भौतिक और अभौतिक संस्कृति क्या हैहर समाज की अपनी एक संस्कृति होती है। इस प्रकार पूरे विश्व में विभिन्न समाजों के लोगों की अलग-अलग संस्कृतियाँ हैं। ये संस्कृतियां न केवल विविध हैं, बल्कि अनूठी भी हैं। Show
दुनिया भर के समाजों में पाए जाने वाले सांस्कृतिक विविधताओं और विषमताओं के साथ, हम कुछ सांस्कृतिक समानताओं का पालन करते हैं। लोगों की पूजा, व्यवसाय और उनके अनुष्ठानों, समारोहों, रीति-रिवाजों आदि का विवरण अलग-अलग हो सकता है, लेकिन फिर भी सभी के पास कुछ धर्म, अनुष्ठान, समारोह, रीति-रिवाज आदि होते हैं। प्रत्येक संस्कृति में ऐसी अभौतिक चीजें होती हैं। इसी तरह, हर समाज के लोगों के पास विभिन्न प्रकार की भौतिक चीजें हैं। ये भौतिक चीजें प्रकृति में आदिम या आधुनिक और सरल या जटिल हो सकती हैं। संस्कृति के इन भौतिक और अभौतिक घटकों को अक्सर “संस्कृति की सामग्री” के रूप में जाना जाता है। कई समाजशास्त्रियों ने संस्कृति की सामग्री को बड़े घटक भौतिक संस्कृति औरअभौतिक संस्कृति में वर्गीकृत किया है। ऑगबर्न ने सांस्कृतिक अंतर के सिद्धांत के आधार के रूप में भी इस अंतर का उपयोग किया है। जैसा कि रॉबर्ट बेयरस्टेड ने बताया है, ”भौतिक संस्कृति‘ की अवधारणा अपेक्षाकृत अधिक सटीक और कम अस्पष्ट है। लेकिन अभौतिक संस्कृति की अवधारणा अधिक अस्पष्ट और कम स्पष्ट है। इसका उपयोग एक ‘अवशिष्ट श्रेणी’ के रूप में किया जा सकता है, जिसका अर्थ है ‘वह सब कुछ जो भौतिक नहीं है’। साधारण भाषण में ’संस्कृति’ शब्द का उपयोग अक्सर कला, साहित्य, संगीत और आदि में परिष्कृत स्वादों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। इस शब्द का समाजशास्त्रीय उपयोग बहुत व्यापक है, क्योंकि इसमें यह शामिल है एक समाज के जीवन का पूरा तरीका। इसलिए संस्कृति और धर्म के बीच का संबंध बहुत करीब है। संस्कृति को कभी-कभी सामग्री और गैर-सामग्री के संदर्भ में समझाया जाता है। जबकि किताबें, पेन, स्कूल, कारखाने, पहिए आदि जैसी कलाकृतियाँ भौतिक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हैं, और अधिक अमूर्त रचनाएँ जैसे भाषा, विचार, धार्मिक विश्वास, रीति-रिवाज, मिथक और इसी तरह अभौतिक संस्कृति का निर्माण करती हैं। भौतिक संस्कृति में मानव निर्मित वस्तुएं जैसे उपकरण, औजार, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल, भवन, बांध, सड़क, पुल शामिल हैं और वास्तव में, भौतिक पदार्थ जिसे मनुष्य द्वारा परिवर्तित और उपयोग किया गया है। यह बाहरी, यांत्रिक और उपयोगितावादी वस्तुओं से संबंधित है। इसमें प्रिंटिंग प्रेस, एक लोकोमोटिव, एक टेलीफोन, एक टेलीविजन, एक ट्रैक्टर, एक मशीन गन आदि जैसे तकनीकी और भौतिक उपकरण शामिल हैं। इसमें हमारे बैंक, संसदों, बीमा योजनाएं, मुद्रा प्रणाली आदि शामिल हैं। पूर्व-ऐतिहासिक आदमी के आधुनिक उपकरणों की सबसे उन्नत मशीनरी के प्रधान उपकरण, जिसमें एक पत्थर की कुल्हाड़ी और इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर शामिल हैं। अभौतिक संस्कृति – Non Material Culture in Hindi”संस्कृति‘ शब्द जब सामान्य अर्थों में उपयोग किया जाता है, तो इसका अर्थ है ‘गैर भौतिक संस्कृति‘। यह कुछ आंतरिक और आंतरिक रूप से मूल्यवान है जो मनुष्य की आवक प्रकृति को दर्शाता है। अभौतिक संस्कृति में वे शब्द शामिल होते हैं जिनका लोग उपयोग करते हैं या जिस भाषा में वे बोलते हैं, जिस विश्वास को वे धारण करते हैं, मूल्यों और गुणों को वे संजोते हैं, वे जिन आदतों का पालन करते हैं, वे अनुष्ठान और अभ्यास करते हैं और वे जो समारोह करते हैं। इसमें हमारे रीति-रिवाज और स्वाद, दृष्टिकोण और दृष्टिकोण भी शामिल हैं, संक्षेप में, हमारे अभिनय के तरीके, भावना और सोच। इसमें उन सभी किस्मों के विचार और ज्ञान और विश्वास शामिल हैं जो समाज में प्रचलन में हैं। संस्कृत और संस्कृति दोनों ही शब्द ‘संस्कार’ से बने है। संस्कार का अर्थ है कुछ कृत्यों (rituals)की पूर्ति करना। एक हिंदू जन्म से ही अनेक प्रकार के संस्कार करता है, जिनमें उसे विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ निभानी पड़ती है। संस्कृति का अर्थ होता हे विभिन्न संस्कारों के द्वारा सामूहिक जीवन के उद्देश्यो की प्राप्ति। यह परिमार्जन की एक प्रक्रिया है। संस्कारों को सम्पन्न करके ही एक मानव सामाजिक प्राणी बनता है। भौतिक तथा अभौतिक संस्कृतिअमरीकन समाजशास्त्री आगबर्न ने संस्कृति को भौतिक और अभौतिक दो भागों में बाँटा है। उनके इस वर्गीकरण को अन्य वैज्ञानिक ने भी स्वीकार किया है- 1. भौतिक संस्कृतिभौतिक संस्कृति के अंतर्गत मानव द्वारा निर्मित सभी भौतिक एवं मूर्त वस्तुओं को सम्मिलित किया जाता है, जिन्हें हम देख सकते हैं, छू सकते हैं और इंद्रियांे द्वारा जिनका आभास कर सकते हैं। भौतिक संस्कृति में हम घड़ी, पेन, पंखा, मोटर, मशीन, औजार, वस्त्र, वाद्य-यंत्र, रेल, जहाज, वायुयान, टेलीफोन, आदि अनेक वस्तुओं को गिन सकते हंै। भौतिक संस्कृति के सभी तत्व को गिनना सरल नहीं है। सरल एवं आदिम समाजों की अपेक्षा जटिल एवं आधुनिक समाज में इनकी संख्या अधिक है। इसी प्रकार से पुरानी पीढ़ी की अपेक्षा नयी पीढ़ी के पास भौतिक संस्कृति अधिक है। भौतिक संस्कृति की विशेषताएँ
2. अभौतिक संस्कृतिमैकाइवर एवं अन्य कइ्र समाज-वैज्ञानिक ने संस्कृति में केवल अभौतिक तत्वों को ही सम्मिलित किया है। सोरौकिन इसे भावात्मक संस्कृति कहते हैं। अभौतिक संस्कृति के अंतर्गत उन सभी सामाजिक तथ्यों कोसम्मिलित किया जाता है जौ अमूर्त है, जिनका कोई माप तौल, आकार व रंग-रूप नहीं होता, इंद्रियां द्वारा जिनका स्पष्र नहीं होता वरन् जिन्हें हम केवल महसूस कर सकते हैं, वह हमारे विचारों एवं कार्यों में निहित है। सामान्यतः अभौतिक संस्कृति में हम सामाजिक विरासत में प्राप्त विचार, विश्वास, मानदण्ड, व्यवहार प्रथा, रीति-रिवाज-कानून, मनौवृत्तियाँ, साहित्य, ज्ञान, कला, भाषा, नैतिकता, आदि को सम्मिलित करते है। अभौतिक संस्कृति समाजीकरण एवं सीखने की प्रक्रिया द्वारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तान्तरित होती है। अभौतिक संस्कृति की विशेषताएँ -
भौतिक व अभौतिक संस्कृति में अंतरभौतिक एवं अभौतिक संस्कृति सम्पूर्ण संस्कृति के दो अंग है। इनमें निम्नांकित अंतर पाये जाते हैं -
सभ्यता क्या है भौतिक संस्कृति और अभौतिक संस्कृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए?समझ है जिसको समाज में अन्य व्यक्तियों के साथ सामाजिक अंतःक्रिया के माध्यम से सीखा तथा विकसित किया जाता है। किसी भी समूह की आपसी सामान्य समझ इसे अन्य से अलग करती है तथा इसे एक पहचान प्रदान करती है । लेकिन संस्कृति कभी भी परिष्कृत उत्पाद नहीं 2022-23 Page 2 72 समाजशास्त्र परिचय होती।
भौतिक तथा अभौतिक संस्कृति क्या है?(2) भौतिक संस्कृति का सम्बन्ध व्यक्ति की बाहरी दशा से होता है, जबकि अभौतिक संस्कृति का सम्बन्ध व्यक्ति की आंतरिक अवस्था से होता है। (3) भौतिक संस्कृति मानव द्वारा निर्मित वस्तुओं का योग है, जबकि अभौतिक संस्कृति ऐति-रिवाजों, रूढ़ियों, प्रथाओं, मूल्यों, नियम व नियमों का योग है।
अभौतिक संस्कृति का क्या अर्थ है?अभौतिक संस्कृति के अन्तर्गत उन सभी अभौतिक एवं अमूर्त वस्तुओं का समावेश होता है, जिनके कोई माप-तौल, आकार एवं रंग आदि नहीं होते। अभौतिक संस्कृति समाजीकरण एवं सीखने की प्रक्रिया द्वारा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तान्तरित होती रहती है।
निम्नलिखित में से कौन गैर भौतिक संस्कृति का हिस्सा नहीं है?स्वरूप होते हुए भी परिवार, विवाह और नातेदारी संस्थाएँ सभी समाजों में महत्त्वपूर्ण हैं। उन्होंने 2022-23 Page 3 48 समाजशास्त्र परिचय यह भी दर्शाया कि किस प्रकार परिवार (निजी क्षेत्र) आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक (सार्वजनिक क्षेत्रों) से संबंधित है।
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