B.ed d.ed में क्या अंतर है - b.aid d.aid mein kya antar hai

D.Ed और B.Ed कोर्स में क्या अंतर है ? 

अगर आप भी सोच रहे हैं D.Ed और B.Ed कोर्स की पढ़ाई करना तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। इस पोस्ट के माध्यम से आपको D.Ed और B.Ed कोर्स में क्या अंतर है? के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कराए जाएंगे। इसके लिए क्या योग्यताएं हैं? किस व्यक्ति को डीएड और बीएड कोर्स करना चाहिए ? D.Ed B.Ed कोर्स करने के क्या फायदे हैं?।

शिक्षा और मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है। एजुकेशन के फील्ड में अनेक प्रकार के कोर्स होते हैं, जिनका चुनाव हर व्यक्ति को अपने करियर बनाने में, गोल सेट करने में करना होता है। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से बहुत प्रचलित कोर्स D.Ed और B.Ed के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएंगे। D.Ed एवं B.Ed की पढ़ाई हर युवा वर्ग का दूसरा पसंद बन चुका है। तो चलिए इस पोस्ट को ध्यान से समझते हैं तथा D.Ed और B.Ed कोर्स के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।

B.ed d.ed में क्या अंतर है - b.aid d.aid mein kya antar hai

D.Ed कोर्स क्या है-

D.Ed का फुल फॉर्म डिप्लोमा इन एजुकेशन (Diploma in Education)है। यह कोर्स डिप्लोमा कोर्स है। इस कोर्स के माध्यम से आप अपने टीचर बनने की इच्छा पूरी कर सकते हैं। जिससे हर व्यक्ति का सर्वांगीण विकास हो सके। D.Ed कोर्स के माध्यम से आप अपना कम उम्र में सरकारी नौकरी की चाह पूरा कर सकते हैं। D.Ed कोर्स की पढ़ाई ज्यादातर प्रायोगिक रूप से होती है। इस कोर्स के माध्यम से अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षा स्तर के लिए तैयार किया जाता है। D.Ed कोर्स डीएलएड कोर्स के समान ही होती है। डीएड और डीएलएड कोर्स का नाम भिन्न-भिन्न है परंतु उसका सिलेबस है शिक्षण व्यवस्था लगभग एक समान है।

D.Ed कोर्स के लिए योग्यताए-

योग्यताए> इस कोर्स को करने के लिए आवेदन करने वाले अभ्यार्थी किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या विद्यालय से बारहवीं क्लास उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। वैसे तो इस कोर्स को करने के लिए सब्जेक्ट मायने नहीं रखते आप किसी भी विषय से पास आउट होकर इस फॉर्म को फिल कर सकते हैं। D.Ed फॉर्म को भरने के लिए सबसे पहले यह ध्यान रखे कि आपका 12TH क्लास में परसेंट 50% से अधिक होना चाहिए। तभी आपका सिलेक्शन हो पाएगा।

हर व्यक्ति चाहता है कि वह अपने आपको भविष्य में एक अच्छे पद पर सरकारी नौकरी करता देखें यदि आप भविष्य में अध्यापक बनना चाहते हैं तो यह कोर्स आपके लिए उत्तम मार्ग साबित होगा। D.Ed कोर्स का नामांकन ज्यादातर ऑनलाइन माध्यम से ही होता है। D.Ed कोर्स की पढ़ाई निजी विश्वविद्यालय मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय दोनों से संपन्न कराई जाती है।

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चयन प्रक्रिया / काउंसलिंग- 

काउंसलिंग> D.Ed कोर्स करने के लिए उम्मीदवारों का चयन मेरिट बेस से होता है। कुछ कुछ राज्यों या विश्व विद्यालय में D.Ed कोर्स में चयनित होने के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा दिलाना होता है। वैसे तो D.Ed कोर्स के लिए ज्यादातर चयन मेरिट बेस के अनुसार ही होता है।

D.Ed कोर्स के सिलेबस-

पाठ्यक्रम> हर कोर्स का मुख्य सिलेबस होता है। ठीक उसी प्रकार D.Ed कोर्स के लिए भी विभिन्न विषयों का चयन किया जाता है। जिसके आधार पर अभ्यर्थियों को इसी के अनुसार शिक्षण के लिए तैयार किया किया जा सके।

  • बाल विकास और अधिगम (Child Development & learning)
  • क्षेत्रीय भाषा का शिक्षण (Regional language Education)
  • अंग्रेजी भाषा शिक्षण ( English language Education)
  • पर्यावरण विज्ञान संबंधी शिक्षण (Environmental Education)
  • कला एवं संस्कृति संबंधित शिक्षा (Arts & Cultural Education)
  • शारीरिक शिक्षण (Physical Education)
  • साहित्य संबंधी शिक्षण (Litrature Based Education)
  • सामाजिक विज्ञान शिक्षण (Social Education)
  • सामान्य ज्ञान विज्ञान शिक्षण (Gk & Science Education)

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B.Ed कोर्स क्या है-

B.Ed कोर्स> क्या आप टीचर बनाना चाहते है ? अगर आप भविष्य में Teaching Profession में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो यह कोर्स आप के लिए एक मार्ग प्रशस्त कर सकता है। B.Ed कोर्स 2 साल का अपर ग्रेजुएशन कोर्स होता है। यह कोर्स बैचलर ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद किया जाने वाला कौन सा है। इस कोर्स में आपको खास तौर पर टीचिंग के लिए तैयार किया जाता है। B.Ed कोर्स के माध्यम से आप प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक के रूप में सेवा प्रदान कर सकते हैं।

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B.Ed का फुल फॉर्म> बेचलर ऑफ एजुकेशन (Bachelor of Educatin) है, जिसे हिंदी में शिक्षाशास्त्र कहा जाता है। B.Ed में अध्ययनरत छात्र प्रशिक्षु शिक्षक कहलाते हैं। B.Ed कोर्स को कराने का मुख्य उद्देश्य समाज में निस्वार्थ भाव से अध्ययन कराने वाले व्यक्ति की छाया प्रतिष्ठित हो। शिक्षा सभी का मौलिक अधिकार होना चाहिए। आधुनिक युग में शिक्षा व्यापार बन चुका है इसी स्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा B.Ed कोर्स की पढ़ाई कराई जा रही है। जिससे हर व्यक्ति भारतीय संविधान का शिक्षा ग्रहण कर सके।

B.Ed कोर्स के लिए योग्यताए-

 योग्यताए> B.Ed कोर्स करने के लिए सर्वप्रथम आवेदन करने वाले अभ्यार्थी की न्यूनतम आयु सीमा- 19 वर्ष अनिवार्य है। अभ्यर्थी के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्व विद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री होना चाहिए। इसके बाद ही अभ्यार्थी B.Ed कोर्स करने के लिए पात्र होगा।

चयन प्रक्रिया / काउंसलिंग- 

काउंसलिंग> आवेदक को B.Ed कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कंपटीशन एग्जाम दिलाना होता है तथा कुछ कॉलेजों में मेरिट बेस के आधार पर छात्रों का काउंसलिंग किया जाता है। आवेदक का काउंसलिंग होने के लिए बेचलर ग्रेजुएशन में 50% से 55% का होना अति अनिवार्य है। तभी वह इस चयन प्रक्रिया में शामिल हो पाएगा।

B.Ed कोर्स के लिए एडमिशन फीस-

शुल्क प्रक्रिया> किसी भी डिप्लोमा, डिग्री या फिर अन्य कोर्स करने के लिए फीस महत्वपूर्ण होता है। हायर एजुकेशन करने के लिए फीस एक अभिन्न अंग होता है। उच्च शिक्षा अर्जित करने के लिए फीस एक अहम भूमिका निभाती है। इसके बिना हम किसी भी तरह की पढ़ाई नहीं कर सकते। B.Ed कोर्स एक अपर ग्रेजुएशन कोर्स है। B.Ed कोर्स करने के लिए अभ्यार्थी को आलमोस्ट 45000₹-70000₹ का लागत उठाना पड़ता है। यदि अभ्यर्थी की सरकारी शिक्षण संस्थान में B.Ed कोर्स कंप्लीट करता है तो उसे कम लागत तथा निजी विश्व विद्यालय / शिक्षण संस्थान से B.Ed कोर्स करता है उसे अधिकतम फीस जमा करने की आवश्यकता होती है।

B.Ed के सिलेबस-

पाठ्यक्रम> पाठ्यक्रम किसी भी कोर्स का मुख्य अंग होता है। सिलेबस के बिना हम किसी भी कोर्स की तैयारी नहीं कर सकते। ठीक उसी प्रकार B.Ed कोर्स के लिए निम्नलिखित सिलेबस है, जो इस प्रकार है -

  • प्राकृतिक विज्ञान (Nature Science)
  • जैविक विज्ञान (Organic Science)
  • भौतिक विज्ञान (Physical Science)
  • विशेष शिक्षण (Special Education)
  • अर्थशास्त्र (Economics)
  • अंग्रेजी एवं भूगोल (English & Geography)
  • सूचना एवं प्रौद्योगिकी (Ingormation & Communication)
  • विद्यालय संबंधी नेतृत्व (Educational leader ship & Management)
  • शिक्षा दर्शन (Philosophy Of Education)
  • शैक्षिक समाजशास्त्र (Educational Sociology)
  • निर्देशन एवं परामर्श (Guidence & Counseling)

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B.Ed के बाद करियर-

करियर> B.Ed करने के पश्चात आप अपना भविष्य निम्नलिखित में बना सकते हैं-

  • प्राथमिक स्तर की शिक्षा (Primary Education)
  • माध्यमिक स्तर की शिक्षा ( Middle Education)
  • उच्च स्तरीय शिक्षा ( Higher Education)
  • सरकारी विद्यालय (Govenment School)
  • प्राइवेट विद्यालय ( Private Shool)
  • कोचिंग इंस्टीट्यूट (Coaching Institute)

उपर्युक्त पोस्ट के माध्यम से आप जान गए होंगे कि B.Ed और D.Ed कोर्स क्या है ? इसकी योग्यताएं क्या है ? तथा इसके माध्यम से भविष्य में कैरियर कैसे बनाएं ? आशा करता हू कि यह पोस्ट आपके लिए एक उत्तम मार्ग साबित होगा। एसे ही एजुकेशन से जुड़े रहने के लिए आप हमसे जुड़ सकते हैं।

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