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नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ सौर विकिरण विद्युत चुम्बकीय विकिरण होता है जो सूर्य से ऊष्मा या प्रकाश के रूप में प्राप्त होता है। यह एक प्रकार की ऊर्जा होती है। सूर्याताप पृथ्वी की समतल सतह पर प्रति इकाई क्षेत्र पर प्राप्त ऊर्जा यानी सौर विकिरण है। सौर विकिरण का लगभग आधा भाग दृश्य विकिरण के रूप में रहता है , शेष आधा भाग अवरक्त तथा अवरक्त विकिरण के आसपास के विकिरणों के रूप में रहता है। सन्दर्भ[संपादित करें]"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?title=सौर_विकिरण&oldid=5613674" से प्राप्त श्रेणियाँ:
वायुमंडल की ऊपरी सीमा पर प्रति इकाई क्षेत्र में प्राप्त होने वाली सौर्य विकिरण क्या कहलाती है?सौर विकिरण का वह भाग जो पृथ्वीतल पर लघु तरंगों के रूप में आता है, सूर्यातप कहलाता है । पृथ्वी भी अन्य वस्तुओं की भांति ताप ऊर्जा विकिरित करती रहती है इसे पार्थिव विकिरण कहते हैं । पृथ्वी की सतह का औसत वार्षिक तापमान हमेशा स्थिर रहता है। इसका प्रमुख कारण सूर्यातप और पार्थिव विकिरण के बीच संतुलन का होना है ।
वायुमंडल की ऊपरी सतह पर जो सूर्यातप प्राप्त होता है उसकी कितनी मात्रा पृथ्वी के धरातल तक पहुंचती है?ऊष्मा की कुल 100 इकाईयों में 35 इकाइयाँ पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने के पहले ही अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाती हैं। इनमें से 6 इकाइयाँ वायुमण्डल की ऊपरी परत से परावर्तन व प्रकीर्णन द्वारा, 27 इकाइयाँ बादलों के ऊपरी छोर से तथा 2 इकाइयाँ मुख्यतः पृथ्वी के हिमाच्छादित क्षेत्रों द्वारा परावर्तित होकर वापस लौट जाती हैं।
सौर विकिरण की प्रवर्तित मात्रा को पृथ्वी का क्या कहते हैं?सौर विकिरण की इस परावर्तित मात्रा को पृथ्वी का एल्बिडो कहते हैं ।
सौर विकिरण कितने प्रकार के होते हैं?सौर विकिरण के प्रकार. प्रत्यक्ष सौर विकिरण. डिफ्यूज़ सोलर रेडिएशन. परावर्तित सौर विकिरण. वैश्विक सौर विकिरण. |