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भारत के राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया ये है26 जून 2017 अपडेटेड 19 अगस्त 2022 इमेज स्रोत, ANI देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशंवत सिन्हा को भारी अंतर से हराया था. द्रौपदी मुर्मू अब देश की राष्ट्रपति हैं. द्रौपदी मुर्मू ने इस चुनाव में पहली वरीयता वाले 2,824 वोट हासिल किए. वहीं, उनके प्रतिद्वंदी यशवंत सिन्हा को प्रथम वरीयता के 1,877 वोट मिले. इस चुनाव में कुल 4,754 वोट पड़े, जिसमें से 4,701 वोट वैध थे, जबकि 53 अमान्य क़रार दिए गए. देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति के बारे में बड़ी बातें
राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया क्या होती है?राष्ट्रपति का निर्वाचन इलेक्टोरल कॉलेज के द्वारा किया जाता है. इन इलेक्टोरल कॉलेज निर्वाचक मंडल के सदस्य होते हैं लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और इसके अलावा सभी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य. विधान परिषद् के सदस्य उसके सदस्य नहीं होते. लोकसभा और राज्यसभा के नामांकित सदस्य भी इसके सदस्य नहीं होते हैं. लेकिन इन सभी के मतों का मूल्य अलग-अलग होता है. लोकसभा और राज्यसभा के मत का मूल्य एक होता है और विधानसभा के सदस्यों का अलग होता है. ये राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय होता है. इसमें मशीन का इस्तेमाल नहीं होता है.
क्या राष्ट्रपति चुनाव में टाई होता है और ऐसा होता है तो चुनाव कैसे किया जाता है?टाई होने के बारे में संविधान बनाने वाले ने संकल्पना नहीं की थी. इसलिए इसके बारे में जिक्र नहीं है. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर जो 1952 का कानून है उसमें भी इसका जिक्र नहीं है. ऐसी स्थिति आज तक आई भी नहीं है और आने की संभावना भी नहीं दिखती है. राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद क्या उनका राजनीतिक जीवन खत्म हो जाता है. क्या वो उसके बाद चुनाव नहीं लड़ सकते?संविधान में स्पष्ट प्रावधान है कि राष्ट्रपति कार्यकाल समाप्त होने के बाद दोबारा राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा जा सकता है. राजनीतिक जीवन समाप्त होने का कोई सवाल नहीं उठता है. वो चाहे तो किसी भी तरह से राजनीतिक जीवन में रह सकते हैं. लेकिन देश के सर्वोच्च पद पर रहने के बाद स्वाभाविक है कि वो सांसद या विधायक या राज्यपाल बनना पसंद नहीं करेंगे. क्योंकि ये सब तो राष्ट्रपति के नीचे के पद हैं. इमेज स्रोत, PRESIDENT OF INDIA WEBSITE राष्ट्रपति पद का क्या महत्व है जब भारत में सारे अधिकार प्रधानमंत्री के पास होते हैं?ऐसा नहीं है कि सारे अधिकार प्रधानमंत्री के पास रहते हैं. सबके अपने-अपने क्षेत्र हैं. पूरी कार्यपालिका की शक्तियां राष्ट्रपति के हाथ में होती है. राष्ट्रपति इनका प्रत्यक्ष तौर पर स्वयं या फिर अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से इस्तेमाल कर सकते हैं. राष्ट्रपति का प्रमुख दायित्व प्रधानमंत्री को नियुक्त करना और संविधान का संरक्षण करना है. यह काम कई बार वो अपने विवेक से तय करते हैं. कोई भी अधिनियम उनकी मंजूरी के बिना पारित नहीं हो सकता. वो मनी बिल को छोड़कर किसी भी बिल को पुनर्विचार के लिए लौटा सकते हैं. राष्ट्रपति का चुनाव कौन लड़ सकता है और उस व्यक्ति की योग्यता और उम्र क्या होनी चाहिए?भारत का नागरिक होना चाहिए. आयु कम से कम 35 साल होनी चाहिए. लोकसभा का सदस्य होने की पात्रता होनी चाहिए. इलेक्टोरल कॉलेज के पचास प्रस्तावक और पचास समर्थन करने वाले होने चाहिए. राष्ट्रपति का मूल कर्तव्य संघ की कार्यकारी शक्तियों का निर्वहन करना है. फौज के प्रमुखों की नियुक्ति भी वो करते हैं. राष्ट्रपति को पद से कैसे हटाया जा सकता है?राष्ट्रपति को उसके पद से महाभियोग के ज़रिये हटाया जा सकता है. इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा में सदस्य को चौदह दिन का नोटिस देना होता है. इस पर कम से कम एक चौथाई सदस्यों के दस्तख़त ज़रूरी होते हैं. फिर सदन उस पर विचार करता है. अगर दो-तिहाई सदस्य उसे मान लें तो फिर वो दूसरे सदन में जाएगा. दूसरा सदन उसकी जांच करेगा और उसके बाद दो-तिहाई समर्थन से वो भी पास कर देता है तो फिर राष्ट्रपति को पद से हटा हुआ माना जाएगा.
क्या दो ही उम्मीदवार खड़े होते हैं या ज़्यादा भी उम्मीदवार हो सकते हैं?दो से ज्यादा भी उम्मीदवार हो सकते हैं बशर्ते कि पचास प्रस्तावक और पचास समर्थन करने वाले हो. राष्ट्रपति क्षमादान के अधिकार का उपयोग कैसे करता है?क्षमादान के अधिकार का उपयोग राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद के सलाह पर ही करता है. लेकिन मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रपति को क्या सलाह दी है, ये अदालत में भी नहीं पूछा जा सकता है. सिंगल ट्रांसफरेबल वोटिंग क्या चीज़ है?इसमें प्रावधान यह है कि राष्ट्रपति के चुनाव में आनुपातिक प्रतिनिधित्व सिंगल ट्रांसफरेबल वोट होगा. संविधान के निर्माण के समय ये बिना किसी मीटिंग के पास हो गया था. लेकिन सवाल उठता है कि एक से ज्यादा सीटों पर अगर चुनाव हो रहा है तो आनुपातिक प्रतिनिधित्व की बात होती है. एक पद के लिए नहीं. क्या अब तक किसी राष्ट्रपति का चुनाव निर्विरोध हुआ है?नीलम संजीव रेड्डी अकेले राष्ट्रपति हुए जो निर्विरोध चुने गए थे और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद अकेले राष्ट्रपति थे जो दो बार चुने गए. 13. भारत में अबतक कितने राष्ट्रपति रहे हैं और उनके नाम क्या हैं?राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से पहले देश में 13 राष्ट्रपति रहे.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.) भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन है?सम्पूर्ण भारत में डॉ राजेंद्र प्रसाद काफी लोकप्रिय थे जिसके बाद से उन्हें राजेंद्र बाबू एवं देश रत्न कहकर बुलाया जाता था। राजेन्द्र प्रसाद जी का जन्म 3 दिसम्बर, 1884 में बिहार के सीवान जिले के एक छोटे से गांव जीरादेई में हुआ। आजाद भारत के वह पहले राष्ट्रपति है जिन्होंने राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला।
भारत के राष्ट्रपति की नियुक्ति कौन करता है?भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 55 के अनुसार आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है। राष्ट्रपति को भारत के संसद के दोनो सदनों (लोक सभा और राज्य सभा) तथा साथ ही राज्य विधायिकाओं (विधान सभाओं) के निर्वाचित सदस्यों द्वारा पाँच वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है।
भारत के दूसरे राष्ट्रपति का नाम क्या है?डॉ. एस.
सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक भारतीय दार्शनिक और राजनेता थे और 1962 से 1967 तक भारत के पहले उपराष्ट्रपति (1952-1962) और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
राष्ट्रपति की शक्तियां क्या है?राष्ट्रपति को संसद सत्र आहूत, सत्रावसान करना एवं लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी रखता है। नए राज्यों के निर्माण राज्य की सीमा में परिवर्तन संबंधित विधेयक, धन विधेयक या संचित निधि से व्यय करने वाला विधेयक एवं राज्य हित से जुड़े विधेयक बिना राष्ट्रपति के पूर्व अनुमति के संसद में प्रस्तुत नहीं होते हैं।
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