भारत में सर्वाधिक रबड़ का उत्पादन किस राज्य में होता है - bhaarat mein sarvaadhik rabad ka utpaadan kis raajy mein hota hai

रबड़ के वृक्ष भूमध्य रेखीय सदाबहार वनों में पाए जाते हैं, इसके दूध, जिसे लेटेक्स कहते हैं से रबड़ तैयार किया जाता हैं। सबसे पहले यह अमेजन बेसिन में जंगली रूप में उगता था, वहीं से यह इंग्लैण्ड निवासियों द्वारा दक्षिणी-पूर्वी एशिया में ले जाया गया। पहले इसका प्रयोग पेन्सिल के निशान मिटाने के लिये किया जाता था। आज यह विश्व की महत्वपूर्ण व्यावसायिक फसलों में से है। इसका प्रयोग मोटर के ट्यूब, टायर, वाटर प्रूफ कपड़े, जूते तथा विभिन्न प्रकार के दैनिक उपयोग की वस्तुओं में होता है। थाईलैंड, इण्डोनेशिया, मलेशिया, भारत, चीन तथा श्रीलंका प्रमुख उत्पादक देश है। भारत का विश्व उत्पादन में चौथा स्थान है परन्तु घरेलु खपत अधिक होने के कारण यह रबर का आयात करता है।

रबर का आदिमस्थान अमरीका है। अमरीका की एक आदि जाति 'माया' थी, जिसमें रबर के गेंद प्रचलित थे। कोलंबस ने सन्‌ 1493 ई. में वहाँ के आदिवासियों को रबर के बने गेदों से खेलते देखा था। ऐसा मालूम होता है कि दक्षिण पूर्व एशिया के आदिवासी भी रबर से परिचित थे और उससे टोकरियाँ, घड़े और इसी प्रकार की व्यवहार की अन्य चीजें तैयार करते थे। धीरे-धीरे रबर का प्रचार सारे संसार में हो गया और आज रबर आधुनिक सभ्यता का एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है। रबर के बने सामानों की संख्या और उपयोगिता आज इतनी बढ़ गई है कि उसके अभाव में काम चलाना असंभव समझा जाता है। रबर का उपयोग शांति और युद्धकाल में, घरेलू और औद्योगिक कार्यों में समान रूप से होता है। संसार के समस्त रबर के उत्पादन का प्राय: 78 प्रतिशत गाड़ियों के टायरों और ट्यूबों के बनाने में तथा शेष जूतों के तले और एड़ियाँ, बिजली के तार, खिलौने, बरसाती कपड़े, चादरें, खेल के सामान, बोतलों और बरफ के थैलों, सरजरी के सामान इत्यादि, हजारों चीजों के बनाने में लगता है। अब तो रबर की सड़के भी बनने लगी हैं[1], जो पर्याप्त टिकाऊ सिद्ध हुई है। रबर का व्यवसाय आज दिनोंदिन बढ़ रहा है।

  • रबड़ उष्ण कटिबन्धीय पौधा हैं।
  • रबर का पौधा मूल रूप से भूमध्य जलवायु की उपज है l
  • थाइलैंड
  • मलेशिया
  • इन्डोनेशिया
  • भारत(1.7 %)

कोच्चि
देश में सबसे ज्यादा रबड़ उत्पादन केरल में होता है, लेकिन अब धीरे-धीरे त्रिपुरा और दूसरे नार्थ ईस्ट राज्यों से इसे चुनौती मिलनी शुरू हो गई है। इसके पीछे रबड़ की खेती में ज्यादा मजदूरी और कम कीमत अहम वजहें हैं। एसोसिएशन ऑफ प्लांटर्स ऑफ केरल (एपीके) के आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 में देश में रबड़ के कुल रकबे का 67 पर्सेंट केरल में था। यह 2010 से 8 पर्सेंट कम है। वहीं इस दौरान कुल उत्पादन में राज्य की हिस्सेदारी करीब 12 पर्सेंट कम होकर 77.7 पर्सेंट पर आ गई।

केरल की हिस्सेदारी घटने का नॉर्थ ईस्ट के राज्यों, खासतौर से त्रिपुरा और असम को ज्यादा फायदा मिला है। त्रिपुरा देश का दूसरा सबसे बड़ा रबड़ उत्पादक राज्य है। 2017-18 में राज्य में 6.94 लाख टन रबड़ का उत्पादन हुआ था, जो देश के कुल उत्पादन का करीब 10 पर्सेंट है। पिछले एक साल में इसका हिस्सेदारी एक पर्सेंट बढ़ी है। त्रिपुरा के बाद 7 पर्सेंट की हिस्सेदारी के साथ असम तीसरा सबसे बड़ा रबड़ उत्पादक राज्य है। रबड़ बोर्ड के डेटा के मुताबिक, रबड़ उत्पादन में सभी नार्थ ईस्ट राज्यों की कुलमिलाकर 23 पर्सेंट हिस्सेदारी है। यह पिछले 4 सालों में 5 पर्सेंट बढ़ी है।

नार्थ ईस्ट राज्यों में रबड़ उत्पादन की बढ़ोतरी के पीछे इन राज्यों में उत्पादन की लागत कम होना है। यह केरल में उत्पादन लागत के आधे से भी कम है। एपीके के सेक्रेटरी अजित बी के ने बताया, 'केरल में एक किलो रबड़ के उत्पादन में 184 रुपये की लागत आती है। वहीं नॉर्थ ईस्ट राज्यों में यह लागत सिर्फ 80 रुपये है। केरल में दैनिक मजदूरी 408.38 रुपये है, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है।'

इसके अलावा एक अहम पहलू कीमत है। टायर को बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली आरएसएस-4 वैरिएंट के रबड़ की औसत कीमत में पिछले 7 साल में 60 रुपये से भी ज्यादा की गिरावट आई है और 2017-18 में इसने 130 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा छू लिया था। अभी यह 124 रुपये प्रति किलो के आस-पास है। अजित ने बताया, 'इस कीमत पर केरल में रबड़ प्लांटेशन फायदेमंद नहीं रह गया है। पिछले तीन सालों में करीब 22 से 27 पर्सेंट एरिया में रबड़ की टैपिंग नहीं हुई है।'

त्रिपुरा में जमीन की कीमत है और सरकार भी सहयोग कर रही है। इंडियन रबड़ डीलर्स फेडरेशन के पूर्व प्रेसिडेंट जॉर्ज वैली ने बताया, 'सरकार ने रबड़ की खपत बढ़ाने के लिए कई पहल की है। ट्रांसपोर्टेशन की कम लागत और कीमतों का कम रहना नार्थ ईस्ट राज्यों में मौजूद टायर और गैर-टायर यूनिट्स के लिए फायदेमंद है।' कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे गैर-पारंपरिक माने जाने वाले राज्यों में भी रबड़ के पेड़ों को लगाया जा रहा है।

rabar ka utpadan – जब तक अंग्रेजों द्वारा अमेजॉन के जंगलों से रबर के वृक्ष को भारत के केरल में नहीं लाया गया था. तब तक भारत में रबर की खेती नहीं होती थी. लेकिन भूमध्य रेखीय सदाबहार वनों में पाए जाने वाले यह वृक्ष अंग्रेजों द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया में लाया गया.

रबर की खेती के लिए उसके बाद से मानो एशिया में रबर की खेती बहुत ही तेजी से बढ़ गई. रबर का उपयोग भारत में बहुत ज्यादा होता है. यही कारण है कि विश्व में रबर के उत्पादन के मामले में चौथे नंबर पर आने के बावजूद भी भारत रबर का दुनिया में निर्यात नहीं करता है बल्कि दुनिया के बाकी देशों से रबर को आयात करता है.

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रबर का वृक्ष लंबाई 43 मीटर तक लंबा हो सकता है. जिसके ऊपर से दूध निकलता है. जिससे लेटेक्स कहते हैं. इसी दूध को इकट्ठा करके रबर का निर्माण किया जाता है. चलिए इसी बात पर तो हम पहले यह जान लेते हैं कि भारत में वह कौन सा राज्य है जहां सबसे ज्यादा रबर का उत्पादन होता है…

सबसे ज्यादा रबड़ उत्पादन वाला राज्य –

भारत में सबसे ज्यादा रबर की खेती केरल में होती है. जहां पर भूमध्यसागरीय वाले वातावरण यानी मौसम थोड़ा बहुत मिलता है. यहां पर अंग्रेजों द्वारा ब्राजील के अमेजॉन के जंगलों से पहली बार रबर के पौधों को लगाया गया था. जिसके बाद से ही केरल लगातार रबर की खेती को अपने यहां करता ही आ रहा है.

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पर ऐसा नहीं है कि खबर की खेती भारत में केवल केरल में ही होती है. केरल के अलावा भारत में रबर की खेती तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी होती है. और जैसा कि हम सब जानते हैं कि दक्षिण भारत के राज्य भारत में सबसे ज्यादा उपयोगी वस्तुओं का उत्पादन करते हैं. यही कारण कि रबर की खेती भी दक्षिण भारतीय राज्यों में बहुत ज्यादा फैली हुई है.

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दक्षिण पूर्व एशिया के देश जहां पर बहुत ज्यादा रबर की खेती होती है. वह देश है थाईलैंड इंडोनेशिया, मलेशिया जैसे देश. इसके अलावा भारत के अंडमान निकोबार में भी रबर की खेती बहुत ज्यादा होती है.

सर्वाधिक रबड़ उत्पादक राज्य कौन सा है?

केरल भारत में प्राकृतिक रबर का सबसे बड़ा उत्पादक है।

भारत में 90% रबड़ उत्पादक राज्य कौन सा है?

सही उत्तर केरल है। केरल भारत में रबर का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला राज्य है।

रबड़ का उत्पादन कौन से राज्य में होता है?

देश में सबसे ज्यादा रबड़ उत्पादन केरल में होता है, लेकिन अब धीरे-धीरे त्रिपुरा और दूसरे नार्थ ईस्ट राज्यों से इसे चुनौती मिलनी शुरू हो गई है।

रबड़ उत्पादन में प्रथम देश कौन सा है?

थाईलैंड लगभग 4.5 मिलियन टन के वार्षिक उत्पादन के साथ दुनिया में प्राकृतिक रबर का सबसे बड़ा उत्पादक है।