Iv जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं कुछ उदाहरण दें 3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए? - iv jaiv aur ajaiv sansaadhan kya hote hain kuchh udaaharan den 3 nimnalikhit prashnon ke uttar lagabhag 120 shabdon mein deejie?

जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं कुछ उदाहरण दें।


जैव संसाधन- इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमे जीवन व्याप्त होता है, उदाहरण- मनुष्य, वनस्पतिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि। 
अजैव संसाधन- वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने है। ये दो प्रकार के होते है समाप्य और असमाप्य l उदाहरण- चट्टानें और धातुएँ।

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पंजाब में भूमि निम्नीकरण का निम्नलिखित में से मुख्य कारण क्या है?

  • गहन खेती

  • अधिक सिंचाई
  • वनोन्मूलन

  • वनोन्मूलन

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प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपयोग कैसे हुआ है?


किसी भी प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए संसाधनों की उपलब्धता आवश्यक है। प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देते हैं। लेकिन प्रौद्योगिकी की कमी इस विकास में बाधक उत्प्न्न करती है। आर्थिक विकास के लिए तकनीक की आवश्यकता होती है। इसके बाद विकास कार्यों के लिए भूमि की आवश्यकता होती है। वनों, खनिजों का उपयोग होता है तथा जल की भी आवश्यकता होती है।

अगस्त 1947 से पहले इग्लैंड का उपनिवेश था। विदेशी आक्रमणकर्ताओं का मुख्य आकर्षण धनी संसाधन थे। उपनिवेशों का विकास प्रद्योगिकी के उच्च स्तर के कारण हुआ तथा औपनिवेशिक शक्तियों ने अपना शासन स्थापित किया। औपनिवेशीकरण को भारत ने कई रूपों में अनुभव किया। इसलिए भारत में विकास सामान्य और संसाधन पर निर्भर रहा बल्कि प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन की गुणवत्ता का अनुभव किया।

स्वतंत्रता के बाद भारत में औद्योगिकरण हुआ। इससे विस्तृत अवसर उत्पन्न हुए। आज औद्योगिक संस्थान आदि समान्य हो गई है। उद्योगो की बढ़ती संख्या ने और भी दवाब बढ़ा दिया, जैसे जल संसाधन आदि।

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लोहा अयस्क किस प्रकार का संसाधन है?

  • नवीकरण योग्य
  • प्रवाह

  • जैव
  • जैव

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भारत में भूमि उपयोग प्रारूप का वर्णन करें। वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई। इसका क्या कारण है?


1) भारत में भूमि उपयोग प्रारूप: भूमि का उपयोग निम्नलिखित कार्यो के लिए किया जाता है:

(i) वन

(ii) कृषि के लिए अप्राप्य  भूमि

  • बंजर भूमि,

  • गैर कृषि कार्यों के लिए भूमि जैसे भवन निर्माण, सड़क निर्माण, उद्योग निर्माण आदि।

(iii) अन्य गैर-कृषि भूमि

  • स्थायी चरगाह

  • अन्य गैर-कार्यों के लिए भूमि, वृक्षों, फसलों आदि के लिये भूमि

  • बंजर भूमि (पांच कृषि वर्षों से छोड़ी गई अकृषीय भूमि)

(iv) परती भूमि

  • चालू वर्ष की परती भूमि ( जो बिना कृषि के एक या कम कृषि वर्ष के लिए छोड़ दी गई है )

  • परती भूमि के अतिरिक्त अन्य भूमि (जो एक से पांच कृषि वर्षों के लिए छोड़ दी गई है)

(v) शुद्ध बोया गया क्षेत्र (क्षेत्रफल जो एक कृषि वर्ग में एक से अधिक बार बोया गया है)

2) 1960 -61 से निम्न कारणों से वन भूमि का क्षेत्रफल नहीं बढ़ पाया है:

(i) भारत की जनसंख्या बहुत तीव्र गति से बढ़ रही है। इस जनसंख्या के लिए भूमि का उपयोग भवन निर्माण आदि के लिए हो रहा है। भारत विकासशील देश है तथा संपूर्ण देश में उद्योग, मिल तथा अन्य व्यापारिक स्थल बन रहे हैं।
(ii) स्वतंत्रता के पश्चात हमने बेकार भूमि को वनों के अंतर्गत लाने का प्रयास नहीं किया। वास्तव में मनुष्य ही बंजर भूमि को बढ़ा रहा है।
(iii) स्थानीय लोग वनों का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं। वृक्षों की कटाई सही योजना के बिना ही हो रही है। लोग नए वृक्ष नहीं लगाते हैं और ना ही क्षेत्र का विस्तार करते हैं। 
(iv) भूमि की आवश्यकता उद्योगों के विस्तार के लिए हो रही है।
(v) जल संसाधन सीमित है और देश में वर्षा का वितरण समान नहीं है।
(vi) आवासीय भूमि की मांग निरंतर बढ़ रही है।

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ज्वारीय ऊर्जा निम्नलिखित में से किस प्रकार का संसाधन है?

  • पुनः पूर्ति योग्य

  • अजैव

  • मानवकृत

  • मानवकृत

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