अरुण ग्रह के कितने उपग्रह हैं - arun grah ke kitane upagrah hain

आप यह जानकर निश्चित ही आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि अरुण (uranus in hindi) पर 42 साल रात और 42 साल दिन होता है.

इसका कारण यह है कि अरुण पर दोनों में से एक pole यानी ध्रुव लगातार 42 साल तक सूर्य के सामने और दूसरा अंधकार की तरफ होता है.

क्योंकि अरुण अपने अक्ष पर 98 डिग्री तक झुका हुआ है।

3. तीसरा सबसे बड़ा ग्रह (uranus in hindi)

यूरेनस सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है,

अरुण (uranus in hindi) 25,362 किलोमीटर की त्रिज्या में फैला हुआ है।

केवल बृहस्पति और शनि ही अरुण से बड़े हैं।

बात करें इसकी mass की तो यह पृथ्वी से लगभग 15 गुना ज्यादा है,

यानी पृथ्वी से 15 गुना ज्यादा भारी है।

अरुण ग्रह के कितने उपग्रह हैं - arun grah ke kitane upagrah hain

4. गैस से बना हैं uranus in hindi

शनि, बृहस्पति, वरुण की ही तरह uranus भी पूरा गैस से बना हुआ है।

और यह ग्रह सूर्य से लगभग 2 अरब 87 करोड़ 10 लाख किलोमीटर दूर है.

सूर्य से इतना दूर होने के कारण यह ग्रह बहुत ही ठंडा है, बिल्कुल वरुण की तरह।

यहां का औसतन तापमान -197.15 ℃ होता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार यहां का न्यूनतम तापमान -224 डिग्री सेल्सियस देखा गया है।

5. अरुण के हैं रिंग्स

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यूरेनस के भी रिंग्स हैं.

और इतना ही नहीं सौर मंडल में कुल 4 ग्रह हैं जिनके रिंग्स यानी छल्ले हैं।

वरुण, बृहस्पति और शनि बाकी के वह ग्रह है।

uranus के rings इतने हल्के होते हैं कि दिखते ही नहीं हैं,

इसलिए अधिकतम लोगों को इस बात की कोई जानकारी नहीं होती है।

6. 27 चन्द्रमा हैं

बाकी के बड़े ग्रहों की तरह यूरेनस के बिल्कुल 27 चंद्रमा है

यानी अरुण (uranus in hindi) के कुल 27 प्राकृतिक उपग्रह है,

लेकिन अरुण के अधिकतम चंद्रमा बहुत ही छोटे और असंतुलित हैं.

यह चंद्रमा भार में बहुत ही कम है।

7. 98 डिग्री हैं झुका हुआ

Uranus अपने अक्ष पर 98 डिग्री तक झुका हुआ है।

जहां बाकी के ग्रह सौरमंडल में घूमते हुए लट्टू की तरह दिखाई देते हैं.

वही यूरेनस 98 डिग्री सेल्सियस तक झुके रहने के कारण, एक युवक की हुई गेंद की तरह दिखाई देता है।

98 डिग्री तक झुके रहने के कारण यहां मौसम बहुत ही असामान्य रहता है.

यहां तूफान जैसा माहौल बना रहता है।

8. उल्टी दिशा में हैं घूमता

अरुण (uranus in hindi) और शुक्र दो अकेले ऐसे ग्रह है जो बाकी के ग्रहों के सापेक्ष उलटी दिशा में सूर्य का चक्कर काटते हैं।

9. आता हैं तूफ़ान

uranus पर हवाएं काफी तेज चलती रहती हैं जो कि अधिकतम 900 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक पहुंच जाती है।

दूरबीन से सबसे पहले देखा जाने वाला ग्रह अरुण ही था. 13 मार्च 1781 में विलियम हरशल ने सबसे पहले इसकी खोज की घोषणा की थी. कहते हैं कि प्राचीन विद्वानों ने जब खाली आंखों से आकाश में अरुण को देखा था, तब उन्होंने इसकी चमक देखकर इसे ग्रह का दर्जा ही नहीं दिया था, बल्कि इसे एक दूर टिमटिमाता तारा ही समझ लिया था.

चारों बड़े ग्रहों में सबसे हल्का है अरुण- द्रव्यमान (Mass) के आधार पर अरुण सौरमंडल का चौथा बड़ा ग्रह है. सौरमंडल के चारों बड़े ग्रहों में अरुण का द्रव्यमान सबसे कम है. यह पृथ्वी से 14.5 गुना ज्यादा भारी है. पृथ्वी से 63 गुना बड़ा आकार रखने के बाद भी अरुण पृथ्वी से केवल 14.5 गुना भारी है, क्योंकि पृथ्वी पर पत्थर और अन्य भारी पदार्थ ज्यादा हैं, जबकि अरुण पर गैसें अधिक हैं. (अरुण एक गैसीय ग्रह है).

नोट- सूर्य से दूर ग्रहों- बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण को गैसीय ग्रह (Gaseous Planets) माना जाता है, क्योंकि ये चारों ग्रह मुख्य रूप से अलग-अलग गैसों से मिलकर बने हैं. जबकि बाकी के चारों ग्रह मुख्य रूप से पत्थर और धातुओं से मिलकर बने हैं. गैसीय ग्रह आकार में बड़े हैं, इन ग्रहों के चारों तरफ वलय या रिंग (Rings) पाए जाते हैं और इनके प्राकृतिक उपग्रहों की संख्या भी ज्यादा है. इन चारों ग्रहों को ‘गैस दानव’ भी कहा जाता है.

नोट- द्रव्यमान (Mass) से हमें किसी वस्तु का भार या वजन और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसकी शक्ति का पता चलता है.

दंडवत प्रणाम करता हुआ, लेटकर करता है सूर्य की परिक्रमा

दरअसल, अरुण ग्रह अपनी धुरी या अक्ष (Axis) पर 97.77 डिग्री झुका है (जैसे- पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है). अपने अक्ष पर और सूर्य की तरफ इतना ज्यादा झुका होने के कारण इसे ‘लेटा हुआ ग्रह’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह डोलती-लुढ़कती गेंद की तरह दिखाई देता है. जबकि सौरमंडल के बाकी ग्रह अपने अक्ष पर इतना नहीं झुके हैं, इसलिए वे सब डोलते लट्टुओं की तरह घूमते हुए नजर आते हैं.

अरुण ग्रह के कितने उपग्रह हैं - arun grah ke kitane upagrah hain
अरुण ग्रह के कितने उपग्रह हैं - arun grah ke kitane upagrah hain

अरुण पर सूर्योदय पश्चिम दिशा में होता है- शुक्र (Venus) की ही तरह अरुण भी अपनी धुरी पर उल्टा यानी दक्षिणावर्त (Clockwise) घूमता है. जबकि हमारी पृथ्वी समेत बाकी 6 ग्रह अपनी धुरी पर वामावर्त दिशा (Anti-clockwise) में घूमते हैं, इसलिए इन सब पर सूर्योदय पूरब दिशा में होता है और सूर्यास्त पश्चिम दिशा में, वहीं अरुण और शुक्र ग्रहों पर सूर्योदय पश्चिम दिशा में और सूर्यास्त पूरब दिशा में होता है.

अरुण अपनी धुरी पर एक चक्कर 17 घंटे 14 मिनट में पूरा करता है (जैसे पृथ्वी अपनी धुरी पर एक चक्कर 24 घंटों में पूरा करती है). यानी अरुण की अपनी धुरी पर घूमने की रफ्तार काफी तेज है. (अपनी धुरी पर घूमने की सबसे कम रफ्तार शुक्र ग्रह की है). अरुण के चारों तरफ 9 वलय (Rings) पाए जाते हैं, जिनमें से पांच वलय के नाम अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और इप्सिलान हैं.

ध्रुवों पर 42 सालों का दिन और 42 सालों की रात

अपनी धुरी पर इतना झुका होने के कारण अरुण ग्रह का मौसम बाकी ग्रहों से पूरी तरह अलग होता है. आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि अपने अक्ष पर इतना झुका होने के कारण संक्रांति के समय अरुण का एक ध्रुव लगातार सूर्य के सामने रहता है, जबकि दूसरा ध्रुव पूरी तरह दूसरी तरफ रहता है. इसके एक ध्रुव पर 42 सालों तक प्रकाश और दूसरे ध्रुव पर 42 सालों तक अंधेरा रहता है (क्योंकि यह सूर्य की एक परिक्रमा 84 सालों में पूरा करता है, तो यानी एक ध्रुव 42 सालों तक सूर्य के सामने रहेगा… और फिर उसके बाद दूसरा ध्रुव 42 सालों के लिए सूर्य के सामने आएगा).

निश्चित सी बात है कि अपनी धुरी पर इतना झुका होने की वजह से अरुण के ध्रुवीय क्षेत्रों पर, इसके भूमध्यरेखीय क्षेत्रों (ग्रह के बीचोंबीच के इलाके) की तुलना में सूर्य का प्रकाश ज्यादा रहता है, लेकिन फिर भी अरुण के भूमध्यरेखीय क्षेत्र, इसके ध्रुवीय क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा गर्म हैं. इस ग्रह पर हवाओं की रफ्तार बहुत तेज और शक्तिशाली है.

अरुण ग्रह के कितने उपग्रह हैं - arun grah ke kitane upagrah hain
अरुण ग्रह के कितने उपग्रह हैं - arun grah ke kitane upagrah hain

बहुत ठंड है अरुण ग्रह पर, रहना है नामुमकिन

बृहस्पति और शनि के मुकाबले अरुण और वरुण के वातावरण में बर्फ बहुत ज्यादा है. ये ग्रह मुख्य रूप से अलग-अलग तरह की बर्फ से मिलकर बने हैं, जैसे- पानी, अमोनिया और मीथेन. यानी पानी की बर्फ के आलावा इन दोनों ग्रहों में जमी हुई अमोनिया और मीथेन गैसों की बर्फ भी है, इसीलिए खगोलशास्त्रियों ने इन दोनों ग्रहों को ‘बर्फीले गैस दानव’ का भी नाम दिया है.

सौरमंडल के सारे ग्रहों में से अरुण का वायुमंडल (Atmosphere) सबसे ठंडा पाया गया है. यहां का न्यूनतम तापमान 49 केल्विन (-224 डिग्री सेल्सियस) देखा गया है, जो अरुण को सौरमंडल में सबसे ठंडा ग्रह बनाता है.

अरुण ग्रह पर बादलों की कई लेयर्स देखी गई हैं. माना जाता है कि सबसे नीचे पानी के बादल हैं और सब से ऊपर मीथेन गैस के बादल हैं. वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि मीथेन की वजह से बृहस्पति, शनि और अरुण पर हीरे की बारिश होती है. यह भी माना जाता है कि अगर किसी तरह अरुण के बिल्कुल बीच जाकर इसके केंद्र यानी सेंटर में देखा जा सके तो वहां भी बर्फ के पत्थर ही नजर आएंगे, यानी इतनी बर्फ है इस ग्रह पर. हालांकि अरुण के आंतरिक भाग में बर्फ की मात्रा की जानकारी अभी नहीं है.

27 उपग्रह मिलकर करते हैं अरुण की परिक्रमा

अरुण के अब तक 27 प्राकृतिक उपग्रहों (Natural Satellites) का पता चला है, यानी जिस तरह हमारा चंद्रमा (Moon) पृथ्वी की परिक्रमा करता है, उसी तरह अरुण के 27 उपग्रह इसकी परिक्रमा करते हैं. ये सभी 27 उपग्रह भी अपने अरुण की तरह अपनी-अपनी धुरी पर दक्षिणावर्त (Clockwise) घूमते हैं.

अरुण के इन 27 उपग्रहों में सबसे बड़ा उपग्रह टाईटेनिया (Titania) है, जिसकी त्रिज्या की लंबाई मात्र 799.9 किलोमीटर है, यानी हमारे चंद्रमा के आधे से भी कम (चंद्रमा का व्यास लगभग 3,474 किलोमीटर है). टाईटेनिया सौरमंडल का आंठवां सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह है. [सौरमंडल का सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह गैनीमेडे (बृहस्पति का उपग्रह) और सबसे छोटा उपग्रह डीमोस (मंगल ग्रह का उपग्रह) है].

अरुण के उपग्रह की संख्या कितनी है?

हमारे सौर मण्डल के सातवे ग्रह अरुण (युरेनस) के २७ ज्ञात प्राकृतिक उपग्रह हैं। इनमें से पांच सब से बड़े चन्द्रमा अपने ही गुरुत्वाकर्षण के खिचाव से गोल हो चुके हैं जबकि बाक़ियों के अकार बेढंगे हैं, जैसा की प्राकृतिक उपग्रहों में आम देखा जाता है।

अरुण का सबसे बड़ा उपग्रह कौन सा है?

Explanation: ट्राइटन सौर मण्डल के आठवे ग्रह वरुण (नॅप्टयून) का सबसे बड़ा उपग्रह है और हमारे सौर मण्डल के सारे प्राकृतिक उपग्रहों में से सातवा सब से बड़ा प्राकृतिक उपग्रह है। 10 अक्टूबर 1846 को अंग्रेजी खगोलविद विलियम लेसेल द्वारा इसकी खोज की गई थी। इसलिए D सही विकल्प है।

वर्तमान में सबसे अधिक उपग्रह वाला ग्रह कौन सा है?

शनि के पास सबसे ज्यादा 82 उपग्रह सौरमंडल में 82 उपग्रहों (चंद्रमा) वाले इस ग्रह का नाम शनि है। आज से दो साल पहले तक सबसे अधिक उपग्रहों के होने का तमगा बृहस्पति ग्रह के नाम था। लेकिन, 2019 में खगोलविदों ने शनि की परिक्रमा करते हुए 20 नए उपग्रहों की खोज कर इतिहास को बदल दिया। बृहस्पति के पास वर्तमान में 79 उपग्रह हैं।

सबसे बड़ा उपग्रह कौन सा है?

गैनिमीड हमारे सौर मण्डल के पाँचवे ग्रह बृहस्पति का सब से बड़ा उपग्रह है और यह पूरे सौर मंडल का भी सब से बड़ा चन्द्रमा है। इसका व्यास (डायामीटर) 5,268 किमी है, जो बुध ग्रह से भी 8% बड़ा है।