इसे सुनेंरोकेंसन् 2011 की जनगणना के अनुसार जन्म दर 20-97 व्यक्ति प्रति हजार है। किसी भी देश में जन्मदर जितनी ऊँची होगी उस देश में जनसंख्या वृद्धि की दर भी उतनी ही ऊँची होगी। मृत्युदर-किसी देश या क्षेत्र में प्रति हजार व्यक्तियों पर एक वर्ष में मरने वाले बच्चों की संख्या को मृत्युदर कहते हैं। Show जन्म दर की माप असोदित क्या है स्पष्ट कीजिए? इसे सुनेंरोकेंअशोधित जन्म दर, प्रति 1000 लोगों में जीवित जन्म की वार्षिक संख्या. सामान्य प्रजनन दर, गर्भ धारण के उम्र वाली प्रति 1000 महिलाओं में जीवित जन्म की वार्षिक संख्या (अक्सर 15 से 49 वर्ष तक लिया जाता है, लेकिन कभी-कभी 15 से 44). मातृ मृत्यु दर कितना है? इसे सुनेंरोकेंयदि भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा मातृ मृत्यु पर जारी हालिया बुलेटिन को देखें तो देश में अभी मातृ मृत्यु अनुपात 103 पर है। इसका मतलब है कि देश में हर लाख जीवित जन्में बच्चों पर दुर्भाग्यवश 103 माओं की मृत्यु उन्हें जन्म देते समय हो जाती है। गौरतलब है कि 2016-18 के बीच यह अनुपात 113 था। पढ़ना: ठंडी में कौन सा फेशियल करना चाहिए? शिशु मृत्यु दर का सूत्र क्या है?इसे सुनेंरोकेंसूत्रः- कुल प्रसव मृत्यु x 1008 कुल प्रसव. मृत्यु दर की माप अशोधित क्यों है स्पष्ट कीजिए? इसे सुनेंरोकेंइस दर को ज्ञात करने के लिए किसी वर्ष विशेष में हुई मृत्युओं को मध्यवर्षीय जनसंख्या से भाग दे दिया जाता है। इस प्रकार प्राप्त भागफल को 1,000 से गुणा करके जो संख्या प्राप्त होती है, उसे ‘अशोधित मृत्यु-दर’ कहा जाता है। भारत में 1 सेकंड में कितने आदमी मरते हैं? इसे सुनेंरोकेंहर घंटे 2062 जन्मों का अनुभव होता है। और प्रति दिन लगभग 49481 जन्म होते है। भारत में हर साल 8.4 मिलियन लोग मरते हैं जो लगभग 22,500 प्रति दिन आता है यानी 937 हर घंटा और 15–16 हर मिनट। जिस दिन आपकी मृत्यु होगी उस दिन आपके साथ 1,59,635 लोगों की मौत होगी क्या ये सच है? जन्म दर क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंजन्म दर एक कैलेंडर वर्ष में प्रति सहस्र जनसंख्या में घटित होने वाली लेखबद्ध जीवितजात संख्या है। किसी देश की स्वास्थ्य दशा की वास्तविक जानकारी प्राप्त करने के लिये तथा उसकी क्रमोन्नति अथवा अवनति का पता लगाने के लिए नाना प्रकार के जन्ममरण के आँकड़ों में देश की जनसंख्या, जन्मसंख्या, मृत्युसंख्या आदि हैं। केंद्रित कार्यक्रमों, मजबूत केन्द्र-राज्य साझेदारी और स्वास्थ्य कर्मियों के समर्पण के साथ माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत शिशु मृत्यु दर के एसडीजी 2030 लक्ष्य प्राप्ति के लिए तैयार : डॉ. मनसुख मांडविया भारत को शिशु मृत्यु दर और अधिक कम करने में महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) द्वारा 22 सितंबर 2022 को जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) सांख्यिकी रिपोर्ट 2020 के अनुसार देश में 2014 से आईएमआर, यू5एमआर और एनएमआर में कमी आई है और देश 2030 तक सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) प्राप्त करने की दिशा में है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस उपलब्धि पर देश को बधाई दी और सभी स्वास्थ्यकर्मियों, सेवा करने वाले लोगों तथा समुदाय के सदस्यों को शिशु मृत्यु दर कम करने में अथक कार्य करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा- "एसआरएस 2020 ने 2014 से शिशु मृत्यु दर में लगातार गिरावट दिखाई है। भारत केन्द्रित कार्यक्रमों, मजबूत केंद्र-राज्य साझेदारी तथा सभी स्वास्थ्यकर्मियों के समर्पण से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में शिशु मृत्यु दर के 2030 एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार है।” संकेतक एसआरएस 2014 एसआरएस 2019 एसआरएस 2020 अशोधित जन्म दर (सीबीआर) 21.0 19.7 19.5 कुल प्रजनन दर 2.3 2.1 2.0 प्रारंभिक नवजात मृत्यु दर (ईएनएमआर) – 0- 7 दिन 20 16 15 नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 26 22 20 शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 39 30 28 5 वर्ष से कम बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) 45 35 32 लगातार गिरावट के बाद आईएमआर, यू5एमआर और एनएमआर में और भी कमी आई है। देश में पांच वर्ष से कम उम्र के शिशुओं की मृत्यु दर (यू5एमआर) में 2019 से तीन अंकों की (वार्षिक कमी दर 8.6 प्रतिशत) (2019 में प्रति 1,000 जीवित जन्म 35 प्रतिशत की तूलना में 2020 में 32 प्रति 1,000 जीवित जन्म)। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 36 से शहरी क्षेत्रों में 21 तक का अंतर है। ऐसा अनुमान है कि विश्व के सबसे जनाकुल राष्ट्र के रूप में भारत चीन को 2030 तक लाँघ लेगा। भारत की जनसंख्या वृद्धि ने इन चिन्ताओं को जन्म दिया है कि इससे व्यापक बेरोज़गारी और राजनीतिक अस्थिरता फैलेंगी।[5][6] ध्यान रखें कि ये अनुमान, भविष्य की प्रजनन और मृत्यु दरों के बारे में कल्पनाएँ करते हैं, जो घटनास्वरूप सही नहीं भी हो सकते हैं। प्रजनन दर भी क्षेत्रानुसार भिन्न-भिन्न हैं; कुछ राष्ट्रीय औसत से ऊपर हैं तो कुछ नीचे। स्रोत:[7]
दशलक्षों में (उदाहरण: 361 = 361,000,000) स्रोत:[8] वर्ष15 के नीचे15–6465+कुल20003616044510102005368673511093201037074758117520153728196512562020373882761332साँचा:Divcol
भारत में जन्म दर एवं मृत्यु दर कितनी है?19.3 जन्म/1,000 जनसंख्या (2016 अनु.) 7.3 निधन/1,000 जनसंख्या (2016 अनु.)
भारत की मृत्यु दर कितनी है 2022?हालांकि साल-साल दर इसमें कमी आती भी दिख रही है. सरकार की ओर से जो डाटा जारी किया गया है उसके मुताबिक साल 1951 में जहां प्रति 1000 नवजात बच्चों में 146 की मौत हो जाती थी वहीं साल 2022 में घटकर अब 28 तक आ गई है.
भारत में कुल मृत्यु दर कितनी है?यह 2019 में प्रति 1000 जीवित जन्मों में 22 थी जो 2020 में प्रति 1000 जीवित जन्मों में 20 हो गई। (वार्षिक गिरावट दर: 9.1 प्रतिशत)।
भारत में प्रतिदिन जन्म दर क्या है?भारत में प्रतिदिन 68,500 बच्चे जन्म लेते हैं, जो दुनिया में जन्म लेने वाले बच्चों का पांचवा हिस्सा है। प्रत्येक मिनट इनमें से एक नवजात शिशु की मौत हो जाती है।
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