रीढ़ की हड्डी नामक पाठ का मुख्य पात्र कौन है *? - reedh kee haddee naamak paath ka mukhy paatr kaun hai *?

Answer: (c) जिस परिवार में वे अपनी लड़की की शादी करना चाहते हैं वह पुराने विचारों का है जिन्हें अधिक पड़ी लिखी सड़की नहीं चाहिए


Question 2.
गोपाल प्रसाद विवाह को क्या मानते हैं?
(a) बिजनेस मानते हैं।
(b) दो आत्माओं का मिलन मानते हैं
(c) पारिवारिक संबंध मानते हैं
(d) ईश्वर की बनाई रीति मानते हैं

Answer

Answer: (a) बिजनेस मानते हैं।


Question 3.
“आपके लाइले बेटे की रीढ़ की हड्डी है भी या नहीं-” उमा इस कथन से किस ओर संकेत करती
(a) शंकर की बीमारी की और
(b) शंकर की चरित्रहीनता की ओर
(c) शंकर की कमजोरी की और
(d) शंकर के परिवार की ओर

Answer

Answer: (b) शंकर की चरित्रहीनता की ओर


Question 4.
रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का प्रमुख पात्र कौन है?
(a) रामस्वरूप
(b) गोपाल प्रसाद
(c) शंकर
(d) उमा

Answer

Answer: (d) उमा
उमा इस एकांकी की प्रमुख पात्र है।


Question 5.
रीढ़ की हड्डी एकांकी का उद्देश्य क्या है?
(a) लोगों का मनोरंजन करना
(b) ऐसे लोगों का पर्दाफाश करना जो विवाह के नाम पर सौदेबाजी करते हैं।
(c) एकांकी विधा का महत्व बताना
(d) वैवाहिक जीवन के बारे में बताना

Answer

Answer: (b) ऐसे लोगों का पर्दाफाश करना जो विवाह के नाम पर सौदेबाजी करते हैं।


Question 6.
हमारे समाज को आज कैसे व्यक्तित्व की जरूरत
(a) रामस्वरूप जैसे
(b) उमा जसे
(c) गोपाल प्रसाद जैसे
(d) शंकर जैसे

Answer

Answer: (b) उमा जसे
उमा जसे व्यक्तित्व की आज के समाज को यहुत आवश्यकता है।


Question 7.
रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद किस युग की बातें करते हैं?
(a) गुजरे जमाने की
(b) वर्तमान युग की
(c) भविष्य की
(d) आदि काल की

Answer

Answer: (a) गुजरे जमाने की
वे गुजरे जमाने की बातें करते हैं।


Question 8.
रीढ़ की हड्डी नाटक में कितने पात्र हैं?
(a) चार
(b) पाँच
(c) तीन
(d) यह

Answer

Answer: (d) यह


Question 9.
उमा कैसी लड़की है?
(a) शमौली
(b) बहादूर
(c) कायर
(d) कम पढ़ी-लिखी

Answer

Answer: (b) बहादूर
बहादुर लड़की।


Question 10.
रीढ़ की हड्डी किसकी नहीं है?
(a) रामस्वरूप की
(b) गोपाल प्रसाद
(c) शंकर की
(d) प्रेमा की

Answer

Answer: (c) शंकर की


Question 11.
रीढ़ की हड्डी’ हिन्दी की किस विधा में लिखा गया
(a) एकाकी नाटक
(b) कहानी
(c) उपन्यास
(d) झायरी

Answer

Answer: (a) एकाकी नाटक




Question 12.
रीढ़ की हड्डी’ पाठ के लेखक कौन हैं
(a) प्रेमचंद
(b) शमशेर बहादुर सिंह
(c) फणीश्वर नाथ रेणु
(d) जगदीश चंद्र माथुर

Answer

Answer: (d) जगदीश चंद्र माथुर


नीचे दिए गए कथन का उनके वक्ता के साथ मिलान कीजिए

(क) परमात्मा के यहाँ अक्ल बंट रही थी तो तू देर से पहुंचा था क्या – शंकर
(ख) जी हाँ कोई नौकरी तो करानी नहीं – रामस्वरूप
(ग) लेकिन वह तुम्हारी लाइली बेटी तो मुंह फुलाए पड़ी है – गोपाल प्रसाद
(घ) कचौड़ियों भी तो उस जमाने में पैसे की दो आती थी – बाबू
(ङ) जरा इसे भी तो मुंह खोलना चाहिए – रामस्वरूप
(च) रिकार्ड एक बार बढ़ा तो रुकने का नाम नहीं – प्रेमा

Answer

Answer:
(क) – वादू
(ख) – शकर
(ग) – प्रेमा
(घ) – रामस्वरूप
(ङ) – गोपाल प्रसाद
(च) – रामस्वरूप।


उचित कथन के सामने (✓) जुनचित कयन के सामने (✗) का निशान लगाइए

(क) उमा ने एम. ए. की परीक्षा पास की है।

Answer

Answer: (✗)
उमा ने बी.ए. की परीक्षा पास की है


(ख) गोपाल प्रसाद उमा की नाक पर चश्मा देखकर चौंक गए।

Answer

Answer: (✓)


(ग) उमा रामस्वरूप की बेटी थी।

Answer

Answer: (✓)


(घ) गोपाल प्रसाद ने कहा जी हाँ वह तो रंगीन जमाना था।

Answer

Answer: (✗)
यह कथन रामस्वरूप का है गोपाल प्रसाद का नहीं


(ङ) उमा हाथ में चाय की ट्रे लेकर आती है।

Answer

Answer: (✗)
हाथ में चाय की ट्रे लेकर रामस्वरूप आता है।


(च) उमा हाथों में पान की तश्तरी लेकर आती है।।

Answer

Answer: (✓)


सामने दिए गए वाक्यांशों के साथ मिलान करके लगाइए

रीढ़ की हड्डी नामक पाठ का मुख्य पात्र कौन है *? - reedh kee haddee naamak paath ka mukhy paatr kaun hai *?

Answer

Answer:
(क) तेरे कानों में डाट लगी है क्या?
(ख) किस मर्ज की दवा हो?
(ग) सारे जतन करके तो हार गई।
(घ) बिना टीमटाम के भला कौन पूछता है।
(ड) बाप सेर है तो लड़का सवा सेर।
(च) व्याह तय करने आए हो।
(छ) कोई पेट तो भरना धा नहीं।
(ज) कोई पाप नहीं किया।


एकांकी रीढ़ की हड्डी' एक सामाजिक एकांकी है। इस एकांकी के लेखक श्री जगदीश चंद्र माथुर हैं। इसमें उन्होंने लड़के और लड़की में भेदभाव करने वाले लोगों पर प्रहार करते हुए दोनों को समान सामाजिक प्रतिष्ठा देने की बात कही है। एकांकी का संक्षिप्त सार इस प्रकार है--

 

एकांकी का आरंभ रामस्वरूप बाबू के घर में होने वाली साज-सब्जा से होता है। उनकी लड़की उमा को देखने के लिए बाबू गोपाल प्रसाद और उनका बेटा शंकर आने वाले हैं। बावू रामस्वरूप, उनकी पत्नी प्रेमा और उनका नौकर रतन कमरे को सजाते हैं। बीच-बीच में बाबू रामस्वरूप अपने नौकर पर झुंझलाते भी हैं, तभी प्रेमा उन्हें बताती है कि उनकी लड़की उमा को जब से लड़के वालों के आने की बात कही है, तभी से वह मुँह फुलाए पड़ी है।


👉 कक्षा 9 हिंदी के सभी पाठों की विस्तृत व्याख्या, प्रश्नोत्त(click here)

👉 कक्षा 9 क्षितिज, कृतिका क्विज / एम सी क्यू(click here)

👉 कक्षा 9 हिंदी व्याकरण क्विज / एम सी क्यू(click here)   

 


रामस्वरूप अपनी पत्नी को कहते हैं कि वह उमा को जैसे-तैसे समझाकर तैयार कर दे। साथ ही वे अपनी पत्नी से कहते हैं कि लड़के वालों के सामने उमा की उच्च शिक्षा की बात नहीं बतानी है। वे कम पढ़ी-लिखी लड़की चाहते हैं, अत: वे उमा को मैट्रिक तक पढ़ा-लिखा ही बताएँगे। उसी समय लड़के वालों का आगमन होता है। बाबू गोपाल प्रसाद पढ़े-लिखे और पेशे से वकील हैं। उनका बेटा शंकर बी० एससी० के बाद लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में पढ़ता है। उसकी आवाज़ पतली और खिसियाहट-भरी है। झुकी हुई कमर उसकी खासियत है। रामस्वरूप अतिथियों की आवभगत करते हैं। गोपाल प्रसाद अपने अतीत की बातें करते हैं और आत्म-प्रशंसा करते हुए अपने आप को महान साबित करने की कोशिश करते हैं। 


कुछ ही देर बाद गोपाल प्रसाद विवाह को 'बिजनेस' कहकर विवाह की बात छेड़ते हैं। रामस्वरूप उनके लिए नाश्ता लाकर उनकी सेवा करते हैं। कुछ इधर-उधर की बातों के बाद गोपाल प्रसाद स्पष्ट कहते हैं कि उन्हें कम पड़ी-लिखी लड़की चाहिए। उनका मत है कि लड़कियों को अधिक पढ़ाना बेकार है। पढ़ना और कमाकर लाना तो केवल पुरुषों का काम है। स्त्रियों का कार्य तो केवल घर-गृहस्थी संभालना है। गोपाल प्रसाद कहते हैं कि उच्च शिक्षा प्राप्त करना केवल लड़कों का अधिकार हैं, लड़कियों का नहीं। उनका लड़का शंकर भी उनकी इस विचारधारा का समर्थन करता है।


थोड़ी दी देर बाद रामस्वरूप अपनी बेटी उमा को आवाज़ लगाते हैं। पान की तश्तरी हाथों में लिए उमा अत्यंत सादे कपड़ों में आती है। उसकी आँखों पर लगे चश्मे को देखते ही गोपाल प्रसाद और शंकर चौंक पड़ते हैं। रामस्वरूप बताता है कि कुछ दिन पहले ही आँखों में आई कुछ खराबी के कारण ही वह चश्मा लगा रही है। गोपाल प्रसाद उससे गाने-बजाने के बारे में पूछते हैं। रामस्वरूप भी उमा को गाने


के लिए कहते हैं। उमा सितार उठाकर मीरा का मशहूर गीत 'मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई' गाने लगती है। वह गीत में इतना तल्लीन हो जाती है कि उसकी झुकी गर्दन ऊपर उठती है तो वह शंकर को देखती है। शंकर को देखते ही वह गाना बंद कर देती है। तब गोपाल प्रसाद उससे पेंटिंग, सिलाई और अन्य चीजों से संबंधित सवाल पूछते हैं किंतु उमा कोई उत्तर नहीं देती। गोपाल प्रसाद उसे बोलने के लिए कहते हैं। रामस्वरूप भी अपनी बेटी को जवाब देने के लिए कहता है। तरह-तरह के सवालों से अपमानित उमा कहती है कि लड़कियाँ केवल निर्जीव वस्तुएँ अथवा बेबस जानवर नहीं होती। उनका भी मान-सम्मान होता है। इस प्रकार तरह-तरह के सवाल पूछकर उन्हें अपमानित करना उचित नहीं है। गोपाल प्रसाद जाने के लिए उठते हैं। तब उमा उन्हें बताती है कि जिस लड़के के लिए वे सर्वगुणसंपन्न लड़की चाहते हैं उनका वह लड़का लड़कियों के हॉस्टल के इर्द-गिर्द ताक-झाँक करता हुआ कई बार पकड़ा गया है गोपाल प्रसाद को पता चल जाता है कि उमा पढ़ी-लिखी लड़की है। वे रामस्वरूप को कहते हैं कि उन्होंने उनके साथ धोखा किया है। यह कहकर वे दरवाजे की ओर बढ़ते हैं। तब उमा कहती है कि जाइए और घर जाकर यह ज़रूर पता लगा लेना कि आपके लाडले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं। 


बाबू गोपाल प्रसाद के चेहरे पर बेबसी का गुस्सा और शंकर के चेहरे पर रुआँसापन आ जाता है। दोनों बाहर चले जाते हैं। रामस्वरूप वहीं कुर्सी पर धम से बैठ जाते हैं। उमा रोने लगती है। घबराई हुई प्रेमा वहाँ पहुँचती है। तभी उनका नौकर रतन भी वहाँ आ जाता है। वह मेहमानों के लिए मक्खन लेने गया हुआ था। सभी रतन की ओर देखते हैं। यहीं एकांकी समाप्त हो जाती है।


रीढ़ की हड्डी प्रश्न उत्तर 

1. रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात-बात पर "एक हमारा ज़माना था..." कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना कहाँ तक तर्कसंगत है? 

उत्तर - सबको अपना अतीत सदैव सुखदायी लगता है। अपने अतीत की बातों को याद करके वह मन-ही-मन प्रसन्न होता रहता है। रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद भी अपने अतीत को याद करते हैं। किंतु उनका अपने अतीत की तुलना वर्तमान से करना उचित नहीं है। समय सदा एक-सा नहीं रहता। उसमें परिवर्तन आता रहता है। यह आवश्यक नहीं कि जो पहले था, वह आज भी रहे। इसी प्रकार अतीत में भी सभी चीजें अच्छी नहीं होती। कुछ चीजें अतीत में अच्छी रही होंगी तो कुछ चीजें वर्तमान में भी अच्छी होती हैं। केवल अतीत से चिपके रहकर वर्तमान की बुराई करना तर्कसंगत नहीं है।


2. रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है?

उत्तर - रामस्वरूप अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलाता है। वह मानता है कि लड़कियों के लिए भी शिक्षा उतनी ही जरूरी है जितनी लड़कों के लिए होती है। वह नारी-शिक्षा का पक्षधर हैं किंतु जब उसे गोपाल प्रसाद के लड़के के साथ अपनी बेटी का रिश्ता करना होता है तो वह अपनी बेटी की शिक्षा छिपाता है। एक लड़की का पिता होने की विवशता उससे ऐसा करवाती है। रामस्वरूप चाहता है कि उसकी बेटी का विवाह गोपाल प्रसाद के लड़के शंकर से हो जाए, परंतु गोपाल प्रसाद चाहते हैं कि उनकी बहू अधिक पढ़ी-लिखी न हो, अतः रामस्वरूप को विवश होकर अपनी लड़की की उच्च शिक्षा को छिपाना पड़ता है।


3. अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है?

उत्तर - रामस्वरूप चाहता है कि उसकी बेटी उमा उनके सभी सवालों का उत्तर बड़े सहज भाव से दे। वह यह भी चाहता है कि गोपाल प्रसाद के द्वारा पूछे गए बेहूदा प्रश्नों के भी वह चुपचाप उत्तर देती जाए और उनके द्वारा किए गए अपने अपमान को चुपचाप सहन कर ले, क्योंकि वे लड़के वाले हैं। रामस्वरूप का अपनी बेटी से ऐसे व्यवहार की अपेक्षा करना बिल्कुल ग़लत है। आजकल लड़का और लड़की दोनों में किसी प्रकार का कोई भेद नहीं रह गया है। दोनों ही बराबर की शिक्षा के अधिकारी हैं और विवाह के समय केवल लड़की होने के कारण उसे चुपचाप अपमान सहना पड़े, यह उचित नहीं है। लड़का और लड़की बराबर सम्मान के अधिकारी हैं।


4. गोपाल प्रसाद विवाह को 'बिजनेस' मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं। क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं? अपने विचार लिखें।

उत्तर - गोपाल प्रसाद विवाह की बातचीत आरंभ करते हुए विवाह को बिजनेस' कहते हैं। 'बिजनेस' का अर्थ होता है-व्यापार। व्यापार में निर्जीव वस्तुओं को खरीदा-बेचा जाता है। अत: उनके द्वारा विवाह जैसे पवित्र बंधन को 'बिजनेस' कहना बिलकुल अनुचित है। दूसरी ओर रामस्वरूप गोपाल प्रसाद के पुत्र के साथ रिश्ता जोड़ने के लिए अपनी बेटी की उच्च शिक्षा को छिपाते हैं। गोपाल प्रसाद अपने बेटे के लिए कम पढ़ी-लिखी लड़की चाहते हैं। रामस्वरूप द्वारा अपनी बेटी की पसंद और नापसंद का ध्यान न रखना और जबरन उसका विवाह करना भी उचित नहीं है। अत: गोपाल प्रसाद और रामस्वरूप दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं।


5. "...आपके लाडले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं..." उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है?

उत्तर - इसके साथ-साथ सबसे बड़ी बात यह थी कि जिस लड़के लिए गोपाल प्रसाद हर प्रकार से परिपूर्ण लड़की अपने बेटे शंकर के लिए चाहते थे, शंकर स्वयं रीढ़ की हड्डी से रहित था अर्थात पूर्ण रूप से अपने पिता पर आश्रित था। साथ ही वह तथा झुककर चलता था शंकर अपने लिए अत्यंत सुंदर लड़की की तलाश में था, जबकि उसमें अपने में बहुत सारी कमियाँ थीं। उसकी रीढ़ की हड्डी न होना और ठीक प्रकार से खड़ा न हो पाना, उसकी सबसे बड़ी कमी थी। उमा ने यहाँ उसकी इसी कमी की ओर संकेत किया है।


6. शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की-समाज को कैसे व्यक्तित्व की ज़रूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर - आज समाज को उमा जैसी लड़की की आवश्यकता है। शंकर जैसे लड़के समाज को किसी भी रूप में ऊँचा उठाने में योगदान नहीं दे सकते। वह पढ़ा-लिखा तो अवश्य है किंतु वह चारित्रिक एवं मानसिक रूप से इतना दृढ़ नहीं है कि समाज को एक नई दिशा दे सके। दूसरी ओर उमा वर्तमान नारी की साक्षात् प्रतिमूर्ति है। वह अन्याय का डटकर विरोध करने वाली है। उसमें रूढ़ियों और कुरीतियों से लड़ने का साहस है। वह अन्याय को चुपचाप सहन करके उसे बढ़ावा देने वाली नहीं है। वह लड़का और लड़की के भेदभाव को समाप्त कर देना चाहती है। उमा समाज को एक नई दिशा देने में सक्षम है, अत: आज समाज को उमा जैसे व्यक्तित्व की

जरूरत है।


7. 'रीढ़ की हड्डी' शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- गोपाल प्रसाद अपने बेटे शंकर के लिए कम पढ़ी-लिखी किंतु अत्यंत सुंदर बहू चाहते हैं। चरित्रहीन तो है ही साथ ही शारीरिक दृष्टि से अपंग भी है तथा पूर्ण रूप से अपने पिता पर आश्रित है। वह ठीक प्रकार से खड़ा नहीं हो पाता क्योंकि उसकी रीढ़ की हड्डी ही नहीं है। इस प्रकार इस एकांकी का शीर्षक 'रीढ़ की हड्डी अत्यंत सार्थक है।


8. कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों

उत्तर - कथावस्तु के आधार पर एकांकी की मुख्य पात्र उमा है। कोई भी लेखक जिस पात्र के माध्यम से अपने उद्देश्य की पूर्ति करता है, वही कथावस्तु का मुख्य पात्र होता है। इस एकांकी में भी लेखक ने अपने उद्देश्य की पूर्ति उमा के माध्यम से की है। उमा ही स्पष्ट करती है कि वर्तमान समाज में लड़का और लड़की का भेदभाव करना उचित नहीं है। दोनों को समान अधिकार और बराबर सम्मान मिलना चाहिए। 


9. एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएं बताइए

उत्तर - गोपाल प्रसाद में लड़के का पिता होने की ऐंठ है। रामस्वरूप अधेड़ उम्र का व्यक्ति है। वह किसी भी प्रकार अपनी बेटी का रिश्ता गोपाल प्रसाद के बेटे से कर देना चाहता है, इसी कारण वह अपनी बेटी की उच्च शिक्षा को भी छिपाता है। वह नारी शिक्षा का पक्षधर तो है किंतु नारी को पूर्ण अधिकार देने के पक्ष में नहीं है। गोपाल प्रसाद तो नारी का शत्रु ही दिखाई देता है। वह नारी की शिक्षा का प्रबल विरोधी है। वह आज भी नारी को घर की चारदीवारी में बंद करके रखना चाहता है। वह अत्यंत दकियानूसी और अपने अतीत से चिपका रहने वाला व्यक्ति है। उसके मत में इस संसार में समस्त सम्मान और अधिकारों का एकमात्र हकदार पुरुष है।


10. इस एकांकी का क्या उद्देश्य है? लिखिए। 

उत्तर - 'रीढ़ की हड्डी' एक उद्देश्यपूर्ण एकांकी है। इस एकांकी में लेखक ने स्पष्ट किया है कि लड़के और लड़की में भेदभाव करना उचित नहीं है। लड़की भी उच्च शिक्षा के साथ-साथ सम्मान की अधिकारिणी है। विवाह के नाम पर उससे तरह-तरह के सवाल पूछकर उसे अपमानित करना उचित नहीं है। आज लड़कियाँ भी लड़कों के ही समान उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, अतः उन्हें भी उचित सम्मान मिलना चाहिए। 


11. समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु आप कौन-कौन से प्रयास कर सकते हैं?

उत्तर- यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते त्र देवता' अर्थात् जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं। नारी की प्रगति का मुख्य आधार शिक्षा है। अतः सर्वप्रथम नारी को शिक्षित किया जाना चाहिए। नारी को पुरुष के समान अधिकार और सम्मान दिलाने के लिए समाज को जागरूक किया जाना चाहिए। महिलाएं किसी भी मायने में पुरुष से कम नहीं हैं। महिलाओं के कल्याण के लिए सरकार द्वारा बनाई गई सभी योजनाओं को लागू करवाने के लिए प्रयास करना चाहिए और प्रत्येक महिला को इसका लाभ मिलना चाहिए।

रीढ़ की हड्डी पाठ में प्रमुख पात्र कौन है?

रीढ़ की हड्डी' एकांकी का प्रमुख पात्र कौन है? उमा इस एकांकी की प्रमुख पात्र है।

रीढ़ की हड्डी पाठ में कुल कितने पात्र हैं :

प्रस्तुत एकांकी रीढ़ की हड्डी' श्री जगदीश चन्द्र माथुर द्वारा रचित है। यह एकांकी लड़की के विवाह की एक सामाजिक समस्या पर आधारित है। इस एकांकी में कुल छह पात्र हैं - रामस्वरूप, उनका नौकर रतन, रामस्वरूप की पत्नी प्रेमा, उनकी बेटी उमा, शंकर के पिता गोपाल प्रसाद तथा शंकर ।

रीड की हड्डी एकांकी में आप किसे प्रमुख पात्र मानते और क्यों?

कथा वस्तु के आधार में उमा मुख्य पात्र है क्योंकि पूरी एकांकी इसके ही इर्द-गिर्द घूमती है। भले ही पाठ में उसकी उपस्थिति थोड़े समय के लिए ही है परन्तु उसके विचारों से प्रभावित हुए बिना हम नहीं रह पाते हैं। वह हमें बहुत कुछ सोचने के लिए मजबूर करती है।

रीढ़ की हड्डी पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है?

1) औरतों की दशा को सुधारना व उनको उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कराना है। 2) लड़कियों के विवाह में आने वाली समस्या को समाज के सामने लाना। 3) स्त्री -शिक्षा के प्रति दोहरी मानसिकता रखने वालों को बेनकाब करना। 4) स्त्री को भी अपने विचार व्यक्त करने की आज़ादी देना।