हिंदी से क्या क्या लाभ है? - hindee se kya kya laabh hai?

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संपूर्ण राष्ट्र की मान्यता प्राप्त करनेवाली भाषा राष्ट्रभाषा कहलाती है । भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी है। हिन्दी हमारे देश की भाषा है । हिन्दी सीखना और पढना बहुत आसान है | सारे भारत में आसानी से घूम सकते हैं । इस भाषा का साहित्य बहुत पुराना और विशिष्ट है । हिन्दी भाषा के माध्यम से हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता का ज्ञान हमें मिलता है । भाईचारे की भावना बढ़ सकती है । देश की एकता और अखंडता बनी रहती है । इसकी लिपि देवनागरी है । इसकी विशेषता है कि जो लिखा जाता है वही पढा जाता है।

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Table of Contents

  • हिन्दी भाषा का महत्त्व एवं इसके लाभ Hindi Language Benefit Importance In Hindi
    • Hindi Language Benefit Importance In Hindi
    • प्राचीन संस्कृत से वर्तमान हिन्दी का प्रादुर्भाव
      • प्राचीन संस्कृत के बारे में जानकारी
      • हिंदी नाम की उत्पत्ति कैसे हुई ?
      • हिन्दी में गर्व करने योग्य कुछ रोचक तथ्य
      • हिन्दी के विविध रूप के बारे में
      • हिंदी मातृभाषा के तौर पर
      • हिंदी मानक भाषा
      • हिंदी सम्पर्क भाषा के तौर पर
      • हिंदी राजभाषा के रूप में
    • मेरी – आपकी – इसकी – उसकी – हम सबकी हिन्दी भाषा के लिये हमें क्या करना होगा ?
    • हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता हैं Video

Hindi Language Benefit Importance In Hindi

सब भाषाओं की जननी संस्कृत की ज्येष्ठ पुत्री हिन्दी गुणों में देवभाषा संस्कृत के समान संस्कृति-संवाहिका व हर अर्थ के लिये चयनित सार्थक शब्दों की नदी है। शिक्षा व उच्चशिक्षितों के मध्य संवाद में एवं कार्यालय व विदेश में हिन्दी प्रयोग में हतोत्साहित होने अथवा दूसरों को हतोत्साहित करने में लगे हिन्दी भाषियों की आत्मा इस आलेख को पढ़कर अवश्य जाग जायेगी।

सकल भाषाओं की आदि जननी संस्कृत से होते हुए क्रमश: पालि, प्राकृत भाषा एवं अपभ्रंश, अवहट्ट से गुजरते हुए हिन्दी (Hindi) ने प्राचीन व प्रारम्भिक भाषा का रूप धरा तथा मूलतः हिन्दी भाषा का इतिहास (History Of Hindi Language) अपभ्रंश से आरम्भ माना गया है।

Hindi Language Benefit Importance In Hindi

हिंदी से क्या क्या लाभ है? - hindee se kya kya laabh hai?

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प्राचीन संस्कृत से वर्तमान हिन्दी का प्रादुर्भाव

प्राचीन संस्कृत के बारे में जानकारी

तदुपरान्त उपरोक्त का वर्गीकरण लौकिक संस्कृत व पहली प्राकृत में, तत्पश्चात लौकिक संस्कृत व पहली प्राकृत के संगम से दूसरी प्राकृत अथवा पाली, दूसरी प्राकृत अथवा पाली से शौरसेनी, अर्द्धमागधी एवं मागधी निकलीं जिनमें से शौरसेनी से क्रमषः नागर अपभ्रंष व पश्चिमी हिन्दी बनी एवं अर्द्धमागधी से अर्द्धमागधी अपभ्रंश बनी फिर पश्चिमी हिन्दी एवं पूर्वी हिन्दी से समागम से वर्तमान हिन्दी (एवं हिन्दुस्तानी) जन्मी।

हिंदी नाम की उत्पत्ति कैसे हुई ?

फ़ारस की खाड़ी से आने वाले ‘स’ के स्थान पर ‘ह’ उच्चारण कर देते थे, इस कारण वे ‘सिन्धु’ को हिन्दू एवं ‘सिन्धी’ को हिन्दी बोल बैठे, अर्थात् हिन्द से ही इन शब्दों का उद्गम हुआ जिनका तात्पर्य सिन्धु नदी के क्षेत्र से सम्बद्ध है।

हिन्दी में गर्व करने योग्य कुछ रोचक तथ्य

1. विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली अग्रणी भाषाओं में एक नाम हिन्दी का है, करोड़ों भारतीयों की मातृभाषा हिन्दी को बिल्कुल भी न जानने वाले बहुत कम होंगे। हिन्दी भाषा के जानकार व बोलने वाले मारीशस, फ़िज़ी, सुरीनाम, त्रिनिनाद व टोबेगो इत्यादि देशो में भी हैं।

2. हिन्दी की गणना उन चयनित भाषाओं में की जाती है जिनका उपयोग वेब एड्रेस बनाने में किया जाता है।

3. संविधान सभा ने हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में 14 सितम्बर-1949 में चयन किया था इस कारण 14 सितम्बर को प्रति वर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

4. सन् 1965 को हिन्दी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया।

5. सन् 1981 में बिहार ने उर्दू के बजाय हिन्दी को कार्यालयों में अपना लिया, इस प्रकार हिन्दी अपनाने वाले राज्यों में बिहार प्रथम राज्य हुआ।

6. हिन्दी की बोलियाँ विविध रूपों में कई अँचलों को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करती हैं.. मैथिली, खड़ी बोली, भोजपुरी, छत्तीसगढ़ी, नेपाली, गढ़वाली, हरियाणवी, मालवी, मारवाड़ी इत्यादि।

हिन्दी के विविध रूप के बारे में

‘बोलचाल की भाषा’ बोली (डायलॅक्ट) को समझते हुए ‘बोलचाल की भाषा’ को समझा जा सकता है। ‘बोली’ उन सभी जनों के बोलचाल की भाषा के मिश्रित रूप को कहते हैं जिनकी भाषा में पारस्परिक भेद अनुभव नहीं होता। संसार में सब किसी जन-समूह का महत्त्व किसी कारण बढ़ता है तो उसकी बोलचाल की बोली को भाषा कहा जाने लगता है, अन्यथा वह ‘बोली’ ही रहती है।

इस प्रकार बोली का क्षेत्र भाषा के क्षेत्र एवं बोली के जन भाषा के जन से क्रमषः आकार व संख्या में कम रहते हैं। जब अनेक बोलियों में पारस्परिक सम्पर्क हो तो बोलचाल की भाषा का प्रसार होता है। इसे सामान्य भाषा भी कहते हैं। यह बड़े क्षेत्र अथवा पैमाने पर प्रयोग की जाती है।

हिंदी मातृभाषा के तौर पर

व्यक्ति घर में जिस भाषा को सर्वप्रथम सुनते-समझते-सीखते हुए पलता-बढ़ता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। व्यक्ति के मस्तिष्क में विचार इसी भाषा में आते हैं । हिन्दी हममें से बहुतों की मातृभाषा है ।

यह भाषा के अन्य अनेक रूपों के समान गौरव का विषय है तो फिर आप घर के बाहर हिन्दी के प्रति हीनता की जबरन अनुभूति क्यों करते हैं? क्यों स्वयं को हिन्दी भाषी सिद्ध करने की चेष्टा कर मातृभाषा का अपमान करते हैं ?

हिंदी मानक भाषा

भाषा का स्थिर व सुनिश्चित रूप मानक अथवा परिनिष्ठित भाषा कहलाता है। किसी भाषा की उस विभाषा को परिनिष्ठित भाषा कहा जाता है जो अन्य विभाषाओं पर अपना साहित्यिक व सांस्कृतिक वर्चस्व स्थापित कर लेती है तथा उन विभाषाओं को बोलने वाले भी उसे सर्वाधिक उपयुक्त समझने लगते हैं।

मानक भाषा शिक्षित वर्ग की शिक्षा, पत्राचार एवं व्यवहार की भाषा होती है। इसके व्याकरण व उच्चारण की विधि लगभग निश्चिन्त रहती है। मानकभाषा को टकसाली भाषा भी कहा गया है। इसमें पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है।

हिंदी सम्पर्क भाषा के तौर पर

अनेक भाषाओं के अस्तित्व के बावजूद जिस विशिष्ट भाषा के माध्यम से व्यक्ति से व्यक्ति, राज्य से राज्य व देश से विदेश के मध्य संवाद किया जाता है उसे सम्पर्क-भाषा कहा जाता है। उदाहरणार्थ अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बहुसंख्य जनजातियाँ निवास करती हैं जिनकी भिन्न-भिन्न भाषाएँ व उपभाषाएँ हैं परन्तु प्रत्येक जनजाति अन्य जनजातियों से हिन्दी में संवाद करती है.

इस प्रकार हिन्दी अरुणाचल प्रदेश में विविध जनजातियों के मध्य सम्पर्क भाषा हुई। हिन्दी अधिकांश भारतीय अँचलों, विभाषाओं व संस्कृतियों के मध्य एक सुदृढ़ सम्पर्कभाषा है। राष्ट्रभाषा – देश के विभिन्न भाषा-भाषियों में पारस्परिक विचार-विनिमय की भाषा राष्ट्रभाषा कहलाती है। राष्ट्रभाषा को देष के अधिकांश नागरिक समझते, पढ़ते अथवा बोलते हैं।

हिंदी राजभाषा के रूप में

शासकीय-प्रशासकीय कार्यों का निष्पादन जिस भाषा में किया जाता है उसे राजभाषा कहते हैं। राजभाषा शासकीय कार्यपालन की भाषा होती है जबकि राष्ट्र भाषा सम्पूर्ण देश की सम्पर्कभाषा होती है।

समान देश के एक राज्य की राजभाषा अन्य राज्यों की राजभाषाओं से भिन्न हो सकती है। भारत के संविधानानुरूप हिन्दी भारत के संघीय शासन की भाषा है। राजभाषा जनता व शासन के मध्य संवाद का माध्यम अथवा सेतु होती है। भारत के कई राज्यों की राजभाषा हिन्दी है।

मेरी – आपकी – इसकी – उसकी – हम सबकी हिन्दी भाषा के लिये हमें क्या करना होगा ?

अ) हिन्दी को ऊपर वर्णित समस्त रूपों की भाषा के रूप में अपनायें।

आ) अपने हस्ताक्षर, यांत्रिक लेखन व हस्तलिपि को भी हिन्दी में बनायें, इसके लिये बैंक इत्यादि में जाकर अभी अपने हस्ताक्षर हिन्दी करने की वैधानिक प्रक्रिया सम्पन्न कर लें।

इ) यदि सुनने, समझने, पढ़ने वाले व्यक्ति को हिन्दी समझ आती है तो अनिवार्य रूप से हिन्दी का ही उपयोग करें।

ई) यदि हिन्दी का कोई शब्द कठिन लगे तो उसे कोष्ठक में सरल हिन्दी में भी लिखें एवं किसी का कोई शब्द यदि समझ न आये तो तत्काल उससे पूछ लें, ‘कठिन हिन्दी’ अथवा ‘इतनी शुद्ध हिन्दी’ जैसे शब्द-समूहों का प्रयोग किसी को हिन्दी प्रयोग के लिये हतोत्साहित करने में न करें, क्या आप आंग्लभाषा में बोलचाल के समय ऐसा करते हैं ?

हिन्दी विश्व जन के हृदय में बसी भाषा है, जानिए कैसे ? संस्कृत का पितृ, मीडी का पतर, फ़ारसी का पिदर, यूनानी का पाटेर, लैटिन में पेटर, आंग्लभाषा में फ़ादर एवं हिन्दी में पिता, संस्कृत का अस्मि, मीडी का अह्मि, फ़ारसी का अम, यूनानी का ऐमि, लैटिन का सम, आंग्लभाषा का एम एवं हिन्दी का हूँ अर्थात् विभिन्न भाषाओं के कौन-से शब्द कब कहाँ से कैसे परस्पर जुड़े व ग्रहण किये गये हैं यह विस्तृत शोध का विषय है परन्तु इतना तो निष्चित है कि हिन्दी है सबकी।

हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता हैं Video

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हिंदी भाषा से क्या लाभ है?

एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

3 हिंदी भाषा सीखने से क्या क्या लाभ हैं?

हिन्दी सीखने से क्या – लाभ है? उत्तर: 14 सितंबर 1949 को भारत संविधान ने हिंदी को राजभाषा के रूप में घोषित किया है। हिंदी हमारी राजभाषा और राष्ट्र भाषा है।.
भारत का संविदान महान है। ... .
हिन्दी हमारे देश की राझभाषा है। ... .
मैं अच्छी तरह समज गयी। ... .
कल एक विशेष कारयक्रम है। ... .
भारत में हिन्दी बोलनेवाले अदिक हैं।.

22 हिंदी सीखने से क्या लाभ हैं ?`?

ऐसे कुछ शोध हुए हैं जो हमें यह बताते हैं कि विभिन्न तरह की पुस्तकों से अन्तःक्रिया करने से बच्चों को भाषा सीखने में मदद मिलती है। "पुस्तकों को पढ़ना" व "भाषाई क्षमताओं का विकास" इनमें संबंध है । जो बच्चे जितनी अधिक पुस्तकें पढ़ते हैं उनकी विभिन्न भाषाई क्षमताएँ यथा पढ़ना, लिखना, संवाद कर पाना बेहतर होती है ।

हिंदी भाषा का महत्व क्या है?

वह दुनियाभर में हमें सम्मान भी दिलाती है। यह भाषा है हमारे सम्मान, स्वाभिमान और गर्व की। हम आपको बता दें कि हिन्दी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है। इतिहास- भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी।