्कि यह हमे कई तरह से फायदा पहुंचाता है. आइए जानते हैं कि अगर हम ब्लड डोनेट करते हैं तो हमें क्या-क्या लाभ मिलते हैं.

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ब्लड देने से कमजोरी आती है क्या?

नियमित तौर पर रक्तदान करने के लिए 450 मिली खून की आवश्यक्ता होती है, अगर व्यक्ति पूरी तरह फिट है तो. लेकिन, रक्तदान करने के बाद रक्तदाता (Blood Donor) या ब्लड डोनर को कमजोरी महसूस हो सकती है. इसलिए निम्न चीजें रक्तदान से पहले खाने पर रक्तदान करने के बाद अधिक कमजोरी नहीं होगी. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.

रक्तदान करने से क्या नुकसान है?

रक्तदान करने से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता

खून देने से शरीर में क्या होता है?

हृदय रोग के खतरे को कम करता है अगर आप नियमित रक्तदान करते हैं तो शरीर में आयरन का स्तर नियंत्रित रहता है. रक्त में आयरन की उच्च मात्रा रक्त धमनियों को ब्लॉक करने लगती है जिससे ब्लड सर्कुलेश ठीक प्रकार से नहीं हो पाता, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है और हेमोक्रोमैटोसिस (आयरन अधिभार) नामक बीमारी हो जाती है.

ब्लड डोनेट करने के बाद कितने दिन में ब्लड बनता है?

डॉक्टर्स का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को हर 3 महीने में ब्लड डोनेट करना चाहिए. इसके पीछे वजह ये है कि शरीर में 90 से 120 दिन के अंदर रेड ब्लड सेल्स अपने आप डेड हो जाती हैं और नई सेल्स बनती हैं. यही वजह है कि डॉक्टर हर 3 महीने पर रक्त दान करने की सलाह देते हैं.