CBSE Class 11 Hindi Core A 1. कहानी का कौन-सा पात्र आपको सर्वाधिक प्रभावित करता है और क्यों? 2. 'नमक का दारोगा' कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के कौन से दो पहलू (पक्ष) उभरकर आते हैं? दो - कहानी के अंत में उसका उज्ज्वल चरित्र सामने आता है। ईमानदारी एवं धर्मनिष्ठा के गुणों की कद्र करनेवाला व्यक्ति जैसे कि वह अंत में वंशीधर के घर जाकर उससे माफ़ी माँगता है और उसे अपना मैनेजर बना देता है । 3. कहानी के लगभग सभी पात्र समाज की किसी-न-किसी सच्चाई को उजागर करते हैं। 4. निम्न पंक्तियों को ध्यान से पढि़ए - 5. 'नमक का दारोगा' कहानी के कोई दो अन्य शीर्षक बताते हुए उसके आधार को भी स्पष्ट कीजिए। 6. कहानी के अंत
में अलोपीदीन के वंशीधर को मैनेजर नियुक्त करने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए। आप इस कहानी का अंत किस प्रकार करते?
7. दारोगा वंशीधर गैरकानूनी कार्यों की
वजह से पंडित अलोपीदीन को गिरफ्तार करता है, लेकिन कहानी के अंत में इसी पंडित अलोपीदीन की सहृदयता पर मुग्ध होकर उसके यहाँ मैनेजर की नौकरी को तैयार हो जाता है। आपके विचार से वंशीधर का ऐसा करना उचित था? आप उसकी जगह होते तो क्या करते? 8. नमक विभाग के दारोगा पद के लिए बड़ों-बड़ों का जी ललचाता था। वर्तमान समाज में ऐसा कौन-सा पद होगा जिसे पाने के लिए लोग लालायित रहते होंगे और क्यों? 9. 'पढ़ना-लिखना सब अकारथ गया। वृद्ध मुंशी जी द्वारा यह बात एक विशिष्ट संदर्भ में कही गई थी। अपने निजी अनुभवों के आधार पर बताइए - यदि पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त व्यक्ति समाज के लिए अहितकारी हैं तो उनका पढ़ना- लिखना व्यर्थ है । 10. लड़कियाँ हैं, वह घास-फूस की तरह बढ़ती चली जाती हैं। वाक्य समाज में लड़कियों की स्थिति की किस वास्तविकता को प्रकट करता है? 11. इसलिए नहीं कि अलोपीदीन ने क्यों यह कर्म किया बल्कि
इसलिए कि वह कानून के पंजे में कैसे आए। ऐसा मनुष्य जिसके पास असाध्य करनेवाला धन और अनन्य वाचालता हो, वह क्यों कानून के पंजे में आए। प्रत्येक मनुष्य उनसे सहानुभूति प्रकट करता था। अपने आस-पास अलोपीदीन जैसे व्यक्तियों को देखकर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? उपर्युक्त टिप्पणी को ध्यान में रखते हुए लिखें। 12. समझाइए तो ज़रा - 2.
इस विस्तृत संसार में उनके लिए धैर्य अपना मित्र, बुद्धि अपनी पथप्रदर्शक और आत्मावलंबन ही अपना सहायक था। 3.
तर्क ने भ्रम को पुष्ट किया। 4. न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं, इन्हें वह जैसे चाहती हैं, नचाती हैं। 5. दुनिया सोती थी, पर दुनिया की जीभ जागती थी। 6. खेद
ऐसी समझ पर! पढ़ना-लिखना सब अकारथ गया। 7. धर्म ने धन को पैरों तले कुचल डाला। 8. न्यायालय के मैदान में धर्म और धन में युद्ध ठन गया। • भाषा की बात 1. भाषा की चित्रात्मकता, लोकोक्तियों और मुहावरों के जानदार उपयोग तथा हिंदी-उर्दू
के साझा रूप एवं बोलचाल की भाषा के लिहाज से यह कहानी अद्भुत है। कहानी में से ऐसे उदाहरण छाँटकर लिखिए और यह भी बताइए कि इन के प्रयोग से किस तरह कहानी का कथ्य अधिक असरदार बना है? मुहावरे - इनके प्रयोग से कहानी का प्रभाव बढ़ा है। 2. कहानी में मासिक वेतन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? इसके लिए आप अपनी ओर से दो-दो विशेषण और बताइए। साथ ही विशेषणों के आधार को तर्क सहित पुष्ट कीजिए। 3. (क) बाबूजी आशीर्वाद! (ख) सरकारी हुक्म! |