व्याकरण के चार भाग कौन से हैं? - vyaakaran ke chaar bhaag kaun se hain?

व्याकरण क्या है? बताने से पहले, आप को भाषा एवं लिपि परिचित करना चाहता हूं। भाषा की शुद्धता के लिए व्याकरण एवं लिपि का ज्ञान अति आवश्यक है। कृपया इस आर्टिकल को Conclusion Point तक पढ़ें।

व्याकरण के चार भाग कौन से हैं? - vyaakaran ke chaar bhaag kaun se hain?

आखिरकार भाषा क्या होता है? 

भाषा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत की ‘’भाष’’ धातु से हुआ है तथा इस का अर्थ वाणी है। भाषा के माध्यम से मनुष्य अपने भाव तथा विचार व्यक्त करते हैं। 

सामाजिक जीवन में मनुष्यों के बीच भाव एवं विचारों के पारस्परिक आदान-प्रदान का एक सार्थक माध्यम भाषा है। वेन्द्रे के अनुसार, भाषा मनुष्यों के बीच संचार व व्यवहार के माध्यम के रूप में एक व्यवस्था है। 

लिपि क्या है?

एक मनुष्य, दूसरे मनुष्य तक विचारों के आदान-प्रदान के लिए वाणी का उपयोग करता है जो एक ध्वनि के रूप में होता है। लेकिन दूर बैठे व्यक्ति वाणी के ध्वनि को सुन नहीं सकता है।

इन्हीं ध्वनियों को चिह्नों द्वारा दूर बैठे व्यक्ति तक भेजा जाता हो या स्थाई ध्वनि बनाया जाता हो, इन्हीं ध्वनियों के चिह्नों को लिपि कहते हैं। 

हर भाषा की तरह हिन्दी भाषा का भी लिपि है, अर्थात हिंदी भाषा की वर्णमाला जिस लिपि में लिखी जाती है उसका नाम ‘’देवनागरी’’ लिपि है। 

Vyakaran Ki Paribhasha Kiya Hota Hai?

व्याकरण की परिभाषा व्याकरण वह विद्या है जो हमें हिंदी भाषा को शुद्ध बोलना, पढ़ना एवं लिखना सीखता हो, उसे व्याकरण कहते हैं। 

दूसरा परिभाषा व्याकरण भाषा की वह शाखा है जिसमें भाषा के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण एवं विवेचन करना सिखाता हो उसे व्याकरण कहते हैं। 

व्याकरण के कितने अंग हैं? 

ध्वनियों के चिह्नों से शब्द बनता है। शब्दों के मेल से वाक्य बनते हैं। इसके आधार पर व्याकरण के अंग बनते हैं। हिंदी व्याकरण के कुल 3 अंग हैं। जो निम्नलिखित है। Vyakaran ke kitne ang hote hain? 

  • वर्ण-विचार
  • शब्द-विचार
  • वाक्य विचार

पहला अंग – वर्ण-विचार क्या होता है? 

वर्ण को अक्षय भी कहते हैं जो अखंड मूल ध्वनि होता है तथा वह किसी शब्द का खंड हो सकता है। प्रत्येक वर्ण की ध्वनि अपना एक विशेष आकार रखती है जिसे वर्ण कहते हैं। हिंदी भाषा में वर्णमाला की संख्या 52 है (More Details) । 

स्वर – 11

अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ। 

व्यंजन – 33

क ख ग घ ङ

च छ ज झ ञ

ट ठ ड ढ ण

त थ द ध न

प फ ब भ म

य र ल व

श ष स ह। 

संयुक्त व्यंजन – 4

क्ष त्र ज्ञ श्र। 

अनुस्वार या चंद्रबिंदु – 1

(ं) या  (ँ)। 

विसर्ग – 1

(:)। 

द्विगुण व्यंजन – 2

ड़ ढ़। 

कुल वर्णों की संख्या

  • स्वर – 11
  • व्यंजन – 33
  • संयुक्त व्यंजन – 4
  • अनुस्वार या चंद्रबिंदु – 1
  • विसर्ग – 1
  • द्विगुण व्यंजन – 2
  • कुल – 52। 

दूसरा अंग – शब्द-विचार क्या होता है?

अक्षरों से निर्मित सार्थक एवं स्वतंत्र ध्वनि को शब्द कहते हैं। मैं हिंदी व्याकरण का लेख पढ़ रहा हूं, यह वाक्य 8 शब्दों के मेल से बना है। हिंदी भाषा में दो लाख से अधिक शब्द हैं। 

शब्द के दो भेद होते हैं, जिन शब्द का अर्थ होता है उसे सार्थक शब्द कहते हैं। जबकि जिस शब्द का कोई अर्थ नहीं होता उसे निरर्थक शब्द कहते हैं। बनावट के आधार पर शब्दों के तीन भेद हैं, रूढ़, यौगिक तथा योगरूढ़। 

प्रयोग के आधार पर शब्द के आठ भेद होते हैं – संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक तथा विस्मयादि बोधक। 

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तीसरा अंग – वाक्य विचार क्या होता है?

शब्दों के मेल से वाक्य बनता है जो मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं। साधारण वाक्य वह वाक्य है जो एक प्रधान क्रिया रखता हो। संसृष्ट वाक्य, इस वाक्य को कहा जाता है जो अर्थ के लिए एक दूसरे पर आश्रित नहीं होते हैं।

  • तीसरा भेद – एक मिश्रित वाक्य वह है जो एक प्रधान उपवाक्य तथा एक अथवा अथवा आश्रित उपवाक्य रखता हो। 
  • साधारण वाक्य – मैं यहां आया तथा बीमार पड़ गया। 
  • संसृष्ट वाक्य – पुलिस के हवाले कर दूं। 
  • मिश्रित वाक्य – तब डाकू ने डाका डालने की योजनाा तैयार कर ली। 

हिंदी व्याकरण का ज्ञान कितना आवश्यक है? 

हिंदी व्याकरण का महत्व सिर्फ परीक्षाओं की तक सीमित नहीं है। दैनिक जीवन में वाणी एवं लेखन में भी उतना ही व्याकरण का महत्व है। नीचे दिए गए दोनों बातों को ध्यानपूर्वक पढ़िए। अपने व्याकरण के ज्ञान को चेक कीजिए। 

सबसे नमस्ते 

सब को नमस्ते। 

क्या आप इन दोनों वाक्य से अशुद्धियाँ निकाल सकते हैं? आपको लगता होगा दोनों ही वाक्य ठीक ही हैं। इसमें पहला वाक्य गलत है। अब आपको हिन्दी का महत्व थोड़ा पता चल गया होगा। 

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हिंदी व्याकरण: मूल बातें – हिंदी व्याकरण कुछ हद तक अंग्रेजी व्याकरण के समान है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। हिंदी में संज्ञाओं का एक लिंग होता है, जो या तो पुल्लिंग होता है या स्त्रीलिंग। 

इसके अलावा, क्रिया का रूप इस बात पर निर्भर करता है कि विषय पुल्लिंग है या स्त्रीलिंग। प्रत्येक क्रिया के तीन रूप भी होते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्रिया का उपयोग वर्तमान काल, भूत काल या भविष्य काल में किया गया है या नहीं।

Conclusion Point

व्याकरण की परिभाषा मूल स्वरूप यह है। व्याकरण वह विद्या या ज्ञान है जो हमें हिन्दी भाषा को शुद्ध बोलना, पढ़ना तथा लिखना सीखता हो, उसे व्याकरण कहते हैं। 

हिंदी व्याकरण के मुख्य तौर पर तीन अंग होते हैं जिनके नाम वर्ण-विचार, शब्द-विचार तथा वाक्य विचार है।

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व्याकरण को कितने भागों में बांटा गया है?

Explanation: कोई भी वाक्य शब्दों के मेल से बनता है और इसी आधार पर व्याकरण के तीन भेद या अंग होते हैं

व्याकरण के 3 भाग कौन कौन से हैं?

व्याकरण के तीन विभाग होते है...
वर्ण विचार- वर्णो के आकार लिखने की विधि, भेद तथा उनके उच्चारण आदि पर विचार किया जाता है |.
शब्द विचार- शब्दों के भेद, व्युत्पत्ति और रचना आदि के विषय पर विचार किया जाता है।.
वाक्य विचार- वाक्यों की रचना, उनके भेन्द्र विराम - चिह्नो आदि पर विचार किया जाता है।.

व्याकरण के प्रमुख भाग कौन कौन से हैं?

व्याकरण के भागो कि परिभाषा के माध्यम से आप व्याकरण के साथ – साथ हिंदी भाषा को समझने में भी आसानी होती हैं । अब हम जानेंगे कि व्याकरण के कितने भाग होते हैं ।.
वर्ण विचार हिंदी व्याकरण का पहला भाग है । ... .
शब्द विचार हिंदी व्याकरण का दूसरा भाग है । ... .
वाक्य विचार हिंदी व्याकरण का तीसरा भाग हैं ।.

हिंदी व्याकरण में कुल कितने चैप्टर होते हैं?

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, और क्रिया. इसी प्रकार से अविकारी या अव्यय शब्दों को भी चार भागों में बाटा गया हैं. क्रिया विशेषण, संबन्ध बोधक, संयोजक और विस्मयादि बोधक. इस प्रकार से विकारी और अविकारी दोनों शब्दों के भेद को मिलाकर हिंदी व्याकरण में शब्दों के कुल आठ भेद होते हैं.