Show आज के समय में शहर भले ही आगे निकल गए हों। लेकिन ग्रामीण इलाकों में रहने वाले पशुपालक और किसानों की जिंदगी में कोई खास बदलाव नहीं आया है। इनका गुजारा आज भी गाय या भैंस के जरिए दूध बेचकर ही होता है। यही कारण भी है जिसकी वजह से पशुपालक दुधारू भैंस की नस्ल या दुधारू पशु खोजते रहते हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अगर पशु की दूध देने की क्षमता अच्छी नहीं हुई तो पशुपालक अपने परिवार को भी ठीक से नहीं पाल पाएंगे। इसके साथ ही वह अपनी लगाई हुई धनराशि को भी गंवा बैठेंगे। अगर आप भी एक दुधारू भैंस खरीदना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि दुधारू भैंस की पहचान आप कुछ खास तरीकों से कर सकते हैं। आज हम अपने इस लेख में दुधारू भैंस की इन्ही पहचान के ऊपर से पर्दा उठाने वाले हैं। अगर आप दुधारू भैंस के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ सकते हैं। कैसे करें दुधारू पशु की पहचानकिसान और पशुपालक अपनी बचत का एक मोटा हिस्सा पशु खरीदने में लगा देते हैं। ऐसे में अगर वह दुधारू भैंस की नस्ल के बारे में नहीं जानते तो इससे उनके द्वारा लगाई जाने वाली रकम पूरी तरह बर्बाद हो सकती है। इस तरह करें दुधारू भैंस की नस्ल की पहचान
किसान और पशुपालक भाई दुधारू गाय या भैंस की पहचान इस तरह कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आपके पास पशु की पहचान का कोई खास तरीका है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। Animall ब्लॉग की तरह ही आप यह जानकारी Animall App पर भी पढ़ सकते हैं। यही नहीं ऐप के जरिए पशु चिकित्सक से भी बात कर सकते हैं और गाय या भैंस खरीदने बेचने के लिए भी ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस ऐप को आप दिए गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं। भैंस खरीदने जा रहे हैं, तो ऐसे करें दुधारू भैंस की पहचान कैसे करें?| dudharu bhains ki pahchan, पशु खरीदते समय स्वस्थ पशु की जांच कैसे करें dudharu bhains ki pahchan: डेयरी फार्मिंग में भैंसों का महत्वपूर्ण स्थान है। विश्व में सबसे अधिक भैंसों की संख्या हमारे देश में पाई जाती है। गाय की दूध की तुलना में भैंस के दूध के दूध से पशुपालकों को अधिक कमाई होती है। यही कारण है कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी भैंस पालन से जुड़ी हुई है। लेकिन भैंस पालकों को
दुधारू भैंस की पहचान (dudharu bhains ki pahchan) करने में बड़ी चुनौती होती है क्योंकि दुधारू भैंस ही पशुपालक को अधिक मुनाफा दे सकती है। अगर आप भी एक दुधारू भैंस खरीदना चाहते हैं, तो आप भैंस खरीदते समय कुछ खास तरीकों से दुधारू भैंस की पहचान (dudharu bhains ki pahchan) कर सकते हैं। तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में जानें- दुधारू भैंस की पहचान कैसे करें? पशुपालक दुधारू भैंस की नस्ल या दुधारू पशु खोजते रहते हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अगर पशु की दूध देने की क्षमता अच्छी नहीं हुई तो पशुपालक को कमाई जीविकोपार्जन में समस्या आ सकती है। ऐसे करें दुधारू भैंस की पहचान (dudharu bhains ki pahchan)
ये तो थी, दुधारू भैंस की पहचान कैसे करें? (dudharu bhains ki pahchan) की बात। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों के लिए भी फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर करें। ये भी पढ़ें-
ज्यादा दूध देने वाली भैंस की पहचान कैसे करें?दुधारू भैंस की नस्ल में मुर्रा को सबसे अधिक बेहतर माना जाता है। इस भैंस की नस्ल न केवल अधिक दूध देती है। बल्कि इसके दूध में फैट और प्रोटीन भी अधिक पाया जाता है। अधिक दूध देने वाली भैंस के थन थोड़े टेड़े हो सकते हैं और इनके थनो पर सफेद रंग की झलक दिखाई देती है।
सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस कौन सी होती है?मुर्रा नस्ल की भैंस को दुनिया की सबसे दुधारु नस्ल मानी जाती है। भैंस की इस नस्ल का मूल स्थान भारत है। यह उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में भी दूध उत्पादकों की पहली पसंद है। सालभर में मुर्रा भैंस 1000 से 3000 लीटर तक दूध देती है।
दुधारू भैंस की पहचान कैसे करें?दुधारू पशु के शरीर की बनावट पीछे की तरह से चौड़ी और आगे की तरफ से पतली होती है। इस पशु को सामने से देखने पर आपको यह तिकोनी दिखाई दे रही है, तो आप समझिए कि भैंस दुधारू नस्ल की है। दुधारू भैंस की चमड़ी चिकनी और अधिक चमकदार होती है। इनकी आंखें चमकीली होती हैं और इनकी आंखों पर बेहद कम ही बाल देखने को मिलते हैं।
भैंस अधिकतम कितना दूध देती है?उनसे प्रतिदिन 60-65 लीटर दूध गांव की डेयरी में जाता है। आमतौर पर भैंस एक दिन में 13-14 लीटर तक ही दूध देती है। भैंस को देखने के लिए प्रतिदिन आसपास से लोग भी यहां आ रहे हैं।
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