योग के फायदों पर दो मित्रों के बीच हुए संवाद को लिखिए - yog ke phaayadon par do mitron ke beech hue sanvaad ko likhie

दो मित्रों के बीच योग दिवस पर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच योग दिवस पर संवाद लेखन and Do Kisan ke Beech Samvad Lekhan for Students and teachers.

दो मित्रों के बीच योग दिवस पर संवाद लेखन 

राम : बड़े समय बाद दिख रहे हो, कहाँ थे इतने दिनों से ?

अर्जुन : दरअसल, मैं योग दिवस की तैयारियों में व्यस्त था। 

राम : अरे वाह ! तो कैसी तैयारियां चल रही हैं तुम्हारी ?

अर्जुन : मेरी तैयारी तो बढियाँ चल रही है। हमारे विद्यालय में योग प्रशिक्षक रोजाना हमें योग का अभ्यास करा रहे हैं। 

राम : बड़ी सावधानी से अभ्यास करना, कहीं कोई ऐसी-वैसी नस खिंच गयी तो मुसीबत में पड़ जाओगे। 

अर्जुन : कैसी बात करते हो, योग तो रक्त परिसंचरण में सुधार करके तनाव को कम करता है और हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। योग से तो बड़ी-बड़ी बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। 

राम : भाई मैं तो बस तुम्हारे भले के लिए कह रहा था। मुझे लगा की योग भी जिम में किये जाने वाले व्यायाम की तरह होगा। 

अर्जुन : योग भारत की एक प्राचीन विद्या है जिसकी रचना महर्षि पतंजलि ने की थी। आधुनिक व्यायाम के विपरीत इसमें कोई वजन नहीं उठाया जाता। 

राम : फिर तो योग बहुत काम की चीज है। क्या तुम मुझे योग सिखाओगे ?

अर्जुन : बस एक बार स्कूल का कार्यक्रम हो जाये, उसके बाद कभी भी आ जाना। 


योग दिवस पर दो मित्रों के बीच संवाद लेखन 

मित्र 1 : मोहन कल कितना मज़ा आएगा , स्कूल में कल योग दिवस है।

मित्र 2 : हाँ यार बाहर से कुछ लोग आ रहे है, जो हमें योग के बारे में बताएंगे।

मित्र 1 : योग हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है।

मित्र 2 : योग करने से हम बहुत सी बीमारियों से खुद ही बच सकते है।

मित्र 1 : सही कह रहे हो , हमें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है।

मित्र 2 : हमारा  स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहता है।

मित्र 1 : हमें मोटापा, मानसिक तनाव, उच्च या निम्नरक्तचाप जैसी अनेक बीमारियाँ से योग बचाता है।

मित्र 2 : मैं घर सब को योग करने को बोलूँगा।

मित्र 1: मैं भी सब को इसके महत्व के बारे बताऊंगा।


Do Mitro Ke Beech Yoga Divas Par Samvad Lekhan

सुनील : पुनीत तुम इतनी लेट आ रहे हो आज तुम्हारे स्कूल में कोई प्रोग्राम है।

पुनीत : हाँ यार योग-दिवस की तैयारी चल रही है।

सुनील : यह कब आता है मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

पुनीत : 21 जून को योग दिवस भारत देश में मनाया जाता है।

सुनील : हमारे स्कूल में तो कोई तैयारी ही नहीं चल रही।

पुनीत : हमारे स्कूल में तो योग दिवस के दिन बहार से लोग आ रहे वह हमें योग के महत्व के बारे में बताएंगे।

सुनील : तुम सब को कितना मज़ा आएगा हमारे स्कूल में कुछ नहीं हो रहा ऐसा।

पुनीत : मैं तुम्हें बता दूंगा सब जो हमें बताएंगे।

सुनील : हाँ यार पका बताना मुझे तो कोई जानकारी नहीं है इसके बारे में।

पुनीत : कल स्कूल के बाद बहार पार्क में मिलना सब बताऊंगा।

सुनील : ठीक हो धन्यवाद।


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योग के फायदों पर दो मित्रों के बीच हुए संवाद को लिखिए - yog ke phaayadon par do mitron ke beech hue sanvaad ko likhie

मित्रों, दो लोगों की आपस की बात-चीत को संवाद कहते हैं। संवाद लेखन रचना का एक आवश्यक अंग है। नाटक तथा उपन्यास और कभी-कभी कहानी में संवाद रचना का समावेश रहता है। रचना में इससे जीवंतता और सजीवता आती है।

यहां हम दो मित्रों के बीच संवाद के 4 उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। इन्हें पढ़कर, आपको इनके आधार पर स्वयं कुछ नये संवादों को लिखने का प्रयास करना चाहिए।


4 Examples of Samvad Lekhan Between Two Friends


1. परीक्षा समाप्त होने के पश्चात् दो मित्रों के मध्य हुए संवाद का विवरण।

राधिका    :     कथिका, कैसा हुआ तुम्हारा हिंदी का प्रश्न-पत्र?

कथिका    :     मैं तो बहुत प्रसन्न हूं, क्योंकि मेरा प्रश्न-पत्र बहुत ही अच्छा हुआ और तुमने कैसे किया?

राधिका    :     मुझे 2 अंक का केवल एक प्रश्न स्पष्ट नहीं था, अतः मैं उसमें सही उत्तर न दे सकी।

कथिका    :     वह कौन-सा प्रश्न था ?

राधिका    :     जयशंकर प्रसाद की साहित्यिक सेवा का उल्लेख कीजिए। मैंने उनकी भाषा-शैली का वर्णन किया।

कथिका    :     तुम्हें प्रसाद जी की रचनाओं का एवं भाषा-शैली के संदर्भ में उनका योगदान बताना था।

राधिका    :     यही तो मैं समझ न पाई और मैंने उसका गलत उत्तर लिख दिया।

कथिका    :     यदि तुमने भाषा-शैली के क्षेत्र में प्रसाद जी की नवीनता बताई होगी तो यह साहित्य में उनका योगदान था, अतः एक अंक तो मिल जाएगा।

राधिका    :     चलिए, अब तो दूसरे प्रश्न-पत्र की तैयारी करें।

कथिका    :     हाँ चलें।

2. दो मित्रों व दोस्तों में अध्यापक के व्यवहार के विषय में संवाद।

पहला मित्र    :     मोहन! तुम क्यों रो रहे हो ?

दूसरा मित्र    :     मुझे हिंदी के शिक्षक ने कक्षा से बाहर निकाल दिया।

पहला मित्र    :     ऐसा क्यों हुआ।

दूसरा मित्र    :     मैं गृह-कार्य पूरा करके नहीं लाया था।

पहला मित्र    :     तो तुमने गृह-कार्य क्यों नहीं किया।

दूसरा मित्र    :     कल मैं फिल्म देखने लग गया और उसके बाद सो गया।

पहला मित्र    :     स्पष्ट है कि भूल तुम्हारी है। तुम्हें अपने कार्य के प्रति ईमानदार होना चाहिए।

दूसरा मित्र    :     मुझसे अपराध हो गया है। अब मैं क्या करूँ?

पहला मित्र    :     तुम उनसे क्षमा प्रार्थना करो। वे तुम्हें क्षमा कर देंगे।

दूसरा मित्र    :    ठीक है! मैं अभी क्षमा प्रार्थना करता हूँ।

3. भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन के विषय में दो मित्रों के मध्य संवाद।

पहला मित्र    :     तुम क्या समझते हो कि आस्ट्रेलिया में हमारी टीम का प्रदर्शन संतोषजनक रहेगा।

दूसरा मित्र    :     इसमें संतोषजनक की बात नहीं है। सीधी बात अच्छे और बुरे प्रदर्शन की है।

पहला मित्र    :     तुम क्या कहना चाहते हो ?

दूसरा मित्र    :     स्पष्ट है, कि टीम जीतेगी तो प्रदर्शन श्रेष्ठ है अन्यथा हार तो होनी ही है।

पहला मित्र    :    कभी-कभी सीरीज़ बराबर भी तो रहती है।

दूसरा मित्र   :     यह तभी संभव होगा, जब भारतीय टीम विश्व विजेता आस्टेªलिय की शक्तिशाली टीम का एक रणनीति बनाकर अपनी क्षमता का पूरा प्रदर्शन करते हुए सामना करेगी।

पहला मित्र    :     यह बिल्कुल सत्य है। एक ओर गेंदबाज़ी में तीखापन तथा सटीकपन लाना होगा।

दूसरा मित्र    :     और दूसरी बात मैं बताता हूँ कि अच्छे रन बनाने का भार केवल तेंदुलकर या सौरभ गांगुली पर नहीं, अपितु पूरी टीम पर होना चाहिए।

पहला मित्र    :     फील्डिंग चुस्त हो तथा कोई भी कैच न छोड़े तो ऐसी कोई स्थिति नहीं हो सकती है कि भारतीय टीम आस्ट्रेलिया को हरा न सके।

4. अभद्र व्यवहार करने वाले लड़कों के संबंध में दो लड़कियों के मध्य संवाद।

पहली लड़की    :     तुम आज क्यों परेशान लग रही हो ?

दूसरी लड़की    :     तुम जानती हो आज उन असभ्य लड़कों ने मेरा रास्ता ही रोक लिया।

पहली लड़की    :     आज तुम अकेली क्यों आई हो ?

दूसरी लड़की    :     मुझे घर में आज देर हो गई थी। हम कब तक यह सहेंगे?

पहली लड़की    :     तुम्हारा कहना ठीक है। हमें अब अपने माता-पिता से कह देना चाहिए।

दूसरी लड़की    :     यही ठीक रहेगा और इसके अतिरिक्त हमें सदा साथ आना चाहिए।

पहली लड़की    :     हमें अपने स्कूल में भी प्रिंसिपल महोदय से बात करनी चाहिए।

दूसरी लड़की    :    नहीं, इससे स्कूल में बदनामी होगी।

पहली लड़की    :     यदि हम इन बातों से डरेंगे तो समस्याओं का मुक़ाबला कैसे करेंगे?

दूसरी लड़की    :     यह तुमने ठीक कहा है। प्रिंसिपल पुलिस में रिर्पाट कर देंगे और इससे हमें परेशानी से छुटकारा मिलेगा।

5. देश की वर्तमान स्थिति पर दो दोस्तों के मध्य संवाद

पहला दोस्त    :     देश की स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। तुम्हारा क्या विचार है?

दूसरा दोस्त    :     हाँ, तुम ठीक कहते हो! भ्रष्टाचार ने पूरे देश को जकड़ लिया है।

पहला दोस्त    :     भ्रष्टाचार के अतिरिक्त कोई और संस्कृति बची ही नहीं है।

दूसरा दोस्त    :     देख भाई! भ्रष्टाचार के इस कीचड़ में कमल तो खिलेगा नहीं।

पहला दोस्त    :     सत्य यह है, कि इसके मूल में राजनीतिज्ञों का हाथ है।

दूसरा दोस्त    :     राजनीतिज्ञों को हम ही लोग तो चुनकर भेजते हैं।

पहला दोस्त    :     लेकिन जनता भी इस तथ्य को वोट देते समय भूल जाती है।

दूसरा दोस्त    :     वास्तविक अपराधी तो जनता है। यदि किसी भी प्रकार के दबाव, डर और लालच से अलग होकर जनता वोट डाले तो यह स्थिती नहीं होगी।

पहला दोस्त    :     तुम ठीक कहते हो। समाज में इसी प्रकार की चेतना की आवश्यकता है।