विषयसूचीसामान्य अध्ययन-II
सामान्य अध्ययन-III
सामान्य अध्ययन-IV
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
सामान्य अध्ययन–II
इस वर्ष जनगणना प्रक्रिया स्थगित एवं प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज करने की समय सीमा में वृद्धिसंदर्भ: मूल रूप से 2021 में होने वाली जनगणना प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर इसे वर्ष 2023-24 में कर दिया गया है। जनगणना को स्थगित किए जाने संबंधी कारण:
भारत में जनगणना (Census in India): परिभाषा: ‘जनसंख्या जनगणना’ (Population Census), किसी देश या देश के एक सुपरिभाषित हिस्से में रहने वाले सभी व्यक्तियों से संबंधित जनसांख्यिकीय, आर्थिक और सामाजिक डेटा एकत्रण, संकलन, विश्लेषण और प्रसारित करने की कुल प्रक्रिया होती है। पहली गैर-समकालिक जनगणना (First Non-synchronous Census): आधुनिक भारत के इतिहास में पहली जनगणना वर्ष 1872 में गवर्नर-जनरल ‘लॉर्ड मेयो’ के शासनकाल के दौरान आयोजित की गई थी। पहली समकालिक जनगणना (First Synchronous Census): पहली समकालिक जनगणना 17 फरवरी, 1881 को ब्रिटिश शासन के तहत ‘डब्ल्यू.सी. प्लॉडेन’ (भारत के जनगणना आयुक्त) की देख-रेख में की गयी थी। स्वतंत्रता-पश्चात् दशवार्षिकीय जनगणना का संचालन गृह मंत्रालय के अधीन ‘महापंजीयक कार्यालय और जनगणना आयुक्त’ द्वारा किया जाता है।
जनगणना का महत्व:
पंद्रहवीं जनगणना (2011): 2011 की जनगणना में, ‘अधिकार प्राप्त कार्रवाई समूह राज्य’ (Empowered action group states) – अर्थात उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उड़ीसा- के मामले में पहली बार जनसंख्या में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। सोलहवीं जनगणना (2021): (स्थगित)
‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर’ और ‘जनगणना’ में अंतर:
‘सामान्य निवासी’ कौन है? गृह मंत्रालय के अनुसार, ‘देश का सामान्य निवासी’ (Usual Resident) को निम्नलिखित रूप से परिभाषित किया गया है- वह व्यक्ति, जो कम-से-कम पिछले छह महीनों से किसी स्थानीय क्षेत्र में रहता है अथवा अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक के लिये किसी विशेष स्थान पर रहने का इरादा रखता है। ‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर’ की आलोचनाएं: प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ (NRC) और लागू किए जाने वाले ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (CAA) के साथ ‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर’ (NPR) के संबधों को देखते हुए कई विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा शासित राज्यों द्वारा NPR की अद्यतन प्रक्रिया का विरोध किया जा रहा है। वर्ष 2003 में बनाए गए नागरिकता नियमों के अनुसार, ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’, भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) के संकलन की दिशा में पहला कदम है। प्रीलिम्स लिंक:
मेंस लिंक ‘राष्ट्रीय जनगणना’, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर से किस प्रकार भिन्न है? साथ ही, जनगणना के महत्व और इससे संबंधित चिंताओं पर चर्चा कीजिए।
12% पृथक कोटे के लिए ओबीसी समुदायों द्वारा आंदोलनसंदर्भ: राजस्थान भरतपुर जिले के अरोडा गांव में ‘पांच ओबीसी समुदायों’ के लोगों ने जयपुर-आगरा राजमार्ग को जाम कर रखा है, ये समुदाय सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा संस्थानों में अलग से 12% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। ओबीसी आरक्षण: राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जातियों (Scheduled Castes) और अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) के अलावा ‘अन्य पिछड़े वर्गों’ (Other Backward Classes – OBC) की पहचान करने हेतु पहली बार वर्ष 1953 में ‘कालेलकर आयोग’ का गठन किया गया था। वर्ष 1980 में ‘मंडल आयोग’ द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट में, ओबीसी की आबादी 52% होने का अनुमान लगाया गया था और कुल 1,257 समुदायों को ‘पिछड़े समुदाय’ (Backward) के रूप में वर्गीकृत किया गया था। इस आयोग ने, मौजूदा कोटा – जोकि केवल ‘एससी/एसटी’ के लिए था – में ओबीसी को शामिल करने के लिए 22.5% से बढ़ाकर 49.5% करने की सिफारिश की। विदित हो, उस समय केवल ‘एससी/एसटी’ के लिए 22.5% कोटा निर्धारित था।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 340 (Article 340): इस अनुच्छेद के अनुसार-
सामान्य अध्ययन–III
अग्निपथ योजनासंदर्भ: हाल ही में, केंद्र सरकार ने तीनों सेवाओं में सैनिकों की भर्ती के लिए अपनी नई ‘अग्निपथ योजना’ (Agnipath scheme) का अनावरण किया है। ‘अग्निपथ योजना’: परिचय नई योजना के तहत, लगभग 45,000 से 50,000 सैनिकों (अग्निवीर) की सालाना भर्ती की जाएगी। यह भर्ती छोटी अवधि के लिए होगी, और अधिकांश सैनिक मात्र चार वर्षों में सेवा से निवृत्त कर दिए जाएंगे। सालाना भर्ती किए जाने वाले कुल रंगरूटों में से, केवल 25 प्रतिशत को ही ‘स्थायी कमीशन’ के तहत अगले 15 वर्षों के लिए सेवा जारी रखने की अनुमति दी जाएगी। योजना का प्रारूप: पात्रता: 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के उम्मीदवार इस भर्ती हेतु आवेदन करने के पात्र होंगे। यह योजना केवल अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों के लिए लागू होगी। भर्ती:
सेवा अवधि: 6 माह प्रशिक्षण + साढ़े तीन साल के लिए तैनाती। वेतन और लाभ:
लाभ:
योजना से संबंधित चिंताएं:
अन्य देशों में इसी तरह की योजनाएं: स्वैच्छिक ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ (Voluntary tour of duty): संयुक्त राज्य अमेरिका में ‘सैन्य और सैन्य सेवा शाखा की जरूरतों के आधार पर 6-9 माह, या यहां तक कि 12 महीने की तैनाती की जाती है। अनिवार्य ‘टूर ऑफ ड्यूटी’: इसे ‘अनिवार्य सैनिक सेवा’ (Conscription) भी कहा जाता है। इज़राइल, नॉर्वे, उत्तर कोरिया और स्वीडन आदि देशों में ‘अनिवार्य सैनिक सेवा’ प्रणाली लागू है। प्रीलिम्स लिंक:
मेंस लिंक: नई शुरू की गई अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों को तनु और तकनीक-प्रवण बनाने में किस प्रकार मदद करेगी? योजना से संबंधित चिंताओं पर चर्चा कीजिए। स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
बेरोजगारी में कमी आई है: श्रम सर्वेक्षण‘सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय’ द्वारा जारी 2020-21 के लिए ‘आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण’ (Periodic Labour Force Survey – PLFS) के अनुसार, बेरोजगारी दर में 0.6% की कमी देखी गई है। 2019- 20 में बेरोजगारी दर 4.8% थी जोकि 2020-21 में घटकर 4.2% रह गयी है। सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु:
एनएसओ द्वारा ‘प्रतिदर्श’ किस प्रकार एकत्रित किए जाते हैं? ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय’ (National Statistical Office – NSO), श्रम बल भागीदारी दर (LFPR), ‘श्रमिक जनसंख्या अनुपात’ (Worker Population Ratio) और ‘बेरोजगारी दर’ का आकलन करने के लिए शहरी क्षेत्रों में “घूर्णनीय पैनल प्रतिदर्श डिजाइन” (Rotational Panel Sampling Design) का उपयोग करता है, और शहरी क्षेत्रों में चयनित घरों का चार बार दौरा करता है। हालाँकि, ग्रामीण नमूनों (प्रतिदर्श) के लिए दोबारा कोई दौरा (revisit) नहीं किया जाता है। यह रिपोर्ट क्या दर्शाती है?
सर्वेक्षण से संबंधित मुद्दे: विशेषज्ञों के अनुसार, सर्वेक्षण के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों का दूसरी बार भ्रमण बेरोजगारी की एक बड़ी और व्यापक तस्वीर प्रदान कर सकती है, किंतु इसे सर्वेक्षण के दौरान नहीं किया गया। बेरोजगारी का मापन:
प्रीलिम्स लिंक:
मेंस लिंक: बेरोजगारी दर में कमी के बावजूद, सरकार द्वारा भारत में लाभकारी रोजगार प्रदान करने में कमी पाई गई है। इसके पीछे के कारणों की विवेचना कीजिए और उपयुक्त उपाय सुझाइए। स्रोत: द हिंदू सामान्य अध्ययन–IV
इंस्टाग्राम द्वारा बाल सुरक्षा उपायों में वृद्धिसंदर्भ: सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी ‘मेटा’ (Meta) द्वारा हाल ही में की गयी घोषणा के अनुसार, उसके इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म पर युवा उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। आवश्यकता: सोशल मीडिया उपयोगकर्ता बड़ी संख्या में युवा हैं और ‘पोस्ट-ट्रुथ’ (Post-Truth) के वर्तमान युग में – जिसमे ‘सच’ को लगातार ‘हेरफेर’ और ‘गलत व्याख्या’ के द्वारा दर्शाया जाता है – एक निष्पक्ष और जवाबदेह सोशल मीडिया की स्वाभाविक जरूरत उत्पन्न होती है। पिछले साल फ्रांसेस हौगेन नामक एक ‘व्हिसलब्लोअर’ द्वारा किए गए खुलासे से ‘इंस्टाग्राम’ हिल गया था। ‘फ्रांसेस हौगेन’ ने सुझाव दिया था कि अधिकारियों को इस बात की जानकारी थे, कि यह प्लेटफ़ॉर्म युवा उपयोगकर्ताओं, विशेष रूप से किशोर लड़कियों के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। नवीन कार्यविधि: यदि युवा उपयोगकर्ता किसी एक विषय के बारे में सामग्री को देखने में बहुत अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं, तो उन्हें अब अन्य विषयों को देखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। माता-पिता और अभिभावक ‘ऐप्स’ को ब्लॉक करने में सक्षम होंगे और वे यह देख सकेंगे कि उनका बच्चा किसी अन्य डिवाइस पर क्या देख रहा है, तथा उनका बच्चा अपने हेडसेट के साथ कितना समय बिता रहा है। अन्य उदाहरण: टिकटॉक ने भी इसी तरह की पहल की घोषणा की। शासन के दृष्टिकोण से: सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थों और डिजिटल मीडिया आचार संहिता के लिए दिशानिर्देश) नियम, 2021
शराब की बोतल ‘वापसी खरीद’ योजना: नीलगिरी में आंशिक सफलतासंदर्भ: तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में TASMAC की दुकानों पर पुरानी शराब की बोतलों को वापस खरीदने की योजना शुरू होने के एक महीने बाद, इसने कुछ सफलता हासिल की है। लेकिन, कुछ शुरुआती मुद्दे भी सामने आए हैं। मुद्दे: शराब की बोतल के कचरे में वृद्धि हुई रही थी जिसे वन क्षेत्रों में फेंक दिया जाता था और जिससे वन्यजीवों के लिए खतरा पैदा हो गया था। कार्यविधि: तमिलनाडु सरकार ने ‘तमिलनाडु राज्य विपणन निगम लिमिटेड’ (TASMAC) को वन क्षेत्रों में प्रयुक्त शराब की बोतलों की डंपिंग को समाप्त करने और इसके द्वारा वन्यजीवों के लिए उत्पन्न खतरों को समाप्त कारने के उद्देश्य से इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया था। शराब की नयी बोतल खरीदते समय जिले भर में TASMAC की दुकानों पर पुरानी बोतलों को 10 ₹ में वापस लिया जाता है। प्रभाव: जिले भर में प्रयुक्त शराब की बोतलों की खुले में डंपिंग में भारी कमी आई है। हालाँकि, जिला प्रशासन और TASMAC को एक और समस्या का सामना करना पड़ता है – नीलगिरी में TASMAC की दुकानों पर जमा हुई बोतलों का क्या किया जाए? प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य“भारत गौरव” एक्सप्रेस ट्रेनहाल ही में, भारतीय रेलवे की ‘भारत गौरव’ योजना के तहत एक निजी ऑपरेटर द्वारा ‘कोयंबटूर और शिरडी’ के बीच पहली “भारत गौरव” एक्सप्रेस ट्रेन चालू की गयी है। उद्देश्य:
I2U2 शिखर सम्मेलन में भारत, इज़राइल, अमेरिका, यूएई की भागीदारीअमेरिकी राष्ट्रपति 13 से 16 जुलाई तक पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के दौरान भारत के प्रधान मंत्री, इज़राइल के प्रधान मंत्री और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति के साथ एक आभासी शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। नए समूह को भारत के लिए आई2यू2 (I2U2) कहा जाएगा। जिसमें ‘आई2’ का तात्पर्य ‘इंडिया’ और ‘इज़राइल’ और ‘यू2’ का तात्पर्य ‘अमेरिका’ और ‘यूनाइटेड अरब अमीरात’ से है। I2U2 समूह: इस समूह को पहले ‘आर्थिक सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच’ (International Forum for Economic Cooperation) कहा जाता था। I2U2 समूह को पहले से ही ‘चतुर्पक्षीय सुरक्षा वार्ता (Quadrilateral Security Dialogue – QSD) की तर्ज पर ‘नया क्वाड’ या ‘मध्य-पूर्वी क्वाड’ करार दिया जा रहा है। चतुर्पक्षीय सुरक्षा वार्ता (QSD):
2020-21 में देश की 0.7% आबादी ‘अस्थायी आगंतुक’: भारत में प्रवासन रिपोर्टसांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी ‘भारत में प्रवासन रिपोर्ट’ 2020-21 (Migration in India Report 2020-21) के अनुसार, देश की 0.7 प्रतिशत आबादी जुलाई 2020-जून 2021 के दौरान घरों में ‘अस्थायी आगंतुक’ (Temporary Visitor) थी। ‘अस्थायी आगंतुक’ कौन होते हैं? ‘अस्थायी आगंतुकों’ (Temporary Visitor) को उन लोगों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जो मार्च 2020 के बाद आए और लगातार 15 दिनों या उससे अधिक, लेकिन 6 महीने से कम की अवधि के लिए घर में रहे। इनमें से 84% आगंतुक महामारी से जुड़े कारणों से अपने स्थान से चले गए थे। प्रवासन:
22 डिग्री प्रभामंडल
वर्तमान में भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कौन है?सही उत्तर डॉ विवेक जोशी है।
2022 के जनगणना आयुक्त कौन है?विवेक जोशी, आई. ए.एस.
भारत के प्रथम जनगणना आयुक्त कौन है?महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त डा. सी. चंद्रमौलि के निर्देशन में सम्पन हुआ !
भारत में जनगणना कौन करवाता है?1949 के बाद से यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त द्वारा कराई जाती है। 1951 के बाद की सभी जनगणनाएं 1948 की जनगणना अधिनियम के तहत कराई गईं। अंतिम जनगणना 2011 में कराई गई थी, तथा आगामी जनगणना 2021 में कराई जाएगी।
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