Show Q1. ‘आखिर यह भारत है क्या? अतीत में यह किस विशेषता का प्रतिनिधित्व करता था? उसने अपनी प्राचीन शक्ति को कैसे खो दिया? क्या उसने इस शक्ति को पूरी तरह खो दिया है? विशाल जनसंख्या का बसेरा होने के अलावा क्या आज उसके पास ऐसा कुछ बचा है जिसे जानदार कहा जा सके?’ ये प्रश्न अध्याय दो के शुरूआती हिस्से से लिए गए है। अब तक अब पूरी पुस्तक पढ़ चुके होंगे। आपके विचार से इन प्रश्नों के क्या उत्तर हो सकते हैं? जो कुछ आपने पढ़ा है उसके आधार पर और अपने अनुभवों के आधार पर बताइए। Answer. भारत की संस्कृति और सभ्यता एक ऐसी चीज़ रही है जिसने भारत को पूरे विश्व में प्रसिद्धी दिलायी। अपनी विशिष्ट और शालीन संस्कृति के कारण भारत को ना सिर्फ़ एक पहचान मिली बल्कि लोगों तक यह भी संदेश पहुँचा कि मानवता वास्तव में होती क्या है। भारत की असली शक्ति भारत की संस्कृति ही रही है। हालाँकि समय समय पर कई बाहरी लोगों ने आकर भारत पर राज्य किया और उन्होंने अपनी पूरी कोशिश की कि वे भारत की संस्कृति को जड़ से ख़त्म कर दे। उनकी इतनी कोशिशों के बावजूद वे ऐसा नहीं कर पाए और भारतीय संस्कृति अपने शालीन रुप में सदा विद्यमान रही। आज फिर से पाश्चात्य संस्कृति की कोशिशें हैं कि वह भारतीय संस्कृति पर अपना वर्चस्व क़ायम कर ले। वास्तव में पाश्चात्य संस्कृति अपना असर लोगों पर डाल रही है किन्तु फिर भी यह भारतीय संस्कृति को मिटा पाने में असक्षम है। भारतीय संस्कृति भारत का एक ऐसा तत्व है जिसे जानदार कहा जा सकता है। विशाल जनसंख्या के अलावा भारत में ऐसा क्या है जिसे जानदार कहा जा सकता है?एक वक्त ऐसा भी आया जब उसने अपनी शक्ति को दूसरों के पैरों तले पाया पर उसने फिर उठकर अपने सम्मान को पाया अपनी धरोहर को खोने से बचा लिया। आज बेशक वह एक बड़ी आबादी वाला देश हो परन्तु उसके पास आज भी उसकी बहुमूल्य विरासत है- उसकी संस्कृति, महापुरुषों के उच्च विचार, विविधता में एकता व धर्मनिरपेक्षता।
आखिर भारत क्या है?जिसे 1972 में लागू किया गया.
हमारे देश की क्या विशेषता है?विश्व का सातवां बड़ा देश होने के नाते भारत शेष एशिया से अलग दिखता है जिसकी विशेषता पर्वत और समुद्र ने तय की है और ये इसे विशिष्ट भौगोलिक पहचान देते हैं। उत्तर में बृहत् पर्वत श्रृंखला हिमालय से घिरा यह कर्क रेखा से आगे संकरा होता जाता है।
भारत के संबंध में लेखक ने कैसे जाना था?लेखक तक्षशिला (पाकिस्तान) के पौराणिक खंडहर देखने गया था। वहाँ वह धूप में भूख-प्यास से बेहाल होकर होटल की तलाश कर रहा था कि उसे हामिद खाँ की दुकान पर जाना पड़ा। यहाँ हामिद खाँ ने जाना कि लेखक भारत से आया है।
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