गाय की जड़ कैसे बढ़ती है? - gaay kee jad kaise badhatee hai?

पशुओं के जेर को ज्यादातर किसान गड्ढ़े में दबा देते है, लेकिन गाजियाबाद जिले के मनोज कुमार जेर से जैविक खाद बनाकर खेतों में प्रयोग कर रहे है।

गाजियाबाद जिले के मोदनगर ब्लॉक में कंगराबाद गाँव में रहने वाले मनोज कुमार बताते हैं, "जब गाय-भैंस बच्चा देने वाली होती है। तब पशुओं पर ध्यान देने की जरूरत होती है। पशु ब्याने की शुरूआत में जब वाटर बालून या जैव रस की थैली बाहर आने लगती है तब एक टोकरी में ऐश तैयार कर लेते है। उसी में थैली गिर जाती है। और 60-70 दिन में खाद तैयार हो जाती है।" मनोज के पास लगभग 14 एकड़ खेत है, जिसमें गेहूं, धान, फल सब्जियों की खेती करते है और लगभग चार गाय है।

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मनोज आगे बताते हैं, "पिछले पंद्रह सालों से हम खेती कर रहे है और इसी बनाई हुई खाद का इस्तेमाल कर रहे है। इससे फसल बढ़वार अच्छी होती है साथ ही उत्पादन भी ज्यादा होता है। पहले कई लोग खेतों में इसका इस्तेमाल करते थे।"

सीतापुर जिले के केवीके के पशु वैज्ञानिक डॉ आनंद सिंह बताते हैं, "बहुत कम ऐसे किसान है जो जेर खाद बनाकर उसको खेतों में प्रयोग करते है। जब पशु जेर गिराता है तो उसमें कई बैक्टीरिया होते है जिससे बीमारियां फैलती है। इसलिए उस जेर को दबा दिया जाता है। अब जब इससे खाद तैयार की जाती है तो कई तरह की सावधानियां जरूरी होती है। जब जेर को खाद बनाने के लिए जमीन में दबाया जाता है तो यह देख ले कि वो पूरी तरह से बंद है या नहीं वरना बहुत सी बीमारियां फैलती है”

गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय जैविक कृषि केंद्र के सहायक निदेशक डॉ. जगतपाल भी पिछले दिनों किसानों को जेर से देसी खाद बनाने के लिए मैसेज के माध्यम से प्रेरित कर रहे हैं

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ऐसे तैयार करें जेर खाद

  • जब भी आपकी गाय या भैंस बच्चा देने वाली हो तो पशु ब्याते समय खास निगरानी रखें।
  • पशु ब्याने की शुरुआत में जब वाटर बालून या जैव रस की थैली बाहर आने लग तभी एक टोकरी राख ऐश तैयार रखें।
  • जैसे ही यह पानी की थैली जमीन पर गिरे तुरन्त टोकरी की राख इसपर डाल दें। जिससे जैवरश का पानी वेस्ट न होकर राख सोख ले।
  • इसके बाद जब पशु बच्चा देने के बाद जेर डाले।
  • इस जेर तथा जैवरस युक्त राख को एक मिट्टी के घड़े में भरकरं ढकते हुए यह.घड़ा किसी फलवृक्ष के नीचे 60-70 दिन के लिए दबा दें।
  • 70 दिन बाद इसे निकलने पर इसमे नम सीमेन्ट जैसा पाउडर मिलेगा। इसका एक चम्मच भर मात्र से 10 किलो बीजोपचार कर सकते हैं।
  • इस पाउडर को 10 लीटर पानी मे घोलकर छानने के बाद आवश्यक पानी के साथ फसल पर छिड़काव करें।
  • सिचाई के साथ प्रति एकड़ में प्रयोग करें, फसल बढ़वार और अच्छा उत्पादन होगा।
  • फलदार वृक्षों में 15-25 ग्राम मात्रा के घोल और इसी मात्रा के पेड़ पर छिड़काव करने से अच्छी बढ़वार होती है।

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दिति बाजपेई, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। पशुओं में ब्याने के लगभग चार से पांच घंटे में जेर स्वयं बाहर निकल आती है लेकिन कभी-कभी ऐसा देखने में आता है कि ब्याने के बाद पशुओं में कई घंटों तक जेर नहीं निकलती और बच्चेदानी के अंदर कई प्रकार के बीमारियां हो जाती हैं। इससे दुग्ध उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ता है। ब्याने के आठ घंटे तक खुद नहीं निकलती तभी इसे जेर का रूकना माना जाता है।

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लक्षण

  • बच्चेदानी से बाहर जेर का लटकना।
  • जेर के टुकड़े गर्भाशय के अंदर होने पर हाथ डालकर देखे जा सकते है।
  • पेट पर बार-बार पैर मारना तथा पशु को दर्द होना।
  • बुखार होना और पशु का खाना न खाना।
  • दूध उत्पादन में कमी।
  • बच्चेदानी के बाहर बदबू आना।
  • समय ज्यादा होने पर मवाद का बाहर निकलना।
  • जेर रूकने के कारण बेचैन होना।
  • पशु का बार-बार बैठना और उठना।
  • पशु का सुस्त होना।

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उपचार

  • जेर न निकलने पर बच्चेदानी में हाथ डालकर देख लेना चाहिए। यदि जेर आसानी से निकल जाए तो उसे निकाल देना चाहिए, ज्यादा बल नहीं लगाना चाहिए क्योंकि गर्भाशय में अनेक विकार उत्पन्न कर देता है।
  • इस्ट्रोजन हारमोन पशु की मांशपेशियों में देना चाहिए।
  • टेट्रासाइक्लीन, आक्सीटेट्रासाइक्लीन, क्लोरटेट्रासाइक्लीन या फ्यूरासिन बच्चेदानी में पांच दिन तक लगातार डालें।
  • यदि जेर का भाग बाहर निकला हुआ है तो उसमें कोई वस्तु जैसे ईंट बांधने से भी कई बार बाहर निकल जाता है।
  • जेर के बाहर निकल जाने पर बच्चेदानी की सफाई करना अत्यधिक आवश्यक होता है। इसके लाल दवा (पौटेशियम परमैगनेट) का घोल पानी में बनाकर बच्चेदानी की सफाई कर देना चाहिए।
  • जेर रूकने से पशु की दूध की मात्रा में कमी हो जाती है इसलिए खनिज पदार्थ जैसे कैल्शियम, फास्फोरस आदि उचित मात्रा में पशु को देना चाहिए।
  • जेर रुकने से मैट्राइटिस या गर्भाशय में सूजन आ जाती है जिसका उचित इलाज करना चाहिए विशेष जानकारी के लिए पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए

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गाय की जेर न पड़े तो क्या करें?

ब्याने के तुंरत बाद पशु को 0.5-1 किलो गुड़ व गेहूँ का दलिया देना चाहिए इससे जेर के निकलने में मदद मिलती है। ये पाया गया है की गर्भावस्था के आखरी महीने में अगर पशु को सेलेनियम और विटामिन E दिया जाए हल्का व्यायाम कराया जाए तो जेर बिलकुल सही समय पर निकल जाता है।

गाय के थन का आकार कैसे बढ़ाएं?

थन छोटा-मोटा व लेवटी सख्त हो या उस पर हाथ लगाने से गाय को कष्ट हो तो पशु को थनैला का रोग हो सकता है । ऐसी गाय न खरीदें ।

गाय की जड़ कितनी देर में पढ़ती है?

सामान्यत: पशुओं के ब्याने के लगभग 4 से 5 घंटे में जेर स्वयं बाहर निकल जाती है।

गाय की जेर गिराने के लिए क्या खिलाएं?

गाय-भैंस में जेर गिराने के देसी उपाय ब्याने के तुरंत बाद पशु को गुड़, सौंफ, अजवायन, मेथी, मिलाकर काढ़ा पिलायें। ये बच्चेदानी के संकुचित होने में भी सहायक होता है, इससे जेर जल्दी गिर जाएगी। जेर ना गिरने में आटा, गुड़, सौंफ, इलायची और जीरा आदि को पशु की खुराक में मिलाकर खिलाएं