वायु प्रदूषण का सामना
संदर्भप्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिये एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 20 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची जारी की थी, इन 20 शहरों में से 14 भारतीय शहरों का नाम शामिल है। दिल्ली तो प्रदूषण के मामले में एक दशक से भी अधिक समय से चर्चा का विषय बनी हुई है, इसकी हवा में निलंबित कणों का स्तर इतना अधिक है कि समय-समय पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियाँ भी जारी करनी पड़ती हैं। लेकिन वर्तमान समय में केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि सभी बड़े भारतीय शहरों में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। Show
क्या है प्रदूषण?प्रदूषण का तात्पर्य है प्राकृतिक संतुलन में दोष उत्पन्न हो जाना, इस प्राकृतिक असंतुलन के कारण न तो शुद्ध वायु मिलती है, न शुद्ध जल और न ही न शुद्ध खाद्य पदार्थ मिलते हैं, कुल मिलाकर हम कह सकते हैं की हमारा वातावरण पूर्ण रूप से अशुद्ध हो जाता है। वायु प्रदूषणविभिन्न रसायनों, सूक्ष्म पदार्थों या जैविक पदार्थों का वायु में शामिल हो जाना ही वायु प्रदूषण है प्रदूषण है। यह न केवल मानव अपितु जंतुओं तथा वृक्षों के लिये भी हानिकारक होता है। वायु प्रदूषण की बुनियादकार्बन मोनोऑक्साइड- यह एक अधजला कार्बन है जो कि पेट्रोल, डीज़ल, ईंधन और लकड़ी के जलने से उत्पन्न होता है। यह सिगरेट से भी उत्पन्न होता है। इसके कारण ऑक्सीजन में कमी होती है । कार्बन डाइऑक्साइड- यह एक ग्रीन हाउस गैस है। जब मानव कोयला, तेल और प्राकृतिक गैसों का दहन करता है तो इनके जलने से कार्बन डाइ ऑक्साइडगैस पैदा होती है। क्लोरो-फ्लोरो कार्बन- यह ओज़ोन को नष्ट करने वाला एक रसायन है। इसका उपयोग एयर-कन्डीशनिंग और रेफ्रीजरेटर के लिये किया जाता है। इसके कण हवा से मिलकर हमारे वायुमंडल के समताप मंडल (stratosphere) तक पहुँच जाते हैं और अन्य गैसों के साथ मिलकर ओज़ोन परत को हानि पहुँचाते हैं। सीसा (Lead)- सीसा, डीज़ल, पेट्रोल, बैटरी, पेंट और हेयर डाई आदि में पाया जाता है। लेड खासतौर से बच्चों को प्रभावित करता है। इससे दिमाग और पेट की क्रिया खराब हो जाती है। इससे कैंसर भी हो सकता है। ओज़ोन (Ozone) : ओज़ोन लेयर वायुमंडल में समताप मंडल (stratosphere) की सबसे ऊपरी परत है। इसका कार्य सूरज की पराबैंगनी किरणों को भूमि की सतह पर आने से रोकना है। फिर भी यह जमीनी स्तर पर बहुत ज्यादा दूषित है और विषैली भी है। कल-कारखानों से ओज़ोन काफी तादाद में निकलती है। ओज़ोन से आँखों में पानी आता है और जलन होती है। नाइट्रोजन ऑक्साइड - इसकी वज़ह से धुंध की स्थिति और अम्लीय वर्षा होती है। यह गैस पेट्रोल, डीज़ल और कोयले के जलने से उत्पन्न होती है। निलंबित अभिकणीय पदार्थ (Suspended Particulate Matter : SPM) - ये वायु में ठोस, धुएँ, धूल के कण के रूप में होते हैं जो एक खास समय तक वायु में उपस्थित रहते हैं। यह फेफड़ों को हानि पहुँचाता है जिसके कारण साँस लेने में परेशानी होती है। सल्फर डाइऑक्साइड - जब कोयले को थर्मल पावर प्लांट में जलाया जाता है तो उससे 'सल्फर डाइऑक्साइड' गैस मुक्त होती है। धातु को गलाने और कागज़ को तैयार करने में निकलने वाली गैसों में भी 'सल्फर डाइऑक्साइड' होती है। यह गैस धुंध पैदा करने और अम्लीय वर्षा में बहुत ज्यादा सहायक है। सल्फर डाइऑक्साइड की वज़ह से फेफड़ों से संबंधित बीमारियाँ हो जाती हैं। वायु प्रदूषण के बारे में क्या कहते हैं आँकड़े?
वायु प्रदूषण को रोकने के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदम
वायु प्रदूषण के लिये किये गए उपायों का प्रभाव
वायु प्रदूषण के समाधान के लिये प्राकृतिक विकल्पउपर्युक्त सभी उपायों के सफल न होने के कारण अब केवल एक ही उपाय बचा है और वह है प्रकृति की सहायता लेना।
बढ़ते तापमान को कम करने के लिये वृक्षों का प्रयोग
क्या वृक्षारोपण वायु प्रदूषण का उचित समाधान है?
मेक्सिको से सीख लेने की आवश्यकताकई भारतीय शहरों की ही तरह वायु प्रदूषण से प्रभावित एक मध्य अमेरिकी शहर मेक्सिको ने वायु प्रदूषण की समस्या का हल निकालने के लिये एक सफल तरीका लागू किया है।
क्या है मेक्सिको की परियोजना?
मेक्सिको को उर्ध्वाधर वनों से लाभ
और किन देशों में प्रचलित है ये तकनीक?
चीन के उर्ध्वाधर जंगल की विशेषता
कैसे लागू हो सकती है भारत में यह योजना?
निष्कर्षयदि ऐसी परियोजनाओं को लागू किया जाता है तो ये परियोजनाएँ वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ-साथ शहरों की सुंदरता बढ़ाने और रोज़गार निर्माता बन सकती हैं क्योंकि इन बागानों की देखभाल करने के लिये अनुभवी लोगों की आवश्यकता होगी। इसे भारत के ठोस जंगलों (शहर के भीतर ऐसा क्षेत्र जहाँ बड़ी संख्या में आधुनिक इमारतें हो और जिन्हें खतरनाक तथा अप्रिय माना जाता है) के लिये बेहतर भविष्य के रूप में देखा जाना चाहिये। वायु प्रदूषण के लिए निम्न में से कौन सा प्रबंधन विकल्प है?वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न प्रदूषण नियंत्रण तकनीक तथा शहरी योजना (urban planning) रणनीति उपलब्ध है।
निम्नलिखित में से कौन सा वायु प्रदूषक नहीं है?∴ नाइट्रोजन वायु प्रदूषक नहीं है।
वायु प्रदूषण के प्रमुख प्रदूषक कौन से हैं?उद्योगों की चिमनियों से निकलने वाली विभिन्न गैसें जैसे कार्बन डाई आक्साइड, सल्फर मोनो आक्साइड, सल्फर के. आक्साइड, हाइड्रोकार्बन्स, धूल के कण, वाष्प कणिकायें, धुंआ इत्यादि वायु प्रदूषण का मुख्य कारक हैं।
निम्नलिखित में से कौन वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है?बहुत से उद्योग भी वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं। पेट्रोलियम परिष्करणशालाएँ सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे गैसीय प्रदूषकों की प्रमुख स्रोत हैं। विद्युत संयंत्रों में कोयला जैसे ईंधन के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।
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