भारत 28 राज्यों और 8(दमन दीव और दादर नगर हवेली को मिला दिया गया) केन्द्र शासित प्रदेशों का एक संघ है।[1] सन् 2019 में, लगभग 1.15 अरब की जनसंख्या के साथ भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत के पास विश्व की कुल भूक्षेत्र का 2.4% भाग है, लेकिन यह विश्व की 17% जनसंख्या का निवास स्थान है।[2] गंगा के मैदानी क्षेत्र विश्व के सबसे विशाल उपजाऊ फैलावों में से एक हैं और यह विश्व के सबसे सघन बसे क्षेत्रों में से एक है। दक्कन के पठार के पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्र भी विश्व के सबसे सघन क्षेत्रों में हैं। पश्चिमी राजस्थान में स्थित थार मरुस्थल विश्व के सबसे सघन मरुस्थलों में से एक है। उत्तर और उत्तर-पूर्व में हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में बसे राज्यों में ठंडे शुष्क मरुस्थल और उपजाऊ घाटियां हैं। कठिन संरचना के कारण इन राज्यों में देश के अन्य भागों की तुलना में जनसंख्या घनत्व कम है।[3] भारत की जनगणना[संपादित करें]ब्रिटिश इंडिया में प्रथम जनगणना 1872 में की गई थी। 1947 में स्वतंत्रता के बाद, 1951 से जनगणना प्रति दस वर्ष के अंतराल पर की जाती है।[4] गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा जनगणना की जाती है।[5] जनगणना के नवीनतम आँकड़े वर्ष 2001 की जनगणना के हैं।[6] 1991–2001 के दशक के दौरान भारत की जनसंख्या वृद्धि दर कम होकर 2.14% से 1.93% हो गई है।[7][8] दशकीय जनगणना के अनुसार सर्वाधिक वृद्धि दर 64.53% नागालैंड में दर्ज की गई। इसके बाद हैं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (47.02%), चंडीगढ़ (40.28) और सिक्किम (33.06)। केरल की वृद्धि दर सबसे कम 9.43% रही।[9] भारत में कुल बसासित ग्रामों की संख्या है 5,93,731 और कुल जनसंख्या का 72.2 प्रतिशत भाग इन्हीं ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है।[10] इनमें से 1,45,000 ग्रामों में जनसंख्या आकार 500–999 व्यक्तियों का है; 1,30,000 ग्रामों में जनसंख्या आकार 1000–1999 है और 1,28,000 ग्रामों में 200–499। 3,961 ग्राम ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या 10,000 या अधिक है। भारत की 27.8 प्रतिशत जनसंख्या 5,100 से अधिक कस्बों और लगभग 380 नगरीय क्षेत्रों में रहती है।[11] 1991-2001 के दशक के दौरान प्रमुख महानगरों की ओर हुए पलायन के कारण महानगरीय जनसंख्या में बहुत वृद्धि हुई है।[12][13] पिछले एक दशक के दौरान प्रवासियों के निवल अंतिम निवास के आधार पर, महाराष्ट्र मे सर्वाधिक अप्रवासन हुआ (23 लाख), फिर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (17 लाख), गुजरात (6.8 लाख) और हरियाणा (6.7 लाख)। उत्तर प्रदेश (−26 लाख) और बिहार (−17 लाख) में सर्वाधिक अंतर्राज्यीय उत्प्रवास हुआ। पाँच राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में मिलाकर भारत की लगभग आधी (48.84 प्रतिशत) जनसंख्या निवास करती है।[14] यद्यपि लिंगानुपात के राष्ट्रीय औसत 1991 में 927 से बढ़कर 2001 में 933 हुआ है,[15] लेकिन 2001 की जनगणना यह दर्शाती है की बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष के आयुवर्ग में प्रति हज़ार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या) में तीव्र गिरावट दर्ज की गई है।[16] देश के उन्नत राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में बाल लिंगानुपात में तीव्र गिरावट दर्ज की गई है। राष्ट्रीय बाल लिंगानुपात 1991 के 945 से गिरकर 2001 में 927 रह गया है।[17] जनसंख्यानुसार भारत के राज्य और संघ क्षेत्र[संपादित करें]भारत का कुल् भौगोलिक क्षेत्रफल 32,87,240 वर्ग किमी है। जनसंख्या घनत्व निकटतम पूर्णांक के लिए पूर्णित है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या 1,21,01,93,422 है।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य कौन है?महाराष्ट्र भारत में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है और साथ ही दुनिया में तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश उपखंड है।
जनसंख्या में दूसरे नंबर पर कौन सा राज्य है?महाराष्ट्र - महाराष्ट्र देश की दूसरी जन आबादी वाला राज्य है। यह देश के कुल जनसंख्या का 9.28% भाग को आवरित करता है। इसकी ग्रामीण जनसंख्या 61556074 तथा शहरी जनसंख्या 50818259 है।
जनसंख्या सबसे ज्यादा कौन से राज्य में है?उत्तर प्रदेश की आबादी सबसे ज्यादा 19.95 करोड़ है, जबकि लक्षद्वीप में आबादी सबसे कम यानी 64,429 है. सर्वाधिक आबादी वाले पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र (11.23 करोड़), बिहार (10.38 करोड़), पश्चिम बंगाल (9.13 करोड़) और आंध्र प्रदेश (8.46 करोड़) शामिल है.
भारत में सबसे कम आबादी वाला राज्य कौन सा है?सही उत्तर सिक्किम है। 2011 की जनगणना के अनुसार सिक्किम की जनसंख्या सबसे कम अर्थात 6,10,577 है।
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