विषयसूची इसे सुनेंरोकें(ii) जब वस्तु वक्रता-केंद्र पर होती है, तो उसका वास्तविक प्रतिबिंब समान आकार का होगा और वक्रता-केंद्र पर ही बनेगा। (iii) जब वस्तु फोकस पर होती है, तो उसका वास्तविक प्रतिबिंब अत्यधिक बड़े आकार का होगा और अनंत पर बनेगा। अवतल दर्पण में प्रतिबिंब कैसे बनता है?इसे सुनेंरोकेंयह प्रतिबिम्ब वस्तु के आकार के बराबर उल्टा तथा वास्तविक होता है तथा यह वक्रता केंद्र पर ही बनता है। यदि वस्तु को वक्रता केंद्र तथा फोकस के मध्य रखा जाता है तब वस्तु AB के B बिंदु से चलने वाली प्रथम प्रकाश किरण मुख्य अक्ष के समान्तर होती है अत: यह परावर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस से गुजरती है। गोलीय दर्पण Spherical Mirrors कितने प्रकार के होते हैं उनके नाम लिखें? इसे सुनेंरोकेंगोलीय दर्पण (Spherical Mirror) वैसा दर्पण होता है, जिसकी परावर्तक सतह (Reflecting Surface) काँच के खोखले गोले का हिस्सा होती है। गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैः अवतल दर्पण (Concave Mirror) और उत्तल दर्पण (Convex Mirror)। गोलीय दर्पण क्या है कक्षा 10?इसे सुनेंरोकेंगोलीय दर्पण (spherical mirror) वे दर्पण हैं जिनका परावर्तक तल गोलीय होता है। उत्तल दर्पण (convex mirror / कान्वेक्स मिरर) — जिस दर्पण का परावर्तक तल बाहर की तरफ उभरा रहता है उसे उत्तल दर्पण कहते हैं। दर्पण का वक्रता केंद्र क्या होता है?इसे सुनेंरोकें1. वक्रता केंद्र : गोलीय दर्पण को जिस खोखले गोले का कटा हुआ भाग माना जाता है उस खोखले गोले के केन्द्र को वक्रता केन्द्र कहा जाता है इसे C से दर्शाया जाता है। वक्रता केंद्र तथा ध्रुव के मध्य की दूरी को वक्रता त्रिज्या कहा जाता है। इसे चित्र में R से दर्शाया गया है जिसे CP के मध्य की दूरी भी कह सकते है। गोलीय दर्पण के ज्यामितीय केंद्र को क्या कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंStep by step solution by experts to help you in doubt clearance & scoring excellent marks in exams. ध्रुव। गोलीय दर्पण किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?इसे सुनेंरोकेंजिस दर्पण का परावर्तन तल गोलीय होता है, उस दर्पण को गोलीय दर्पण कहते हैं। ये मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – (a) अवतल (नतोदर) गोलीय दर्पण (b) उत्तल (उन्नतोदर) गोलीय दर्पण। दर्पण कैसे करते हैं?इसे सुनेंरोकेंदर्पण एक वस्तु है जो एक छवि को दर्शाती है। प्रकाश जो एक दर्पण से उछलता है, आंख के लेंस या कैमरे के माध्यम से केंद्रित होने पर उसके सामने जो कुछ भी है, उसकी एक छवि दिखाएगा। दर्पण छवि की दिशा को एक समान लेकिन विपरीत कोण में उलट देते हैं जिससे प्रकाश उस पर चमकता है। दर्पण का मुख्य अच्छा क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंAnswer. मुख्य अक्षः दर्पण के ध्रुव \( P\) तथा वक्रता केन्द्र \( C\) को मिलाने वाली रेखा या इन दोनों से गुजरने वाली रेखा को दपर्ण की मुख्य अक्ष कहते है। अवतल दर्पण में किरणें वास्तविकता में मिलती है इसलिए यहाँ फोकस वास्तविक होता है जबकि उत्तल दर्पण में किरणें मिलती हुई प्रतीत होती है इसलिए इसमें फोकस आभासी बनता है। दर्पण किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं?इसे सुनेंरोकेंउत्तर- दर्पण दो प्रकार के होते हैं-समतल दर्पण और गोलीय दर्पण। प्रश्न 3. गोलीय दर्पण किसे कहते हैं? उत्तर- उस दर्पण को गोलीय दर्पण कहते हैं जिसका परावर्तक तल गोलीय होता है अर्थात् दबा हुआ या उभरा हुआ होता है। सब्सक्राइब करे youtube चैनल definitions in spherical mirror in hindi गोलीय दर्पण से सम्बंधित कुछ परिभाषा : यहाँ हम गोलीय दर्पणों से सम्बंधित कुछ राशियों तथा परिभाषाओ के बारे में अध्ययन करते है। 1. वक्रता केंद्र : गोलीय दर्पण को जिस खोखले गोले का कटा हुआ भाग माना जाता है उस खोखले गोले के केन्द्र को वक्रता केन्द्र कहा
जाता है इसे C से दर्शाया जाता है। 2. वक्रता त्रिज्या : गोलीय दर्पण को जिस गोले का कटा हुआ भाग माना जाता है उस गोले की त्रिज्या को वक्रता त्रिज्या कहते है या वक्रता केंद्र तथा ध्रुव के मध्य की दूरी को वक्रता त्रिज्या कहा जाता है। इसे चित्र में R से दर्शाया गया है जिसे CP के मध्य की दूरी भी कह सकते है। 3. ध्रुव : गोलीय दर्पण की प्रष्ठ सतह का मध्य बिन्दु ध्रुव कहलाता है , इसे यहाँ चित्र में P बिन्दु से दर्शाया गया है। 4. द्वारक : किसी भी दर्पण के वृत्ताकार चाप को उस दर्पण का द्वारक कहा जाता है , इसे चित्र में MM’ से दर्शाया गया है। 4. मुख्य अक्ष : दर्पण के ध्रुव P तथा वक्रता केंद्र C को मिलाने वाली रेखा या इन दोनों से गुजरने वाली रेखा को दर्पण की मुख्य अक्ष कहते है। यहाँ चित्र में इसे principle axis नाम से दिखाया गया है। 5. मुख्य फोकस : दर्पण की मुख्य अक्ष (principle axis) के समान्तर दर्पण पर आपतित होने वाली प्रकाश की किरण परावर्तन के बाद जिस बिन्दु पर मिलती है या मिलती हुई प्रतीत होती है तो उस बिन्दु को दर्पण का मुख्य फोकस कहते है। इसे F से दर्शाया गया है। अवतल दर्पण के लिए मुख्य फोकस F दर्पण के सामने बनता है जबकि उत्तल दर्पण के लिए F दर्पण के पीछे बनता है। अवतल दर्पण में किरणें वास्तविकता में मिलती है इसलिए यहाँ फोकस वास्तविक होता है जबकि उत्तल दर्पण में किरणें मिलती हुई प्रतीत होती है इसलिए इसमें फोकस आभासी बनता है। 6. फोकस दूरी : किसी भी दर्पण के ध्रुव P से मुख्य फोकस के मध्य की दूरी को फोकस दूरी कहते है इसे प्राय: f से व्यक्त करते है। उत्तल दर्पण के लिए फोकस दूरी को धनात्मक लिया जाता है तथा अवतल दर्पण के लिए फोकस दूरी को ऋणात्मक माना जाता है। माना किसी गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या R हो तो , फोकस दूरी f तथा वक्रता त्रिज्या R में निम्न सम्बन्ध होगा f = R/2 दर्पण का वक्रता केंद्र क्या होता है?गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ एक गोले का भाग है। इस गोले का केंद्र गोलीय दर्पण का वक्रता केंद्र कहलाता है।
वक्रता केंद्र का मतलब क्या होता है?गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ एक गोले का भाग है । इस गोले का केंद्र गोलीय दर्पण का वक्रता केंद्र कहलाता है।
वक्रता केंद्र कितने होते हैं?किसी भी लेंस में दो वक्रता केन्द्र होते हैं।
अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या क्या होती है?अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 10 सेमी. है।
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