वायु प्रदूषण क्या है इसके कारण व बचाव के उपाय लिखो? - vaayu pradooshan kya hai isake kaaran va bachaav ke upaay likho?

Last Updated: Dec 06, 2022

इस धरती पर जीवित रहने के लिए वायु का होना अनिवार्य है। इस पृथ्वी पर जीवित हर प्राणी के लिए वायु आवश्यक हैं। वायु के माध्यम से हम सांस लेते है और कह सकते है कि यह हमारे जीवन का आधार है। लेकिन क्या होगा जब वातावरण में मौजूद हवा में विभिन्न प्रकार के ज़हरीले गैस, धूल कण आदि मिल जाएं? इसका जवाब हमें इस आंकड़े से मिलता है कि भारत में हर साल लगभग 13 लाख मौत का कारण वायु प्रदूषण होता है। अब आप अंदाजा लगा सकते है कि वायु प्रदूषण मानव जीवन एवम् समस्त धरती पर जीवित प्राणियों के लिए कितना घातक साबित हो रहा है।

वातावरण में बढ़ते प्रदुषण का कारण बढ़ती आबादी और आधुनिक आद्योगीकरण को माना जाता है। प्रदूषण के कारण वनस्पतियों और जीव- जंतुओं की संख्या में भारी कमी ने वातावरण में असंतुलन पैदा कर दिया है। भारत जैसे देश में जहाँ घरेलु उपयोग में इस्तेमाल रसायनों से लेकर अन्य सामग्रियों के कारण हवा की गुणवत्ता दिन प्रति दिन खराब होते जा रही है। यह मानव शरीर में कई तरह के गंभीर स्वास्थ्य समस्या विकसित कर रहे हैं। आइये हम वायु प्रदूषण के कारणों और इससे बचने के उपायों को समझें ताकि इससे होने वाली समस्या से बचा जा सके.

वायु प्रदूषण के कारण

1. बढ़ती आबादी
भारत जैसे देश में जिस गति से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है वह बढ़ते वायु प्रदूषण का एक सबसे बड़ा संकेतक है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग होना है। पहले यह समस्या शहरों तक ही सिमित थी, लेकिन अब यह समस्या गाँव-देहात तक बढ़ रही है। बढ़ती आबादी के कारण औद्योगीकरण में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। लोगों को रोजगार मुहैया कराने की वजह से इंडस्ट्री से निकलने वाली जहरीली हवा ने वायु को दूषित कर दिया है।

2. बढ़ते उद्योग
यह कहा जा सकता है की वायु प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा कारण बढ़ते हुए उद्योग है। इससे से निकलने वाले धुएँ ने सबसे ज्यादा वायु को प्रदूषित किया है। यह ज्यादातर विकासशील देशों की समस्या है। बढ़ते उद्योग के कारण आज भारत के कई शहर जोखिम निशान के ऊपर है। उन शहरों में सांस लेना दुर्लभ हो गया है।

3. संचार के साधन
आज बढ़ती आबादी के कारण संचार के विभिन्न साधनों में वृद्धि बहुत अधिक हो रही है. इन साधनों में हो रही बेतहाशा वृद्धि से इंजनों, बसों, वायुयानों, स्कूटरों आदि की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है. ये सभी वाहन अपने धुएं से वायुमण्डल में लगातार असन्तुलन पैदा करने का काम कर रहे हैं.

4. वनों की अंधाधुंध कटाई
हम सभी मनुष्यों ने अपनी सुख-सुविधा के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की है जिससे वायु प्रदूषण बढ़ा है. जाहिर है वृक्ष वायुमण्डल के प्रदूषण को निरन्तर कम करने का काम करते हैं. पौधे हमारे लिए हानिकारक गैस कार्बन डाई आक्साइड को अपने भोजन के लिए ग्रहण करके जीवनदायिनी गैस आक्सीजन प्रदान करते हैं.

5. परमाणु परिक्षण
हमने आपसी वैमनष्य को इस कदर बढ़ाया कि देशों के बीच लड़ाइयाँ क लगने लगी और हथियारों का होड़ लग गया. इस वजह से लोगों ने परमाणु बम जैसे बेहद घातक और प्रदुषण फैलाने वाला हथियार मिल गया.

वायु प्रदूषण से बचने के उपाय

1. वनों की हो रही अन्धाधुन्ध अनियंत्रित कटाई को रोका जाना चाहिए. इस कार्य में सरकार के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाएँ व प्रत्येक मानव को चाहिए कि वनों को नष्ट होने से रोके व वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग ले.
2. शहरी करण की प्रक्रिया को रोकने के लिए गाँवों व कस्बों में ही रोजगार व कुटीर उद्योगों व अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराना चाहिए.
3. कारखानों को शहरी क्षेत्र से दूर स्थापित करना चाहिए, साथ ही ऐसी तकनीक उपयोग में लाने के लिए बाध्य करना चाहिए जिससे कि धुएँ का अधिकतर भाग अवशोषित हो और अवशिष्ट पदार्थ व गैसें अधिक मात्रा में वायु में न मिल पायें.
4. जनसंख्या शिक्षा की उचित व्यवस्था की जाए ताकि जनसंख्या वृद्धि को बढ़ने से रोका जाए.
5. वाहनों में ईंधन से निकलने वाले धुएँ को ऐसे समायोजित, करना होगा जिससे की कम-से-कम धुआँ बाहर निकले.
6. ऐसे ईंधन के उपयोग की सलाह दी जाए जिसके उपयोग करने से उसका पूर्ण आक्सीकरण हो जाय व धुआँ कम-से-कम निकले.
7. निर्धूम चूल्हे व सौर ऊर्जा की तकनीकि को प्रोत्साहित करइसे और ज्यादा उन्नत एवं सुलभ बनाना चाहिए.
8. शहरों-नगरों में अवशिष्ट पदार्थों के निष्कासन हेतु सीवरेज को सभी जगह बढ़ावा देना चाहिए.
9. इन सभी चीजों को बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल करके बच्चों में इसके प्रति चेतना एवं जागृत फैलाई जानी चाहिए.
10. इसकी जानकारी व इससे होने वाली हानियों के प्रति मानव समाज को सचेत करने हेतु प्रचार माध्यम जैसे दूरदर्शन, रेडियो पत्र-पत्रिकाओं आदि के माध्यम से प्रचार करना चाहिए.

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भारत में गरीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी, आदि जैसी गंभीर समस्याओं की श्रेणी में वायु प्रदूषण की समस्या भी शामिल हो चुकी है जिसका स्तर सालदरसाल बढ़ता ही जा रहा है अख़बारों और टीवी में वायु प्रदूषण और उससे होने वाली मौत से जुड़ी ख़बरें रोज़ देखने को मिल जाती हैं और अक्सर ऐसे आंकड़े सामने आते रहते हैं कि दुनिया में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर भारत में ही हैं। प्रदूषण की समस्या से हमारे पर्यावरण के साथसाथ हमारे स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ रहा है और दूषित हवा में सांस लेने के कारण लोगों को गंभीर बीमारियाँ भी हो रही हैं। भारत में बढ़ती आबादी के कारण लोगों की ज़रूरतें भी बढ़ रही हैं और उन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नयी इमारतों, उद्योगों, शॉपिंग मॉल, रिहायशी इलाकों आदि का निर्माण हो रहा है। इन इमारतों के निर्माण के लिए भारी मात्रा में जंगलों को काटा जा रहा है हम एक ऐसी दुनिया का निर्माण करने में व्यस्त हो चुके हैं जहाँ जंगल कम और इमारतें ज़्यादा हैं, जहाँ ताज़ी, स्वच्छ हवा कम और धुएँ के बादल ज़्यादा हैं। हमारी दैनिक गतिविधियों में अनेक काम ऐसे हैं जो प्रत्यक्ष तौर पर वायु प्रदूषण के कारण बन रहे हैं। 

यहाँ हम वायु प्रदूषण के कारण और निवारण के बारे में आपको बतायेंगे कि कैसे आप वायु प्रदूषण को कम  करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं

वायु प्रदूषण क्या है इसके कारण व बचाव के उपाय लिखो? - vaayu pradooshan kya hai isake kaaran va bachaav ke upaay likho?

वायु प्रदूषण के कारण: 

1. भारत में बहुत सारे उद्योग और पावर प्लांट हैं जहाँ से दूषित धुएँ का उत्सर्जन होता है और यह धुआँ हवा में मिलकर हवा को भी प्रदूषित करता है यही कारण है कि पावर प्लांट और उद्योगों के कारण अत्यधिक मात्रा में वायु प्रदूषण होता है

2. बढ़ती आबादी के साथ साथ हमारी ज़रूरतें भी बढ़ रही हैं और लोगों के पास निजी वाहन भी बढ़ रहे हैं सार्वजनिक वाहनों की जगह निजी वाहनों का इस्तेमाल करने से गाड़ियों से निकलने वाला दूषित धुंआ हवा में प्रदूषण फैलाता है यही कारण है कि आजकल लोग घरों से बाहर निकलने पर मास्क या कपड़े आदि से नाक और मुँह ढककर निकलते हैं ताकि दूषित हवा में मौजूद प्रदूषण के तत्वों से खुद की सुरक्षा कर सकें 

3. कारख़ानों और फ़ैक्टरियों की चिमनियों से लगातार भारी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्सइड, एवं अन्य रासायनिक धुंए का उत्सर्जन होता है जो वायु प्रदूषण बढ़ाता है।

4. हमारे घरों और ऑफ़िस में लगे एयर कंडीशनर से क्लोरोफ्लोरो कार्बन निकलते हैं जो हमारे वातावरण को गंभीर रूप से दूषित करते हैं और साथ ही ओज़ोन परत को भी नुक्सान पहुँचाती है।

5. मौजूदा हालातों को देखा जाये तो पिछले सालों से देश की राजधानी दिल्ली एवं आसपास के इलाकों में सर्दियों की शुरुआत और दीवाली की बाद प्रदूषण की मात्रा  में गंभीर वृद्धि देखने को मिलती है ख़बरों और तथ्यों के अनुसार हर साल फसल कटने के बाद किसानों द्वारा पराली जलाई जाती है जिसके कारण अत्यधिक मात्रा में धुएँ का उत्सर्जन होता है यह धुंआ दिल्ली के आसपास के इलाकों को गंभीर रूप से प्रदूषित करता है। दीवाली पर जलाये जाने वाले पटाखों के कारण भी प्रदूषण होता है 

वातावरण पर वायु प्रदूषण का प्रभाव: 

बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण मौसम सम्बन्धी परेशानियां भी सामने आयी हैं. वे समस्याएं हैं: 

1. वायु प्रदूषण के कारण सामान्य तापमान में भी वृद्धि हो गयी है और पिछले १० सालों से सर्दियाँ लगातार घटती ही जा रही हैं।

2. वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों के कारण ओज़ोन परत भी घटती जा रही है जिससे तापमान में वृद्धि हो रही है।

3. वातावरण में मौजूद प्रदूषकों के कारण मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है और प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियाँ भी हो रही हैं। दूषित हवा में जाने से सांस लेने में परेशानी, सीने में जकड़न, आँखों में जलन आदि जैसी समस्याएं होती हैं

जाने माने अखबार दि टेलीग्राफ़ के अनुसार दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 9 शहर भारत में ही हैं और यह खबर भारत के लिए बेहद गंभीर है कि हम रोज़ इतनी प्रदूषित हवा में साँस लेते हैं हालाँकि वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय भी हैं जिन्हें हर व्यक्ति निजी स्तर पर अपनाना शुरू करे तो यह प्रदूषण कम किया जा सकता है। 

यह हैं कुछ वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय :

1. निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें क्योंकि सड़क पर जितनी कम गाड़ियाँ रहेंगी उतना कम प्रदूषण भी होगा अपने बच्चों को निजी वाहन से स्कूल छोड़ने की जगह उन्हें स्कूल की बस में जाने के लिए प्रोत्साहित करें जहाँ तक मुमकिन हो, खुद भी ऑफ़िस जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें आप साइकिल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि साईकिल से पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता है और आपका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।

2. हमारी दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली उत्पन्न करने के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता है और इससे निकलने वाला धुआँ हमारे वातावरण के लिए बेहद खतरनाक होता है इस तरह के प्रदूषण से बचने के लिए आपको सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे आपके पैसे भी बचेंगे और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होगा।

3. घरों में सोलर पैनल लगवाने के साथसाथ आप सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमे डीज़ल या पेट्रोल की भी ज़रूरत नहीं होती है सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों से दूषित गैस उत्सर्जन की भी समस्या नहीं होती है और पर्यावरण के लिए साईकिल के बाद सोलर वाहन ही सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद हैं

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4. अगर आप निजी वाहनों का उपयोग करते हैं तो आपको कार पूलिंग करनी चाहिए कार पूलिंग में आप एक ही कार में अन्य लोगों को भी बैठा कर ले जा सकते हैं ताकि सबको अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करना पड़े और प्रदूषण भी कम हो सके

5. अपने बगीचे की सूखी पत्तियों को जलाने की जगह उनका खाद बनाकर बगीचे में ही इस्तेमाल करें इससे आपके पेड़पौधों को भी फायदा होगा और पत्तियां जलाने से धुआँ भी नहीं होगा।

6. केंद्र एवं राज्य सरकारों को पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कानून बनाने चाहिए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा जनता प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से ले सके और वायु प्रदूषण का निवारण हो सके। दिल्ली सरकार द्वारा ऑडईवन वाली स्कीम हर साल अपना सकारात्मक प्रभाव दिखती है 

वायु प्रदूषण वैश्विक स्तर पर गंभीर समस्या बन चुका है। वायु प्रदूषण के कारण विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएँ हो रही हैं और साफ हवा में खुल कर साँस लेना महज़ एक ख़्वाब बनकर रह गया है। हालांकि ऊपर बताये गए सभी उपायों को ध्यान में रखकर आप वायु प्रदूषण रोक सकते हैं और ऐसे भारत का निर्माण कर सकते हैं जहाँ खुली हवा में सांस लेना स्वास्थ्य पर भारी पड़े। हमारे सौर उत्पादों के बारे में अधिक जानने के लिए हमसे आज ही संपर्क करें और खरीदने के लिए आप हमारे ऑनलाइन स्टोर पर जा सकते हैं।

वायु प्रदूषण क्या है इसके कारण एवं रोकने के उपाय लिखिए?

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग होना है। पहले यह समस्या शहरों तक ही सिमित थी, लेकिन अब यह समस्या गाँव-देहात तक बढ़ रही है। बढ़ती आबादी के कारण औद्योगीकरण में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। लोगों को रोजगार मुहैया कराने की वजह से इंडस्ट्री से निकलने वाली जहरीली हवा ने वायु को दूषित कर दिया है।

वायु प्रदूषण क्या है इसके कारण लिखिए?

जब हानिकारक धुआँ, धूल तथा गैस वायु में मिल जाती हैं तब उसे वायु प्रदूषण कहते हैं। वायु प्रदूषण अवांछनीय गैसों जैसे सल्फर डाई ऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड के अधिक अनुपात की उपस्थिति के कारण होता है। वायुमण्डल की रचना मूलतः विभिन्न प्रकार की गैसों से हुई है। वायु अनेक गैसों का आनुपातिक सम्मिश्रण है।