विस्थापन धारा क्या है इसकी आवश्यकता क्यों महसूस हुई ऐम्पियर मैक्सवेल के परिपथीय नियम को स्पष्ट कीजिए? - visthaapan dhaara kya hai isakee aavashyakata kyon mahasoos huee aimpiyar maiksavel ke paripatheey niyam ko spasht keejie?

वैष्णो दिया है विस्थापन धारा क्या है इसकी आवश्यकता क्यों महसूस की गई व्याख्या कीजिए एम्पीयर मैक्सवेल समीकरण प्राप्त कीजिए तो आइए हम लोग इस प्रश्न को हल करते हैं और इस प्रश्न का उत्तर देखते हैं जो विस्थापन धारा होती है वह चुंबकीय क्षेत्र के कारण मिलेगी जो हम लोग का धारा प्रवाहित होते हैं उसके कारण चुंबकीय क्षेत्र जो उत्पन्न होता है ठीक है उसी को ही हम लोग विस्थापन धारा बोलते हैं तो देखिए इसको हम लोग एंपीयर के परिपथ नियम से समझ लेते हैं ठीक है एंपियर का जो परिवर्ती नियम होता है वह हमें क्या दर्शाता है कि किसी भी बंधु व कर्मी ठीक है किसी भी बंद वर्क रखें परिता जो चुंबकीय क्षेत्र होगा उसका अगर हम लोग और चुंबकीय क्षेत्र जो प्राप्त हुआ है फिर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता प्राप्त हुई है उसका हम लोग रेकी समाकलन कर दिया था B.Ed कर दे हम लोग ठीक है तो जो हमें इसका जो सदिश निरूपण में तो जो हमें धारा प्राप्त होगी ठीक है आई वह क्या हुआ उस चुंबकीय क्षेत्र

चुंबक शीलता के हम लोग को गुणनफल के रूप में प्राप्त होता है या फिर हम लोग उसको बोल देते हैं कि उस बंद वक्र द्वारा गिरे क्षेत्रफल की धारा जो प्राप्त होगी मुझे पूरा क्षेत्रफल होगा इस तरह से अपना कोई क्षेत्रफल मान लेती है और इस पर यह जो कोई चालकता रहे तो इसके वजह से जो धारा प्रवाहित हो रही है तो आज पास में जो चुंबकीय क्षेत्र हमको मिलेगा मैंने किसी चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं तरह से होकर गुजरेगी इस बंद व कृषि उस पर जो विद्युत धारा का मान प्राप्त होगा वह मोना गुना होगा ठीक है यह जो अभी न्यू रहता है वह निर्वात की चुंबक क्षमता को दर्शाता है और यह जो आई रहता है ठीक है यह में विस्थापन धारा की अवधारणा को बताता है तो हम लोग विस्थापन धारा को समझने के लिए एंपियर और मैक्सवेल के कुछ नियमों का सहारा लेंगे और साथ ही साथ यहां पर देखिए हमें पूछा गया कि इसकी आवश्यकता क्यों महसूस हुई तुमने अभी-अभी बताया कि विस्थापन धारा प्रवाहित होती है जब

कि क्षेत्र में उपस्थित हो और विद्युत क्षेत्र भी उपस्थित हो ठीक है तो जो हमारा चुंबक का और विद्युत क्षेत्र दोनों उपस्थिति के कारण जो धारा प्राप्त हो रही है ठीक है वह धारा में विस्थापन धारा देती है तो हमारा जो विद्युत चुंबकीय तरंग होता है जिसको हम लोग रेडियो तरंग कहते हैं ठीक है रेडियो तरंग इन सब के अध्ययन में क्योंकि जो रेडियो तरंग होता है उसको हम लोग क्या करते हैं संचार सिद्धांत प्रयोग करते हैं तो इन सब के अध्ययन में जो विस्थापन धारा होता है वह सहायता करता है कि चुंबकीय क्षेत्र कितना है तो हमें जो धारा का मान प्राप्त होगा उसकी दिशा कैसी होगी बता किसका प्रकृति कैसी होगी धारा की वजह से जो चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा उसकी दिशा कैसी होगी और उसका प्रकृति कैसे होगा इसके बारे में हमें बताता है तुझे रेडियो तरंग हो गए जिससे की एक किरण हो गया ठीक है एक्सरे जिसको हम लोग बोलते हैं अभी गामा तरंग हो गई यह सब जो रहते हैं इनके अध्ययन में विस्थापन धारा जगह सहायता करती है इसीलिए हमें विस्थापन धारा की आवश्यकता महसूस हुई

हमसे आप एम्पीयर मैक्सवेल समीकरण के बारे में पूछा जा रहा है तो हम लोग एम्पीयर मैक्सवेल समीकरण को इस विस्थापन धारा की सहायता से प्राप्त कर लेते हैं समीकरणों को समझते हैं तो ठंडी जैसे एंपियर की परिभाषा पिया की समीकरण की परिभाषा दी उसको हम लोग इस तरह से चित्र के माध्यम आधे पर से यहां पर चालक सारे ठीक है इसमें जो धारा प्रवाहित हो रही है इसके वजह से इसके पूरे आसपास में चुंबकीय क्षेत्र आ जाएगा तो हम लोग इस धारा को प्रवाहित हो रही है तो इसके अल्फांस में अगर हम लोग देखें कि कल पास ले ले इस तरह से ठीक है तो यहां पर जो चुंबकीय क्षेत्र हो गई सल्फास मिस को हम लोग अगर डियर बोलते ठीक है तो जो हमें इसका रेखीय समाकलन से प्राप्त चुंबकीय क्षेत्र होगा ठीक है वह जो उस में प्रवाहित होने वाली धारा के नो नॉट इनटू न्यू नोट गुना होगा ठीक है तो इस तरह से हमें एंपियर का जो परिपथ नियम है उसे यह समीकरण प्राप्त होता है यह जो समीकरण है वह किसी संधारित्र में प्रवाहित होने वाली धारा को

मुखिया ने की विद्युत क्षेत्र की उपस्थिति में उसको यह प्रदर्शित नहीं कर पाता है ठीक है तो इसके लिए मैक्सवेल ने एक अवधारणा दी ठीक है जेम्स क्लर्क मैक्सवेल ने अवधारणा दी जिसका नाम था विस्थापन धारा ठीक है विस्थापन धारा के बारे में हमें बताया तो उसको हम लोग इससे समझ लेते हैं तो विस्थापन धारा को समझने के लिए हम लोग एक ऐसे संधारित्र की परिकल्पना करना है जिसमें दो प्लेट है एक भी और क्योंकि जो है वह धनात्मक है रोड जाओ रण आत्मक अधिगम के वजह से हम लोग जानते हैं कि जो संधारित्र की धारिता गोकुल आवेश होता है परंतु इसमें धनात्मक से ऋण आत्मक दिशा की ओर एक विद्युत क्षेत्र उपस्थित रहता है जिसको हम लोग बोलते हैं ठीक है अब हम लोग इसको क्या कर रहे हैं इस प्रतिरोध के थ्रू हम लोग इसका जो जहां पर उपस्थित आवेश है उसको हम लोग खत्म करने हैं अर्थात यानी कि हम लोग इसको अन आवेशित कर रहे हैं यह हम लोग बोल सकते हैं ठीक है तो जो धारा प्रवाहित होगी उसकी दिशा कुछ इस तरह से होगी और इस

घर से होते हुए क्या हो जाएगा हमारे क्यों पेट से इधर प्रवेश कर जाएगा तो यह जो धारा प्रवाहित हो रही है ठीक है संधारित्र में विद्युत धारा जो आई है वह अपनी सेवाएं फिर से प्रारंभ होकर के हमारे क्यों द फर्स्ट पर आ रही है इसे हम लोग चालन धारा कहते हैं क्या बोलते हैं जालंधर है इसको हम लोग आईसी से प्रदर्शित करते हैं ठीक है तो मैक्सवेल ने इसके द्वारा हमें एंपीयर के परिपथ नियम और इस जो हमने विस्थापन धारा का नाम लिया इस दोनों को इसको हम लोग आईडी से प्रदर्शित कर देते हैं ठीक है इन दोनों में संबंध दर्शाया यही होता है मैं जानते परंतु मैक्सवेल ने क्या किया मैं आपसे नहीं है बोला कि उनके मध्य में कोई भी धारा का प्रभाव नहीं होगा ठीक है प्लीज पीछे क्यों नहीं या फिर क्यू सिटी में क्यों किया जो रहता है वह कैसा होता है या तो हम लोग इसको हवाई हुए निर्वात में रखते हैं या फिर कोई माध्यम परावैद्युतांक माध्यम के द्वारा हम लोग संधारित्र का निर्माण करते हैं ठीक है परंतु मैक्सवेल ने यह धारणा थी कि जो संधारित्र हमने लिया है

इस पर पत्नी संधारित्र की प्लेटों के बीच कोई भी विद्युत धारा यानी कि यहां पर कोई भी धारा जो है वह प्रवाहित नहीं होगी बल्कि ठीक है जो कि बिल्कुल भी असत्य था ठीक है और उन्होंने यह बताया कि विद्युत धारा के प्रवाह में आ सकता हो गया नी कि यह सतत नहीं होगा इसलिए यह जो विद्युत धारा का प्रवाह है वह सतत नहीं होगा ऐसा बोला था परंतु यह धारणा गलत थी लेकिन इस अवधारणा का संशोधन हुआ और उन्होंने यह बताया कि जो संधारित्र की प्लेट पी से क्यों तब ठीक है चालक तारों में विद्वान जो आदेश वाहक है ठीक है जिसकी वजह से इसमें धारा प्रवाहित हो रही है यह जो आवेश है वह इसमें विश्वास की वजह से क्या हो रही है धारा प्रवाहित हो रही है ठीक है तो प्लेटों के बीच के स्थान में आवेश हॉकी की अनुपस्थिति के कारण यहां पर जो चालन धारा प्रवाहित नहीं होगी उन्होंने इसके अंदर में बोला था क्या अंदर में चार धारा प्रवाहित नहीं होगी ऐसा उन्होंने बताया लेकिन जो यह संधारित्र है इसमें हमने देखा कि विद्युत क्षेत्र उपस्थित होता है ध्यान से लड़कियों धनात्मक आवेश ऋण आत्मक आवेश के लिए

समय रहता है ठीक है यह जो संधारित्र की प्लेटों के मध्य में जो विद्युत क्षेत्र उपस्थित रहता है यह निरंतर परिवर्तित होते रहता है क्यों क्योंकि देखे इधर से अन आवेशित होगा तो फिर जाए यहां पर धारा आएगी तुझे फिर से तो आवेशित हो जाएगा ना अगर हम लोग यहां पर प्रतिरोध नहीं लगाएंगे इसको इस तरह से रख देंगे तो या फिर फिर से हम लोग इसको आवेशित करें तो यह क्या होगा अन आवेशित होगा फिर से अभिषेक हो जाएगा या फिर इसमें देख लिए कुछ ना कुछ धारा इधर आ रही है तो यह क्या हो रहा है इसको फिर से आवेशित कर रहे हैं 28 की दिशा यह जो है वह धन आवेशित हो जाएगा और यह क्या हो जाएगा रोड आवेशित हो जाएगा इस तरह से उसको आवेशित करते रहता है ठीक है तो निरंतर परिवर्तित होती है ठीक है इसके कारण प्लेटों के बीच एक विद्युत धारा बहती है ठीक है अभी पर्वती थोड़ी है हमारा जो विद्युत क्षेत्र ही है यह क्या हो रहा है परिवर्तित हो रहा है परिवर्तित हो रहा है जिसके परिवर्तन के कारण एक धारा प्रवाहित होगी ठीक है उन पैसों के मध्य में तो यह जो धारा प्रवाहित होगी वह चालन धारा की ठीक बराबर

किसके द्वारा जो धारा प्रवाहित हो रही है वह चालन धारा की ठीक बराबर होती है तो इसे जो हमें बोला गया मैक्सवेल के द्वारा कि यहां पर आ सकता है आ जाइए ने किया निरंतर शतक नहीं रहेगा तो यह जाना वहां पर गलत हो गई थी ठीक है फिर इस धारा को हम लोगों ने विस्थापन धारा का नाम लिया जिसको हम लोगों ने आईडी बुलाई इसके अंदर में जो प्रवाहित होगी धारा उसको ठीक है इस प्रकार मेक्सेंस की जो विस्थापन धारा की अवधारणा थी किसी भी संधारित्र के लिए ठीक है जिसके द्वारा उसने एंपीयर के परिपथ नियम को संधारित्र के लिए दर्शाया वह हमें प्राप्त हुई थी अभी जो संधारित्र की प्लेटों पर जो धारा नहीं थी थी क्या वह उसके बारे में भी हम लोगों ने देखा और साथ ही साथ जो चालक तारों में चालन धारा आईसीए जो प्रवाहित हो रही थी ठीक है इसको हम लोगों ने क्या हो गया जो है वह विस्थापन धारा नहीं है परंतु जब संधारित्र की प्लेटों के बीच जो विस्थापन धारा प्रवाहित हुई यहां से जो विस्थापन धारा प्रवाहित हुई जब या अन आवेशित हो

उसको हम लोगों ने चालन धारा के बराबर लिया ठीक है इस तरह से जो चालन धारा था ठीक है आईसी वह हमारा क्या हो गया आई डी के बराबर हो गया अर्थात इसमें अगर हम लोग देखें इस पर जो धारा प्रवाहित होगी कुल धारा का मान जाएगा संधारित्र के अंदर में हो क्या हो जाएगा आईसी धन आईडी हो जाएगा ठीक है क्योंकि जब भी चरण धारा प्रवाहित हो रही थी तभी हां पर हमें विस्थापन धारा का मान नहीं मिला और जब जालंधर नहीं थी तब इसके अंदर में में क्या मिला विस्थापन धारा मिला था जो कुलधारा थी वह जालंधर और विस्थापन धारा दो भागों में बंटी हुई थी क्योंकि हमें प्राप्त हुई थी क्या तो इसी के आधार पर ही हम लोग मैच एंपियर की नियम को समझ सकते हैं ठीक है देखिए मैक्सवेल के अनुसार एंपियर के नियम में जो धारा आई प्रवाहित हो रही थी वह कुलधारा थी ठीक है इनकी जो धारा क्यों क्या थी कुलधारा थी आज हमारे पास जो चालन धारा आई थी और जो विस्थापन धारा आईडी का यही होना चाहिए जो कि हमने बोल दिया कुलधारा होगी बल्कि ठीक है तो हम लोग अभी इस नियम से देख लेते मैं तुझे एंपियर के समीकरण इसको हम लोग सैनिक

समीकरण से हम लोग देख लेते हैं तो हमारे एंपीयर का नियम है वह कुछ इस तरह से परिवर्तित हो जाएगा ठीक है जिसको एम्पीयर मैक्सवेल समीकरण के नाम से जानते हैं यह हो जाएगा न्यू नोट गुड इन यहां पर कुल धारा का मान हम लोग को मिल गया था तो इसको हम लोग यहां पे रख देंगे तो आई सी कोड आईडी हो जाएगा सॉरी आई सीधी हो जाएगा ठीक है तो यह जो कुलधारा थी इसको हमने एंपीयर के परिपथ नियम में परिवर्तित कर दिया इसी समीकरण को क्या बोला जाता है मैक्सवेल एंपियर परिपथ नियम या फिर मैक्सवेल एंपियर समीकरण के नाम से जाना जाता है और यह होता है विस्थापन धारा के साथ इसका संबंध आपको यह समझ में आया होगा धन्यवाद

विस्थापन धारा क्या है इसकी आवश्यकता क्यों महसूस की गयी इसका मात्रक लिखिए?

विस्थापन धारा और विद्युत धारा घनत्व का मात्रक समान है। जिस प्रकार विद्युत धारा के संगत एक चुम्बकीय क्षेत्र मौजूद होता है, उसी प्रकार विस्थापन धारा के संगत भी एक चुम्बकीय क्षेत्र का अस्तित्व होता है। किन्तु विस्थापन धारा, गतिमान आवेशों की धारा नहीं है बल्कि समय के साथ परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न होती है।

विस्थापन धारा क्या है इसका सूत्र लिखिए एम्पीयर मैक्सवेल परिपथ नियम का सूत्र लिखिए?

विस्थापन धारा (I d) : एम्पियर के परिपथ के नियम के अनुसार किसी बंद लूप के अनुदिश चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता के रेखीय समाकलन का मान उस बंद लूप में प्रवाहित कुल धारा तथा निर्वात की चुम्बकशीलता [u 0] के गुणनफल के बराबर होती है।

ग विस्थापन धारा क्या है ?`?

जब किसी परिपथ में समय के साथ परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न धारा का विस्थापन धारा (displacement current in hindi) कहते हैं इसे id द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। ∫ समाकलन तथा ∮ रेखीय समाकल को निरूपित करता है तथा µ0 निर्वात की चुंबकशीलता है।

एंपीयर का परिपथ नियम क्या है एम्पीयर मैक्सवेल का संशोधित नियम बताइए तथा इसकी सहायता से विस्थापन धारा समझाइए?

समय के साथ परिवर्तनशील धारा से जुड़े संधारित्र के बाहर किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र ज्ञात करने के लिए ऐम्पियर का नियम लगाते समय, मैक्सवेल का ध्यान इस नियम संबंधी एक असंगति की ओर गया। इस असंगति को दूर करने के लिए उन्होंने एक अतिरिक्त धारा के अस्तित्व का सुझाव दिया जिसको उन्होंने विस्थापन धारा नाम दिया।