कुछ दम्पत्तियों के लिए जो निःसंतानता का सामना कर रहे हैं, कृत्रिम गर्भधारण (IUI) सामान्य रूप से गर्भवती होने की संभावना को बढ़ा सकता है। IUI एक चिकित्सा प्रक्रिया है जो निःसंतानता का इलाज करने में मदद करती है। इसमें निषेचन (fertilization) को बढ़ावा देने के लिए शुक्राणु (sperm) को सीधे महिला के गर्भाशय (uterus) के अंदर रखा जाता है। यह स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने का एक तरीका है जो फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) तक पहुँचता है। Show IUI में अच्छे शुक्राणुओं को अलग करने के लिए एक प्रयोगशाला प्रक्रिया शामिल होती है। एक छोटी ट्यूब की मदद से इन धुले हुए शुक्राणुओं को सीधे ओव्यूलेशन (ovulation) के समय जब अंडाशय से अंडा निकलता है तब गर्भाशय में रखा जाता है | यह 5-7 मिनट की एक मामूली, दर्द रहित प्रक्रिया है। इसे 3-4 बार दोहराया जा सकता है। IUI को ‘कृत्रिम गर्भाधान’ के रूप में भी जाना जाता है। जब आईवीएफ की तुलना में, यह एक छोटी और सस्ती प्रक्रिया है।
IUI कब करना चाहिए? कई कारण हैं जिनके लिए आप IUI पर विचार कर सकते हैं। विभिन्न प्रकार के कारण निःसन्तानता की वजह हो सकते हैं |हालांकि, निम्नलिखित स्थितियों में IUI का उपयोग प्रजनन क्षमता (Fertilization) को बढ़ाने के रूप में किया जा सकता है।
कृत्रिम गर्भधारण (IUI) प्रक्रिया / तकनीक
ये प्रक्रिया बिलकुल दर्दरहित होती है और opd में ही की जाती है
IUI के साथ जुड़े जोखिम कभी कभी दुर्लभ परिस्थितियों में आपको गर्भाशय में संक्रमण हो सकता है | यदि आपको IUI के दौरान अंडे बनाने की दवा दी गयी है और आपके एक से ज्यादा अंडे बने हैं ,तो एक से अधिक गर्भधारण (multiple pregnancy )भी हो सकता है | सफलता दर (success rate ) IUI सफलता कई कारणों पर निर्भर करती है। आपकी आयु, बांझपन का कारण और उपयोग की जाने वाली दवाएं IUI प्रक्रिया की सफलता को प्रभावित कर सकती हैं। Medical scienceके आधार पर IUI सफलता की दर 10 से15 प्रतिशत तक होती है। यदि आप IUI के माध्यम से गर्भधारण नहीं करते हैं, तो आपको doctor (IVF) की सलाह देते हैं जिसमें एक बेहतर सफलता दर होती है। निसंतानता का इलाज लम्बा और थोड़ा मुश्किल होता है ,लेकिन अपने डॉक्टर doctor के साथ एक खुली चर्चा करके और अपने स्वास्थ्य और बांझपन के मुद्दों को समझकर, आप समाधान पा सकते हैं। IUI एक दर्द रहित, कम जोखिम वाला और सस्ता इलाज़ है |जिसने कई दम्पत्तियों को गर्भ धारण करने में मदद की है। यदि आप निसंतानता से परेशान हैं और यह जानना चाहते हैं कि क्या IUI आपके लिए सही विकल्प है, तो infertility specialist डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
आईयूआई एक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है जिसमें स्पर्म को महिला के गर्भाशय में सीधा डाला जाता है। नॉर्मल कंसीव करने की प्रक्रिया में स्पर्म गर्भाशय ग्रीवा के जरिए योनि में पहुंचता है और फिर फैलोपियन ट्यूबों की मदद से गर्भाशय तक आता है। लेकिन नैचुरली यह प्रक्रिया नहीं हो पाती है तो इस स्थिति में आईयूआई की मदद से स्पर्म को सीधा एग के नजदीक गर्भाशय में डाला जाता है। इस प्रक्रिया से महिला के मां बनने की संभावना बढ़ जाती है। यह भी पढ़ें :
महिलाओं में ही नहीं पुरुषों में भी होती है बांझपन की दिक्कत, ये हैं Infertility के 5 संकेत किसे पड़ती है आईयूआई की जरूरतजब दवा और ओवुलेशन के समय पर सेक्स करने पर कंसीव नहीं हो पाता है तो सबसे पहले आईयूआई की मदद ली जाती है। यदि स्पर्म काउंट या इनकी गतिशीलता में हल्की सी कमी हो या एंडोमेट्रियोसिस के हल्के मामलों में आईयूआई की सलाह दी जाती है। जो महिलाएं नियमित रूप से ओवुलेट नहीं कर पाती हैं, उन्हें आईयूआई के साथ ओवुलेशन शुरू करवाया जा सकता है। वहीं जिन कपल्स में इनफर्टिलिटी का कारण समझ नहीं आता है, उन्हें भी आईयूआई की सलाह दी जा सकती है। यह भी पढ़ें :
पहला बच्चा होने के बाद भी दूसरी बार में क्यों हो जाता है बांझपन कैसे होती है प्रक्रियामासिक धर्म से 2 या तीन दिन में 5 से 10 दिन के लिए महिलाओं को गोनाडोट्रोपिन दवा या इंजेक्शन दिए जाते हैं। इसके बाद हर तीसरे या चौथे दिन पर सोनोग्राफी की मदद से मॉनिटर किया जाता है। फॉलिकल्स के सही साइज में होने पर एचसीजी के इंजेक्शन से ओवुलेशन की प्रक्रिया को ट्रिगर किया जाता है और लगभग 36 घंटे के अंदर आईयूआई प्रक्रिया की जाती है। आईयूआई ट्रीटमेंट के दिन मेल पार्टनर को अपने वीर्य का सैंपल देना होता है। वीर्य के सैंप को लैब में प्रोसेस किया जाता है और फिर महिला के गर्भाशय में इसे डाल दिया जाता है। इसके बाद 14 दिनों तक महिला को दवा दी जा सकती है जिसके बाद एचसीजी टेस्ट से प्रेग्नेंसी को कंफर्म किया जाता है। जोखिम और सफलताइंट्रा यूटेरानइन इनसेमिनेशन एक आसान और सुरक्षित प्रक्रिया है और इसके कुछ जोखिम कारक होते हैं, जैसे कि :
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आईयूआई में दर्द होता है क्या?IUI treatment एक आंतरिक परीक्षा (internal examination) जैसा लगा और इसमें दर्द नहीं होता।
आईयूआई का खर्चा कितना आता है?भारत में आईयूआई का खर्च — Bharat Me Intrauterine Insemination (IUI) Ka Kharch. आमतौर पर, भारत में एक आईयूआई साइकिल का खर्च लगभग 3-5 हजार रुपए आता है। अगर आप पहली साइकिल में ही गर्भधारण कर लेती हैं तो प्रेगनेंसी की पूरी प्रक्रिया में लगभग 15-25 हजार तक का खर्च आ सकता है।
IUI कैसे किया जाता है?IUI एक चिकित्सा प्रक्रिया है जो निःसंतानता का इलाज करने में मदद करती है। इसमें निषेचन (fertilization) को बढ़ावा देने के लिए शुक्राणु (sperm) को सीधे महिला के गर्भाशय (uterus) के अंदर रखा जाता है। यह स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने का एक तरीका है जो फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) तक पहुँचता है।
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