‘भारत माता की जय’ का नारा लाखों दिलों में जोश भर देता है। लेकिन आखिर भारत माता कौन हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में। Show
साडी़ पहनकर हाथों में तिरंगा लिए आपने किताबों या इंटरनेट पर भारत माता की फोटो देखी होगी या फिर आजादी के इतिहास की किताबों में‘ भारत माता कि जय’ के नारा पढ़ा होगा। यह नारा लाखों लोगों में जोश भर देता है, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि आखिर पेंटिंग में नजर आने वाली भारत माता कौन हैं? आज के आर्टिकल में हम आपको भारत माता और उनकी तस्वीर से जुडे़ इतिहास के बारे में बताएंगे, कि आखिर तस्विर में नजर आने वाली भारत माता कल्पना कब और कैसे हुई। पहली बार यहां पर नजर आई भारत माताभारत माता(भारत माता मंदिर) के बारे में हमें किसी प्राचीन कहानी में सुनने को नहीं मिलता है। ऐसे में जो तस्वीर आज आप देखते हैं उसे 19वीं सदी के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तैयार किया गया था। सन 1873 के दौरान किरन चंद्र बनर्जी के लिखे नाटक का शीर्षक ‘भारत माता’था। इतिहास की माने इस नाटक में ही पहली बार ‘भारत माता की जय’ के नारे की शुरुआत हुई। इसे भी पढ़ें- भारत की इन प्रसिद्ध पेंटिंग्स के बारे में कितना जानते हैं आप इस तरह तैयार हुई भारत माता की पहली तस्वीरभारत की सबसे पहली तस्वीर बनाने का श्रेय अवनींद्रनाथ टैगोर को जाता है। इस वाटर कलर की तस्वीर में भारत माता भगवा रंग का बंगाली परिधान पहने नजर आईं थीं। इस तस्वीर में नजर आने वाली देवी को बंग देवी भी कहा गया, जिसके हाथ एक हाथ में किताब, धान की पुली, माला और सफेद वस्त्र था। कलाकारों की कल्पना से मिले भारत मां के अलग-अलग रूपइस तस्वीर के बाद तमाम कलाकारों ने अलग-अलग तरीकों से भारत माता की तस्वीर बनाई। कहीं उन्हें मां उन्हें मां दुर्गा का स्वरूप दिखाया गया तो कहीं उन्हें मां गंगा के रूप में चित्रित किया गया। आजादी की लड़ाई के दौरान सुब्रमण्यम भारती जी ने भारत माता की तस्वीर बनाई, जिसमें भारत मां को गंगा की धरती के तौर पर दर्शाया गया है। ज्यादातर तस्वीरों में भारत माता साड़ी पहने, हाथ में भगवा झंडा लिए शेर पर सवार रहतीं। इसे भी पढ़ें- जानते हैं दुनिया की कुछ मशहूर पेंटिंग्स के बारे में भारत माता की तस्वीर में हुए बदलावदेश की आजादी के दौरान कई तरह की तस्वीरें सामने आई। जिसमें भारत माता के साथ देश के राजनीतिक लीडर भी नजर आए। इसके अलावा कई तस्वीरों में भारत माता हाथों में तिरंगा झंडा लिए नजर आईं। साल 1936 में बना भारत मां का पहला मंदिरभारत में साल 1936 में वाराणसी के काशी यूनिवर्सिटी में भारत माता के पहले मंदिर की स्थापना हुई। जिसे शिव प्रसाद गुप्ता ने बनवाया। मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद द्वारा भारत माता मंदिर की स्थापना की गई।तब से लेकर आज तक तस्वीरों में भारत माता को अलग-अलग तरह से दर्शाया गया। ये था हमारा आज का आर्टिकल, जिसमें हमने आपको भारत माता की तस्वीर से जुड़े इतिहास के बारे में बताया। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ। Image Credit- wikipedia क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। आखिर कहां से आया 'भारत माता की जय' का नारा...कौन है इसका जनकभारत माता की जय भारतीय स्वाधीनता संग्राम के समय सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला नारा था। भारत भूमि को जीवन का पालन करने वाली माता के रूप में रूपायित कर उसकी मुक्ति के लिए की गई कोशिशों में इस नारे का बार-बार प्रयोग किया। नई दिल्ली: भारत माता की जय भारतीय स्वाधीनता संग्राम के समय सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला नारा था। भारत भूमि को जीवन का पालन करने वाली माता के रूप में रूपायित कर उसकी मुक्ति के लिए की गई कोशिशों में इस नारे का बार-बार प्रयोग किया। आज भी इस नारे का प्रयोग राष्ट्रप्रेम या राष्ट्र निर्माण से जुड़े अवसरों, कार्यक्रमों एवं आंदोलनों में किया जाता है। भगत सिंह ने भी आजादी के लिए अंग्रेजों के सामने भरी अदालत में भारत माता की जय कहके अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी। वहीं आज इस नारे पर लागातर विवादित बयान आ रहे हैं। क्या आपको पता है सबसे पहले यह शब्द आया कहां से और इसकी इस्तेमाल कब हुआ। आइए आज आपको इसके इतिहास के बारे में बताते हैं। -किरन चन्द्र बन्दोपाध्याय ने किया था इसका इस्तेमाल -ऐसे बनी थी भारत माता की तस्वीर
-जवाहरलाल नेहरू भी भारत माता के समर्थक
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भारत माता कहाँ निवास करती है?भारतीय संविधान में उनका कहीं जिक्र नहीं है. उनकी संतानें संविधान को मानें या उनकी जय-जयकार करनेवालों के साथ चलें. भारत माता की काल्पनिक छवि और वास्तविक छवि में अंतर है. वे नागपुर के साथ कानपुर में भी निवास करती हैं.
भारत माता को क्या बोलते हैं?देश में इनदिनों 'भारत माता की जय' बोलने और नहीं बोलने पर बहस छिड़ी हुई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदुस्तान को भारत माता के नाम से क्यों पुकारा जाता है? वास्तव में भारत को सदियों से मातृभूमि कहा जाता रहा है।
इंडिया को भारत माता क्यों कहा जाता है?भारत को 'माता' क्यों कहा जाने लगा ? भारत को 'माता' कहकर संबोधित करने का श्रेय बंगला लेखक किरण चंद्र बनर्जी को भी जाता है। 1873 में इनके नाटक 'भारत-माता' में भारत के लिए 'माता' शब्द का प्रयोग किया गया था। आज़ादी से पहले बंगाल में दुर्गा पूजा लोगों को एकजुट करने और स्वराज (आजादी) पर चर्चा करने का एक माध्यम बनी हुई थी।
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