वायवीय एवं अवायवीय श्वसन में क्या अंतर है? - vaayaveey evan avaayaveey shvasan mein kya antar hai?

(1) वायवीय क्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है।

(2) यह क्रिया कोशिका के जीव द्रव्य एवं माइटोकांड्रिया दोनों में पूर्ण होती है।

(3) इस क्रिया में ग्लूकोज़ का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है।

(4) इस क्रिया से CO, एवं H,0 बनता है।

(5) इस क्रिया में ग्लूकोज़ के एक अणु में 38 ATP अणु मुक्त होते हैं।

(6) ग्लूकोज़ के एक अणु के पूर्ण ऑक्सीकरण से 673 किलो कैलोरी ऊर्जा मुक्त होती है।

(7) इस क्रिया को निम्नलिखित समीकरण द्वारा दिखा सकते हैं-

C6H12O6 + 6O2 I 6CO2 + 6H2O + 673 Kcal

(1) अवायवीय क्रिया ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होती है।

(2) यह क्रिया केवल जीव द्रव्य में ही पूर्ण होती है।

(3) इस क्रिया में ग्लूकोज़ का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है।

(4) इस क्रिया में एल्कोहल एवं CO, बनती है।

(5) इस क्रिया में ग्लूकोज़ के एक अणु में 2 ATP अणु मुक्त होते हैं।

(6) ग्लूकोज़ के अणु के अपूर्ण ऑक्सीकरण से 21 किलो कैलोरी ऊर्जा मुक्त होती है।

(7) इस क्रिया को निम्नलिखित समीकरण द्वारा दिखा सकते हैं-

C6H12O6I 2C2H5OH + 2 CO2 + 21 kcal

Solution : <img src="https://doubtnut-static.s.llnwi.net/static/physics_images/DPK_HIN_SCI_X_C06_E01_029_S01.png" width="80%"> <br> अवायवीय श्वसन यीस्ट में, आर्कीबैक्ट्रिया तथा कुछ जीवाणुओं (Bacteria) में होता है।

वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अंतर है? कुछ जीवों के नाम लिखिए जिनमें अवायवीय श्वसन होता है।


वायवीय श्वसन अवायवीय श्वसन
(i) इसमें ग्लूकोज़ के ऑक्सीकरण के लिए O2 का प्रयोग होता है। (i) इसमें O2 प्रयुक्त नहीं होती।
(ii) इसमें ग्लूकोज़ के एक अणु के ऑक्सीकरण से 38 एoटीoपीo अणु बनते हैं। (ii) इसमें ग्लूकोज़ के एक अणु के ऑक्सीकरण से केवल 2 एoटीoपीo बनते हैं।
(iii) इसके केवल आरंभिक चरण कोशिकाद्रव्य में होते हैं, लेकिन अधिकर माइटोकॉन्ड्रिया में होते हैं। (iii) यह केवल कोशिकाद्रव्य में होता हैं।
(iv) इसके अंतिम उत्पाद CO2, H2O तथा ऊर्जा हैं। (iv) इसके अंतिम उत्पाद CO2, एथेनॉल या लैक्टिक अम्ल हैं और थोड़ी-सी ऊर्जा भी उत्सर्जित होती हैयह केवल कोशिकाद्रव्य।

अवायवीय श्वसन यीस्ट में, आर्कीबैक्ट्रिया तथा कुछ जीवाणुओं (Bacteria) में होता है।

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हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?


बहुकोशी जीवों में उनकी केवल बहरी त्वचा की कोशिकाएँ और रंध्र ही आस-पास के वातावरण से सीधे संबंधित होते हैं। बहुकोशीय जिव जैसे मनुष्य में शरीर का आकार बहुत बड़ा होता है तथा शरीर की संरचना जटिल होती है। बहुकोशीय जीवों में सभी कोशिकाएँ सीधे ही पर्यावरण के संपर्क में नहीं होती। अत: साधारण विसरण सभी कोशिकाओं की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने के लिए अपर्याप्त है।

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किसी जिव द्वारा किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है?


बाहर से जीवों को कच्ची सामग्री की आवश्यकता निम्नलिखित उदेश्यों की पूर्ति के लिए होती है-
(i) भोजन- ऊर्जा प्राप्ति के के लिए उचित पोषण।
(ii) ऑक्सीजन- श्वसन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन।
(iii) जल- शरीर को भोजन को पचने और शारीरिक क्रियाओं को पूरा करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
(iv) टीन, एंजाइम, न्यूक्लिक अम्लों के संश्लेषण के लिए।
(v) कोशिकाओं, ऊतकों के बनने व रख-रखाव के लिए।

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श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जिव की अपेक्षा स्थलीय जिव किस प्रकार लाभप्रद हैं?


जलीय जिव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का श्वसन के लिए उपयोग करते हैं। जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम है। इसलिए जलीय जीवों के श्वसन की दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा अधिक तेज़ होती है मछलियाँ अपने मुहँ के द्वारा जल लेती हैं और बल-पूर्वक इसे क्लोम तक पहुँचती हैं। वहाँ जल में घुली हुई ऑक्सीजन को रुधिर प्राप्त कर लेता है।
दूसरी ओर स्थलीय जिव ऑक्सीजन (O2) के लिए वायु पर निर्भर करते हैं। वायु में O2 की मात्रा 12% होती है। उन जीवों में साँस लेने के लिए फुफ्फुस (फेफड़े) होते हैं, जिनकी क्षमता क्लोम की अपेक्षा बहुत अधिक होती है। इसलिए स्थलीय जीवों को ऑक्सीजन की पर्याप्त मिलती रहती है।

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कोई वस्तु सजीव है, इसका निर्धारण करने के लिए हम किस मापदंड का उपयोग करेंगे?


सभी जीवित वस्तुएँ सजीव कहलाती हैं। वे रूप-रंग, आकार आदि में समान भी होते हैं तथा भिन्न भी। अत: कोई वस्तु सजीव है, इसके निर्धारण के लिए निम्नलिखित मापदंड हैं:
(i) सजीवों की संरचना सुसंगठित होती है।
(ii) उनमें कोशिकाएँ और ऊतक होते हैं।
(iii) सजीवों में वृद्धि तथा विकास होता है।
(iv) साँस लेना तथा श्वसन।
(v) सजीवों की निश्चित रूप से मृत्यु होती है।
(vi) पौधों की कोपल तथा हरे नए पत्तों की वृद्धि आदि।
(vii) उनके शरीर में रासायनिक क्रियाओं की श्रृंखला चलती है। उनमें उपचय-अपचय अभिक्रियाएँ होती हैं।

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जीवन के अनुरक्षण के लिए आप किन प्रक्रमों को आवश्यक मानेंगे?


जीवन के अनुरक्षण के लिए जो प्रक्रम आवश्यक मने जाने चाहिए, वे हैं-
(i) पोषण, (ii) श्वसन, (iii) परिवहन, (iv) उत्सर्जन, (v) वृद्धि तथा विकास, (vi) जनन, (vii) गति, (viii) अनुकूलन, (xi) उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया।

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वायवीय और अवायवीय श्वसन में क्या अंतर?

वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अंतर है? कुछ जीवों के नाम लिखिए जिनमें अवायवीय श्वसन होता है।

वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अंतर है कुछ जीवों के नाम लिखिए जिनमें अवायवीय शवसन होता है?

कुछ जीवों के नाम लिखिए जिनमें अवायवीय श्वसन होता है। (i) इसमें ग्लूकोज़ के ऑक्सीकरण के लिए O2 का प्रयोग होता है। (i) इसमें O2 प्रयुक्त नहीं होती। (ii) इसमें ग्लूकोज़ के एक अणु के ऑक्सीकरण से 38 एoटीoपीo अणु बनते हैं।